< न्यायियों 20 >

1 फलस्वरूप दान से बेअरशेबा तक सारे इस्राएली, जिनमें गिलआदवासी भी शामिल थे, बाहर निकल आए. उन्होंने एकजुट होकर मिज़पाह में याहवेह के सामने सभा रखी.
וַיֵּצְאוּ֮ כָּל־בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵל֒ וַתִּקָּהֵ֨ל הָעֵדָ֜ה כְּאִ֣ישׁ אֶחָ֗ד לְמִדָּן֙ וְעַד־בְּאֵ֣ר שֶׁ֔בַע וְאֶ֖רֶץ הַגִּלְעָ֑ד אֶל־יְהוָ֖ה הַמִּצְפָּֽה׃
2 लोगों के सभी प्रमुखों और यहां तक के सभी गोत्रों के प्रमुखों ने, जो तलवार चलाने में निपुण चार लाख पैदल सैनिक थे, परमेश्वर के लोगों की इस सभा में एक प्रण लिया.
וַיִּֽתְיַצְּב֞וּ פִּנּ֣וֹת כָּל־הָעָ֗ם כֹּ֚ל שִׁבְטֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל בִּקְהַ֖ל עַ֣ם הָאֱלֹהִ֑ים אַרְבַּ֨ע מֵא֥וֹת אֶ֛לֶף אִ֥ישׁ רַגְלִ֖י שֹׁ֥לֵֽף חָֽרֶב׃ פ
3 यहां बिन्यामिन वंशजों ने यह सुन लिया था कि इस्राएल वंशज मिज़पाह में इकट्ठा हुए हैं. इस्राएलियों ने उस लेवी से पूछा, “हमें बताओ, यह कुकर्म हुआ कैसे?”
וַֽיִּשְׁמְעוּ֙ בְּנֵ֣י בִנְיָמִ֔ן כִּֽי־עָל֥וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל הַמִּצְפָּ֑ה וַיֹּֽאמְרוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל דַּבְּר֕וּ אֵיכָ֥ה נִהְיְתָ֖ה הָרָעָ֥ה הַזֹּֽאת׃
4 जिस स्त्री की हत्या कर दी गई थी, उसका पति, जो लेवी था, कहने लगा, “यात्रा करते हुए में अपनी उप-पत्नी के साथ गिबियाह पहुंचा, जो बिन्यामिन प्रदेश में है, जहां हमें रात बितानी ज़रूरी हो गई थी.
וַיַּ֜עַן הָאִ֣ישׁ הַלֵּוִ֗י אִ֛ישׁ הָאִשָּׁ֥ה הַנִּרְצָחָ֖ה וַיֹּאמַ֑ר הַגִּבְעָ֙תָה֙ אֲשֶׁ֣ר לְבִנְיָמִ֔ן בָּ֛אתִי אֲנִ֥י וּפִֽילַגְשִׁ֖י לָלֽוּן׃
5 मगर गिबियाह के पुरुष मेरे विरुद्ध चढ़ आए और उन्होंने रात में मेरे कारण उस घर को घेर लिया. वे तो मेरी हत्या करना चाह रहे थे, किंतु उन्होंने मेरी उप-पत्नी के साथ बलात्कार किया, फलस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई.
וַיָּקֻ֤מוּ עָלַי֙ בַּעֲלֵ֣י הַגִּבְעָ֔ה וַיָּסֹ֧בּוּ עָלַ֛י אֶת־הַבַּ֖יִת לָ֑יְלָה אוֹתִי֙ דִּמּ֣וּ לַהֲרֹ֔ג וְאֶת־פִּילַגְשִׁ֥י עִנּ֖וּ וַתָּמֹֽת׃
6 मैंने अपनी उप-पत्नी के शव को लिया, उसके टुकड़े किए और उसके इन टुकड़ों को इस्राएल के सभी प्रदेशों में भेज दिया, क्योंकि उन्होंने इस्राएल में यह कामुक, शर्मनाक काम किया है.
וָֽאֹחֵ֤ז בְּפִֽילַגְשִׁי֙ וָֽאֲנַתְּחֶ֔הָ וָֽאֲשַׁלְּחֶ֔הָ בְּכָל־שְׂדֵ֖ה נַחֲלַ֣ת יִשְׂרָאֵ֑ל כִּ֥י עָשׂ֛וּ זִמָּ֥ה וּנְבָלָ֖ה בְּיִשְׂרָאֵֽל׃
7 इस्राएल के सभी वंशजों, इस विषय में अपनी राय और सलाह दीजिए.”
