< यहोशू 19 >

1 दूसरा पासा शिमओन गोत्र के नाम पड़ा, शिमओन वंशजों के कुलों के नाम, उनके परिवारों के अनुसार. उनकी मीरास यहूदाह गोत्रजों की मीरास के मध्य हो गई.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଶିମୀୟୋନର, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ଶିମୀୟୋନ-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶ ପାଇଁ ଦ୍ୱିତୀୟ ବାଣ୍ଟ ଉଠିଲା; ସେମାନଙ୍କ ଅଧିକାର ଯିହୁଦା-ସନ୍ତାନଗଣର ଅଧିକାର ମଧ୍ୟରେ ଥିଲା।
2 परिणामस्वरूप, मीरास के रूप में: उन्हें बेअरशेबा अथवा शीबा, मोलादाह,
ସେମାନଙ୍କ ଅଧିକାରରେ ଏହିସବୁ ନଗର ଥିଲା, ଯଥା, ବେର୍‍ଶେବା ବା ଶେବଃ ଓ ମୋଲାଦା
3 हाज़र-शूआल, बालाह, एज़ेम,
ଓ ହତ୍‍ସର-ଶୁୟାଲ୍‍ ଓ ବାଲା ଓ ଏତ୍ସମ୍‍
4 एलतोलद, बतूल, होरमाह,
ଓ ଇଲତୋଲଦ୍‍ ଓ ବଥୁଲ ଓ ହର୍ମା
5 ज़िकलाग, बेथ-मरकाबोथ, हाज़र-सूसाह,
ଓ ସିକ୍ଲଗ୍‍ ଓ ବେଥ୍-ମର୍କାବୋତ୍‍ ଓ ହତ୍‍ସରସୂଷୀମ୍‍
6 बेथ-लबाओथ तथा शारूहेन; उनके गांवों सहित तेरह नगर.
ଓ ବେଥ୍-ଲବାୟୋତ୍‍ ଓ ଶାରୁହନ୍‍; ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏହି ତେର ନଗର।
7 एइन, रिम्मोन, एतेर तथा आशान; चार नगर उनके गांवों सहित.
ଐନ୍‍ ଓ ରିମ୍ମୋନ୍‍ ଓ ଏଥର୍‍ ଓ ଆଶନ୍‍; ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏହି ଚାରି ନଗର
8 इनके अतिरिक्त इन सभी नगरों के आस-पास के गांव भी, जो बालथ-बएर, नेगेव की सीमा तक फैले हुए थे. यह शिमओन गोत्र के कुलों की उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी.
ଓ ବାଲତ୍‍-ବେର ଓ ଦକ୍ଷିଣ ଦିଗସ୍ଥିତ ରାମତ୍‍ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଏହିସବୁ ନଗରର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗସ୍ଥିତ ଗ୍ରାମ ସମସ୍ତ। ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ଶିମୀୟୋନ-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶର ଏହି ଅଧିକାର ଥିଲା।
9 शिमओन को दी गयी यह मीरास यहूदाह को दी गयी मीरास में से ली गई थी, क्योंकि यहूदाह को दिया गया क्षेत्र उनके लिए अत्यंत विशाल हो गया था. इस प्रकार शिमओन वंशजों ने यहूदाह की मीरास के मध्य अपनी मीरास प्राप्‍त की.
