< न्यायियों 6 >

1 इस्राएल के वंशजों ने वह किया, जो याहवेह की नज़रों में गलत था; इस कारण याहवेह ने उन्हें सात सालों के लिए मिदियानियों के वश में कर दिया.
וַיַּעֲשׂ֧וּ בְנֵי־יִשְׂרָאֵ֛ל הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה וַיִּתְּנֵ֧ם יְהוָ֛ה בְּיַד־מִדְיָ֖ן שֶׁ֥בַע שָׁנִֽים׃
2 मिदियान की ताकत इस्राएल पर प्रबल होती गई. इस कारण से मिदियान के डर से इस्राएल के वंशजों ने पहाड़ों में मांदें, गुफाएं और गढ़ को अपने निवास बना लिए थे.
וַתָּ֥עָז יַד־מִדְיָ֖ן עַל־יִשְׂרָאֵ֑ל מִפְּנֵ֨י מִדְיָ֜ן עָשֽׂוּ לָהֶ֣ם ׀ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל אֶת־הַמִּנְהָרֹות֙ אֲשֶׁ֣ר בֶּֽהָרִ֔ים וְאֶת־הַמְּעָרֹ֖ות וְאֶת־הַמְּצָדֹֽות׃
3 जब इस्राएली बीज बोते थे, मिदियानी अमालेकियों तथा पूर्वी देश के क्षेत्रों के लोगों के साथ मिलकर इस्राएलियों पर हमला कर करते थे.
וְהָיָ֖ה אִם־זָרַ֣ע יִשְׂרָאֵ֑ל וְעָלָ֨ה מִדְיָ֧ן וֽ͏ַעֲמָלֵ֛ק וּבְנֵי־קֶ֖דֶם וְעָל֥וּ עָלָֽיו׃
4 उनके विरुद्ध शिविर डालकर अज्जाह तक उनकी उपज को नष्ट कर देते थे. इस कारण इस्राएल में न तो भोजन सामग्री बची रह जाती थी, न भेड़ें, न बैल, न गधे.
וַיַּחֲנ֣וּ עֲלֵיהֶ֗ם וַיַּשְׁחִ֙יתוּ֙ אֶת־יְב֣וּל הָאָ֔רֶץ עַד־בֹּואֲךָ֖ עַזָּ֑ה וְלֹֽא־יַשְׁאִ֤ירוּ מִֽחְיָה֙ בְּיִשְׂרָאֵ֔ל וְשֶׂ֥ה וָשֹׁ֖ור וַחֲמֹֽור׃
5 जब वे अपने पशुओं और छावनियों के साथ आते, वे टिड्डी दल के समान लगते थे. उनके ऊंट अनगिनत थे. देश में प्रवेश करते हुए उनका लक्ष्य सिर्फ विनाश ही हुआ करता था.
כִּ֡י הֵם֩ וּמִקְנֵיהֶ֨ם יַעֲל֜וּ וְאָהֳלֵיהֶ֗ם יָבֹאוּ (וּבָ֤אוּ) כְדֵֽי־אַרְבֶּה֙ לָרֹ֔ב וְלָהֶ֥ם וְלִגְמַלֵּיהֶ֖ם אֵ֣ין מִסְפָּ֑ר וַיָּבֹ֥אוּ בָאָ֖רֶץ לְשַׁחֲתָֽהּ׃
6 मिदियान के द्वारा इस्राएल की अर्थ व्यवस्था बहुत ही कमजोर हो चुकी थी. इस कारण सहायता के लिए इस्राएलियों ने याहवेह की दोहाई दी.
וַיִּדַּ֧ל יִשְׂרָאֵ֛ל מְאֹ֖ד מִפְּנֵ֣י מִדְיָ֑ן וַיִּזְעֲק֥וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל אֶל־יְהוָֽה׃ פ
7 जब मिदियानियों के कारण इस्राएलियों ने याहवेह की दोहाई दी,
וַיְהִ֕י כִּֽי־זָעֲק֥וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל אֶל־יְהוָ֑ה עַ֖ל אֹדֹ֥ות מִדְיָֽן׃
8 याहवेह ने इस्राएल के वंशजों के लिए एक भविष्यद्वक्ता भेजा, जिसने उनसे कहा, “यह याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश है, मैं ही था जिसने मिस्र से, दासत्व के घर से, तुम्हें निकाला.
