< न्यायियों 6 >

1 इस्राएल के वंशजों ने वह किया, जो याहवेह की नज़रों में गलत था; इस कारण याहवेह ने उन्हें सात सालों के लिए मिदियानियों के वश में कर दिया.
וַיַּעֲשׂוּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵל הָרַע בְּעֵינֵי יְהֹוָה וַיִּתְּנֵם יְהֹוָה בְּיַד־מִדְיָן שֶׁבַע שָׁנִֽים׃
2 मिदियान की ताकत इस्राएल पर प्रबल होती गई. इस कारण से मिदियान के डर से इस्राएल के वंशजों ने पहाड़ों में मांदें, गुफाएं और गढ़ को अपने निवास बना लिए थे.
וַתָּעׇז יַד־מִדְיָן עַל־יִשְׂרָאֵל מִפְּנֵי מִדְיָן עָשׂוּ לָהֶם ׀ בְּנֵי יִשְׂרָאֵל אֶת־הַמִּנְהָרוֹת אֲשֶׁר בֶּהָרִים וְאֶת־הַמְּעָרוֹת וְאֶת־הַמְּצָדֽוֹת׃
3 जब इस्राएली बीज बोते थे, मिदियानी अमालेकियों तथा पूर्वी देश के क्षेत्रों के लोगों के साथ मिलकर इस्राएलियों पर हमला कर करते थे.
וְהָיָה אִם־זָרַע יִשְׂרָאֵל וְעָלָה מִדְיָן וַעֲמָלֵק וּבְנֵי־קֶדֶם וְעָלוּ עָלָֽיו׃
4 उनके विरुद्ध शिविर डालकर अज्जाह तक उनकी उपज को नष्ट कर देते थे. इस कारण इस्राएल में न तो भोजन सामग्री बची रह जाती थी, न भेड़ें, न बैल, न गधे.
וַיַּֽחֲנוּ עֲלֵיהֶם וַיַּשְׁחִיתוּ אֶת־יְבוּל הָאָרֶץ עַד־בּוֹאֲךָ עַזָּה וְלֹֽא־יַשְׁאִירוּ מִֽחְיָה בְּיִשְׂרָאֵל וְשֶׂה וָשׁוֹר וַחֲמֽוֹר׃
5 जब वे अपने पशुओं और छावनियों के साथ आते, वे टिड्डी दल के समान लगते थे. उनके ऊंट अनगिनत थे. देश में प्रवेश करते हुए उनका लक्ष्य सिर्फ विनाश ही हुआ करता था.
כִּי הֵם וּמִקְנֵיהֶם יַֽעֲלוּ וְאׇהֳלֵיהֶם (יבאו) [וּבָאוּ] כְדֵֽי־אַרְבֶּה לָרֹב וְלָהֶם וְלִגְמַלֵּיהֶם אֵין מִסְפָּר וַיָּבֹאוּ בָאָרֶץ לְשַׁחֲתָֽהּ׃
6 मिदियान के द्वारा इस्राएल की अर्थ व्यवस्था बहुत ही कमजोर हो चुकी थी. इस कारण सहायता के लिए इस्राएलियों ने याहवेह की दोहाई दी.
וַיִּדַּל יִשְׂרָאֵל מְאֹד מִפְּנֵי מִדְיָן וַיִּזְעֲקוּ בְנֵי־יִשְׂרָאֵל אֶל־יְהֹוָֽה׃
7 जब मिदियानियों के कारण इस्राएलियों ने याहवेह की दोहाई दी,
וַיְהִי כִּֽי־זָעֲקוּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵל אֶל־יְהֹוָה עַל אֹדוֹת מִדְיָֽן׃
8 याहवेह ने इस्राएल के वंशजों के लिए एक भविष्यद्वक्ता भेजा, जिसने उनसे कहा, “यह याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश है, मैं ही था जिसने मिस्र से, दासत्व के घर से, तुम्हें निकाला.