הִנֵּ֥ה כֻלְּכֶ֖ם בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל הָב֥וּ לָכֶ֛ם דָּבָ֥ר וְעֵצָ֖ה הֲלֹֽם׃
8 सारी प्रजा एकजुट हो गई. उन्होंने निश्चय किया, “हममें से कोई भी न तो अपने तंबू को और न ही अपने घर को लौटेगा.
וַיָּ֙קָם֙ כָּל־הָעָ֔ם כְּאִ֥ישׁ אֶחָ֖ד לֵאמֹ֑ר לֹ֤א נֵלֵךְ֙ אִ֣ישׁ לְאָהֳל֔וֹ וְלֹ֥א נָס֖וּר אִ֥ישׁ לְבֵיתֽוֹ׃
9 गिबियाह के संबंध में हमारा निर्णय है कि पासा फेंकने के द्वारा हम मालूम करेंगे कि गिबियाह पर आक्रमण के लिए कौन जाएगा.
וְעַתָּ֕ה זֶ֣ה הַדָּבָ֔ר אֲשֶׁ֥ר נַעֲשֶׂ֖ה לַגִּבְעָ֑ה עָלֶ֖יהָ בְּגוֹרָֽל׃
10 हम इस्राएल के हर एक गोत्र से सौ में से दस व्यक्ति अपने साथ ले लेंगे, अर्थात् एक हज़ार में से एक सौ, अर्थात् दस हज़ार में से एक हज़ार, कि वे सेना के खाने-पीने की व्यवस्था करें. जब वे सेना बिन्यामिन प्रदेश के गेबा में पहुंचे, वे उन्हें इस्राएल देश में किए गए सभी शर्मनाक कामों के लिए दंड दें.”
וְלָקַ֣חְנוּ עֲשָׂרָה֩ אֲנָשִׁ֨ים לַמֵּאָ֜ה לְכֹ֣ל ׀ שִׁבְטֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל וּמֵאָ֤ה לָאֶ֙לֶף֙ וְאֶ֣לֶף לָרְבָבָ֔ה לָקַ֥חַת צֵדָ֖ה לָעָ֑ם לַעֲשׂ֗וֹת לְבוֹאָם֙ לְגֶ֣בַע בִּנְיָמִ֔ן כְּכָל־הַ֨נְּבָלָ֔ה אֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה בְּיִשְׂרָאֵֽל׃
11 इस प्रकार इस्राएल के सारे योद्धाओं ने एकजुट होकर इस नगर को घेर लिया.
וַיֵּֽאָסֵ֞ף כָּל־אִ֤ישׁ יִשְׂרָאֵל֙ אֶל־הָעִ֔יר כְּאִ֥ישׁ אֶחָ֖ד חֲבֵרִֽים׃ פ
12 तब इस्राएल के गोत्रों ने सारे बिन्यामिन गोत्र के लिए अपने प्रतिनिधियों द्वारा यह संदेश भेजा, “तुम्हारे बीच यह कैसा दुष्टता भरा काम किया गया है?
וַֽיִּשְׁלְח֞וּ שִׁבְטֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ אֲנָשִׁ֔ים בְּכָל־שִׁבְטֵ֥י בִנְיָמִ֖ן לֵאמֹ֑ר מָ֚ה הָרָעָ֣ה הַזֹּ֔את אֲשֶׁ֥ר נִהְיְתָ֖ה בָּכֶֽם׃
13 गिबियाह में रह रहे उन निकम्मे व्यक्तियों को हमें सौंप दो, कि हम उन्हें मृत्यु दंड दें, और इस्राएल में हुई इस दुष्टता को मिटा डाले.” मगर बिन्यामिन वंशजों ने अपने इस्राएली भाइयों की एक न सुनी.
