< न्यायियों 4 >
1 एहूद की मृत्यु के बाद एक बार फिर इस्राएल वंशजों ने वह किया, जो याहवेह की नज़र में गलत था.
And the children of Israel again did that which was evil in the sight of the LORD, when Ehud was dead.
2 याहवेह ने उन्हें कनान के राजा याबीन के हाथों में बेच दिया. वह हाज़ोर में शासन करता था. उसकी सेना का सेनापति सीसरा था, जो हरोशेथ-हग्गोयिम में रहता था.
And the LORD gave them over into the hand of Jabin king of Canaan, that reigned in Hazor; the captain of whose host was Sisera, who dwelt in Harosheth-goiim.
3 उसकी सेना में नौ सौ लोहे के रथ थे. उसने बीस साल तक इस्राएल वंशजों को बहुत ही निर्दयता से सताया. तब इस्राएल वंशजों ने याहवेह से सहायता की गुहार लगाई.
And the children of Israel cried unto the LORD; for he had nine hundred chariots of iron; and twenty years he mightily oppressed the children of Israel.
4 इस समय लप्पीदोथ की पत्नी दबोरा, जो भविष्यद्वक्तिन थी, इस्राएल पर शासन कर रही थी.
Now Deborah, a prophetess, the wife of Lappidoth, she judged Israel at that time.
5 वह एफ्राईम के पहाड़ी प्रदेश में रामा और बेथेल के बीच एक खजूर के पेड़ के नीचे बैठा करती थी. इस्राएल वंशज न्याय पाने के लिए उसी के पास आया करते थे.
And she sat under the palm-tree of Deborah between Ramah and Beth-el in the hill-country of Ephraim; and the children of Israel came up to her for judgment.
6 उसने नफताली के केदेश से अबीनोअम के पुत्र बाराक को बुलवाया और उससे कहा, “सुनो, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का आदेश यह है: ‘ताबोर पर्वत पर नफताली वंशजों में से तथा ज़ेबुलून वंशजों में से दस हज़ार व्यक्तियों को इकट्ठा करो.
And she sent and called Barak the son of Abinoam out of Kedesh-naphtali, and said unto him: 'Hath not the LORD, the God of Israel, commanded, saying: Go and draw toward mount Tabor, and take with thee ten thousand men of the children of Naphtali and of the children of Zebulun?
7 मैं तुम्हारे सामने याबीन की सेना के सेनापति सीसरा को उसके रथों और उसकी सेना समेत कीशोन नदी पर ले आऊंगा और उसे तुम्हारे अधीन कर दूंगा.’”
And I will draw unto thee to the brook Kishon Sisera, the captain of Jabin's army, with his chariots and his multitude; and I will deliver him into thy hand.
8 बाराक ने उसे उत्तर दिया, “यदि आप मेरे साथ चलेंगी तो मैं जाऊंगा, नहीं तो नहीं जाऊंगा.”
And Barak said unto her: 'If thou wilt go with me, then I will go; but if thou wilt not go with me, I will not go.'
9 दबोरा ने उसे उत्तर दिया, “मैं ज़रूर तुम्हारे साथ चलूंगी, लेकिन याद रहे, तुम जिस अभियान पर जा रहे हो, उसका श्रेय तुम्हें न मिलेगा, क्योंकि उस स्थिति में याहवेह सीसरा को एक स्त्री के अधीन कर देंगे.” इस प्रकार दबोरा ने बाराक के साथ केदेश के लिए कूच किया.
And she said: 'I will surely go with thee; notwithstanding the journey that thou takest shall not be for thy honour; for the LORD will give Sisera over into the hand of a woman.' And Deborah arose, and went with Barak to Kedesh.
10 बाराक ने केदेश के लिए ज़ेबुलून और नफताली के लोगों को बुला लिया. दस हज़ार पुरुष सैनिक उसके साथ हो लिए. दबोरा भी उनके साथ गई.
And Barak called Zebulun and Naphtali together to Kedesh; and there went up ten thousand men at his feet; and Deborah went up with him.
11 इस समय केनी हेबेर केनियों से अलग हो गया था. ये मोशेह के ससुर होबाब के वंशज थे. हेबेर ने अपनी छावनी सानन्नीम के बांज पेड़ के पास डाल रखी थी. यह स्थान केदेश के पास है.
Now Heber the Kenite had severed himself from the Kenites, even from the children of Hobab the father-in-law of Moses, and had pitched his tent as far as Elon-bezaanannim, which is by Kedesh.
12 जब सीसरा को सूचना दी गई कि अबीनोअम का पुत्र बाराक ताबोर पर्वत पर पहुंच गया है,
And they told Sisera that Barak the son of Abinoam was gone up to mount Tabor.
13 उसने हरोशेथ-हग्गोयिम से लेकर कीशोन नदी तक अपने नौ सौ लोहे के रथों और सभी सैनिकों को इकट्ठा कर लिया.