וַיִּשְׁלַ֧ח יְהוָ֛ה אִ֥ישׁ נָבִ֖יא אֶל־בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וַיֹּ֨אמֶר לָהֶ֜ם כֹּה־אָמַ֥ר יְהוָ֣ה ׀ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל אָנֹכִ֞י הֶעֱלֵ֤יתִי אֶתְכֶם֙ מִמִּצְרַ֔יִם וָאֹצִ֥יא אֶתְכֶ֖ם מִבֵּ֥ית עֲבָדִֽים׃
9 मैंने मिस्रियों के अधिकार से, तुम्हारे सभी अत्याचारियों के हाथों से, तुम्हें छुड़ा लिया, उन्हें तुम्हारे सामने से दूर हटाकर तुम्हें उनका देश दे दिया.
וָאַצִּ֤ל אֶתְכֶם֙ מִיַּ֣ד מִצְרַ֔יִם וּמִיַּ֖ד כָּל־לֹחֲצֵיכֶ֑ם וָאֲגָרֵ֤שׁ אֹותָם֙ מִפְּנֵיכֶ֔ם וָאֶתְּנָ֥ה לָכֶ֖ם אֶת־אַרְצָֽם׃
10 मैंने तुम्हें यह आश्वासन दिया, ‘मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं. जिन अमोरियों के देश में तुम रह रहे हो, ज़रूरी नहीं कि तुम उनके देवताओं से डर जाओ.’ मगर तुमने मेरे आदेश का पालन नहीं किया.”
וָאֹמְרָ֣ה לָכֶ֗ם אֲנִי֙ יְהוָ֣ה אֱלֹהֵיכֶ֔ם לֹ֤א תִֽירְאוּ֙ אֶת־אֱלֹהֵ֣י הָאֱמֹרִ֔י אֲשֶׁ֥ר אַתֶּ֖ם יֹושְׁבִ֣ים בְּאַרְצָ֑ם וְלֹ֥א שְׁמַעְתֶּ֖ם בְּקֹולִֽי׃ פ
11 याहवेह का दूत उस बांज वृक्ष के नीचे आकर बैठ गया, जो ओफ़राह में था. यह वृक्ष अबीएज़री योआश की संपत्ति थी. गिदोन इस समय मिदियानियों से छिपाने के लिये अंगूर पेरने के कोल्हू में गेहूं को भूसी से अलग कर रहा था.
וַיָּבֹ֞א מַלְאַ֣ךְ יְהוָ֗ה וַיֵּ֙שֶׁב֙ תַּ֤חַת הָֽאֵלָה֙ אֲשֶׁ֣ר בְּעָפְרָ֔ה אֲשֶׁ֥ר לְיֹואָ֖שׁ אֲבִ֣י הָֽעֶזְרִ֑י וְגִדְעֹ֣ון בְּנֹ֗ו חֹבֵ֤ט חִטִּים֙ בַּגַּ֔ת לְהָנִ֖יס מִפְּנֵ֥י מִדְיָֽן׃
12 याहवेह के दूत ने गिदोन पर प्रकट होकर उसका अभिवादन किया, “वीर योद्धा, याहवेह तुम्हारे पक्ष में है.”
וַיֵּרָ֥א אֵלָ֖יו מַלְאַ֣ךְ יְהוָ֑ה וַיֹּ֣אמֶר אֵלָ֔יו יְהוָ֥ה עִמְּךָ֖ גִּבֹּ֥ור הֶחָֽיִל׃
13 गिदोन ने उससे कहा, “माफ कीजिए मेरे स्वामी, यदि याहवेह हमारे पक्ष में हैं, तो हमारे साथ यह सब क्यों हो रहा है? कहां गए वे सभी अद्भुत काम जिनका वर्णन हमारे पूर्वजों ने हमसे किया था? वे कहते थे, ‘क्या वह याहवेह ही न थे, जिन्होंने हमें मिस्र देश से निकाल लिया है?’ किंतु अब तो याहवेह ने हमें छोड़ दिया है, और हमें मिदियानियों के हाथों में सौंप दिया है.”