וַיִּשְׁלַח יְהֹוָה אִישׁ נָבִיא אֶל־בְּנֵי יִשְׂרָאֵל וַיֹּאמֶר לָהֶם כֹּה־אָמַר יְהֹוָה ׀ אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל אָנֹכִי הֶעֱלֵיתִי אֶתְכֶם מִמִּצְרַיִם וָאֹצִיא אֶתְכֶם מִבֵּית עֲבָדִֽים׃
9 मैंने मिस्रियों के अधिकार से, तुम्हारे सभी अत्याचारियों के हाथों से, तुम्हें छुड़ा लिया, उन्हें तुम्हारे सामने से दूर हटाकर तुम्हें उनका देश दे दिया.
וָאַצִּל אֶתְכֶם מִיַּד מִצְרַיִם וּמִיַּד כׇּל־לֹחֲצֵיכֶם וָאֲגָרֵשׁ אוֹתָם מִפְּנֵיכֶם וָאֶתְּנָה לָכֶם אֶת־אַרְצָֽם׃
10 मैंने तुम्हें यह आश्वासन दिया, ‘मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं. जिन अमोरियों के देश में तुम रह रहे हो, ज़रूरी नहीं कि तुम उनके देवताओं से डर जाओ.’ मगर तुमने मेरे आदेश का पालन नहीं किया.”
וָאֹמְרָה לָכֶם אֲנִי יְהֹוָה אֱלֹהֵיכֶם לֹא תִֽירְאוּ אֶת־אֱלֹהֵי הָאֱמֹרִי אֲשֶׁר אַתֶּם יוֹשְׁבִים בְּאַרְצָם וְלֹא שְׁמַעְתֶּם בְּקוֹלִֽי׃
11 याहवेह का दूत उस बांज वृक्ष के नीचे आकर बैठ गया, जो ओफ़राह में था. यह वृक्ष अबीएज़री योआश की संपत्ति थी. गिदोन इस समय मिदियानियों से छिपाने के लिये अंगूर पेरने के कोल्हू में गेहूं को भूसी से अलग कर रहा था.
וַיָּבֹא מַלְאַךְ יְהֹוָה וַיֵּשֶׁב תַּחַת הָֽאֵלָה אֲשֶׁר בְּעׇפְרָה אֲשֶׁר לְיוֹאָשׁ אֲבִי הָעֶזְרִי וְגִדְעוֹן בְּנוֹ חֹבֵט חִטִּים בַּגַּת לְהָנִיס מִפְּנֵי מִדְיָֽן׃
12 याहवेह के दूत ने गिदोन पर प्रकट होकर उसका अभिवादन किया, “वीर योद्धा, याहवेह तुम्हारे पक्ष में है.”
וַיֵּרָא אֵלָיו מַלְאַךְ יְהֹוָה וַיֹּאמֶר אֵלָיו יְהֹוָה עִמְּךָ גִּבּוֹר הֶחָֽיִל׃
13 गिदोन ने उससे कहा, “माफ कीजिए मेरे स्वामी, यदि याहवेह हमारे पक्ष में हैं, तो हमारे साथ यह सब क्यों हो रहा है? कहां गए वे सभी अद्भुत काम जिनका वर्णन हमारे पूर्वजों ने हमसे किया था? वे कहते थे, ‘क्या वह याहवेह ही न थे, जिन्होंने हमें मिस्र देश से निकाल लिया है?’ किंतु अब तो याहवेह ने हमें छोड़ दिया है, और हमें मिदियानियों के हाथों में सौंप दिया है.”
וַיֹּאמֶר אֵלָיו גִּדְעוֹן בִּי אֲדֹנִי וְיֵשׁ יְהֹוָה עִמָּנוּ וְלָמָּה מְצָאַתְנוּ כׇּל־זֹאת וְאַיֵּה כׇֽל־נִפְלְאֹתָיו אֲשֶׁר סִפְּרוּ־לָנוּ אֲבוֹתֵינוּ לֵאמֹר הֲלֹא מִמִּצְרַיִם הֶעֱלָנוּ יְהֹוָה וְעַתָּה נְטָשָׁנוּ יְהֹוָה וַֽיִּתְּנֵנוּ בְּכַף־מִדְיָֽן׃
14 तब याहवेह ने गिदोन से कहा, “अपनी इसी शक्ति में जाकर मिदियानियों के अधिकार से इस्राएलियों को छुड़ाओ. तुम्हारे लिए यह मेरा आदेश है, मैं हूं तुम्हें भेजने वाला.”
