< न्यायियों 16 >
1 जब शिमशोन अज्जाह गया हुआ था, वहां उसकी नज़र एक वेश्या पर पड़ी, उसने उसके साथ संबंध बनाए.
参孙到了迦萨,在那里看见一个妓女,就与她亲近。
2 अज्जावासियों को बताया गया: “शिमशोन यहां आया हुआ है.” यह सुन उन्होंने उस स्थान को घेर लिया और सारी रात नगर के फाटक पर घात लगाए बैठे रहे. सारी रात वे चुपचाप रहे. उनकी योजना थी: “हम सुबह होने का इंतजार करेंगे, और भोर में हम उसकी हत्या कर देंगे.”
有人告诉迦萨人说:“参孙到这里来了!”他们就把他团团围住,终夜在城门悄悄埋伏,说:“等到天亮我们便杀他。”
3 शिमशोन आधी रात तक सोता रहा, फिर वह उठा, नगर द्वार के पल्लों को तथा दोनों मीनारों को पकड़ा, उन्हें उनकी छड़ों सहित उखाड़कर अपने कंधों पर रखा और उन्हें उस पहाड़ की चोटी पर ले गया, जो हेब्रोन के सामने है.
参孙睡到半夜,起来,将城门的门扇、门框、门闩,一齐拆下来,扛在肩上,扛到希伯 前的山顶上。
4 इसके बाद, कुछ समय में उसे सोरेक घाटी की एक स्त्री से प्रेम हो गया, जिसका नाम दलीलाह था.
后来,参孙在梭烈谷喜爱一个妇人,名叫大利拉。
5 फिलिस्तीनी के प्रधान दलीलाह से भेंटकरने आए और उसे आज्ञा दी, “उसे फुसला कर यह मालूम करो कि उसकी इस महान शक्ति का राज़ क्या है, और यह भी कि उसे कैसे बांधा जा सकता है, ताकि उसे वश में किया जाए. यह होने पर हमसे हर एक तुम्हें ग्यारह सौ चांदी के सिक्के देगा.”
非利士人的首领上去见那妇人,对她说:“求你诓哄参孙,探探他因何有这么大的力气,我们用何法能胜他,捆绑克制他。我们就每人给你一千一百舍客勒银子。”
6 दलीलाह ने शिमशोन से पूछा, “कृपया मुझे बताइए, आपकी महान शक्ति का राज़ क्या है, आपको दबाने के लिए किस प्रकार बांधा जा सकता है?”
大利拉对参孙说:“求你告诉我,你因何有这么大的力气,当用何法捆绑克制你。”
7 शिमशोन ने उसे उत्तर दिया, “यदि वे मुझे सात ऐसी तांतों से बांध दें, जिन्हें सुखाया नहीं गया है, तो मैं निर्बल हो जाऊंगा—किसी भी दूसरे मनुष्य के समान साधारण.”
参孙回答说:“人若用七条未干的青绳子捆绑我,我就软弱像别人一样。”
8 फिलिस्तीनी प्रधानों ने सात नई तांतें लाकर दलीलाह को दे दी, जो सुखाई नहीं गई थी. दलीलाह ने शिमशोन को इनसे बांध दिया.
于是非利士人的首领拿了七条未干的青绳子来,交给妇人,她就用绳子捆绑参孙。
9 उसने एक कमरे में कुछ व्यक्ति घात में बैठा रखे थे. वह चिल्लाई, “शिमशोन, फिलिस्तीनी तुम्हें पकड़ने आ रहे हैं!” किंतु शिमशोन ने उन तांतों को ऐसे तोड़ दिया जैसे आग लगते ही धागा टूट जाता है. उसका बल रहस्य ही बना रहा.
有人预先埋伏在妇人的内室里。妇人说:“参孙哪,非利士人拿你来了!”参孙就挣断绳子,如挣断经火的麻线一般。这样,他力气的根由人还是不知道。
10 दलीलाह ने शिमशोन से कहा, “देखिए, आपने मेरे साथ छल किया है. आपने झूठ कहा है. कृपया मुझे बताइए कि आपको किस प्रकार बांधा जा सकता है.”
大利拉对参孙说:“你欺哄我,向我说谎言。现在求你告诉我当用何法捆绑你。”
11 शिमशोन ने उसे उत्तर दिया, “यदि वे मुझे ऐसी रस्सियों से बांधें, जिनका उपयोग पहले किया नहीं गया है, मैं किसी भी अन्य व्यक्ति के समान निर्बल रह जाऊंगा.”
参孙回答说:“人若用没有使过的新绳捆绑我,我就软弱像别人一样。”
12 तब दलीलाह ने वैसा ही किया. उसने शिमशोन को नई रस्सियों से बांध दिया. यह करने के बाद वह चिल्लाई, “शिमशोन! फिलिस्तीनी तुम्हें पकड़ने आ रहे हैं!” ये लोग कमरे में इसकी प्रतीक्षा ही कर रहे थे. शिमशोन ने अपनी बाहों पर बांधी गई इन रस्सियों को ऐसे तोड़ दिया, मानो उसकी बांहें धागों से बांधी गई हों.
