< यहोशू 23 >

1 जब याहवेह ने इस्राएल को उनके पड़ोसी राष्ट्रों के शत्रुओं से बचाया, बहुत समय बीत गया और यहोशू बहुत बूढ़ा हो गया.
وَبَعْدَ انْقِضَاءِ أَيَّامٍ كَثِيرَةٍ أَرَاحَ فِيهَا الرَّبُّ الإِسْرَائِيلِيِّينَ مِنْ أَعْدَائِهِمِ الْمُحِيطِينَ بِهِمْ، شَاخَ يَشُوعُ وَطَعَنَ فِي السِّنِّ،١
2 तब यहोशू ने समस्त इस्राएल के नेताओं, प्रधानों, प्रशासकों तथा अधिकारियों को बुलाया और उनसे कहा, “मैं बहुत बूढ़ा हो चुका हूं.
فَاسْتَدْعَى إِلَيْهِ جَمِيعَ إِسْرَائِيلَ مِنْ شُيُوخٍ وَرُؤَسَاءَ وَقُضَاةٍ وَعُرَفَاءَ وَقَالَ لَهُمْ: «هَا أَنَا قَدْ شِخْتُ وَطَعَنْتُ فِي السِّنِّ،٢
3 तुमने वह सब देख लिया है, जो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हारे लिए सभी राष्ट्रों के साथ किया है, वास्तव में यह याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ही थे, जो तुम्हारी ओर से लड़ रहे थे.
وَأَنْتُمْ قَدْ شَهِدْتُمْ بِأَنْفُسِكُمْ كُلَّ مَا صَنَعَهُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ بِجَمِيعِ تِلْكَ الأُمَمِ مِنْ أَجْلِكُمْ، لأَنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ كَانَ هُوَ الْمُحَارِبُ عَنْكُمْ.٣
4 यह याद रखो कि मैंने यरदन से लेकर भूमध्य सागर तक के देशों को तुम्हारे गोत्रों का भाग बनाया है, बचे हुए भाग को छोड़ दिया है.
فَاذْكُرُوا كَيْفَ وَزَّعْتُ عَلَيْكُمْ بِالْقُرْعَةِ كُلَّ أَرَاضِي تِلْكَ الشُّعُوبِ الْبَاقِيَةِ، وَالشُّعُوبِ الَّتِي قَهَرْتُهَا، الَّتِي كَانَتْ مُقِيمَةً مَا بَيْنَ نَهْرِ الأُرْدُنِّ وَالْبَحْرِ الْمُتَوَسِّطِ غَرْباً، لِتَكُونَ مِلْكاً لَكُمْ حَسَبَ أَسْبَاطِكُمْ.٤
5 याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर उन्हें तुम्हारे बीच से निकाल देंगे, और उन्हें तुमसे अलग कर देंगे और तुम उनके देश पर अधिकार कर लोगे, ठीक जैसा याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने कहा था.
إِنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ هُوَ الَّذِي يَنْفِي الشُّعُوبَ الْبَاقِيَةَ وَيَطْرُدُهُمْ مِنْ أَمَامِكُمْ، فَتَرِثُونَ أَرْضَهُمْ كَمَا وَعَدَكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ.٥
6 “दृढ़ होकर मोशेह द्वारा लिखे व्यवस्था और नियमों का पालन करना; इससे न तो दाईं ओर और न ही बाईं ओर मुड़ना.
فَتَشَجَّعُوا جِدّاً وَاحْرِصُوا عَلَى طَاعَةِ كُلِّ مَا هُوَ مَكْتُوبٌ فِي سِفْرِ شَرِيعَةِ مُوسَى، وَعَلَى الْعَمَلِ بِهِ لِئَلّا تَحِيدُوا عَنْهَا شِمَالاً أَوْ يَمِيناً.٦
7 तुम इन लोगों से मत मिलना, जो अब तक तुम्हारे बीच में हैं; तुम उनके देवताओं का नाम मत लेना और न उन देवताओं की शपथ लेना, न उनकी आराधना करना और न उनको दंडवत करना.
لِكَيْ لَا تَخْتَلِطُوا بِهَؤُلاءِ الأُمَمِ الْبَاقِيَةِ مَعَكُمْ، وَلا تَذْكُرُوا اسْمَ آلِهَتِهَا وَلا تُقْسِمُوا بِها وَلا تَعْبُدُوهَا وَلا تَسْجُدُوا لَهَا.٧
8 बल्कि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास में बने रहना; जैसा तुम आज तक करते आए हो.
وَلَكِنْ تَمَسَّكُوا بِالرَّبِّ إِلَهِكُمْ كَمَا فَعَلْتُمْ إِلَى هَذَا الْيَوْمِ.٨
9 “याद रहेः याहवेह ने बड़े एवं बलवंत लोगों को तुम्हारे बीच से निकाला है, और कोई तुम्हारे सामने ठहर न सका.
قَدْ طَرَدَ الرَّبُّ مِنْ أَمَامِكُمْ شُعُوباً عَظِيمَةً قَوِيَّةً، فَلَمْ يَقْدِرْ أَحَدٌ أَنْ يُقَاوِمَكُمْ حَتَّى الآنَ.٩
10 तुममें से एक ही व्यक्ति हजार शत्रुओं को मारने के लिए काफ़ी है; क्योंकि तुमसे किए वायदे के अनुसार याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर, तुम्हारी ओर से लडते आये हैं.
