< लैव्यव्यवस्था 13 >

1 याहवेह ने मोशेह और अहरोन को यह आदेश दिया,
Und der HERR redete mit Mose und Aaron und sprach:
2 “यदि किसी व्यक्ति की त्वचा पर सूजन, चकत्ते अथवा कोई चमकीला धब्बा हो, और यदि यह उसकी त्वचा पर कोढ़ का संक्रमण बन जाए, तब उस व्यक्ति को पुरोहित अहरोन अथवा उनके किसी पुरोहित पुत्र के सामने लाया जाए.
Wenn einem Menschen an der Haut seines Fleisches etwas auffähret, oder schäbicht oder eiterweiß wird, als wollte ein Aussatz werden an der Haut seines Fleisches, soll man ihn zum Priester Aaron führen oder zu seiner Söhne einem unter den Priestern.
3 पुरोहित उस व्यक्ति की त्वचा पर के धब्बे का निरीक्षण करेगा और यदि उस संक्रमित स्थान के रोएं सफेद हो गए हों, और संक्रमण त्वचा से गहरा ज्ञात होता हो, तो यह निश्चित ही कोढ़ का संक्रमण है. फिर जब पुरोहित उस व्यक्ति का निरीक्षण पूरा कर ले, तब उसे अशुद्ध घोषित कर दे.
Und wenn der Priester das Mal an der Haut des Fleisches siehet, daß die Haare in Weiß verwandelt sind, und das Ansehen an dem Ort tiefer ist denn die andere Haut seines Fleisches, so ist's gewiß der Aussatz. Darum soll ihn der Priester besehen und für unrein urteilen.
4 यदि त्वचा पर का धब्बा सफेद तो है, किंतु संक्रमण त्वचा से गहरा मालूम नहीं होता है, और इस स्थान के रोएं भी सफेद नहीं हुए हैं, तो पुरोहित उस संक्रमित व्यक्ति को सात दिन के लिए अलग रखे.
Wenn aber etwas eiterweiß ist an der Haut seines Fleisches, und doch das Ansehen nicht tiefer denn die andere Haut des Fleisches, und die Haare nicht in Weiß verwandelt sind, so soll der Priester denselben verschließen sieben Tage
5 सातवें दिन पुरोहित उस व्यक्ति का निरीक्षण करे और यदि उसे प्रतीत हो कि संक्रमण तो ज्यों का त्यों है, किंतु वह त्वचा में फैला नहीं है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को और सात दिन के लिए अलग रखे.
und am siebenten Tage besehen. Ist's, daß das Mal bleibt, wie er's zuvor gesehen hat, und hat nicht weiter gefressen an der Haut,
6 सातवें दिन पुरोहित दोबारा उस व्यक्ति का निरीक्षण करे; यदि संक्रमित स्थान का सुधार होने के कारण उसका रंग हल्का हो गया है, और वह त्वचा पर नहीं फैला है; तो पुरोहित उसे शुद्ध घोषित कर दे; यह एक चकत्ते मात्र है. वह व्यक्ति अपने वस्त्र धो ले और शुद्ध हो जाए.
so soll ihn der Priester abermal sieben Tage verschließen. Und wenn er ihn zum andernmal am siebenten Tage besiehet und findet, daß das Mal verschwunden ist und nicht weiter gefressen hat an der Haut, so soll er ihn rein urteilen, denn es ist Grind. Und er soll seine Kleider waschen, so ist er rein.
7 किंतु यदि पुरोहित के सामने शुद्ध प्रमाणित होने के बाद वह धब्बा त्वचा पर फैलने लगे, तो वह व्यक्ति स्वयं को दोबारा पुरोहित के सामने प्रस्तुत करे.
Wenn aber der Grind weiter frißt in der Haut, nachdem er vom Priester besehen und rein gesprochen ist, und wird nun zum andernmal vom Priester besehen;
8 पुरोहित इसका निरीक्षण करे और यदि उसे यह जान पड़े कि त्वचा पर धब्बा फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का रोग है.
wenn denn da der Priester siehet, daß der Grind weiter gefressen hat in der Haut, soll er ihn unrein urteilen, denn es ist gewiß Aussatz.
