< न्यायियों 12 >

1 तब एफ्राईमवासियों ने सेना इकट्ठा किया. उन्होंने ज़ेफोन जाकर यिफ्ताह से यह कहके झगड़ा किया, “क्या मतलब था आपका हमें अपने साथ लिए बिना अम्मोन वंशजों से युद्ध के लिए जाने का? हम आपके साथ आपके घर में आग लगा देंगे.”
तब एप्रैमी पुरुष इकट्ठे होकर सापोन को जाकर यिप्तह से कहने लगे, “जब तू अम्मोनियों से लड़ने को गया तब हमें संग चलने को क्यों नहीं बुलवाया? हम तेरा घर तुझ समेत जला देंगे।”
2 यिफ्ताह ने उन्हें उत्तर दिया, “अम्मोन वंशजों के साथ मेरा और मेरे साथियों का बड़ा झगड़ा हो गया था. मैंने आपको बुलाया तो था, किंतु आपने आकर मुझे उनसे नहीं छुड़ाया.
यिप्तह ने उनसे कहा, “मेरा और मेरे लोगों का अम्मोनियों से बड़ा झगड़ा हुआ था; और जब मैंने तुम से सहायता माँगी, तब तुम ने मुझे उनके हाथ से नहीं बचाया।
3 जब मैंने देखा कि मुझे छुड़ाने में आपकी रुचि नहीं है, मैंने अपनी जान हथेली में लेकर अम्मोन वंशजों पर हमला किया, और याहवेह ने उन्हें हमारे वश में कर दिया. आप लोग अब मुझसे झगड़ा करने क्यों आए हैं?”
तब यह देखकर कि तुम मुझे नहीं बचाते मैं अपने प्राणों को हथेली पर रखकर अम्मोनियों के विरुद्ध चला, और यहोवा ने उनको मेरे हाथ में कर दिया; फिर तुम अब मुझसे लड़ने को क्यों चढ़ आए हो?”
4 इस कारण यिफ्ताह ने गिलआद के सारे सैनिकों को इकट्ठा किया और एफ्राईम से युद्ध करके गिलआद के सैनिकों ने उन्हें हरा दिया, क्योंकि एफ्राईमवासियों ने गिलआद वासियों पर आरोप लगाया था, “तुम गिलआदवासी तो एफ्राईम के भगोड़े हो. तुम तो एफ्राईम तथा मनश्शेह के ही वासी हो.”
तब यिप्तह गिलाद के सब पुरुषों को इकट्ठा करके एप्रैम से लड़ा, एप्रैम जो कहता था, “हे गिलादियों, तुम तो एप्रैम और मनश्शे के बीच रहनेवाले एप्रैमियों के भगोड़े हो,” और गिलादियों ने उनको मार लिया।
5 गिलआद वासियों ने एफ्राईम के पास वाले यरदन के घाट अपने वश में कर लिए. जब कभी कोई व्यक्ति एफ्राईम से भागने की कोशिश में कहता था, “मुझे पार जाने दो,” गिलआदवासी उससे प्रश्न करते थे, “क्या तुम एफ्राईमवासी हो?” यदि वह उत्तर देता था, “नहीं,”
और गिलादियों ने यरदन का घाट उनसे पहले अपने वश में कर लिया। और जब कोई एप्रैमी भगोड़ा कहता, “मुझे पार जाने दो,” तब गिलाद के पुरुष उससे पूछते थे, “क्या तू एप्रैमी है?” और यदि वह कहता, “नहीं,”
6 तब गिलआदवासी उसे आदेश देते थे; कहो, “शिब्बोलेथ.” किंतु वह उच्चारण करता था, “सिब्बोलेथ,” क्योंकि उसके लिए इस शब्द का शुद्ध उच्चारण संभव नहीं होता था. यह होने पर गिलआदवासी उसे वहीं पकड़कर यरदन के घाटों में मार दिया करते थे. उस समय इस प्रक्रिया में एफ्राईम के बयालीस हज़ार व्यक्तियों को मार दिया गया.
तो वे उससे कहते, “अच्छा, शिब्बोलेत कह,” और वह कहता, “सिब्बोलेत,” क्योंकि उससे वह ठीक से बोला नहीं जाता था; तब वे उसको पकड़कर यरदन के घाट पर मार डालते थे। इस प्रकार उस समय बयालीस हजार एप्रैमी मारे गए।
7 यिफ्ताह छः साल तक इस्राएल का शासन करता रहा. इसके बाद गिलआदवासी यिफ्ताह की मृत्यु हो गई. उसे गिलआद के ही एक नगर में गाड़ दिया गया.
यिप्तह छः वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा। तब यिप्तह गिलादी मर गया, और उसको गिलाद के किसी नगर में मिट्टी दी गई।
8 यिफ्ताह के बाद बेथलेहेम के इबज़न ने इस्राएल के शासन की जवाबदारी संभाली.
उसके बाद बैतलहम का निवासी इबसान इस्राएल का न्याय करने लगा।
9 उसके तीस पुत्र और तीस ही पुत्रियां थी, जिनका विवाह उसने बाहर के गोत्र में किया था. इसी प्रकार उसने अपने पुत्रों का विवाह बाहरी गोत्रों में कर दिया था. उसने इस्राएल का शासन सात सालों तक किया.
और उसके तीस बेटे हुए; और उसने अपनी तीस बेटियाँ बाहर विवाह दीं, और बाहर से अपने बेटों का विवाह करके तीस बहू ले आया। और वह इस्राएल का न्याय सात वर्ष तक करता रहा।
10 इसके बाद इबज़न की मृत्यु हो गई, और उसे बेथलेहेम में गाड़ दिया गया.
१०तब इबसान मर गया, और उसको बैतलहम में मिट्टी दी गई।
11 उसके बाद ज़ेबुलूनवासी एलोन इस्राएल का शासक हुआ. उसने दस साल तक इस्राएल पर शासन किया.
११उसके बाद जबूलूनी एलोन इस्राएल का न्याय करने लगा; और वह इस्राएल का न्याय दस वर्ष तक करता रहा।
12 ज़ेबुलूनवासी एलोन की मृत्यु हुई और उसे ज़ेबुलून देश में अय्जालोन में गाड़ दिया गया.
१२तब एलोन जबूलूनी मर गया, और उसको जबूलून के देश के अय्यालोन में मिट्टी दी गई।
13 उसके बाद पीराथोनवासी हिल्लेल का पुत्र अबदोन इस्राएल का शासक हुआ.
१३उसके बाद पिरातोनी हिल्लेल का पुत्र अब्दोन इस्राएल का न्याय करने लगा।
14 उसके चालीस पुत्र और तीस पोते थे, जो सत्तर गधों पर आना-जाना करते थे. उसने आठ साल इस्राएल का शासन किया.
१४और उसके चालीस बेटे और तीस पोते हुए, जो गदहियों के सत्तर बच्चों पर सवार हुआ करते थे। वह आठ वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा।
15 पीराथोनवासी हिल्लेल के पुत्र अबदोन की मृत्यु हो गई. उसे एफ्राईम देश के पिराथोन में अमालेकियों के पहाड़ी इलाके में गाड़ दिया गया.
१५तब पिरातोनी हिल्लेल का पुत्र अब्दोन मर गया, और उसको एप्रैम के देश के पिरातोन में, जो अमालेकियों के पहाड़ी देश में है, मिट्टी दी गई।

< न्यायियों 12 >