וְעַתָּ֡ה תְּנוּ֩ אֶת־הָאֲנָשִׁ֨ים בְּנֵֽי־בְלִיַּ֜עַל אֲשֶׁ֤ר בַּגִּבְעָה֙ וּנְמִיתֵ֔ם וּנְבַעֲרָ֥ה רָעָ֖ה מִיִּשְׂרָאֵ֑ל וְלֹ֤א אָבוּ֙בְּנֵ֣י בִּנְיָמִ֔ן לִשְׁמֹ֕עַ בְּק֖וֹל אֲחֵיהֶ֥ם בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵֽל׃
14 बिन्यामिन वंशज अपने-अपने नगरों से आकर गिबियाह में इकट्‍ठे हुए कि वे इस्राएल वंशजों से युद्ध करें.
וַיֵּאָסְפ֧וּ בְנֵֽי־בִנְיָמִ֛ן מִן־הֶעָרִ֖ים הַגִּבְעָ֑תָה לָצֵ֥את לַמִּלְחָמָ֖ה עִם־בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃
15 उस दिन विभिन्‍न नगरों से बिन्यामिन के तलवार चलाने में निपुण जो योद्धा इकट्‍ठे हुए, उनकी गिनती छब्बीस हज़ार थी. इनके अलावा गिबियाह नगर के ही सात सौ योद्धा इनमें शामिल हो गए.
וַיִּתְפָּֽקְדוּ֩ בְנֵ֨י בִנְיָמִ֜ן בַּיּ֤וֹם הַהוּא֙ מֵהֶ֣עָרִ֔ים עֶשְׂרִ֨ים וְשִׁשָּׁ֥ה אֶ֛לֶף אִ֖ישׁ שֹׁ֣לֵֽף חָ֑רֶב לְ֠בַד מִיֹּשְׁבֵ֤י הַגִּבְעָה֙ הִתְפָּ֣קְד֔וּ שְׁבַ֥ע מֵא֖וֹת אִ֥ישׁ בָּחֽוּר׃
16 इनमें सात सौ शूर योद्धा ऐसे थे, जो अपने बाएं हाथ के इस्तेमाल के प्रवीण थे. इनमें से हर व्यक्ति एक बाल तक पर भी अचूक निशाना साध सकता था.
מִכֹּ֣ל ׀ הָעָ֣ם הַזֶּ֗ה שְׁבַ֤ע מֵאוֹת֙ אִ֣ישׁ בָּח֔וּר אִטֵּ֖ר יַד־יְמִינ֑וֹ כָּל־זֶ֗ה קֹלֵ֧עַ בָּאֶ֛בֶן אֶל־הַֽשַּׂעֲרָ֖ה וְלֹ֥א יַחֲטִֽא׃ פ
17 दूसरी ओर बिन्यामिन वंशजों के अलावा इस्राएली सेना में चार लाख कुशल शूर योद्धा थे.
וְאִ֨ישׁ יִשְׂרָאֵ֜ל הִתְפָּֽקְד֗וּ לְבַד֙ מִבִּנְיָמִ֔ן אַרְבַּ֨ע מֵא֥וֹת אֶ֛לֶף אִ֖ישׁ שֹׁ֣לֵֽף חָ֑רֶב כָּל־זֶ֖ה אִ֥ישׁ מִלְחָמָֽה׃
18 सारी इस्राएली सेना बेथेल गई कि परमेश्वर की इच्छा जान सके. उन्होंने परमेश्वर से पूछा, “बिन्यामिन वंशजों से युद्ध करने सबसे पहले हमारी ओर से कौन जाएगा?” याहवेह ने उत्तर दिया, “सबसे पहले यहूदाह का जाना सही होगा.”
וַיָּקֻ֜מוּ וַיַּעֲל֣וּ בֵֽית־אֵל֮ וַיִּשְׁאֲל֣וּ בֵאלֹהִים֒ וַיֹּֽאמְרוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל מִ֚י יַעֲלֶה־לָּ֣נוּ בַתְּחִלָּ֔ה לַמִּלְחָמָ֖ה עִם־בְּנֵ֣י בִנְיָמִ֑ן וַיֹּ֥אמֶר יְהוָ֖ה יְהוּדָ֥ה בַתְּחִלָּֽה׃
19 इसलिये इस्राएल वंशजों ने बड़े तड़के जाकर गिबियाह के विरुद्ध पड़ाव डाला.