And Sisera gathered together all his chariots, even nine hundred chariots of iron, and all the people that were with him, from Harosheth-goiim, unto the brook Kishon.
14 दबोरा ने बाराक को आदेश दिया, “उठो! आज ही वह दिन है, जिसमें याहवेह ने सीसरा को तुम्हारे अधीन कर दिया है. देख लो, याहवेह तुम्हारे आगे जा चुके हैं?” तब बाराक दस हज़ार लोगों को लेकर ताबोर पर्वत से नीचे उत्तर गया.
And Deborah said unto Barak: 'Up; for this is the day in which the LORD hath delivered Sisera into thy hand; is not the LORD gone out before thee?' So Barak went down from mount Tabor, and ten thousand men after him.
15 याहवेह ने बाराक की तलवार की धार से सीसरा, उसके सभी रथ तथा उसकी पूरी सेना को हरा दिया. सीसरा अपने रथ से उतर गया और पैदल ही भाग गया.
And the LORD discomfited Sisera, and all his chariots, and all his host, with the edge of the sword before Barak; and Sisera alighted from his chariot, and fled away on his feet.
16 बाराक ने हरोशेथ-हग्गोयिम तक रथों और सेना का पीछा किया. सीसरा की पूरी सेना तलवार का कौर हो गई एक भी सैनिक न बच पाया.
But Barak pursued after the chariots, and after the host, unto Harosheth-goiim; and all the host of Sisera fell by the edge of the sword; there was not a man left.
17 सीसरा पैदल ही भागते हुए केनी हेबेर की पत्नी याएल की छावनी में जा पहुंचा, क्योंकि हाज़ोर के राजा याबीन तथा केनी हेबेर के परिवारों के बीच शांति की वाचा थी.
Howbeit Sisera fled away on his feet to the tent of Jael the wife of Heber the Kenite; for there was peace between Jabin the king of Hazor and the house of Heber the Kenite.
18 याएल सीसरा से भेंटकरने आई और उससे कहा, “मेरे स्वामी, मेरे निकट आइए, मेरे निकट आइए. डरिए मत.” सीसरा उसकी छावनी के अंदर चला गया. याएल ने उसे एक कंबल ओढ़ा दिया.
And Jael went out to meet Sisera, and said unto him: 'Turn in, my lord, turn in to me; fear not.' And he turned in unto her into the tent, and she covered him with a rug.
19 सीसरा ने उससे विनती की, “कृपा कर मुझे पीने के लिए थोड़ा पानी दो. मैं प्यासा हूं.” उसने उसे दूध का बर्तन खोलकर उसे पीने दिया; दोबारा कंबल ओढ़ा दिया.
And he said unto her: 'Give me, I pray thee, a little water to drink; for I am thirsty.' And she opened a bottle of milk, and gave him drink, and covered him.
20 सीसरा ने याएल से कहा, “तंबू के दरवाज़े पर खड़ी रहना. यदि कोई तुमसे पूछे, ‘अंदर कोई है?’ तुम कह देना, ‘नहीं.’”
And he said unto her: 'Stand in the door of the tent, and it shall be, when any man doth come and inquire of thee, and say: Is there any man here? that thou shalt say: No.'
21 मगर हेबेर की पत्नी ने छावनी की एक खूंटी और एक हथौड़ी उठाई, और चुपके से जाकर वह खूंटी उसकी कनपटी में ठोक दी. खूंटी उसके सिर से पार निकलकर ज़मीन में धंस गई और उसकी मृत्यु हो गई. वह बहुत ही थक कर गहरी नींद में सोया हुआ था.
Then Jael Heber's wife took a tent-pin, and took a hammer in her hand, and went softly unto him, and smote the pin into his temples, and it pierced through into the ground; for he was in a deep sleep; so he swooned and died.
22 जब बाराक सीसरा का पीछा करता हुआ वहां आया, याएल उससे भेंटकरने तंबू के बाहर निकल आई और उससे कहा, “यहां आइए, मैं आपको वह आदमी दिखाऊंगी, जिसे आप ढूंढ़ रहे हैं.” बाराक उसके साथ अंदर गया और देखा कि सीसरा वहां मरा पड़ा हुआ था, और तंबू की खूंटी उसकी कनपटी में धंसी हुई थी.
And, behold, as Barak pursued Sisera, Jael came out to meet him, and said unto him: 'Come, and I will show thee the man whom thou seekest.' And he came unto her; and, behold, Sisera lay dead, and the tent-pin was in his temples.
23 उस दिन परमेश्वर ने कनान के राजा याबीन को इस्राएलियों के सामने हरा दिया.
So God subdued on that day Jabin the king of Canaan before the children of Israel.
24 इसके बाद इस्राएली कनान के राजा याबीन पर लगातार सामर्थ्यी ही होते चले गए और अंत में उन्होंने कनान के राजा याबीन को खत्म ही कर दिया.
And the hand of the children of Israel prevailed more and more against Jabin the king of Canaan, until they had destroyed Jabin king of Canaan.