< योना 2 >

1 तब मछली के पेट में से योनाह ने याहवेह अपने परमेश्वर से प्रार्थना की.
সেই মাছের পেটের মধ্যে থেকে যোনা, তার ঈশ্বর সদাপ্রভুর কাছে এই প্রার্থনা করলেন।
2 उसने कहा: “अपने संकट में मैंने याहवेह को पुकारा, और उन्होंने मुझे उत्तर दिया. मृत्युलोक की गहराई में से मैंने सहायता की याचना की, और आपने मेरी याचना सुन ली. (Sheol h7585)
তিনি বললেন: “আমার দুর্দশার সময়ে আমি সদাপ্রভুকে ডাকলাম, আর তিনি আমাকে উত্তর দিলেন। পাতালের গভীরতম স্থান থেকে আমি সাহায্য চাইলাম, আর তুমি আমার কান্না শুনলে। (Sheol h7585)
3 आपने मुझे गहराई में, समुद्र के गहराई में डाल दिया, मैं समुद्र के जल प्रवाह में समा गया; आप ही की लहरें टकराकर मेरे ऊपर से प्रवाहित होती रहीं.
তুমি আমাকে গভীর জলে, সমুদ্রের গর্ভে নিক্ষেপ করলে, আর প্রকাণ্ড জলস্রোত আমাকে ঘিরে ধরল; তোমার সকল ঢেউ, তোমার সমস্ত তরঙ্গ, আমাকে বয়ে নিয়ে গেল।
4 मैंने कहा, ‘मुझे आपके सामने से निकाल दिया गया है; फिर भी मैं आपके पवित्र मंदिर की ओर फिर ताकूंगा.’
আমি বললাম, ‘আমাকে তোমার দৃষ্টি থেকে দূর করা হয়েছে; তবুও আমি আবার তোমার পবিত্র মন্দিরের দিকে তাকাব।’
5 डुबानेवाला पानी मुझे डरा रहा था, गहराई मेरे चारों तरफ थी; समुद्री घांसपात से मेरा सिर लिपटा हुआ था.
আমার চারপাশের জলরাশি আমাকে ভীত করল, অগাধ জলরাশি আমাকে ঘিরে ধরল; সাগরের আগাছা আমার মাথায় জড়িয়ে গেল।
6 समुद्र में मैं तो पर्वतों के जड़ तक उतर गया; पृथ्वी के तल ने मुझे सदा के लिए जकड़ लिया था. किंतु आपने, हे याहवेह मेरे परमेश्वर, मुझे गड्ढे में से निकाल लिया.
আমি সমুদ্রে পর্বতসমূহের তলদেশ পর্যন্ত ডুবে গেলাম; নিচের পৃথিবী চিরতরে আমাকে বন্দি করল। কিন্তু হে সদাপ্রভু, আমার ঈশ্বর, তুমি গভীর গর্ত থেকে আমার প্রাণকে তুলে ধরলে।
7 “जब मेरे जीवन का अंत हो रहा था, हे याहवेह, मैंने आपको स्मरण किया, और मेरी प्रार्थना आपके पास, आपके पवित्र मंदिर में पहुंची.
“আমার প্রাণ যখন আমার মধ্যে ক্ষীণ হচ্ছিল, সদাপ্রভু, আমি তোমাকে স্মরণ করলাম, আর আমার প্রার্থনা তোমার কাছে গেল তোমার পবিত্র মন্দিরে উপস্থিত হল।
8 “वे जो बेकार की मूर्तियों पर मन लगाते हैं वे अपने आपको परमेश्वर के प्रेम से दूर रखते हैं.
“যারা অসার প্রতিমাদের প্রতি আসক্ত থাকে, নিজেদের প্রতি ঈশ্বরের প্রেম তারা পরিত্যাগ করে।
9 पर मैं कृतज्ञता से भरे प्रशंसा के ऊंचे शब्दों के साथ, आपके लिये बलिदान चढ़ाऊंगा. जो मन्नत मैंने मानी है, उसे मैं पूरी करूंगा. मैं कहूंगा, ‘उद्धार याहवेह ही से होता है.’”
কিন্তু আমি, ধন্যবাদের গান গেয়ে, তোমার কাছে নৈবেদ্য উৎসর্গ করব। আমি যা মানত করেছি, তা আমি পূর্ণ করব। আমি বলব, পরিত্রাণ সদাপ্রভুর কাছ থেকেই আসে।”
10 तब याहवेह ने उस मछली को आज्ञा दी, और उसने योनाह को सूखी भूमि पर उगल दिया.
পরে সদাপ্রভু সেই মাছকে আদেশ দিলে, তা যোনাকে বমি করে শুকনো ভূমিতে ফেলে দিল।

< योना 2 >