וַיָּק֥וּמוּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל בַּבֹּ֑קֶר וַיַּֽחֲנ֖וּ עַל־הַגִּבְעָֽה׃ פ
20 इस्राएल वंशज बिन्यामिन के विरुद्ध युद्ध के लिए निकले. उन्होंने गिबियाह के विरुद्ध युद्ध के लिए मोर्चा बांध दिया.
וַיֵּצֵא֙ אִ֣ישׁ יִשְׂרָאֵ֔ל לַמִּלְחָמָ֖ה עִם־בִּנְיָמִ֑ן וַיַּעַרְכ֨וּ אִתָּ֧ם אִֽישׁ־יִשְׂרָאֵ֛ל מִלְחָמָ֖ה אֶל־הַגִּבְעָֽה׃
21 बिन्यामिन के सैनिक गिबियाह नगर से बाहर आए और इस्राएल के बाईस हज़ार योद्धाओं को मार गिराया.
וַיֵּצְא֥וּ בְנֵֽי־בִנְיָמִ֖ן מִן־הַגִּבְעָ֑ה וַיַּשְׁחִ֨יתוּ בְיִשְׂרָאֵ֜ל בַּיּ֣וֹם הַה֗וּא שְׁנַ֨יִם וְעֶשְׂרִ֥ים אֶ֛לֶף אִ֖ישׁ אָֽרְצָה׃
22 किंतु इस्राएल के सैनिकों ने अपना मनोबल बनाए रखते हुए दूसरे दिन भी उसी स्थान पर मोर्चा लिया, जहां पहले दिन लिया था.
וַיִּתְחַזֵּ֥ק הָעָ֖ם אִ֣ישׁ יִשְׂרָאֵ֑ל וַיֹּסִ֙פוּ֙ לַעֲרֹ֣ךְ מִלְחָמָ֔ה בַּמָּק֕וֹם אֲשֶׁר־עָ֥רְכוּ שָׁ֖ם בַּיּ֥וֹם הָרִאשֽׁוֹן׃
23 इस्राएल वंशज जाकर शाम तक याहवेह के सामने रोते रहे. उन्होंने याहवेह से पूछा, “क्या हम अपने बंधु बिन्यामिन वंशजों पर दोबारा हमला करें?” याहवेह ने उन्हें उत्तर दिया, “जाकर उन पर हमला करो.”
וַיַּעֲל֣וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֗ל וַיִּבְכּ֣וּ לִפְנֵֽי־יְהוָה֮ עַד־הָעֶרֶב֒ וַיִּשְׁאֲל֤וּ בַֽיהוָה֙ לֵאמֹ֔ר הַאוֹסִ֗יף לָגֶ֙שֶׁת֙ לַמִּלְחָמָ֔ה עִם־בְּנֵ֥י בִנְיָמִ֖ן אָחִ֑י וַיֹּ֥אמֶר יְהוָ֖ה עֲל֥וּ אֵלָֽיו׃ פ
24 दूसरे दिन इस्राएल वंशजों ने बिन्यामिन वंशजों पर हमला कर दिया.
וַיִּקְרְב֧וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֛ל אֶל־בְּנֵ֥י בִנְיָמִ֖ן בַּיּ֥וֹם הַשֵּׁנִֽי׃
25 गिबियाह नगर से बिन्यामिन वंशजों ने बाहर जाकर इस्राएली सेना के अठारह हज़ार सैनिकों को मार गिराया. ये सभी तलवार चलाने में कुशल थे.
וַיֵּצֵא֩ בִנְיָמִ֨ן ׀ לִקְרָאתָ֥ם ׀ מִֽן־הַגִּבְעָה֮ בַּיּ֣וֹם הַשֵּׁנִי֒ וַיַּשְׁחִיתוּ֩ בִבְנֵ֨י יִשְׂרָאֵ֜ל ע֗וֹד שְׁמֹנַ֨ת עָשָׂ֥ר אֶ֛לֶף אִ֖ישׁ אָ֑רְצָה כָּל־אֵ֖לֶּה שֹׁ֥לְפֵי חָֽרֶב׃
26 इसलिये इस्राएल वंशज और सभी प्रजा के लोग बेथेल गए और वहां जाकर रोते रहे. वे सारे दिन शाम तक याहवेह के सामने भूखे रहे. वहां उन्होंने याहवेह को होमबलि और मेल बलि भेंट की.
