< न्यायियों 7 >

1 तब यरूबाल, अर्थात् गिदोन, तथा उसके साथ के सारे योद्धा तड़के उठे और उन्होंने हरोद के सोते के पास पड़ाव डाल दिया; मिदियानी उनके उत्तर में घाटी की मोरेह पहाड़ी पर पड़ाव डाले हुए थे.
Then Jerubbaal, who is Gideon, and all the people that were with him, rose up early, and pitched beside En-harod; and the camp of Midian was on the north side of them, by Gibeath-moreh, in the valley.
2 याहवेह ने गिदोन से कहा, “मिदियानियों को तुम्हारे वश में कर देने के उद्देश्य से तुम्हारे साथ के इन लोगों की संख्या बहुत अधिक है. ऐसा न हो इस्राएल अहंकार में यह डींग मारने लगे, ‘अपनी ही शक्ति से हमने छुटकारा प्राप्‍त किया है!’
And the LORD said unto Gideon: 'The people that are with thee are too many for Me to give the Midianites into their hand, lest Israel vaunt themselves against Me, saying: mine own hand hath saved me.
3 इस कारण अब मेरे पास आओ, लोगों को घोषणा करके यह सुना दो, ‘जो कोई डरा हुआ है, और डर से कांप रहा है, वह गिलआद पहाड़ से लौटकर चला जाए.’” इस घोषणा पर बाईस हज़ार लोग लौटकर चले गए. बचे रह गए, दस हज़ार.
Now therefore make proclamation in the ears of the people, saying: Whosoever is fearful and trembling, let him return and depart early from mount Gilead.' And there returned of the people twenty and two thousand; and there remained ten thousand.
4 याहवेह ने गिदोन से कहा, “अब भी गिनती में ये लोग बहुत ज्यादा हैं. उन्हें जल के पास ले आओ कि मैं उन्हें वहां तुम्हारे लिए परख सकूं. मैं जिस किसी के विषय में कहूंगा, ‘यह जाएगा तुम्हारे साथ,’ वही तुम्हारे साथ जाएगा; किंतु जिस किसी के विषय में मैं यह कहूं ‘यह तुम्हारे साथ नहीं जाएगा,’ वह तुम्हारे साथ नहीं जाएगा.”
And the LORD said unto Gideon: 'The people are yet too many; bring them down unto the water, and I will try them for thee there; and it shall be, that of whom I say to thee: This shall go with thee, the same shall go with thee; and of whomsoever I say unto thee: This shall not go with thee, the same shall not go.'
5 इस प्रकार गिदोन उस सबको जल के निकट ले आया. याहवेह ने गिदोन को आदेश दिया, “तुम उन्हें, जो कुत्ते के समान जीभ से जल पिएंगे, उनसे अलग कर लेना, जो घुटने टेककर जल पिएंगे.”
So he brought down the people unto the water; and the LORD said unto Gideon: 'Everyone that lappeth of the water with his tongue, as a dog lappeth, him shalt thou set by himself; likewise every one that boweth down upon his knees to drink.'
6 उन व्यक्तियों की गिनती, जिन्होंने चुल्लू में जल लेकर जीभ की सहायता से जल पिया था, तीन सौ हुई; मगर बचे हुए वे थे, जिन्होंने घुटने टेककर जल पिया था.
And the number of them that lapped, putting their hand to their mouth, was three hundred men; but all the rest of the people bowed down upon their knees to drink water.
7 याहवेह ने गिदोन से कहा, “मैं इन्हीं तीन सौ व्यक्तियों के द्वारा तुम्हें छुटकारा दिलाऊंगा, जिन्होंने चुल्लू में जल लेकर जीभ की सहायता से पिया था. मैं मिदियानियों को तुम्हारे अधीन कर दूंगा. इसलिये अब इन बचे हुओं को लौट जाने दो.”
And the LORD said unto Gideon: 'By the three hundred men that lapped will I save you, and deliver the Midianites into thy hand; and let all the people go every man unto his place.'
8 इन लोगों ने अपने भोजन सामग्री और अपने नरसिंगे उठा लिए. बाकियों को गिदोन ने विदा कर दिया, और इस्राएली अपनी-अपनी घर को लौट गए, मगर इन तीन सौ को उसने अपने साथ रखा. मिदियानियों का पड़ाव नीचे घाटी में था.