9 “यदि कोढ़ का संक्रमण किसी पुरुष पर है, तो उसे पुरोहित के सामने लाया जाए.
Wenn ein Mal des Aussatzes am Menschen sein wird, den soll man zum Priester bringen.
10 पुरोहित उसका निरीक्षण करे. यदि उसकी त्वचा में सफेद रंग की सूजन है और उसके उस स्थान के रोएं भी सफेद हो गए हैं तथा सूजन में खुला घाव है,
Wenn derselbe siehet und findet, daß weiß aufgefahren ist an der Haut, und die Haare in Weiß verwandelt, und roh Fleisch im Geschwür ist,
11 तो यह उस व्यक्ति की त्वचा पर पुराना कोढ़ का रोग है, पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे, किंतु वह उस व्यक्ति को इसलिये दूसरे लोगों से अलग न करे, कि वह अशुद्ध है.
so ist's gewiß ein alter Aussatz in der Haut seines Fleisches. Darum soll ihn der Priester unrein urteilen und nicht verschließen; denn er ist schon unrein.
12 “यदि कोढ़ त्वचा में और अधिक फूट जाए और कोढ़ उस व्यक्ति के सिर से लेकर पांव तक पूरी देह में फैल जाए, जहां तक पुरोहित इसको देख सके,
Wenn aber der Aussatz blühet in der Haut und bedeckt die ganze Haut, von dem Haupt an bis auf die Füße, alles, was dem Priester vor Augen sein mag;
13 जब पुरोहित इसको बारीकी से देख ले कि कोढ़ उस व्यक्ति के पूरे शरीर में फैल गया है, तो वह उस व्यक्ति को इस रोग से शुद्ध घोषित कर दे; क्योंकि यह पूरी तरह से सफेद रंग का हो गया है, इसलिये वह व्यक्ति शुद्ध होगा.
wenn dann der Priester besiehet und findet, daß der Aussatz das ganze Fleisch bedeckt hat, so soll er denselben rein urteilen, dieweil es alles an ihm in Weiß verwandelt ist; denn er ist rein.
14 किंतु यदि उसे त्वचा पर घाव दिखाई दें, तो वह व्यक्ति अशुद्ध होगा.
Ist aber roh Fleisch da des Tages, wenn er besehen wird, so ist er unrein.
15 पुरोहित त्वचा के उस घाव को ध्यान से देखे और उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; बिना चमड़ी का मांस अशुद्ध है और यह कोढ़ का रोग है.
Und wenn der Priester das rohe Fleisch besiehet, soll er ihn unrein urteilen; denn er ist unrein, und es ist gewiß Aussatz.
16 किंतु यदि त्वचा का घाव दोबारा सफेद रंग का हो जाए, तो वह व्यक्ति पुरोहित के सामने आए,
Verkehret sich aber das rohe Fleisch wieder und verwandelt sich in Weiß, so soll er zum Priester kommen.
17 पुरोहित इसको ध्यान से देखे और यदि वह धब्बा सफेद रंग का हो गया है, तो पुरोहित उस संक्रमित व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे; वह शुद्ध है.
Und wenn der Priester besiehet und findet, daß das Mal ist in Weiß verwandelt, soll er ihn rein urteilen, denn er ist rein.
18 “जब किसी व्यक्ति की त्वचा पर फोड़ा हो गया है और वह फोड़ा स्वस्थ हो जाए,
Wenn in jemandes Fleisch an der Haut eine Drüse wird, und wieder heilet,
19 तथा उस फोड़े के स्थान पर सफेद अथवा लालिमा युक्त सफेद रंग की सूजन हो जाए, तब पुरोहित को इसको दिखवाया जाए;
danach an demselben Ort etwas weiß auffähret oder rötlich Eiterweiß wird, soll er vom Priester besehen werden.
20 पुरोहित इसको ध्यान से देखे; यदि उसे यह लगे कि यह त्वचा में फैल रहा है और इसके रोएं भी सफेद हो गए हैं, तब पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है, जिसकी शुरुआत फोड़े से हुई है.