大利拉就用新绳捆绑他,对他说:“参孙哪,非利士人拿你来了!”有人预先埋伏在内室里。参孙将臂上的绳挣断了,如挣断一条线一样。
13 दलीलाह ने शिमशोन से कहा, “अब तक मेरे साथ झूठ और छल ही करते रहे हैं. मुझे बताइए आपको बांधा कैसे जा सकता है.” शिमशोन ने उसे उत्तर दिया, “यदि मेरी सात लटों को बुनकर खूंटी की सहायता से जकड़ दें, तो मैं निर्बल और किसी भी दूसरे व्यक्ति के समान हो जाऊंगा!”
大利拉对参孙说:“你到如今还是欺哄我,向我说谎言。求你告诉我,当用何法捆绑你。”参孙回答说:“你若将我头上的七条发绺,与纬线同织就可以了。”
14 सो जब शिमशोन सो रहा था, दलीलाह ने उसकी सात लटों को वस्त्र में बुन दिया और उन्हें खूंटी में फंसा दिया. फिर वह चिल्लाई, “शिमशोन आपको पकड़ने के लिए फिलिस्तीनी आ रहे हैं!” शिमशोन नींद से जाग उठा और करघे की खूंटी समेत वस्त्र को खींचकर ले गया.
于是大利拉将他的发绺与纬线同织,用橛子钉住,对他说:“参孙哪,非利士人拿你来了!”参孙从睡中醒来,将机上的橛子和纬线一齐都拔出来了。
15 तब दलीलाह ने शिमशोन से कहा, “यह कैसे संभव है कि आप मुझसे यह कहें, ‘मुझे तुमसे प्रेम है,’ जब आपका हृदय मेरे प्रति सच्चा ही नहीं है? तीन बार आपने मुझसे छल किया है, और मुझसे यह छिपाए रखा है कि आपकी अपार शक्ति का राज़ क्या है.”
大利拉对参孙说:“你既不与我同心,怎么说你爱我呢?你这三次欺哄我,没有告诉我,你因何有这么大的力气。”
16 तब वह उसे हर दिन सताने लगी. वह शिमशोन को इतना मजबूर करने लगी कि शिमशोन की नाक में दम आ गया.
大利拉天天用话催逼他,甚至他心里烦闷要死。
17 सो शिमशोन ने उसके सामने वह सब प्रकट कर दिया, जो उसके हृदय में था. उसने दलीलाह को बताया, “मैं अपनी माता के गर्भ से परमेश्वर के लिए नाज़ीर हूं. मेरे सिर पर कभी भी उस्तरा नहीं लगाया गया है. यदि उस्तरे से मेरे केश साफ़ कर दिए जाएं, तो मैं निर्बल होकर साधारण मनुष्य समान हो जाऊंगा.”
参孙就把心中所藏的都告诉了她,对她说:“向来人没有用剃头刀剃我的头,因为我自出母胎就归 神作拿细耳人;若剃了我的头发,我的力气就离开我,我便软弱像别人一样。”
18 जब दलीलाह को यह अहसास हुआ कि शिमशोन ने उस पर अपने हृदय के सारे राज़ बता दिए हैं, उसने फिलिस्तीनी प्रधानों को यह संदेश देते हुए बुलवा लिया, “एक बार और आ जाइए, क्योंकि उसने मुझे सारा राज़ बता दिया है.” तब फिलिस्तीनी प्रधान उसके पास आए और अपने साथ वे सिक्के भी ले आए.
大利拉见他把心中所藏的都告诉了她,就打发人到非利士人的首领那里,对他们说:“他已经把心中所藏的都告诉了我,请你们再上来一次。”于是非利士人的首领手里拿着银子,上到妇人那里。
19 उसने शिमशोन को अपने घुटनों पर सुला लिया, एक आदमी को बुलवाकर उसकी सात लटों पर उस्तरा चलवा दिया; शक्ति उसमें से जाती रही और दलीलाह उसे अपने वश में करने लगी!
大利拉使参孙枕着她的膝睡觉,叫了一个人来剃除他头上的七条发绺。于是大利拉克制他,他的力气就离开他了。
20 वह चिल्लाई, “शिमशोन, फिलिस्तीनी आपको पकड़ने आ रहे हैं!” वह अपनी नींद से जाग उठा. उसने सोचा, “इसके पहले के अवसरों के समान मैं अब भी एक झटके में स्वयं को आज़ाद कर लूंगा.” किंतु उसे यह मालूम ही न था कि याहवेह उसे छोड़ गए हैं.
大利拉说:“参孙哪,非利士人拿你来了!”参孙从睡中醒来,心里说:“我要像前几次出去活动身体”;他却不知道耶和华已经离开他了。
21 फिलिस्तीनी आए और उन्होंने उसे पकड़कर उसकी आंखें निकाल डालीं. वे उसे अज्जाह ले गए और उसे कांसे की बेड़ियों में जकड़ दिया. वह कारागार में चक्की चलाने लगा.