וַיִּפֶן אֵלָיו יְהֹוָה וַיֹּאמֶר לֵךְ בְּכֹחֲךָ זֶה וְהוֹשַׁעְתָּ אֶת־יִשְׂרָאֵל מִכַּף מִדְיָן הֲלֹא שְׁלַחְתִּֽיךָ׃
15 गिदोन ने याहवेह को उत्तर दिया, “माफ कीजिए मेरे प्रभु, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ा सकता हूं? आप ही देखिए, मेरा परिवार मनश्शेह गोत्र में सबसे छोटा माना जाता है, तथा इसके अलावा अपने पिता के परिवार में मैं सबसे छोटा हूं.”
וַיֹּאמֶר אֵלָיו בִּי אֲדֹנָי בַּמָּה אוֹשִׁיעַ אֶת־יִשְׂרָאֵל הִנֵּה אַלְפִּי הַדַּל בִּמְנַשֶּׁה וְאָנֹכִי הַצָּעִיר בְּבֵית אָבִֽי׃
16 जवाब में याहवेह ने कहा, “मगर मैं जो तुम्हारे साथ रहूंगा. तुम सारी मिदियानी सेना को ऐसे हरा दोगे जैसे सिर्फ एक व्यक्ति को.”
וַיֹּאמֶר אֵלָיו יְהֹוָה כִּי אֶהְיֶה עִמָּךְ וְהִכִּיתָ אֶת־מִדְיָן כְּאִישׁ אֶחָֽד׃
17 गिदोन ने याहवेह से कहा, “यदि आप मुझसे संतुष्ट हुए हैं, तो मुझे एक चिन्ह दिखाकर साबित कर दीजिए, कि आप वही हैं, जो आप कह रहे हैं कि आप हैं.
וַיֹּאמֶר אֵלָיו אִם־נָא מָצָאתִי חֵן בְּעֵינֶיךָ וְעָשִׂיתָ לִּי אוֹת שָׁאַתָּה מְדַבֵּר עִמִּֽי׃
18 कृपया मेरे लौटने तक आप यहीं ठहरिए, कि मैं आपको अपनी भेंट चढ़ा सकूं.” उसने कहा, “तुम्हारे लौटने तक मैं यहीं ठहरूंगा.”
אַל־נָא תָמֻשׁ מִזֶּה עַד־בֹּאִי אֵלֶיךָ וְהֹֽצֵאתִי אֶת־מִנְחָתִי וְהִנַּחְתִּי לְפָנֶיךָ וַיֹּאמַר אָנֹכִי אֵשֵׁב עַד שׁוּבֶֽךָ׃
19 गिदोन गया, और उसने एक एफाह आटे की अखमीरी रोटियां और एक मेमने के मांस का व्यंजन तैयार कर एक टोकरी में रखा और एक बर्तन में रसा लेकर बांज वृक्ष के नीचे गया, और वहां इन्हें स्वर्गदूत के सामने परोस दिया.
וְגִדְעוֹן בָּא וַיַּעַשׂ גְּדִֽי־עִזִּים וְאֵיפַת־קֶמַח מַצּוֹת הַבָּשָׂר שָׂם בַּסַּל וְהַמָּרַק שָׂם בַּפָּרוּר וַיּוֹצֵא אֵלָיו אֶל־תַּחַת הָאֵלָה וַיַּגַּֽשׁ׃
20 परमेश्वर के दूत ने उससे कहा, “अखमीरी रोटी तथा मांस के व्यंजन को चट्टान पर सजा दो और रसा इनके ऊपर डाल दो.” गिदोन ने ऐसा ही किया.
וַיֹּאמֶר אֵלָיו מַלְאַךְ הָאֱלֹהִים קַח אֶת־הַבָּשָׂר וְאֶת־הַמַּצּוֹת וְהַנַּח אֶל־הַסֶּלַע הַלָּז וְאֶת־הַמָּרַק שְׁפוֹךְ וַיַּעַשׂ כֵּֽן׃
21 तब स्वर्गदूत ने अपने हाथ की छड़ी को आगे बढ़ाकर अखमीरी रोटी व मांस के व्यंजन को छुआ. चट्टान से आग निकली और अखमीरी रोटी व मांस को चट कर गई. इसके बाद याहवेह का दूत उसकी नज़रों से गायब हो गया.