Wenn dann der Priester siehet, daß das Ansehen tiefer ist denn die andere Haut und das Haar in Weiß verwandelt; so soll er ihn unrein urteilen; denn es ist gewiß ein Aussatzmal aus der Drüse worden.
21 किंतु यदि पुरोहित इसको ध्यान से देखे और पाए, कि त्वचा के रोएं सफेद नहीं हुए हैं, और यह त्वचा में फैल नहीं रहा है तथा त्वचा का रंग हल्का हो रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन अलग रखे;
Siehet aber der Priester und findet, daß die Haare nicht weiß sind, und ist nicht tiefer denn die andere Haut, und ist verschwunden, so soll er ihn sieben Tage verschließen.
22 यदि यह त्वचा में और अधिक फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह एक संक्रमण है.
Frißt es weiter in der Haut, so soll er ihn unrein urteilen; denn es ist gewiß ein Aussatzmal.
23 किंतु यदि सफेद रंग का धब्बा त्वचा पर तो है, परंतु यह त्वचा में फैल नहीं रहा है, तो यह फोड़े का चिन्ह मात्र है, तब पुरोहित उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे.
Bleibt aber das Eiterweiß also stehen und frißt nicht weiter, so ist's die Narbe von der Drüse, und der Priester soll ihn rein urteilen.
24 “यदि किसी की त्वचा अग्नि से जल गई है, और त्वचा पर घाव से एक सफेद अथवा लालिमा युक्त सफेद धब्बा हो गया है,
Wenn sich jemand an der Haut am Feuer brennet, und das Brandmal rötlich oder weiß, ist,
25 तो पुरोहित इसको ध्यान से देखे और यदि इस धब्बे पर के रोएं सफेद हो गए हैं और संक्रमण त्वचा से गहरा मालूम होता हो, तो यह कोढ़ का रोग है. जिसकी शुरुआत जलने के घाव से हुई है, पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है.
und der Priester ihn besiehet und findet das Haar in Weiß verwandelt an dem Brandmal und das Ansehen tiefer denn die andere Haut, so ist gewiß Aussatz aus dem Brandmal worden. Darum soll ihn der Priester unrein urteilen; denn es ist ein Aussatzmal.
26 किंतु यदि पुरोहित इसको जांचता है और यह पाता है कि उस धब्बे पर के रोएं सफेद नहीं हुए हैं और संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है, परंतु इसका रंग हल्का पड़ गया है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन अलग रखे.
Siehet aber der Priester und findet, daß die Haare am Brandmal nicht in Weiß verwandelt, und nicht tiefer ist denn die andere Haut, und ist dazu verschwunden, soll er ihn sieben Tage verschließen.
27 सातवें दिन पुरोहित उसको दोबारा जांचे. यदि यह त्वचा में फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है.
Und am siebenten Tage soll er ihn besehen. Hat's weiter gefressen an der Haut, so soll er ihn unrein urteilen; denn es ist Aussatz.
28 किंतु यदि धब्बा तो त्वचा पर ज्यों का त्यों है, परंतु वह त्वचा में फैला नहीं हैं परंतु उसका रंग हल्का पड़ गया है, तो यह जलने के घाव से उत्पन्‍न सूजन है; पुरोहित उस व्यक्ति को तब शुद्ध घोषित कर दे, क्योंकि यह तो जलने से उत्पन्‍न हुआ चिन्ह मात्र है.
Ist's aber gestanden an dem Brandmal und nicht weiter gefressen an der Haut und ist dazu verschwunden, so ist's ein Geschwür des Brandmals. Und der Priester soll ihn rein urteilen; denn es ist eine Narbe des Brandmals.
29 “यदि किसी पुरुष अथवा महिला के सिर या दाढ़ी पर रोग का संक्रमण हो,
Wenn ein Mann oder Weib auf dem Haupt oder am Bart schäbicht wird,
30 तो पुरोहित इसका निरीक्षण करे और यदि संक्रमण त्वचा में गहरा मालूम हो और उस स्थान के रोम महीन भूरे रंग के हो गए हों, तो पुरोहित उसे अशुद्ध घोषित कर दे, यह सेहुंआ है, सिर एवं दाढ़ी का कोढ़.
und der Priester das Mal besiehet und findet, daß das Ansehen tiefer ist denn die andere Haut, und das Haar daselbst gülden und dünne, so soll er ihn unrein urteilen; denn es ist aussätziger Grind des Haupts oder des Barts.