非利士人将他拿住,剜了他的眼睛,带他下到迦萨,用铜链拘索他;他就在监里推磨。
22 उसके सिर पर उस्तरा फेरे जाने के बाद अब उसके बाल दोबारा बढ़ने लगे.
然而他的头发被剃之后,又渐渐长起来了。
23 फिलिस्तीनी प्रधानों ने अपने देवता दागोन के सम्मान में आनंद उत्सव और विशेष बलि का आयोजन किया. उनका विचार था, “हमारे देवता ने हमारे शत्रु शिमशोन को हमारे हाथों में सौंप दिया है.”
非利士人的首领聚集,要给他们的神大衮献大祭,并且欢乐,因为他们说:“我们的神将我们的仇敌参孙交在我们手中了。”
24 जब लोगों ने शिमशोन को देखा, उन्होंने अपने देवता की स्तुति में कहा, “हमारे देवता ने हमारे शत्रु को हमारे वश में कर दिया है, वह हमारे देश को नाश करता रहा, उसने हमारी प्रजा के बहुतों को मार गिराया है.”
众人看见参孙,就赞美他们的神说:“我们的神将毁坏我们地、杀害我们许多人的仇敌交在我们手中了。”
25 जब वे इस प्रकार के उल्लास में लीन थे, उन्होंने प्रस्ताव किया, “शिमशोन को बुलवाया जाए कि वह हमारा मनोरंजन करे.” तब उन्होंने कारागार से शिमशोन को बुलवाया और वह उनका मनोरंजन करने लगा. उन्होंने शिमशोन को मीनारों के बीच में खड़ा कर दिया.
他们正宴乐的时候,就说:“叫参孙来,在我们面前戏耍戏耍。”于是将参孙从监里提出来,他就在众人面前戏耍。他们使他站在两柱中间。
26 वहां शिमशोन ने उस बालक से कहा, जो उसे चलाने के लिए उसका हाथ पकड़ा करता था, “मुझे उन मीनारों को छूने दो, जिन पर यह भवन टिका है, कि मैं उनका टेक ले सकूं.”
参孙向拉他手的童子说:“求你让我摸着托房的柱子,我要靠一靠。”
27 इस समय वह भवन स्त्री-पुरुषों से भरा हुआ था, सभी फिलिस्तीनी शासक भी वहीं थे. छत पर लगभग तीन हज़ार स्त्री-पुरुष शिमशोन द्वारा किया जा रहा मनोरंजन का कार्य देख रहे थे.
那时房内充满男女,非利士人的众首领也都在那里。房的平顶上约有三千男女观看参孙戏耍。
28 जब शिमशोन ने याहवेह की यह दोहाई दी, “प्रभु याहवेह, कृपा कर मुझे याद कीजिए. परमेश्वर, बस एक ही बार मुझे शक्ति दे दीजिए, कि मैं फिलिस्तीनियों से अपनी दोनो आंखों का बदला ले सकूं.”
参孙求告耶和华说:“主耶和华啊,求你眷念我。 神啊,求你赐我这一次的力量,使我在非利士人身上报那剜我双眼的仇。”
29 शिमशोन ने दो बीच के मीनारों को पकड़ लिया, जिन पर पूरा भवन टिका था. उसने उन्हें मजबूती से जकड़ कर उन पर अपना सारा बोझ डाल दिया. उसका दायां हाथ एक खंभे को तथा बायां हाथ दूसरे को पकड़ा हुआ था.
参孙就抱住托房的那两根柱子:左手抱一根,右手抱一根,
30 शिमशोन ने विचार किया, “सही होगा कि मेरी मृत्यु फिलिस्तीनियों के साथ ही हो जाए!” वह अपनी पूरी शक्ति लगाकर झुक गया. तब यह हुआ कि वह भवन, प्रधानों और वहां जमा हुआ लोगों पर आ गिरा. इस प्रकार उनकी गिनती, जिनकी हत्या शिमशोन ने स्वयं अपनी मृत्यु के साथ की थी, उनसे अधिक हो गई, जिनकी हत्या शिमशोन ने अपने जीवन भर में की थी.
说:“我情愿与非利士人同死!”就尽力屈身,房子倒塌,压住首领和房内的众人。这样,参孙死时所杀的人比活着所杀的还多。
31 तब उसके भाई और उसके पिता के परिवार के सभी सदस्य वहां आ गए और उसे वहां से उठाकर ज़ोराह तथा एशताओल के बीच उसके पिता मानोहा की गुफा की कब्र में ले जाकर रख दिया. शिमशोन ने बीस साल इस्राएल का शासन किया था.
参孙的弟兄和他父的全家都下去取他的尸首,抬上来葬在琐拉和以实陶中间,在他父玛挪亚的坟墓里。参孙作以色列的士师二十年。