ଶିମୀୟୋନ-ସନ୍ତାନଗଣର ଏହି ଅଧିକାର ଯିହୁଦା-ସନ୍ତାନଗଣର ଅଧିକାରର ଏକ ଅଂଶ ଥିଲା, କାରଣ ଯିହୁଦା-ସନ୍ତାନଗଣର ଅଂଶ ସେମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଅତି ଅଧିକ ଥିଲା; ଏହେତୁ ଶିମୀୟୋନ-ସନ୍ତାନଗଣ ସେମାନଙ୍କ ଅଧିକାର ମଧ୍ୟରେ ଅଧିକାର ପାଇଲେ।
10 पासा फेंकने पर तीसरा अंश ज़ेबुलून वंशजों के लिए उनके परिवारों के अनुसार निकला. उनकी मीरास की सीमा सारीद तक जा पहुंची.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସବୂଲୂନ-ସନ୍ତାନଗଣ ପାଇଁ ସେମାନଙ୍କ ବଂଶାନୁସାରେ ତୃତୀୟ ବାଣ୍ଟ ଉଠିଲା; ସାରୀଦ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେମାନଙ୍କ ଅଧିକାରର ସୀମା ଥିଲା।
11 इसके बाद सीमा पश्चिम में मरालाह की दिशा में बढ़ गई, तब इसने दब्बेशेथ का स्पर्श किया और फिर सीमा योकनआम की निकटवर्ती सरिता तक पहुंची.
ପୁଣି ସେମାନଙ୍କ ସୀମା ପଶ୍ଚିମରେ ମରୀୟଲା ଦିଗରେ ଉଠି ଦବେଶତ୍‍ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଯାଇ ଯଗ୍ନିୟାମର ସମ୍ମୁଖସ୍ଥ ନଦୀ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା।
12 तब सीमा सारीद से मुड़कर पूर्व में सूर्योदय की दिशा में आगे बढ़ते हुए किसलोथ-ताबोर को स्पर्श किया. यह आगे बढ़ी और दाबरथ तथा याफिया पहुंची.
ପୁଣି ସାରୀଦରୁ ପୂର୍ବ ଦିଗରେ ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟ ଆଡ଼େ ଫେରି କିଶ୍ଲୋତ୍‍-ତାବୋରର ସୀମା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା; ତହୁଁ ଦାବରତ୍‍ରେ ବାହାରି ଯାଫୀୟକୁ ଉଠିଗଲା।
13 वहां से यह पूर्व में सूर्योदय की दिशा में बढ़ती चली गई और गाथ-हेफ़ेर, एथ-काज़ीन पहुंची, और रिम्मोन की ओर बढ़ गई, जो नेआह तक विस्तृत है.
ପୁଣି ସେଠାରୁ ପୂର୍ବଦିଗ ହୋଇ ଗାଥ୍‍-ହେଫର ଦେଇ ଏତ୍କାତ୍‍ସୀନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଯାଇ ନେୟ ଆଡ଼େ ବିସ୍ତୃତ ରିମ୍ମୋନ୍‍କୁ ଗଲା।
14 यह सीमा उत्तर में हन्‍नाथोन की परिक्रमा कर यिफतह-एल की घाटी में जाकर समाप्‍त हो गई.
ପୁଣି ସେହି ସୀମା ଉତ୍ତର ଦିଗରେ ତାହା ବେଷ୍ଟନ କରି ହନ୍ନାଥୋନକୁ ଗଲା; ପୁଣି ତହିଁର ସୀମା ଯିପ୍ତହେଲ ଉପତ୍ୟକା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା।
15 इसमें कट्टाथ, नहलाल, शिम्रोन, यिदअला तथा बेथलेहेम भी सम्मिलित हैं; ये बारह नगर, इनके गांवों के साथ.
ପୁଣି କଟତ୍‍ ଓ ନହଲୋଲ୍‍ ଓ ଶିମ୍ରୋଣ ଓ ଯିଦାଲା ଓ ବେଥଲିହିମ; ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏହି ବାର ନଗର।
16 ये नगर इनके गांवों के सहित ज़ेबुलून वंशजों को उनके परिवार के अनुसार प्राप्‍त मीरास थी.
ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏସବୁ ନଗର ସବୂଲୂନ-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶାନୁସାରେ ସେମାନଙ୍କ ଅଧିକାର ଥିଲା।
17 चौथा पासा इस्साखार के पक्ष में पड़ा-यिस्साकार के गोत्र के पक्ष में, उसके परिवारों के अनुसार.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଇଷାଖରର, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ଇଷାଖର-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶ ପାଇଁ ଚତୁର୍ଥ ବାଣ୍ଟ ଉଠିଲା।
18 इसकी सीमा में था: येज़्रील तथा इसमें सम्मिलित थे कसुल्लोथ, शूनेम,
ସେମାନଙ୍କ ସୀମା ଯିଷ୍ରିୟେଲ ଓ କସୁଲ୍ଲୋତ ଓ ଶୂନେମ
19 हफारयिम, सियोन, अनाहरथ,
ଓ ହଫାରୟିମ୍‍ ଓ ଶୀୟୋନ ଓ ଅନହରତ୍‍
20 रब्बीथ, किशयोन, एबेज़,
ଓ ରାବ୍ବୀତ୍‍ ଓ କିଶୀୟୋନ୍‍ ଓ ଏବସ
21 रेमेथ, एन-गन्‍नीम, एन-हद्दाह तथा बेथ-पत्सेत्स,
ଓ ରେମତ୍‍ ଓ ଐନ୍‍-ଗନ୍ନୀମ୍‍ ଓ ଐନ୍‍-ହଦ୍ଦା ଓ ବେଥ୍-ପତ୍‍ସେସ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା।
22 सीमा ताबोर, शहत्सीमा तथा बेथ-शेमेश पहुंची और उनकी सीमा यरदन पर जा समाप्‍त हो गई; ये इनके गांवों के सहित सोलह नगर थे.
ପୁଣି ସେ ସୀମା ତାବୋର ଓ ଶହତ୍ସୀମ୍‍ ଓ ବେଥ୍-ଶେମଶ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା ଓ ଯର୍ଦ୍ଦନ ସେମାନଙ୍କ ସୀମାର ପ୍ରାନ୍ତ ଥିଲା; ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏହି ଷୋଅଳ ନଗର।
23 ये नगर इनके गांवों के सहित इस्साखार गोत्र को उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी.
ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏସବୁ ନଗର ଇଷାଖର ବଂଶୀୟ ସନ୍ତାନଗଣର ସେମାନଙ୍କ ବଂଶାନୁସାରେ ଅଧିକାର ହେଲା।
24 पांचवां पासा आशेर गोत्र के नाम उनके परिवारों के अनुसार पड़ा.
ଏଉତ୍ତାରେ ଆଶେର-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶର ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ପଞ୍ଚମ ବାଣ୍ଟ ଉଠିଲା।
25 उनकी सीमा थी, हेलकथ, हली, बेटेन, अकशाफ,
ଆଉ ସେମାନଙ୍କର ସୀମା ହିଲକତ୍‍ ଓ ହଲୀ ଓ ବେଟନ ଓ ଅକ୍‍ଷଫ
26 अलम्मेलेख, अमआद तथा मिशआल; यह पश्चिम में कर्मेल तथा शीहोर-लिबनाथ तक पहुंची थी.
ଓ ଅଲମେଲକ୍‍ ଓ ଅମୀୟାଦ୍‍ ଓ ମିଶାଲ; ଆଉ ତାହା ପଶ୍ଚିମ ଦିଗରେ କର୍ମିଲ ଓ ଶୀହୋର-ଲିବ୍‍ନତ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା।
27 तब यह पूर्व की ओर बेथ-दागोन की ओर मुड़कर ज़ेबुलून पहुंच गई और वहां से यिफतह-एल घाटी को और फिर उत्तर की ओर बेथ-एमेक तथा नईएल को; वहां से यह उत्तर में काबूल
ପୁଣି ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟ ଦିଗରେ ବେଥ୍-ଦାଗୁନ୍‍ ଆଡ଼େ ବୁଲି ବେଥ୍-ଏମକ ଓ ନୀୟେଲର ଉତ୍ତର ଦିଗରେ ସବୂଲୂନସ୍ଥିତ ଯିପ୍ତହେଲ ଉପତ୍ୟକା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା; ତହୁଁ ତାହା ବାମ ଦିଗରେ କାବୂଲ
28 एबदोन, रेहोब, हम्मोन तथा कानाह होते हुए बढ़कर वृहत्तर सीदोन पहुंचती है.