וַיֹּ֨אמֶר אֵלָ֤יו גִּדְעֹון֙ בִּ֣י אֲדֹנִ֔י וְיֵ֤שׁ יְהוָה֙ עִמָּ֔נוּ וְלָ֥מָּה מְצָאַ֖תְנוּ כָּל־זֹ֑את וְאַיֵּ֣ה כָֽל־נִפְלְאֹתָ֡יו אֲשֶׁר֩ סִפְּרוּ־לָ֨נוּ אֲבֹותֵ֜ינוּ לֵאמֹ֗ר הֲלֹ֤א מִמִּצְרַ֙יִם֙ הֶעֱלָ֣נוּ יְהוָ֔ה וְעַתָּה֙ נְטָשָׁ֣נוּ יְהוָ֔ה וַֽיִּתְּנֵ֖נוּ בְּכַף־מִדְיָֽן׃
14 तब याहवेह ने गिदोन से कहा, “अपनी इसी शक्ति में जाकर मिदियानियों के अधिकार से इस्राएलियों को छुड़ाओ. तुम्हारे लिए यह मेरा आदेश है, मैं हूं तुम्हें भेजने वाला.”
וַיִּ֤פֶן אֵלָיו֙ יְהוָ֔ה וַיֹּ֗אמֶר לֵ֚ךְ בְּכֹחֲךָ֣ זֶ֔ה וְהֹושַׁעְתָּ֥ אֶת־יִשְׂרָאֵ֖ל מִכַּ֣ף מִדְיָ֑ן הֲלֹ֖א שְׁלַחְתִּֽיךָ׃
15 गिदोन ने याहवेह को उत्तर दिया, “माफ कीजिए मेरे प्रभु, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ा सकता हूं? आप ही देखिए, मेरा परिवार मनश्शेह गोत्र में सबसे छोटा माना जाता है, तथा इसके अलावा अपने पिता के परिवार में मैं सबसे छोटा हूं.”
וַיֹּ֤אמֶר אֵלָיו֙ בִּ֣י אֲדֹנָ֔י בַּמָּ֥ה אֹושִׁ֖יעַ אֶת־יִשְׂרָאֵ֑ל הִנֵּ֤ה אַלְפִּי֙ הַדַּ֣ל בִּמְנַשֶּׁ֔ה וְאָנֹכִ֥י הַצָּעִ֖יר בְּבֵ֥ית אָבִֽי׃
16 जवाब में याहवेह ने कहा, “मगर मैं जो तुम्हारे साथ रहूंगा. तुम सारी मिदियानी सेना को ऐसे हरा दोगे जैसे सिर्फ एक व्यक्ति को.”
וַיֹּ֤אמֶר אֵלָיו֙ יְהוָ֔ה כִּ֥י אֶהְיֶ֖ה עִמָּ֑ךְ וְהִכִּיתָ֥ אֶת־מִדְיָ֖ן כְּאִ֥ישׁ אֶחָֽד׃
17 गिदोन ने याहवेह से कहा, “यदि आप मुझसे संतुष्ट हुए हैं, तो मुझे एक चिन्ह दिखाकर साबित कर दीजिए, कि आप वही हैं, जो आप कह रहे हैं कि आप हैं.
וַיֹּ֣אמֶר אֵלָ֔יו אִם־נָ֛א מָצָ֥אתִי חֵ֖ן בְּעֵינֶ֑יךָ וְעָשִׂ֤יתָ לִּי֙ אֹ֔ות שָׁאַתָּ֖ה מְדַבֵּ֥ר עִמִּֽי׃
18 कृपया मेरे लौटने तक आप यहीं ठहरिए, कि मैं आपको अपनी भेंट चढ़ा सकूं.” उसने कहा, “तुम्हारे लौटने तक मैं यहीं ठहरूंगा.”
אַל־נָ֨א תָמֻ֤שׁ מִזֶּה֙ עַד־בֹּאִ֣י אֵלֶ֔יךָ וְהֹֽצֵאתִי֙ אֶת־מִנְחָתִ֔י וְהִנַּחְתִּ֖י לְפָנֶ֑יךָ וַיֹּאמַ֕ר אָנֹכִ֥י אֵשֵׁ֖ב עַ֥ד שׁוּבֶֽךָ׃
19 गिदोन गया, और उसने एक एफाह आटे की अखमीरी रोटियां और एक मेमने के मांस का व्यंजन तैयार कर एक टोकरी में रखा और एक बर्तन में रसा लेकर बांज वृक्ष के नीचे गया, और वहां इन्हें स्वर्गदूत के सामने परोस दिया.