31 किंतु यदि पुरोहित इस घाव के संक्रमण की जांच करे और यह पाए कि संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है और न ही उस स्थान में काले रोएं हैं, तो पुरोहित उस व्यक्ति को घाव के संक्रमण के कारण सात दिन अलग रखे.
Siehet aber der Priester, daß der Grind nicht tiefer anzusehen ist denn die Haut, und das Haar nicht falb ist, soll er denselben sieben Tage verschließen.
32 सातवें दिन पुरोहित संक्रमण की जांच करे और यदि सेहुंआ त्वचा में नहीं फैला है और उस स्थान पर भूरे रोएं भी नहीं हैं, तथा सेहुंए के कारण संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है,
Und wenn er am siebenten Tage besiehet und findet, daß der Grind nicht weiter gefressen hat, und kein gülden Haar da ist, und das Ansehen des Grindes nicht tiefer ist denn die andere Haut,
33 तो वह व्यक्ति अपना सिर मुंड़ा ले किंतु वह अपने सेहुंए पर उस्तरा न चलाए. तब पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन और अलग रखे.
soll er sich bescheren, doch daß er den Grind nicht beschere. Und soll ihn der Priester abermal sieben Tage verschließen.
34 फिर सातवें दिन पुरोहित उस सेहुंए की जांच करे; यदि सेहुंआ त्वचा में और अधिक नहीं फैल रहा है और यह त्वचा में गहरा मालूम नहीं होता, तो पुरोहित उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे; वह व्यक्ति अपने वस्त्रों को धोकर शुद्ध हो जाए.
Und wenn er ihn am siebenten Tage besiehet und findet, daß der Grind nicht weiter gefressen hat in der Haut, und das Ansehen ist nicht tiefer denn die andere Haut, so soll ihn der Priester rein sprechen; und er soll seine Kleider waschen, denn er ist rein.
35 किंतु यदि उसके शुद्ध होने के बाद वह सेहुंआ उसकी त्वचा में और अधिक फैलता जाता है,
Frißt aber der Grind weiter an der Haut, nachdem er rein gesprochen ist,
36 तो पुरोहित उसकी जांच करे और यदि यह पाए कि यह त्वचा में फैल गया है, तो वह रोम के भूरे होने की प्रतीक्षा न करे; वह व्यक्ति अशुद्ध है.
und der Priester besiehet und findet, daß der Grind also weiter gefressen hat an der Haut, so soll er nicht mehr danach fragen, ob die Haare gülden sind; denn er ist unrein.
37 किंतु यदि उसकी जांच के अनुसार सेहुंए में कोई बदलाव नहीं है, किंतु उसमें काले रोएं उग आए हैं, तो वह सेहुंआ स्वस्थ हो गया है, वह व्यक्ति शुद्ध है और पुरोहित उसे शुद्ध घोषित कर दे.
Ist aber vor Augen der Grind still gestanden, und falb Haar daselbst aufgegangen, so ist der Grind heil und er rein. Darum soll ihn der Priester rein sprechen.
38 “जब किसी पुरुष अथवा स्त्री की त्वचा पर सफेद चमकदार धब्बे हों,
Wenn einem Mann oder Weib an der Haut ihres Fleisches etwas eiterweiß ist,
39 तो पुरोहित इसकी जांच करे और यदि त्वचा पर यह चमकदार धब्बे हल्के सफेद रंग के हों, तो यह दाद हैं, जो त्वचा में फूट निकले हैं; वह व्यक्ति शुद्ध है.
und der Priester siehet daselbst, daß das Eiterweiß schwindet, das ist ein weißer Grind, in der Haut aufgegangen, und er ist rein.
40 “यदि किसी पुरुष के बाल झड़ गए हों, तो वह गंजापन है, किंतु वह शुद्ध है.
Wenn einem Manne die Haupthaare ausfallen, daß er kahl wird, der ist rein.