וַיִּשְׁלַח מַלְאַךְ יְהֹוָה אֶת־קְצֵה הַמִּשְׁעֶנֶת אֲשֶׁר בְּיָדוֹ וַיִּגַּע בַּבָּשָׂר וּבַמַּצּוֹת וַתַּעַל הָאֵשׁ מִן־הַצּוּר וַתֹּאכַל אֶת־הַבָּשָׂר וְאֶת־הַמַּצּוֹת וּמַלְאַךְ יְהֹוָה הָלַךְ מֵעֵינָֽיו׃
22 जब गिदोन को यह अहसास हुआ कि वह याहवेह का दूत ही था, वह कह उठा, “हाय, याहवेह परमेश्वर, मैंने तो याहवेह के दूत को आमने सामने देख लिया है.”
וַיַּרְא גִּדְעוֹן כִּֽי־מַלְאַךְ יְהֹוָה הוּא וַיֹּאמֶר גִּדְעוֹן אֲהָהּ אֲדֹנָי יֱהֹוִה כִּֽי־עַל־כֵּן רָאִיתִי מַלְאַךְ יְהֹוָה פָּנִים אֶל־פָּנִֽים׃
23 याहवेह ने उसे आश्वासन दिया, “तुम्हारी मृत्यु नहीं होगी. भयभीत न होओ, तुम्हारा भला हो.”
וַיֹּאמֶר לוֹ יְהֹוָה שָׁלוֹם לְךָ אַל־תִּירָא לֹא תָּמֽוּת׃
24 इस कारण गिदोन ने वहां याहवेह के लिए एक वेदी बनाई तथा उसे नाम दिया, याहवेह शालोम हैं. आज तक यह वेदी अबीएज़रियों के ओफ़राह में बनी हुई है.
וַיִּבֶן שָׁם גִּדְעוֹן מִזְבֵּחַ לַֽיהֹוָה וַיִּקְרָא־לוֹ יְהֹוָה שָׁלוֹם עַד הַיּוֹם הַזֶּה עוֹדֶנּוּ בְּעׇפְרָת אֲבִי הָעֶזְרִֽי׃
25 उसी रात याहवेह ने गिदोन से कहा, “अपने पिता का दूसरा बैल जो सात वर्ष का है, उसे लेकर जाओ. अपने पिता के बाल की वेदी गिरा दो तथा उसने निकट खड़े अशेरा को गिरा दो.
וַיְהִי בַּלַּיְלָה הַהוּא וַיֹּאמֶר לוֹ יְהֹוָה קַח אֶת־פַּר־הַשּׁוֹר אֲשֶׁר לְאָבִיךָ וּפַר הַשֵּׁנִי שֶׁבַע שָׁנִים וְהָרַסְתָּ אֶת־מִזְבַּח הַבַּעַל אֲשֶׁר לְאָבִיךָ וְאֶת־הָאֲשֵׁרָה אֲשֶׁר־עָלָיו תִּכְרֹֽת׃
26 फिर याहवेह, अपने परमेश्वर के लिए इसी गढ़ के ऊपर अच्छी सी वेदी को बनाओ. इसके बाद उस बैल की होमबलि चढ़ाओ और उसके लिए अशेरा खंभे की लकड़ी का इस्तेमाल करना, जिसे तुम पहले ही काट चुके होगे.”
וּבָנִיתָ מִזְבֵּחַ לַיהֹוָה אֱלֹהֶיךָ עַל רֹאשׁ הַמָּעוֹז הַזֶּה בַּמַּעֲרָכָה וְלָֽקַחְתָּ אֶת־הַפָּר הַשֵּׁנִי וְהַעֲלִיתָ עוֹלָה בַּעֲצֵי הָאֲשֵׁרָה אֲשֶׁר תִּכְרֹֽת׃
27 सो गिदोन अपने साथ दस सेवकों को लेकर वहां गया और वही किया, जैसा याहवेह ने आदेश दिया था. अपने पिता के परिवार तथा नगरवासियों के भय से उसने यह रात के समय किया.