So they took the victuals of the people in their hand, and their horns; and he sent all the men of Israel every man unto his tent, but retained the three hundred men; and the camp of Midian was beneath him in the valley.
9 उसी रात याहवेह ने गिदोन को आदेश दिया, “उठो, जाकर पड़ाव पर हमला कर दो, क्योंकि मैंने उसे तुम्हारे अधीन कर दिया है.
And it came to pass the same night, that the LORD said unto him: 'Arise, get thee down upon the camp; for I have delivered it into thy hand.
10 हां, यदि तुम्हें वहां जाने में डर लग रहा हो, तो अपने सेवक पुराह को लेकर वहां पड़ाव को जाओ.
But if thou fear to go down, go thou with Purah thy servant down to the camp.
11 वहां जाकर सुनो कि वे क्या-क्या बातें कर रहे हैं. इससे तुम्हें हौसला मिलेगा कि तुम पड़ाव पर हमला कर सको.” सो गिदोन अपने सेवक पुराह को लेकर सेना के पड़ाव की सीमा चौकी पर जा पहुंचा.
And thou shalt hear what they say; and afterward shall thy hands be strengthened to go down upon the camp.' Then went he down with Purah his servant unto the outermost part of the armed men that were in the camp.
12 इस समय मिदियानी, अमालेक तथा पूर्वी देशों से आए हुए सैनिक घाटी में अपनी-अपनी छावनियों में लेटे हुए थे. वे टिड्डी दल के समान अनगिनत थे. उनके ऊंट भी अनगिनत थे, जैसे सागर किनारे की रेत.
Now the Midianites and the Amalekites and all the children of the east lay along in the valley like locusts for multitude; and their camels were without number, as the sand which is upon the sea-shore for multitude.
13 जब गिदोन सीमा चौकी पर पहुंचा, एक सैनिक अपने मित्र से अपने स्वप्न के बारे में बता रहा था; वह कह रहा था, “सुनो, मैंने एक स्वप्न देखा है. जौ की एक रोटी लुढ़कती हुई आई और मिदियानी पड़ाव में प्रवेश कर गई, एक तंबू तक पहुंचकर उसने उस पर ऐसा हमला किया, कि वह तंबू भूमि पर बिछ गया.”
And when Gideon was come, behold, there was a man telling a dream unto his follow, and saying: 'Behold, I dreamed a dream, and, lo, a cake of barley bread tumbled into the camp of Midian, and came unto the tent, and smote it that it fell, and turned it upside down, that the tent lay flat.'
14 उसके मित्र ने उत्तर में कहा, “इस्राएली योआश के पुत्र गिदोन की तलवार के अलावा यह और कोई नहीं हो सकता. परमेश्वर ने मिदियान तथा उसकी पूरी छावनी को उसके वश में कर दिया है.”
And his fellow answered and said: 'This is nothing else save the sword of Gideon the son of Joash, a man of Israel: into his hand God hath delivered Midian, and all the host.'
15 जब गिदोन ने इस स्वप्न तथा इसके फल के बारे में सुना, वह परमेश्वर की स्तुति में वहीं दंडवत हो गया. वह इस्राएली छावनी को लौट गया और वहां यह घोषणा कर दी, “उठो-उठो याहवेह ने मिदियानी पड़ाव को तुम्हारे वश में कर दिया है.”
And it was so, when Gideon heard the telling of the dream, and the interpretation thereof, that he worshipped; and he returned into the camp of Israel, and said: 'Arise; for the LORD hath delivered into your hand the host of Midian.'
16 तब गिदोन ने उन तीन सौ को तीन दलों में बांटकर उन सभी के हाथों में नरसिंगे और खाली मटकियां दे दीं, जिनमें मशालें रखी हुई थी.
And he divided the three hundred men into three companies, and he put into the hands of all of them horns, and empty pitchers, with torches within the pitchers.
17 उसने उन्हें आदेश दिया, “मेरी ओर देखते रहना तथा वैसा ही करते जाना जैसा जैसा मैं करूंगा, और सुनो, जब मैं उनकी छावनी के पास पहुंचूंगा, तो जो मैं करूंगा, वही तुम भी करना.