41 किंतु यदि उसके सिर के सामने के और सिर के दोनों ओर के बाल झड़ गए हैं और उसका माथा चंदला हो गया है, तो वह शुद्ध है.
Fallen sie ihm vorne am Haupt aus, und wird eine Glatze, so ist er rein.
42 परंतु यदि उसका सिर अथवा माथा चंदला हो गया है और उस पर लालिमा युक्त सफेद रंग का संक्रमण हो गया है, तो यह कोढ़ है, जो उसके चंदूले माथे और सिर से फूट निकला है.
Wird aber an der Glatze, oder da er kahl ist, ein weiß oder rötlich Mal, so ist ihm Aussatz an der Glatze oder am Kahlkopf aufgegangen.
43 तब पुरोहित इसकी जांच करे और यदि सिर अथवा बाल के संक्रमण की सूजन त्वचा पर कोढ़ की लालिमा युक्त सफेद रंग की सूजन के समान है,
Darum soll ihn der Priester besehen. Und wenn er findet, daß ein weiß oder rötlich Mal aufgelaufen an seiner Glatze oder Kahlkopf, daß es siehet, wie sonst der Aussatz an der Haut,
44 तो वह व्यक्ति कोढ़ का रोगी है, तब अशुद्ध है. निश्चित ही पुरोहित उसे अशुद्ध घोषित कर दे; क्योंकि संक्रमण उसके सिर पर हुआ है.
so ist er aussätzig und unrein; und der Priester soll ihn unrein sprechen solches Mals halben auf seinem Haupt.
45 “वह व्यक्ति, जो कोढ़ के रोग से संक्रमित हुआ है, उसके वस्त्र फाड़ दिए जाएं, उसका सिर उघाड़ दिया जाए और वह अपने मुख का निचला भाग ढक कर ऊंचे स्वर में कहे, ‘अशुद्ध! अशुद्ध!’
Wer nun aussätzig ist, des Kleider sollen zerrissen sein und das Haupt bloß und die Lippen verhüllet und soll allerdinge unrein genannt werden:
46 अपने संक्रमण की पूरी अवधि में वह अशुद्धि की स्थिति में ही होगा; वह अशुद्ध है तथा अकेले में रहेगा; उसका निवास छावनी के बाहर ही होगा.
Und solange das Mal an ihm ist, soll er unrein sein, alleine wohnen, und seine Wohnung soll außer dem Lager sein.
47 “यदि किसी वस्त्र में कोढ़ की फफूंदी पाई जाती है, चाहे वह वस्त्र ऊनी हो अथवा मलमल का,
Wenn an einem Kleide eines Aussatzes Mal sein wird, es sei wollen oder leinen,
48 मलमल अथवा ऊन के ताने-बाने का हो, चमड़ा हो या चमड़े से बनी कोई वस्तु हो,
am Werft oder am Eintracht, es sei leinen oder wollen, oder an einem Fell, oder an allem, das aus Fellen gemacht wird;
49 यदि यह संक्रमण वस्त्र अथवा चमड़े के वस्त्र में अथवा ताने में अथवा बाने में हो, या चमड़े से बनी किसी वस्तु में हरे रंग की अथवा लालिमा हो, तो यह कोढ़ है और इसे पुरोहित को दिखाया जाना आवश्यक है.
und wenn das Mal bleich oder rötlich ist am Kleid, oder am Fell, oder am Werft, oder am Eintracht, oder an einigerlei Ding, das von Fellen gemacht ist: das ist gewiß ein Mal des Aussatzes; darum soll's der Priester besehen.
50 तब पुरोहित उस चिन्ह की जांच करे और इस संक्रमित वस्तु को सात दिन अलग रखे.
Und wenn er das Mal siehet, soll er's einschließen sieben Tage.
51 सातवें दिन पुरोहित इस चिन्ह की दोबारा जांच करे और यदि संक्रमण वस्त्र में, ताने में अथवा बाने में अथवा चमड़े में फैल गया हो और चाहे वह चमड़ा किसी भी काम के लिए इस्तेमाल किया जाता हो, तो यह असाध्य कुष्ठ रोग का लक्षण है. यह अशुद्ध है.