וַיַּעֲל֣וּ כָל־בְּנֵי֩ יִשְׂרָאֵ֨ל וְכָל־הָעָ֜ם וַיָּבֹ֣אוּ בֵֽית־אֵ֗ל וַיִּבְכּוּ֙ וַיֵּ֤שְׁבוּ שָׁם֙ לִפְנֵ֣י יְהוָ֔ה וַיָּצ֥וּמוּ בַיּוֹם־הַה֖וּא עַד־הָעָ֑רֶב וַֽיַּעֲל֛וּ עֹל֥וֹת וּשְׁלָמִ֖ים לִפְנֵ֥י יְהוָֽה׃
27 इस्राएल वंशजों ने याहवेह से प्रश्न किया. (उन दिनों परमेश्वर के वाचा का संदूक बेथेल में ही था.)
וַיִּשְׁאֲל֥וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל בַּֽיהוָ֑ה וְשָׁ֗ם אֲרוֹן֙ בְּרִ֣ית הָאֱלֹהִ֔ים בַּיָּמִ֖ים הָהֵֽם׃
28 अहरोन का पोता, एलिएज़र का पुत्र फिनिहास संदूक के सामने सेवा के लिए चुना गया था. इस्राएल वंशजों ने याहवेह से पूछा, “क्या हम अब भी अपने बंधु बिन्यामिन पर हमला करने जाएं या यह विचार त्याग दें?” याहवेह ने उत्तर दिया, “जाओ, कल मैं उन्हें तुम्हारे हाथों में सौंप दूंगा.”
וּ֠פִינְחָס בֶּן־אֶלְעָזָ֨ר בֶּֽן־אַהֲרֹ֜ן עֹמֵ֣ד ׀ לְפָנָ֗יו בַּיָּמִ֣ים הָהֵם֮ לֵאמֹר֒ הַאוֹסִ֨ף ע֜וֹד לָצֵ֧את לַמִּלְחָמָ֛ה עִם־בְּנֵֽי־בִנְיָמִ֥ן אָחִ֖י אִם־אֶחְדָּ֑ל וַיֹּ֤אמֶר יְהוָה֙ עֲל֔וּ כִּ֥י מָחָ֖ר אֶתְּנֶ֥נּוּ בְיָדֶֽךָ׃
29 फिर इस्राएल ने गिबियाह नगर के आस-पास सैनिकों को घात लगाने के लिए बैठा दिया.
וַיָּ֤שֶׂם יִשְׂרָאֵל֙ אֹֽרְבִ֔ים אֶל־הַגִּבְעָ֖ה סָבִֽיב׃ פ
30 तीसरे दिन इस्राएल वंशजों ने बिन्यामिन वंशजों पर हमला करने के लिए गिबियाह के विरुद्ध मोर्चा बांधा, जैसा उन्होंने इसके पहले भी किये थे.
וַיַּעֲל֧וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֛ל אֶל־בְּנֵ֥י בִנְיָמִ֖ן בַּיּ֣וֹם הַשְּׁלִישִׁ֑י וַיַּעַרְכ֥וּ אֶל־הַגִּבְעָ֖ה כְּפַ֥עַם בְּפָֽעַם׃
31 जब बिन्यामिन वंशज उनकी सेना पर हमला करने बाहर आए, पीछे हटती इस्राएली सेना उन्हें नगर से दूर ले जाने लगी. बिन्यामिन वंशज इस्राएली सैनिकों पर पहले जैसे ही वार करने लगे. प्रमुख मार्गों पर, जो बेथेल तथा गिबियाह को जाते थे, तथा खेतों में लगभग तीस इस्राएली सैनिक मार डालें गए.
וַיֵּצְא֤וּ בְנֵֽי־בִנְיָמִן֙ לִקְרַ֣את הָעָ֔ם הָנְתְּק֖וּ מִן־הָעִ֑יר וַיָּחֵ֡לּוּ לְהַכּוֹת֩ מֵהָעָ֨ם חֲלָלִ֜ים כְּפַ֣עַם ׀ בְּפַ֗עַם בַּֽמְסִלּוֹת֙ אֲשֶׁ֨ר אַחַ֜ת עֹלָ֣ה בֵֽית־אֵ֗ל וְאַחַ֤ת גִּבְעָ֙תָה֙ בַּשָּׂדֶ֔ה כִּשְׁלֹשִׁ֥ים אִ֖ישׁ בְּיִשְׂרָאֵֽל׃
32 बिन्यामिन वंशजों का विचार था, “पहले जैसे ही वे हमारे सामने मार गिराए जा रहे हैं.” मगर इस्राएली सैनिकों ने कहा, “आओ, हम भागना शुरू करें कि उन्हें नगर से दूर मुख्य मार्गों पर ले आएं.”