ଓ ହିବ୍ରୋଣ ଓ ରହୋବ ଓ ହମ୍ମୋନ ଓ କାନ୍ନା ଓ ମହାସୀଦୋନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା;
29 वहां सीमा रामाह तथा गढ़नगर सोर की ओर बढ़ती है, फिर यह सीमा होसाह की ओर बढ़ती है और अंततः अकज़ीब क्षेत्र में समुद्र पर जाकर समाप्‍त हो जाती है.
ତହୁଁ ସେ ସୀମା ବୁଲି ରାମା ଓ ସୋର ନାମକ ପ୍ରାଚୀର-ବେଷ୍ଟିତ ନଗରକୁ ଗଲା; ଏଉତ୍ତାରେ ସେ ସୀମା ବୁଲି ହୋଷାକୁ ଗଲା; ପୁଣି ଅକଷୀବ୍ ଅଞ୍ଚଳସ୍ଥ ସମୁଦ୍ର ତହିଁର ପ୍ରାନ୍ତ ଥିଲା।
30 तब इसमें उमाह, अफेक तथा रेहोब, भी सम्मिलित थे; बाईस नगर जिनके साथ सम्मिलित थे इनके गांव.
ମଧ୍ୟ ଉମ୍ମା ଓ ଅଫେକ ଓ ରହୋବ; ଏପରି ଗ୍ରାମ ସମେତ ବାଇଶ ନଗର ଥିଲା।
31 यह आशेर गोत्र को, उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी; ये नगर तथा उनके साथ इनके गांव भी.
ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ଆଶେର-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶର ଅଧିକାର ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏସବୁ ନଗର ହେଲା।
32 छठा पासा नफताली वंशजों के पक्ष में पड़ा; नफताली वंशजों के लिए उनके परिवारों के अनुसार.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ନପ୍ତାଲିର, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ନପ୍ତାଲି-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶ ପାଇଁ ଷଷ୍ଠ ବାଣ୍ଟ ଉଠିଲା।
33 उनकी सीमा प्रारंभ हुई थी हेलेफ से, सानन्‍नीम के बांज वृक्ष से अदामी-नेकेब, यबनेएल से लेकर लक्कूम तक और यरदन नदी पर जाकर समाप्‍त हो गई.
ସେମାନଙ୍କ ସୀମା ହେଲଫଠାରୁ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ସାନନ୍ନୀମ ନିକଟସ୍ଥ ଅଲୋନଠାରୁ ଅଦାମୀ ନେକ୍‍ବ ଓ ଯବ୍‍ନୀୟେଲ ଦେଇ ଲକ୍କୁମ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା; ଯର୍ଦ୍ଦନ ନିକଟରେ ତହିଁର ପ୍ରାନ୍ତ ଥିଲା।
34 उसके बाद सीमा पश्चिम में अज़नोथ-ताबोर की ओर मुड़ गई और बढ़ते हुए वहां से हूक्कोक पहुंची. वहां से वह ज़ेबुलून की ओर बढ़ी, जो दक्षिण में है. वहां उसने पश्चिम में आशेर को स्पर्श किया तथा पूर्व में यरदन तटवर्ती यहूदिया को.