וְגִדְעֹ֣ון בָּ֗א וַיַּ֤עַשׂ גְּדִֽי־עִזִּים֙ וְאֵיפַת־קֶ֣מַח מַצֹּ֔ות הַבָּשָׂר֙ שָׂ֣ם בַּסַּ֔ל וְהַמָּרַ֖ק שָׂ֣ם בַּפָּר֑וּר וַיֹּוצֵ֥א אֵלָ֛יו אֶל־תַּ֥חַת הָאֵלָ֖ה וַיַּגַּֽשׁ׃ ס
20 परमेश्वर के दूत ने उससे कहा, “अखमीरी रोटी तथा मांस के व्यंजन को चट्टान पर सजा दो और रसा इनके ऊपर डाल दो.” गिदोन ने ऐसा ही किया.
וַיֹּ֨אמֶר אֵלָ֜יו מַלְאַ֣ךְ הָאֱלֹהִ֗ים קַ֣ח אֶת־הַבָּשָׂ֤ר וְאֶת־הַמַּצֹּות֙ וְהַנַּח֙ אֶל־הַסֶּ֣לַע הַלָּ֔ז וְאֶת־הַמָּרַ֖ק שְׁפֹ֑וךְ וַיַּ֖עַשׂ כֵּֽן׃
21 तब स्वर्गदूत ने अपने हाथ की छड़ी को आगे बढ़ाकर अखमीरी रोटी व मांस के व्यंजन को छुआ. चट्टान से आग निकली और अखमीरी रोटी व मांस को चट कर गई. इसके बाद याहवेह का दूत उसकी नज़रों से गायब हो गया.
וַיִּשְׁלַ֞ח מַלְאַ֣ךְ יְהוָ֗ה אֶת־קְצֵ֤ה הַמִּשְׁעֶ֙נֶת֙ אֲשֶׁ֣ר בְּיָדֹ֔ו וַיִּגַּ֥ע בַּבָּשָׂ֖ר וּבַמַּצֹּ֑ות וַתַּ֨עַל הָאֵ֜שׁ מִן־הַצּ֗וּר וַתֹּ֤אכַל אֶת־הַבָּשָׂר֙ וְאֶת־הַמַּצֹּ֔ות וּמַלְאַ֣ךְ יְהוָ֔ה הָלַ֖ךְ מֵעֵינָֽיו׃
22 जब गिदोन को यह अहसास हुआ कि वह याहवेह का दूत ही था, वह कह उठा, “हाय, याहवेह परमेश्वर, मैंने तो याहवेह के दूत को आमने सामने देख लिया है.”
וַיַּ֣רְא גִּדְעֹ֔ון כִּֽי־מַלְאַ֥ךְ יְהוָ֖ה ה֑וּא ס וַיֹּ֣אמֶר גִּדְעֹ֗ון אֲהָהּ֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה כִּֽי־עַל־כֵּ֤ן רָאִ֙יתִי֙ מַלְאַ֣ךְ יְהוָ֔ה פָּנִ֖ים אֶל־פָּנִֽים׃
23 याहवेह ने उसे आश्वासन दिया, “तुम्हारी मृत्यु नहीं होगी. भयभीत न होओ, तुम्हारा भला हो.”
וַיֹּ֨אמֶר לֹ֧ו יְהוָ֛ה שָׁלֹ֥ום לְךָ֖ אַל־תִּירָ֑א לֹ֖א תָּמֽוּת׃
24 इस कारण गिदोन ने वहां याहवेह के लिए एक वेदी बनाई तथा उसे नाम दिया, याहवेह शालोम हैं. आज तक यह वेदी अबीएज़रियों के ओफ़राह में बनी हुई है.