וַיִּקַּח גִּדְעוֹן עֲשָׂרָה אֲנָשִׁים מֵעֲבָדָיו וַיַּעַשׂ כַּאֲשֶׁר דִּבֶּר אֵלָיו יְהֹוָה וַיְהִי כַּאֲשֶׁר יָרֵא אֶת־בֵּית אָבִיו וְאֶת־אַנְשֵׁי הָעִיר מֵעֲשׂוֹת יוֹמָם וַיַּעַשׂ לָֽיְלָה׃
28 बड़े तड़के, जब नगरवासियों ने देखा कि बाल की वेदी गिर पड़ी थी, उसके निकट स्थापित की हुई अशेरा काट डाली गई थी, तथा निर्माण की हुई वेदी पर वह बैल को चढ़ाया गया था.
וַיַּשְׁכִּימוּ אַנְשֵׁי הָעִיר בַּבֹּקֶר וְהִנֵּה נֻתַּץ מִזְבַּח הַבַּעַל וְהָאֲשֵׁרָה אֲשֶׁר־עָלָיו כֹּרָתָה וְאֵת הַפָּר הַשֵּׁנִי הֹֽעֲלָה עַל־הַמִּזְבֵּחַ הַבָּנֽוּי׃
29 वे आपस में सोचने विचारने लगे, “किसने किया है यह?” उनकी खोज तथा पूछताछ के फलस्वरूप, उन्हें सूचित किया गया, “यह योआश के पुत्र गिदोन ने किया है.”
וַיֹּֽאמְרוּ אִישׁ אֶל־רֵעֵהוּ מִי עָשָׂה הַדָּבָר הַזֶּה וַֽיִּדְרְשׁוּ וַיְבַקְשׁוּ וַיֹּאמְרוּ גִּדְעוֹן בֶּן־יוֹאָשׁ עָשָׂה הַדָּבָר הַזֶּֽה׃
30 फिर नगरवासियों ने योआश को आदेश दिया, “बाहर लाओ अपने पुत्र को, कि उसे मृत्यु दंड दिया जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी गिरा दी, तथा उसके पास की अशेरा को काट डाला है.”
וַיֹּאמְרוּ אַנְשֵׁי הָעִיר אֶל־יוֹאָשׁ הוֹצֵא אֶת־בִּנְךָ וְיָמֹת כִּי נָתַץ אֶת־מִזְבַּח הַבַּעַל וְכִי כָרַת הָאֲשֵׁרָה אֲשֶׁר־עָלָֽיו׃
31 किंतु योआश ने अपने उन सभी विरोधियों से कहा, “आपका उद्देश्य बाल के लिए विरोध करना है, या उसे सुरक्षा प्रदान करना? जो कोई बाल का विरोध करेगा, सुबह तक उसका वध कर दिया जाएगा, यदि बाल वास्तव में देवता है, वह स्वयं अपने बारे में बोलेगा, क्योंकि किसी ने उसकी वेदी गिरा दी है.”
וַיֹּאמֶר יוֹאָשׁ לְכֹל אֲשֶׁר־עָמְדוּ עָלָיו הַאַתֶּם ׀ תְּרִיבוּן לַבַּעַל אִם־אַתֶּם תּוֹשִׁיעוּן אוֹתוֹ אֲשֶׁר יָרִיב לוֹ יוּמַת עַד־הַבֹּקֶר אִם־אֱלֹהִים הוּא יָרֶב לוֹ כִּי נָתַץ אֶֽת־מִזְבְּחֽוֹ׃
32 सो उस दिन योआश ने गिदोन को यरूबाल नाम दे दिया, जिसका मतलब है, “बाल ही उसका विरोध करे,” क्योंकि गिदोन ने बाल की वेदी गिरा दी थी.
וַיִּקְרָא־לוֹ בַיּוֹם־הַהוּא יְרֻבַּעַל לֵאמֹר יָרֶב בּוֹ הַבַּעַל כִּי נָתַץ אֶֽת־מִזְבְּחֽוֹ׃
33 कुछ समय बाद सभी मिदियानी, अमालेक तथा पूर्वी देशों के लोग एकजुट हो गए यरदन पार कर उन्होंने येज़्रील घाटी में शिविर खड़े कर दिए.
וְכׇל־מִדְיָן וַעֲמָלֵק וּבְנֵי־קֶדֶם נֶאֶסְפוּ יַחְדָּו וַיַּעַבְרוּ וַֽיַּחֲנוּ בְּעֵמֶק יִזְרְעֶֽאל׃
34 याहवेह का आत्मा गिदोन पर उतरा; गिदोन ने तुरही फूंकी और उसने अपने पीछे चलने के लिए अबीएज़ियों को बुलाया.