ପୁଣି ସେ ସୀମା ପଶ୍ଚିମ ଦିଗରେ ଫେରି ଅସ୍‍ନୋତ୍‍-ତାବୋରକୁ ଗଲା ଓ ସେଠାରୁ ହୁକ୍କୋକ୍‍ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା ଓ ଦକ୍ଷିଣ ଦିଗରେ ସବୂଲୂନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଓ ପଶ୍ଚିମ ଦିଗରେ ଆଶେର ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଓ ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟ ଆଡ଼େ ଯର୍ଦ୍ଦନ ନିକଟସ୍ଥ ଯିହୁଦା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲା।
35 वहां ये गढ़नगर थे: ज़िद्दीम, ज़ेर, हम्माथ, रक्कथ, किन्‍नेरेथ,
ପୁଣି ସବୀମ ଓ ସେର ଓ ହମ୍ମତ୍‍, ରକ୍କତ୍‍ ଓ କିନ୍ନେରତ୍‍
36 अदामा, रामाह, हाज़ोर,
ଓ ଆଦାମା ଓ ରାମା ଓ ହାସୋର
37 केदेश, एद्रेइ, एन-हाज़ेर,
ଓ କେଦଶ ଓ ଇଦ୍ରିୟୀ ଓ ଐନ-ହାସୋର
38 यिरओन, मिगदल-एल, होरेम, बेथ-अनात तथा बेथ-शेमेश; इनके गांवों सहित ये उन्‍नीस नगर.
ଓ ଯିରୋଣ ଓ ମିଗ୍‍ଦଲେଲ ଓ ହୋରେମ୍‍ ଓ ବେଥ୍-ଆନାତ୍ ଓ ବେଥ୍-ଶେମଶ; ଏହିସବୁ ପ୍ରାଚୀର-ବେଷ୍ଟିତ ନଗର ଥିଲା; ଗ୍ରାମ ସମେତ ଊଣେଇଶ ନଗର।
39 यह उनके परिवारों के अनुसार नफताली गोत्र को दी गयी मीरास थी; ये सभी नगर, उनके गांवों के साथ.
ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ନପ୍ତାଲି-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶର ଅଧିକାର ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏସବୁ ନଗର।
40 सातवां पासा दान गोत्र के कुलों के पक्ष में उनके परिवारों के अनुसार पड़ा.
ଏଉତ୍ତାରେ ଦାନ୍-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶର ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ସପ୍ତମ ବାଣ୍ଟ ଉଠିଲା।
41 उनकी मीरास की सीमा थी: ज़ोराह तथा एशताओल, ईर-शेमेश,
ସେମାନଙ୍କ ଅଧିକାରର ସୀମା ସରାୟ ଓ ଇଷ୍ଟାୟୋଲ ଓ ଇରଶେମଶ୍‍
42 शअलब्बीन, अय्जालोन, यिथला,
ଓ ଶାଲବୀନ୍ ଓ ଅୟାଲୋନ୍‍ ଓ ଯିତ୍ଲା
43 एलोन, तिमनाह, एक्रोन,
ଓ ଏଲୋନ ଓ ତିମ୍ନାଥା ଓ ଇକ୍ରୋଣ
44 एलतकेह, गिब्बथोन, बालाथ,
ଓ ଇଲତ୍‍କୀ ଓ ଗିବ୍ବଥୋନ ଓ ବାଲତ୍‍
45 येहुद, बेने-बरक, गथ-रिम्मोन,
ଓ ଯିହୂଦ୍‍ ଓ ବନେବରକ୍‍ ଓ ଗାଥ୍‍-ରିମ୍ମୋନ
46 मे-यरकोन अर्थात् यरकोन की जल राशि, रक्कोन तथा योप्पा से लगी हुई सीमा.
ଓ ମେୟକୋନ୍‍ ଓ ରକ୍କୋନ ଓ ଯାଫୋର ସମ୍ମୁଖସ୍ଥ ଅଞ୍ଚଳ।
47 (दान के वंशजों की सीमा इनके भी आगे गई है; क्योंकि दान वंशजों ने लेशेम पर आक्रमण किया और उसे अधीन कर लिया. तत्पश्चात उन्होंने उस पर तलवार का प्रहार किया, उन पर अधिकार कर वे उसमें बस गए और उसे अपने पूर्वज के नाम के आधार पर लेशेम-दान नाम दिया.)