וַיִּבֶן֩ שָׁ֨ם גִּדְעֹ֤ון מִזְבֵּ֙חַ֙ לַֽיהוָ֔ה וַיִּקְרָא־לֹ֥ו יְהוָ֖ה שָׁלֹ֑ום עַ֚ד הַיֹּ֣ום הַזֶּ֔ה עֹודֶ֕נּוּ בְּעָפְרָ֖ת אֲבִ֥י הָעֶזְרִֽי׃ פ
25 उसी रात याहवेह ने गिदोन से कहा, “अपने पिता का दूसरा बैल जो सात वर्ष का है, उसे लेकर जाओ. अपने पिता के बाल की वेदी गिरा दो तथा उसने निकट खड़े अशेरा को गिरा दो.
וַיְהִי֮ בַּלַּ֣יְלָה הַהוּא֒ וַיֹּ֧אמֶר לֹ֣ו יְהוָ֗ה קַ֤ח אֶת־פַּר־הַשֹּׁור֙ אֲשֶׁ֣ר לְאָבִ֔יךָ וּפַ֥ר הַשֵּׁנִ֖י שֶׁ֣בַע שָׁנִ֑ים וְהָרַסְתָּ֗ אֶת־מִזְבַּ֤ח הַבַּ֙עַל֙ אֲשֶׁ֣ר לְאָבִ֔יךָ וְאֶת־הָאֲשֵׁרָ֥ה אֲשֶׁר־עָלָ֖יו תִּכְרֹֽת׃
26 फिर याहवेह, अपने परमेश्वर के लिए इसी गढ़ के ऊपर अच्छी सी वेदी को बनाओ. इसके बाद उस बैल की होमबलि चढ़ाओ और उसके लिए अशेरा खंभे की लकड़ी का इस्तेमाल करना, जिसे तुम पहले ही काट चुके होगे.”
וּבָנִ֨יתָ מִזְבֵּ֜חַ לַיהוָ֣ה אֱלֹהֶ֗יךָ עַ֣ל רֹ֧אשׁ הַמָּעֹ֛וז הַזֶּ֖ה בַּמַּֽעֲרָכָ֑ה וְלָֽקַחְתָּ֙ אֶת־הַפָּ֣ר הַשֵּׁנִ֔י וְהַעֲלִ֣יתָ עֹולָ֔ה בַּעֲצֵ֥י הָאֲשֵׁרָ֖ה אֲשֶׁ֥ר תִּכְרֹֽת׃
27 सो गिदोन अपने साथ दस सेवकों को लेकर वहां गया और वही किया, जैसा याहवेह ने आदेश दिया था. अपने पिता के परिवार तथा नगरवासियों के भय से उसने यह रात के समय किया.
וַיִּקַּ֨ח גִּדְעֹ֜ון עֲשָׂרָ֤ה אֲנָשִׁים֙ מֵֽעֲבָדָ֔יו וַיַּ֕עַשׂ כַּאֲשֶׁ֛ר דִּבֶּ֥ר אֵלָ֖יו יְהוָ֑ה וַיְהִ֡י כַּאֲשֶׁ֣ר יָרֵא֩ אֶת־בֵּ֨ית אָבִ֜יו וְאֶת־אַנְשֵׁ֥י הָעִ֛יר מֵעֲשֹׂ֥ות יֹומָ֖ם וַיַּ֥עַשׂ לָֽיְלָה׃
28 बड़े तड़के, जब नगरवासियों ने देखा कि बाल की वेदी गिर पड़ी थी, उसके निकट स्थापित की हुई अशेरा काट डाली गई थी, तथा निर्माण की हुई वेदी पर वह बैल को चढ़ाया गया था.
וַיַּשְׁכִּ֜ימוּ אַנְשֵׁ֤י הָעִיר֙ בַּבֹּ֔קֶר וְהִנֵּ֤ה נֻתַּץ֙ מִזְבַּ֣ח הַבַּ֔עַל וְהָאֲשֵׁרָ֥ה אֲשֶׁר־עָלָ֖יו כֹּרָ֑תָה וְאֵת֙ הַפָּ֣ר הַשֵּׁנִ֔י הֹֽעֲלָ֔ה עַל־הַמִּזְבֵּ֖חַ הַבָּנֽוּי׃
29 वे आपस में सोचने विचारने लगे, “किसने किया है यह?” उनकी खोज तथा पूछताछ के फलस्वरूप, उन्हें सूचित किया गया, “यह योआश के पुत्र गिदोन ने किया है.”