And he said unto them: 'Look on me, and do likewise; and, behold, when I come to the outermost part of the camp, it shall be that, as I do, so shall ye do.
18 जब मैं और मेरे साथी नरसिंगा फूंकें, तब तुम भी पूरी छावनी के आस-पास नरसिंगा फूंकते हुए नारा लगाना, ‘याहवेह के लिए और गिदोन के लिए!’”
When I blow the horn, I and all that are with me, then blow ye the horns also on every side of all the camp, and say: For the LORD and for Gideon!'
19 इस कारण आधी रात को, जब उन्होंने पहरेदार चुने, गिदोन और उसके साथ के सौ व्यक्ति छावनी के पास पहुंच गए. उन्होंने नरसिंगे फूंके और अपने हाथों की मटकियों को फोड़ डाला.
So Gideon, and the hundred men that were with him, came unto the outermost part of the camp in the beginning of the middle watch, when they had but newly set the watch; and they blew the horns, and broke in pieces the pitchers that were in their hands.
20 जब तीनों दलों ने नरसिंगे फूंकते हुए अपनी-अपनी मटकियां फोड़ीं, उन्होंने मशालें अपने बाएं हाथ में तथा नाद करने के लिए नरसिंगे दाएं हाथ में पकड़े थे. उन्होंने नारा लगाया, “तलवार याहवेह के लिए और गिदोन के लिए.”
And the three companies blew the horns, and broke the pitchers, and held the torches in their left hands, and the horns in their right hands wherewith to blow; and they cried: 'The sword for the LORD and for Gideon!'
21 हर एक व्यक्ति अपने-अपने स्थान पर पड़ाव के आस-पास घेरा बनाए हुए खड़ा था. पड़ाव के सभी लोग भागने लगे. वे सब भागते हुए चिल्लाते जा रहे थे.
And they stood every man in his place round about the camp; and all the host ran; and they shouted, and fled.
22 जब उन तीन सौ ने नरसिंगे फूंके, याहवेह ने मिदियानियों के हर एक सैनिक की तलवार उसके साथी पर चलवा दी; ऐसा सारी सेना में हो गया. सेना ज़ेरेराह के बेथ-शित्ताह तक भागती चली गई; और आगे तब्बाथ के निकट आबेल-मेहोलाह की सीमा तक.
And they blew the three hundred horns, and the LORD set every man's sword a against his fellow, even throughout all the host; and the host fled as far as Beth-shittah toward Zererah, as far as the border of Abel-meholah, by Tabbath.
23 नफताली, आशेर तथा मनश्शेह के गोत्रों से इस्राएलियों को बुलाया गया और उन्होंने भी मिदियानियों का पीछा किया.
And the men of Israel were gathered together out of Naphtali, and out of Asher, and out of all Manasseh, and pursued after Midian.
24 गिदोन ने एफ्राईम के सारे पहाड़ी इलाके में यह संदेश लेकर अपने दूत भेज दिए: “आकर मिदियान पर आक्रमण करके उनसे बेथ-बाराह तथा यरदन तक के जलाशय छीन लो.” इसलिए एफ्राईम से सभी पुरुष आ गए और उन्होंने बेथ-बाराह तथा यरदन तक सारे जलाशयों पर अधिकार कर लिया.
And Gideon sent messengers throughout all the hill-country of Ephraim, saying: 'Come down against Midian, and take before them the waters, as far as Beth-barah, and also the Jordan.' So all the men of Ephraim were gathered together, and took the waters as far as Beth-barah, and also the Jordan.
25 उन्होंने मिदियान के दो हाकिमों ओरेब तथा ज़ेब, को पकड़ लिया. जब वे मिदियानियों का पीछा कर रहे थे, ओरेब का वध ओरेब की चट्टान पर तथा ज़ेब का वध ज़ेब के दाख के कुंड पर कर दिया. उन्होंने यरदन पार से ओरेब तथा ज़ेब के सिर लाकर गिदोन के सामने रख दिए.
And they took the two princes of Midian, Oreb and Zeeb; and they slew Oreb at the Rock of Oreb, and Zeeb they slew at the Winepress of Zeeb, and pursued Midian; and they brought the heads of Oreb and Zeeb to Gideon beyond the Jordan.

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