ମାତ୍ର ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣର ସୀମା ସେହି ସବୁ ସ୍ଥାନ ପାର ହୋଇଗଲା, କାରଣ ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣ ଲେଶମ ନଗର ପ୍ରତିକୂଳରେ ଯାଇ ଯୁଦ୍ଧ କଲେ, ତାହା ହସ୍ତଗତ କରି ଖଡ୍ଗଧାରରେ ଆଘାତ କରି ତାହା ଅଧିକାର କଲେ ଓ ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ବାସ କରି ଆପଣାମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷ ଦାନ୍‍ର ନାମାନୁସାରେ ଲେଶମର ନାମ ଦାନ୍ ରଖିଲେ।
48 ये नगर उनके गांवों के साथ दान के गोत्र की, उनके परिवारों के अनुसार उनकी मीरास हो गए.
ଆପଣା ଆପଣା ବଂଶାନୁସାରେ ଦାନ୍-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶର ଅଧିକାର ଗ୍ରାମ ସମେତ ଏସବୁ ନଗର ଥିଲା,
49 जब मीरास के लिए सीमा के अनुसार बंटवारे की प्रक्रिया पूर्ण हो गई, इस्राएल वंशजों ने नून के पुत्र यहोशू को अपने मध्य एक मीरास प्रदान की.
ଏହିରୂପେ ଆପଣା ଆପଣା ସୀମାନୁସାରେ ଅଧିକାର କରିବାକୁ ସେମାନେ ଦେଶ ବିଭାଗ କରିବା ସମାପ୍ତ କଲେ; ପୁଣି ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ଆପଣାମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ନୂନର ପୁତ୍ର ଯିହୋଶୂୟଙ୍କୁ ଏକ ଅଧିକାର ଦେଲେ।
50 याहवेह के आदेश के अनुसार उन्होंने यहोशू को वही नगर प्रदान किया, जिसकी उन्होंने याचना की थी—एफ्राईम के पर्वतीय प्रदेश में तिमनथ-सेरह. यहोशू ने इस नगर का निर्माण किया और वहीं बस गए.
ସେ ଯେଉଁ ନଗର ମାଗିଲେ, ସେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଆଜ୍ଞାନୁସାରେ ଇଫ୍ରୟିମ-ପର୍ବତମୟ ଦେଶରେ ତିମ୍ନାତ୍‍ସେରହ ତାଙ୍କୁ ଦେଲେ, ତହୁଁ ସେ ନଗର ନିର୍ମାଣ କରି ତହିଁରେ ବାସ କଲେ।
51 ये ही हैं वे क्षेत्र, जो पुरोहित एलिएज़र, नून के पुत्र यहोशू तथा इस्राएल वंशजों के गोत्रों के परिवारों के प्रधानों ने शीलो में याहवेह के समक्ष मिलनवाले तंबू के प्रवेश पर आवंटित की. इस प्रकार समस्त भूमि का विभाजन सम्पन्‍न हो गया.
ଇଲୀୟାସର ଯାଜକ ଓ ନୂନର ପୁତ୍ର ଯିହୋଶୂୟ ଓ ଇସ୍ରାଏଲ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ବଂଶସମୂହର ପିତୃବଂଶୀୟ ପ୍ରଧାନଗଣ ଶୀଲୋରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁ ଦ୍ୱାର ନିକଟରେ ଗୁଲିବାଣ୍ଟ ଦ୍ୱାରା ଏହିସବୁ ଅଧିକାର ବାଣ୍ଟି ଦେଲେ। ଏରୂପେ ସେମାନେ ଦେଶ ବିଭାଗ କରିବା ସମାପ୍ତ କଲେ।

< यहोशू 19 >