וַיֹּֽאמְרוּ֙ אִ֣ישׁ אֶל־רֵעֵ֔הוּ מִ֥י עָשָׂ֖ה הַדָּבָ֣ר הַזֶּ֑ה וַֽיִּדְרְשׁוּ֙ וַיְבַקְשׁ֔וּ וַיֹּ֣אמְר֔וּ גִּדְעֹון֙ בֶּן־יֹואָ֔שׁ עָשָׂ֖ה הַדָּבָ֥ר הַזֶּֽה׃
30 फिर नगरवासियों ने योआश को आदेश दिया, “बाहर लाओ अपने पुत्र को, कि उसे मृत्यु दंड दिया जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी गिरा दी, तथा उसके पास की अशेरा को काट डाला है.”
וַיֹּ֨אמְר֜וּ אַנְשֵׁ֤י הָעִיר֙ אֶל־יֹואָ֔שׁ הֹוצֵ֥א אֶת־בִּנְךָ֖ וְיָמֹ֑ת כִּ֤י נָתַץ֙ אֶת־מִזְבַּ֣ח הַבַּ֔עַל וְכִ֥י כָרַ֖ת הָאֲשֵׁרָ֥ה אֲשֶׁר־עָלָֽיו׃
31 किंतु योआश ने अपने उन सभी विरोधियों से कहा, “आपका उद्देश्य बाल के लिए विरोध करना है, या उसे सुरक्षा प्रदान करना? जो कोई बाल का विरोध करेगा, सुबह तक उसका वध कर दिया जाएगा, यदि बाल वास्तव में देवता है, वह स्वयं अपने बारे में बोलेगा, क्योंकि किसी ने उसकी वेदी गिरा दी है.”
וַיֹּ֣אמֶר יֹואָ֡שׁ לְכֹל֩ אֲשֶׁר־עָמְד֨וּ עָלָ֜יו הַאַתֶּ֣ם ׀ תְּרִיב֣וּן לַבַּ֗עַל אִם־אַתֶּם֙ תֹּושִׁיע֣וּן אֹותֹ֔ו אֲשֶׁ֨ר יָרִ֥יב לֹ֛ו יוּמַ֖ת עַד־הַבֹּ֑קֶר אִם־אֱלֹהִ֥ים הוּא֙ יָ֣רֶב לֹ֔ו כִּ֥י נָתַ֖ץ אֶֽת־מִזְבְּחֹֽו׃
32 सो उस दिन योआश ने गिदोन को यरूबाल नाम दे दिया, जिसका मतलब है, “बाल ही उसका विरोध करे,” क्योंकि गिदोन ने बाल की वेदी गिरा दी थी.
וַיִּקְרָא־לֹ֥ו בַיֹּום־הַה֖וּא יְרֻבַּ֣עַל לֵאמֹ֑ר יָ֤רֶב בֹּו֙ הַבַּ֔עַל כִּ֥י נָתַ֖ץ אֶֽת־מִזְבְּחֹֽו׃ פ
33 कुछ समय बाद सभी मिदियानी, अमालेक तथा पूर्वी देशों के लोग एकजुट हो गए यरदन पार कर उन्होंने येज़्रील घाटी में शिविर खड़े कर दिए.
וְכָל־מִדְיָ֧ן וַעֲמָלֵ֛ק וּבְנֵי־קֶ֖דֶם נֶאֶסְפ֣וּ יַחְדָּ֑ו וַיַּעַבְר֥וּ וַֽיַּחֲנ֖וּ בְּעֵ֥מֶק יִזְרְעֶֽאל׃
34 याहवेह का आत्मा गिदोन पर उतरा; गिदोन ने तुरही फूंकी और उसने अपने पीछे चलने के लिए अबीएज़ियों को बुलाया.
וְר֣וּחַ יְהוָ֔ה לָבְשָׁ֖ה אֶת־גִּדְעֹ֑ון וַיִּתְקַע֙ בַּשֹּׁופָ֔ר וַיִּזָּעֵ֥ק אֲבִיעֶ֖זֶר אַחֲרָֽיו׃
35 उसने मनश्शेह गोत्र के सारे प्रदेश में दूत भेजे, और पीछे चलने के लिए उनको भी बुलाया. उसने आशेर, ज़ेबुलून तथा नफताली के गोत्रों में भी दूत भेज दिए, वे उससे भेंटकरने आ गए.