فَالرَّجُلُ الْوَاحِدُ مِنْكُمْ يَطْرُدُ أَلْفاً، لأَنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ هُوَ الْمُحَارِبُ عَنْكُمْ كَمَا وَعَدَكُمْ.١٠
11 इसलिये याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के प्रति तुम्हारा प्रेम दृढ़ बना रहे.
فَاحْرِصُوا جِدّاً عَلَى مَحَبَّةِ الرَّبِّ إِلَهِكُمْ.١١
12 “यदि तुम उन लोगों से दोस्ती बढ़ाओगे, जो अब तक तुम्हारे बीच में रह रहे हैं, तुम्हारे तथा उनके बीच गहरे संबंध हो जाएंगे, उनसे वैवाहिक संबंध स्थापित करोगे,
وَلَكِنْ إِذَا ارْتَدَدْتُمْ وَالْتَصَقْتُمْ بِبَقِيَّةِ هَذِهِ الأُمَمِ الْمَاكِثِينَ مَعَكُمْ، وَصَاهَرْتُمُوهُمْ وَاخْتَلَطْتُمْ بِهِمْ وَهُمْ بِكُمْ،١٢
13 तो निश्चयतः याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर इन राष्ट्रों को तुम्हारे बीच से नहीं निकालेंगे; ये जनता तुम्हारे लिए जाल तथा फंदा, तुम्हारी पसलियों पर लगी चाबुक तथा आंखों की चुभन साबित होगें, अंत में यह अच्छी भूमि जो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने दी है नष्ट हो जाएगी.
فَاعْلَمُوا يَقِيناً أَنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ لَا يَعُودُ يَطْرُدُ تِلْكَ الأُمَمَ مِنْ أَمَامِكُمْ، فَيُصْبِحُوا لَكُمْ شَرَكاً وَفَخّاً وَسَوْطاً يَنْهَالُ عَلَى ظُهُورِكُمْ، وَشَوْكاً فِي أَعْيُنِكُمْ حَتَّى تَنْقَرِضُوا مِنَ الأَرْضِ الصَّالِحَةِ الَّتِي وَهَبَهَا لَكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ.١٣
14 “अब मेरी मृत्यु समय निकट है, जिस मार्ग पर पृथ्वी के सभी को चलना है. हृदय तथा प्राणों की गहराई में तुम जान लो, कि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के मुंह से निकली हुई हर बात बिना पूरी हुई न रही है. तुम्हारे लिए कही हुई सब बातें पूरी हुई है.
وَهَا أَنَا الْيَوْمَ مَاضٍ فِي الطَّرِيقِ الَّتِي يَمْضِي إِلَيْهَا أَحْيَاءُ الأَرْضِ كُلُّهُمْ، وَلَكِنَّكُمْ تَعْلَمُونَ حَقَّ الْعِلْمِ مِنْ كُلِّ قُلُوبِكُمْ وَمِنْ كُلِّ نُفُوسِكُمْ أَنَّ جَمِيعَ وُعُودِ الرَّبِّ الصَّالِحَةِ الَّتِي وَعَدَكُمْ بِها قَدْ تَحَقَّقَتْ. الْكُلُّ صَارَ لَكُمْ. لَمْ تَسْقُطْ مِنْهُ كَلِمَةٌ وَاحِدَةٌ.١٤
15 फिर जिस प्रकार तुम्हारे विषय में याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर द्वारा कही गई सब भली बातें पूरी हुई है, उसी प्रकार याहवेह सभी कष्ट तुम पर तब तक डालते रहेंगे, जब तक तुम इस देश से, जो तुम्हें याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर द्वारा दिया गया है, नष्ट न हो जाए;
وَكَمَا وَفَى الرَّبُّ بِوُعُودِهِ الصَّالِحَةِ الَّتِي وَعَدَكُمْ بِها، فَإِنَّهُ كَذَلِكَ يَجْلِبُ عَلَيْكُمْ كُلَّ وَعِيدٍ أَنْذَرَكُمْ بِهِ، حَتَّى يُفْنِيَكُمْ عَنْ هَذِهِ الأَرْضِ الْخَيِّرَةِ الَّتِي وَهَبَهَا لَكُمْ.١٥
16 अगर तुम तुम्हारे परमेश्वर की वाचा तोड़ोगे, जिसका आदेश उन्होंने तुम्हें दिया था, और तुम दूसरे देवताओं की वंदना करोगे, उनके सम्मान में झुकोगे! तब याहवेह का दंड तुम पर आएगा और तुरंत ही तुम याहवेह की ओर से दिए गये इस उत्तम देश से नष्ट हो जाओगे.”
حِينَ تَتَعَدَّوْنَ عَلَى عَهْدِ الرَّبِّ إِلَهِكُمُ الَّذِي أَمَرَكُمْ بِهِ فَتَعْبُدُونَ آلِهَةً أُخْرَى وَتَسْجُدُونَ لَهَا، عِنْدَئِذٍ يَحْتَدِمُ غَضَبُ الرَّبِّ عَلَيْكُمْ فَتَنْقَرِضُونَ سَرِيعاً مِنَ الأَرْضِ الْخَيِّرَةِ الَّتِي وَهَبَهَا لَكُمْ».١٦

< यहोशू 23 >