< योना 3 >

1 तब याहवेह का वचन योनाह के पास दूसरी बार पहुंचा:
Luego el Señor le habló a Jonás por segunda vez:
2 “उठो और उस बड़े शहर नीनवेह को जाओ और वहां उस संदेश की घोषणा करो जिसे मैं तुम्हें देनेवाला हूं.”
“Ve de inmediato a la gran ciudad de Nínive, y anúnciales el mensaje que te doy”.
3 तब योनाह उठकर याहवेह की आज्ञा के अनुसार नीनवेह को गया. नीनवेह एक बड़ा शहर था; जिससे होकर जाने में तीन दिन लग जाते थे.
Y Jonás hizo lo que Dios le dijo. Y se dirigió a Nínive, una ciudad que era tan grande, que se necesitaban tres días para atravesarla de a pie.
4 योनाह ने नगर में प्रवेश किया और अपने पहले दिन की यात्रा में यह घोषणा करते गया, “अब से चालीस दिन के बाद नीनवेह को ध्वस्त कर दिया जाएगा.”
Jonás entró a la ciudad caminando por un día, y gritaba: “¡En cuarenta días Nínive será destruida!”
5 नीनवेह के लोगों ने परमेश्वर में विश्वास किया. उपवास रखने की घोषणा की गई और साधारण से लेकर बड़े, सब लोगों ने टाट (शोक-वस्त्र) पहना.
Y el pueblo de Nínive creyó en Dios. Anunciaron ayuno, y todos los habitantes, desde el más grande hasta el más pequeño, se vistieron de silicio.
6 जब नीनवेह के राजा तक योनाह का समाचार पहुंचा, तो वह अपने सिंहासन से उठा, और अपने राजसी वस्त्र को उतारकर टाट को ओढ़ लिया और जाकर राख में बैठ गया.
Cuando las noticias llegaron al rey de Nínive, éste se levantó de su trono, se quitó la túnica, se vistió de silicio y se sentó en cenizas.
7 उसने नीनवेह में यह घोषणा करवायी: “राजा और सामन्तों के फैसले के अनुसार: “कोई भी मनुष्य या पशु, गाय-बैल या भेड़-बकरी कुछ भी न खाय; उन्हें कुछ भी खाने या पीने न दिया जाय.
Entonces el rey y los nobles emitieron un mensaje a todo el pueblo de Nínive: “Ninguna persona, animal, rebaño de ovejas o bueyes comerá ni beberá nada.
8 पर मनुष्य और पशु टाट ओढ़ें. हर एक जन तुरंत परमेश्वर की दोहाई दे और वे अपनी बुरे कामों तथा हिंसा के कार्यों को छोड़ दें.
Cada persona y animal deberá vestir de silicio. Todos deben orar con sinceridad a Dios, renunciar a su maldad, y abandonar la violencia.
9 संभव है कि परमेश्वर अपने निर्णय को बदल दें और दया करके हम पर क्रोध न करें और हम नाश होने से बच जाएं.”
¿Quién sabrá si Dios cambia de parecer y se arrepiente? De pronto decida no destruirnos con su ira”.
10 जब परमेश्वर ने उनके काम को देखा कि कैसे वे अपने बुरे कार्यों से फिर गये हैं, तो उन्होंने अपनी इच्छा बदल दी और उनके ऊपर वह विनाश नहीं लाया जिसका निर्णय उन्होंने लिया था.
Y Dios vio lo que habían hecho, y que abandonaron sus malos caminos, y cambió de parecer, y no llevó a cabo la destrucción que había anunciado.

< योना 3 >