וּמַלְאָכִים֙ שָׁלַ֣ח בְּכָל־מְנַשֶּׁ֔ה וַיִּזָּעֵ֥ק גַּם־ה֖וּא אַחֲרָ֑יו וּמַלְאָכִ֣ים שָׁלַ֗ח בְּאָשֵׁ֤ר וּבִזְבֻלוּן֙ וּבְנַפְתָּלִ֔י וַֽיַּעֲל֖וּ לִקְרָאתָֽם׃
36 गिदोन ने परमेश्वर से विनती की, “यदि आप मेरे द्वारा इस्राएल को छुड़वा रहे हैं, जैसा कि आपने ही कहा है,
וַיֹּ֥אמֶר גִּדְעֹ֖ון אֶל־הָאֱלֹהִ֑ים אִם־יֶשְׁךָ֞ מֹושִׁ֧יעַ בְּיָדִ֛י אֶת־יִשְׂרָאֵ֖ל כַּאֲשֶׁ֥ר דִּבַּֽרְתָּ׃
37 देखिए, मैं खलिहान में ऊन की कतरन छोड़ दूंगा; यदि ओस ऊन की कतरन पर ही पाई जाएगी, और सारी भूमि सूखी; तो मैं इससे समझ लूंगा कि आप अपने वचन के अनुसार मेरे द्वारा इस्राएल को छुड़ाएंगे.”
הִנֵּ֣ה אָנֹכִ֗י מַצִּ֛יג אֶת־גִּזַּ֥ת הַצֶּ֖מֶר בַּגֹּ֑רֶן אִ֡ם טַל֩ יִהְיֶ֨ה עַֽל־הַגִּזָּ֜ה לְבַדָּ֗הּ וְעַל־כָּל־הָאָ֙רֶץ֙ חֹ֔רֶב וְיָדַעְתִּ֗י כִּֽי־תֹושִׁ֧יעַ בְּיָדִ֛י אֶת־יִשְׂרָאֵ֖ל כַּאֲשֶׁ֥ר דִּבַּֽרְתָּ׃
38 ऐसा ही पाया गया! जब गिदोन ने अगले दिन उसे निचोड़ा, उसने इसमें से एक कटोरे भर जल इकट्ठा कर लिया.
וַיְהִי־כֵ֕ן וַיַּשְׁכֵּם֙ מִֽמָּחֳרָ֔ת וַיָּ֖זַר אֶת־הַגִּזָּ֑ה וַיִּ֤מֶץ טַל֙ מִן־הַגִּזָּ֔ה מְלֹ֥וא הַסֵּ֖פֶל מָֽיִם׃
39 इसके बाद गिदोन ने परमेश्वर से विनती की, “कृपया मुझ पर क्रोध न करें; मैं एक बार और विनती करना चाहूंगा. इस बार ऊन की कतरन सूखी बनी रहे, तथा सारी भूमि पर ओस पाई जाए.”
וַיֹּ֤אמֶר גִּדְעֹון֙ אֶל־הָ֣אֱלֹהִ֔ים אַל־יִ֤חַר אַפְּךָ֙ בִּ֔י וַאֲדַבְּרָ֖ה אַ֣ךְ הַפָּ֑עַם אֲנַסֶּ֤ה נָּא־רַק־הַפַּ֙עַם֙ בַּגִּזָּ֔ה יְהִי־נָ֨א חֹ֤רֶב אֶל־הַגִּזָּה֙ לְבַדָּ֔הּ וְעַל־כָּל־הָאָ֖רֶץ יִֽהְיֶה־טָּֽל׃
40 परमेश्वर ने उस रात वैसा ही किया; केवल ऊन की कतरन सूखी रही मगर सारी भूमि ओस से भीगी हुई थी.
וַיַּ֧עַשׂ אֱלֹהִ֛ים כֵּ֖ן בַּלַּ֣יְלָה הַה֑וּא וַיְהִי־חֹ֤רֶב אֶל־הַגִּזָּה֙ לְבַדָּ֔הּ וְעַל־כָּל־הָאָ֖רֶץ הָ֥יָה טָֽל׃ פ

< न्यायियों 6 >