Und wenn er am siebenten Tage siehet, daß das Mal hat weiter gefressen am Kleid, am Werft oder am Eintracht, am Fell oder an allem, das man aus Fellen macht, so ist's ein fressend Mal des Aussatzes und ist unrein.
52 जिस वस्त्र, ताने-बाने, ऊन, मलमल अथवा चमड़े की किसी वस्तु में यह संक्रमण पाया जाए, तो आवश्यक है कि उसको जला दिया जाए, क्योंकि यह असाध्य कोढ़ है; आवश्यक है कि इसको अग्नि में जला दिया जाए.
Und soll das Kleid verbrennen, oder den Werft, oder den Eintracht, es sei wollen oder leinen, oder allerlei Fellwerk, darin solch Mal ist; denn es ist ein Mal des Aussatzes; und soll es mit Feuer verbrennen.
53 “किंतु यदि पुरोहित इसकी जांच करे और यह पाए कि संक्रमण वस्त्र में, ताने-बाने में अथवा चमड़े की वस्तु में नहीं फैला है,
Wird aber der Priester sehen, daß das Mal nicht weiter gefressen hat am Kleid, oder am Werft, oder am Eintracht, oder an allerlei Fellwerk,
54 तो पुरोहित उस संक्रमित वस्त्र को धोने का आदेश दे तथा और सात दिन के लिए उसे अलग कर दे.
so soll er gebieten, daß man's wasche, darin das Mal ist; und soll es einschließen andere sieben Tage.
55 जब जिस वस्त्र में संक्रमण पाया गया है और उसको धो लिया गया है, तो पुरोहित इसकी दोबारा जांच करे और यदि इस वस्तु में मौजूद धब्बे में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह फैला भी नहीं है, तो यह अशुद्ध ही माना जाएगा, और आवश्यक है कि तुम अग्नि में इसको जला दे, चाहे यह फफूंद पीछे के भाग में हो अथवा आगे.
Und wenn der Priester sehen wird, nachdem das Mal gewaschen ist, daß das Mal nicht verwandelt ist vor seinen Augen und auch nicht weiter gefressen hat, so ist's unrein, und sollst es mit Feuer verbrennen; denn es ist tief eingefressen und hat es beschabt gemacht.
56 यदि पुरोहित इसकी जांच करे और उसे यह मालूम हो कि धोने के बाद इसकी चमक कम नहीं हुई है, तब पुरोहित उसे उस वस्त्र या चमड़े में से फाड़कर निकाल दे;
Wenn aber der Priester siehet, daß das Mal verschwunden ist nach seinem Waschen, so soll er's abreißen vom Kleid, vom Fell, vom Werft oder vom Eintracht.
57 किंतु यदि यह चिन्ह वस्त्र, ताने अथवा बाने और चमड़े पर दोबारा उभर आए, तो यह उसमें फैल रहा है. आवश्यक है कि उस संक्रमित वस्तु को आग में जला दिया जाए.
Wird's aber noch gesehen am Kleid, am Werft, am Eintracht oder allerlei Fellwerk, so ist's ein Fleck, und sollst es mit Feuer verbrennen, darin solch Mal ist.
58 जब तुमने उस संक्रमित वस्त्र, ताने अथवा बाने अथवा चमड़े की वस्तु को धो दिया है, तो इसको दूसरी बार धो दिया जाए और यह शुद्ध माना जाएगा.”
Das Kleid aber, oder Werft, oder Eintracht, oder allerlei Fellwerk, das gewaschen ist und das Mal von ihm gelassen hat, soll man zum andernmal waschen, so ist s rein.
59 यह किसी कोढ़ से संक्रमित ऊन या मलमल के वस्त्र, ताने अथवा बाने अथवा चमड़े की किसी वस्तु को शुद्ध अथवा अशुद्ध घोषित करने की विधि है.
Das ist das Gesetz über die MaLE des Aussatzes an Kleidern, sie seien wollen oder leinen, am Werft und am Eintracht und an allerlei Fellwerk, rein oder unrein zu sprechen.

< लैव्यव्यवस्था 13 >