וַיֹּֽאמְרוּ֙ בְּנֵ֣י בִנְיָמִ֔ן נִגָּפִ֥ים הֵ֛ם לְפָנֵ֖ינוּ כְּבָרִאשֹׁנָ֑ה וּבְנֵ֧י יִשְׂרָאֵ֣ל אָמְר֗וּ נָנ֙וּסָה֙ וּֽנְתַקְּנֻ֔הוּ מִן־הָעִ֖יר אֶל־הַֽמְסִלּֽוֹת׃
33 तब सभी इस्राएली सैनिक अपने-अपने स्थानों से निकलकर बाल-तामार नामक स्थान पर युद्ध में शामिल हो गए. वे भी, जो घात लगाए बैठे थे, बाहर निकल आए, वे भी जो मआरोह-गीबा में थे.
וְכֹ֣ל ׀ אִ֣ישׁ יִשְׂרָאֵ֗ל קָ֚מוּ מִמְּקוֹמ֔וֹ וַיַּעַרְכ֖וּ בְּבַ֣עַל תָּמָ֑ר וְאֹרֵ֧ב יִשְׂרָאֵ֛ל מֵגִ֥יחַ מִמְּקֹמ֖וֹ מִמַּֽעֲרֵה־גָֽבַע׃
34 जब सारे इस्राएल से चुने गए दस हज़ार सैनिकों ने गिबियाह पर हमला किया, युद्ध बहुत ही प्रचंड हो गया; मगर बिन्यामिन वंशजों को यह तनिक भी अहसास न था कि महाविनाश उनके पास आ चुका था.
וַיָּבֹאוּ֩ מִנֶּ֨גֶד לַגִּבְעָ֜ה עֲשֶׂרֶת֩ אֲלָפִ֨ים אִ֤ישׁ בָּחוּר֙ מִכָּל־יִשְׂרָאֵ֔ל וְהַמִּלְחָמָ֖ה כָּבֵ֑דָה וְהֵם֙ לֹ֣א יָדְע֔וּ כִּֽי־נֹגַ֥עַת עֲלֵיהֶ֖ם הָרָעָֽה׃ פ
35 याहवेह ने इस्राएल के सामने बिन्यामिन को मार गिराया. उस दिन इस्राएल ने पच्चीस हज़ार एक सौ बिन्यामिनी सैनिकों को मार गिराया. ये सभी तलवार चलाने में निपुण थे.
וַיִּגֹּ֨ף יְהוָ֥ה ׀ אֶֽת־בִּנְיָמִן֮ לִפְנֵ֣י יִשְׂרָאֵל֒ וַיַּשְׁחִיתוּ֩ בְנֵ֨י יִשְׂרָאֵ֤ל בְּבִנְיָמִן֙ בַּיּ֣וֹם הַה֔וּא עֶשְׂרִ֨ים וַחֲמִשָּׁ֥ה אֶ֛לֶף וּמֵאָ֖ה אִ֑ישׁ כָּל־אֵ֖לֶּה שֹׁ֥לֵף חָֽרֶב׃
36 बिन्यामिन वंशजों को अपनी पराजय स्वीकार करनी पड़ी. जब इस्राएली सैनिक बिन्यामिन वंशजों से पीछे हट गये, क्योंकि वे पूरी तरह उन सैनिकों पर निर्भर थे, जो गिबियाह के विरुद्ध घात लगाए बैठे हुए थे,
וַיִּרְא֥וּ בְנֵֽי־בִנְיָמִ֖ן כִּ֣י נִגָּ֑פוּ וַיִּתְּנ֨וּ אִֽישׁ־יִשְׂרָאֵ֤ל מָקוֹם֙ לְבִנְיָמִ֔ן כִּ֤י בָֽטְחוּ֙ אֶל־הָ֣אֹרֵ֔ב אֲשֶׁר שָׂ֖מוּ אֶל־הַגִּבְעָֽה׃
37 तब घात लगाए सैनिक बड़ी ही तेजी से गिबियाह नगर पर टूट पड़े. वे सारे नगर में फैल गए और पूरे नगर को तलवार से मार डाला.