וְרוּחַ יְהֹוָה לָבְשָׁה אֶת־גִּדְעוֹן וַיִּתְקַע בַּשּׁוֹפָר וַיִּזָּעֵק אֲבִיעֶזֶר אַחֲרָֽיו׃
35 उसने मनश्शेह गोत्र के सारे प्रदेश में दूत भेजे, और पीछे चलने के लिए उनको भी बुलाया. उसने आशेर, ज़ेबुलून तथा नफताली के गोत्रों में भी दूत भेज दिए, वे उससे भेंटकरने आ गए.
וּמַלְאָכִים שָׁלַח בְּכׇל־מְנַשֶּׁה וַיִּזָּעֵק גַּם־הוּא אַחֲרָיו וּמַלְאָכִים שָׁלַח בְּאָשֵׁר וּבִזְבֻלוּן וּבְנַפְתָּלִי וַֽיַּעֲלוּ לִקְרָאתָֽם׃
36 गिदोन ने परमेश्वर से विनती की, “यदि आप मेरे द्वारा इस्राएल को छुड़वा रहे हैं, जैसा कि आपने ही कहा है,
וַיֹּאמֶר גִּדְעוֹן אֶל־הָאֱלֹהִים אִם־יֶשְׁךָ מוֹשִׁיעַ בְּיָדִי אֶת־יִשְׂרָאֵל כַּאֲשֶׁר דִּבַּֽרְתָּ׃
37 देखिए, मैं खलिहान में ऊन की कतरन छोड़ दूंगा; यदि ओस ऊन की कतरन पर ही पाई जाएगी, और सारी भूमि सूखी; तो मैं इससे समझ लूंगा कि आप अपने वचन के अनुसार मेरे द्वारा इस्राएल को छुड़ाएंगे.”
הִנֵּה אָנֹכִי מַצִּיג אֶת־גִּזַּת הַצֶּמֶר בַּגֹּרֶן אִם טַל יִֽהְיֶה עַֽל־הַגִּזָּה לְבַדָּהּ וְעַל־כׇּל־הָאָרֶץ חֹרֶב וְיָדַעְתִּי כִּֽי־תוֹשִׁיעַ בְּיָדִי אֶת־יִשְׂרָאֵל כַּאֲשֶׁר דִּבַּֽרְתָּ׃
38 ऐसा ही पाया गया! जब गिदोन ने अगले दिन उसे निचोड़ा, उसने इसमें से एक कटोरे भर जल इकट्ठा कर लिया.
וַיְהִי־כֵן וַיַּשְׁכֵּם מִֽמׇּחֳרָת וַיָּזַר אֶת־הַגִּזָּה וַיִּמֶץ טַל מִן־הַגִּזָּה מְלוֹא הַסֵּפֶל מָֽיִם׃
39 इसके बाद गिदोन ने परमेश्वर से विनती की, “कृपया मुझ पर क्रोध न करें; मैं एक बार और विनती करना चाहूंगा. इस बार ऊन की कतरन सूखी बनी रहे, तथा सारी भूमि पर ओस पाई जाए.”
וַיֹּאמֶר גִּדְעוֹן אֶל־הָאֱלֹהִים אַל־יִחַר אַפְּךָ בִּי וַאֲדַבְּרָה אַךְ הַפָּעַם אֲנַסֶּה נָּא־רַק־הַפַּעַם בַּגִּזָּה יְהִי־נָא חֹרֶב אֶל־הַגִּזָּה לְבַדָּהּ וְעַל־כׇּל־הָאָרֶץ יִֽהְיֶה־טָּֽל׃
40 परमेश्वर ने उस रात वैसा ही किया; केवल ऊन की कतरन सूखी रही मगर सारी भूमि ओस से भीगी हुई थी.
וַיַּעַשׂ אֱלֹהִים כֵּן בַּלַּיְלָה הַהוּא וַֽיְהִי־חֹרֶב אֶל־הַגִּזָּה לְבַדָּהּ וְעַל־כׇּל־הָאָרֶץ הָיָה טָֽל׃

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