וְהָאֹרֵ֣ב הֵחִ֔ישׁוּ וַֽיִּפְשְׁט֖וּ אֶל־הַגִּבְעָ֑ה וַיִּמְשֹׁךְ֙ הָאֹרֵ֔ב וַיַּ֥ךְ אֶת־כָּל־הָעִ֖יר לְפִי־חָֽרֶב׃
38 इस्राएली सैनिकों और घात लगाए सैनिकों के बीच पहले से तय किया गया संकेत यह था कि वे नगर में आग लगाकर धुएं का बहुत बड़ा बादल उठाएंगे,
וְהַמּוֹעֵ֗ד הָיָ֛ה לְאִ֥ישׁ יִשְׂרָאֵ֖ל עִם־הָאֹרֵ֑ב הֶ֕רֶב לְהַעֲלוֹתָ֛ם מַשְׂאַ֥ת הֶעָשָׁ֖ן מִן־הָעִֽיר׃
39 तब यह देखते ही इस्राएली सेना का प्रमुख दल को युद्ध-भूमि में लौट आना है. बिन्यामिन सैनिकों ने लगभग तीस इस्राएली सैनिकों को मार गिराया था. उनका विचार था, “निश्चित ही पहले के युद्ध के समान ये लोग हमसे हार चुके हैं.”
וַיַּהֲפֹ֥ךְ אִֽישׁ־יִשְׂרָאֵ֖ל בַּמִּלְחָמָ֑ה וּבִנְיָמִ֡ן הֵחֵל֩ לְהַכּ֨וֹת חֲלָלִ֤ים בְּאִֽישׁ־יִשְׂרָאֵל֙ כִּשְׁלֹשִׁ֣ים אִ֔ישׁ כִּ֣י אָמְר֔וּ אַךְ֩ נִגּ֨וֹף נִגָּ֥ף הוּא֙ לְפָנֵ֔ינוּ כַּמִּלְחָמָ֖ה הָרִאשֹׁנָֽה׃
40 मगर जैसे ही नगर के ऊपर धुएं का खंभा उठने लगा, बिन्यामिन वंशजों ने मुड़कर देखा कि पूरा नगर धुएं में आकाश की ओर उठ रहा है.
וְהַמַּשְׂאֵ֗ת הֵחֵ֛לָּה לַעֲל֥וֹת מִן־הָעִ֖יר עַמּ֣וּד עָשָׁ֑ן וַיִּ֤פֶן בִּנְיָמִן֙ אַחֲרָ֔יו וְהִנֵּ֛ה עָלָ֥ה כְלִיל־הָעִ֖יר הַשָּׁמָֽיְמָה׃
41 इस्राएली सैनिक पलट कर वार करने लगे और बिन्यामिन वंशज भयभीत हो गए, क्योंकि उन्हें साफ़ दिख रहा था कि उन पर महाविनाश आ पड़ा है.
וְאִ֤ישׁ יִשְׂרָאֵל֙ הָפַ֔ךְ וַיִּבָּהֵ֖ל אִ֣ישׁ בִּנְיָמִ֑ן כִּ֣י רָאָ֔ה כִּֽי־נָגְעָ֥ה עָלָ֖יו הָרָעָֽה׃
42 अब वे इस्राएली सेना को पीठ दिखाकर निर्जन प्रदेश की ओर भागने लगे; किंतु वे विनाश से बच न सके. उन्होंने, जो नगरों से निकल आए थे, उन्हें अपने बीच में मारना शुरू कर दिया.
וַיִּפְנ֞וּ לִפְנֵ֨י אִ֤ישׁ יִשְׂרָאֵל֙ אֶל־דֶּ֣רֶךְ הַמִּדְבָּ֔ר וְהַמִּלְחָמָ֖ה הִדְבִּיקָ֑תְהוּ וַאֲשֶׁר֙ מֵהֶ֣עָרִ֔ים מַשְׁחִיתִ֥ים אוֹת֖וֹ בְּתוֹכֽוֹ׃
43 उनका पीछा करते हुए उन्होंने बिन्यामिन वंशजों को घेर लिया, बिना रुके गिबियाह के पास पूर्व में, खदेड़ कर उन्हें रौंद डाला.
כִּתְּר֤וּ אֶת־בִּנְיָמִן֙ הִרְדִיפֻ֔הוּ מְנוּחָ֖ה הִדְרִיכֻ֑הוּ עַ֛ד נֹ֥כַח הַגִּבְעָ֖ה מִמִּזְרַח־שָֽׁמֶשׁ׃
44 इस युद्ध में बिन्यामिन के अट्ठारह हज़ार सैनिक गिरे. ये सभी वीर योद्धा थे.
וַֽיִּפְּלוּ֙ מִבִּנְיָמִ֔ן שְׁמֹנָֽה־עָשָׂ֥ר אֶ֖לֶף אִ֑ישׁ אֶת־כָּל־אֵ֖לֶּה אַנְשֵׁי־חָֽיִל׃
45 बाकी पीठ दिखाकर निर्जन प्रदेश में रिम्मोन की चट्टान की ओर भागे, मगर इनमें से पांच हज़ार मुख्य मार्गों पर पकड़ लिए गए, और उन्हें गीदोम नामक स्थान पर पकड़कर उनमें से दो हज़ार का वध कर दिया गया.
וַיִּפְנ֞וּ וַיָּנֻ֤סוּ הַמִּדְבָּ֙רָה֙ אֶל־סֶ֣לַע הָֽרִמּ֔וֹן וַיְעֹֽלְלֻ֙הוּ֙ בַּֽמְסִלּ֔וֹת חֲמֵ֥שֶׁת אֲלָפִ֖ים אִ֑ישׁ וַיַּדְבִּ֤יקוּ אַחֲרָיו֙ עַד־גִּדְעֹ֔ם וַיַּכּ֥וּ מִמֶּ֖נּוּ אַלְפַּ֥יִם אִֽישׁ׃
46 इसलिये उस दिन वध किए सैनिकों की सारी गिनती पच्चीस हज़ार हो गई. से सभी कुशल हज़ार सैनिक थे-तलवार चलाने में निपुण.
וַיְהִי֩ כָל־הַנֹּ֨פְלִ֜ים מִבִּנְיָמִ֗ן עֶשְׂרִים֩ וַחֲמִשָּׁ֨ה אֶ֥לֶף אִ֛ישׁ שֹׁ֥לֵֽף חֶ֖רֶב בַּיּ֣וֹם הַה֑וּא אֶֽת־כָּל־אֵ֖לֶּה אַנְשֵׁי־חָֽיִל׃
47 मगर छः सौ सैनिक मुड़कर निर्जन प्रदेश में रिम्मोन की चट्टान की दिशा में भागे. वे रिम्मोन की चट्टान के निकट चार महीने तक रहते रहे.
וַיִּפְנ֞וּ וַיָּנֻ֤סוּ הַמִּדְבָּ֙רָה֙ אֶל־סֶ֣לַע הָֽרִמּ֔וֹן שֵׁ֥שׁ מֵא֖וֹת אִ֑ישׁ וַיֵּֽשְׁבוּ֙ בְּסֶ֣לַע רִמּ֔וֹן אַרְבָּעָ֖ה חֳדָשִֽׁים׃
48 तब इस्राएली सेना बिन्यामिन वंशजों के नगरों की ओर बढ़ें और सभी को तलवार से वध कर दिया. सारे नगर नाश कर दिए गए, उन्होंने जो भी मिला, नगरवासी और पशुओं सभी का वध कर दिया. उन्हें जितने नगर मिलते गए, वे उनमें आग लगाते चले गए.
וְאִ֨ישׁ יִשְׂרָאֵ֜ל שָׁ֣בוּ אֶל־בְּנֵ֤י בִנְיָמִן֙ וַיַּכּ֣וּם לְפִי־חֶ֔רֶב מֵעִ֤יר מְתֹם֙ עַד־בְּהֵמָ֔ה עַ֖ד כָּל־הַנִּמְצָ֑א גַּ֛ם כָּל־הֶעָרִ֥ים הַנִּמְצָא֖וֹת שִׁלְּח֥וּ בָאֵֽשׁ׃ פ

< न्यायियों 20 >