< यूहन्ना 8 >

1 और येशु जैतून पर्वत पर चले गये.
প্ৰত্যূষে যীশুঃ পনৰ্মন্দিৰম্ আগচ্ছৎ
2 भोर को वह दोबारा मंदिर में आए और लोगों के मध्य बैठकर उनको शिक्षा देने लगे.
ততঃ সৰ্ৱ্ৱেষু লোকেষু তস্য সমীপ আগতেষু স উপৱিশ্য তান্ উপদেষ্টুম্ আৰভত|
3 उसी समय फ़रीसियों व शास्त्रियों ने व्यभिचार के कार्य में पकड़ी गई एक स्त्री को लाकर मध्य में खड़ा कर दिया
তদা অধ্যাপকাঃ ফিৰূশিনঞ্চ ৱ্যভিচাৰকৰ্ম্মণি ধৃতং স্ত্ৰিযমেকাম্ আনিয সৰ্ৱ্ৱেষাং মধ্যে স্থাপযিৎৱা ৱ্যাহৰন্
4 और मसीह येशु से प्रश्न किया, “गुरु, यह स्त्री व्यभिचार करते हुए पकड़ी गई है.
হে গুৰো যোষিতম্ ইমাং ৱ্যভিচাৰকৰ্ম্ম কুৰ্ৱ্ৱাণাং লোকা ধৃতৱন্তঃ|
5 मोशेह ने व्यवस्था में हमें ऐसी स्त्रियों को पथराव द्वारा मार डालने की आज्ञा दी है; किंतु आप क्या कहते हैं?”
এতাদৃশলোকাঃ পাষাণাঘাতেন হন্তৱ্যা ইতি ৱিধিৰ্মূসাৱ্যৱস্থাগ্ৰন্থে লিখিতোস্তি কিন্তু ভৱান্ কিমাদিশতি?
6 उन्होंने मसीह येशु को परखने के लिए यह प्रश्न किया था कि उन पर आरोप लगाने के लिए उन्हें कोई आधार मिल जाए. किंतु मसीह येशु झुककर भूमि पर उंगली से लिखने लगे.
তে তমপৱদিতুং পৰীক্ষাভিপ্ৰাযেণ ৱাক্যমিদম্ অপৃচ্ছন্ কিন্তু স প্ৰহ্ৱীভূয ভূমাৱঙ্গল্যা লেখিতুম্ আৰভত|
7 जब वे मसीह येशु से बार-बार प्रश्न करते रहे, मसीह येशु ने सीधे खड़े होकर उनसे कहा, “तुममें से जिस किसी ने कभी कोई पाप न किया हो, वही उसे सबसे पहला पत्थर मारे.”
ততস্তৈঃ পুনঃ পুনঃ পৃষ্ট উত্থায কথিতৱান্ যুষ্মাকং মধ্যে যো জনো নিৰপৰাধী সএৱ প্ৰথমম্ এনাং পাষাণেনাহন্তু|
8 और वह दोबारा झुककर भूमि पर लिखने लगे.
পশ্চাৎ স পুনশ্চ প্ৰহ্ৱীভূয ভূমৌ লেখিতুম্ আৰভত|
9 यह सुनकर वरिष्ठ से प्रारंभ कर एक-एक करके सब वहां से चले गए—केवल वह स्त्री और मसीह येशु ही वहां रह गए.
তাং কথং শ্ৰুৎৱা তে স্ৱস্ৱমনসি প্ৰবোধং প্ৰাপ্য জ্যেষ্ঠানুক্ৰমং একৈকশঃ সৰ্ৱ্ৱে বহিৰগচ্ছন্ ততো যীশুৰেকাকী তযক্ত্তোভৱৎ মধ্যস্থানে দণ্ডাযমানা সা যোষা চ স্থিতা|
10 मसीह येशु ने सीधे खड़े होते हुए स्त्री की ओर देखकर उससे पूछा, “हे स्त्री! वे सब कहां हैं? क्या तुम्हें किसी ने भी दंडित नहीं किया?”
১০তৎপশ্চাদ্ যীশুৰুত্থায তাং ৱনিতাং ৱিনা কমপ্যপৰং ন ৱিলোক্য পৃষ্টৱান্ হে ৱামে তৱাপৱাদকাঃ কুত্ৰ? কোপি ৎৱাং কিং ন দণ্ডযতি?
11 उसने उत्तर दिया, “किसी ने भी नहीं, प्रभु.” मसीह येशु ने उससे कहा, “मैं भी तुम्हें दंडित नहीं करता. जाओ, अब फिर पाप न करना.”
১১সাৱদৎ হে মহেচ্ছ কোপি ন তদা যীশুৰৱোচৎ নাহমপি দণ্ডযামি যাহি পুনঃ পাপং মাকাৰ্ষীঃ|
12 मंदिर में अपनी शिक्षा को दोबारा आरंभ करते हुए मसीह येशु ने लोगों से कहा, “संसार की ज्योति मैं ही हूं. जो कोई मेरे पीछे चलता है, वह अंधकार में कभी न चलेगा क्योंकि जीवन की ज्योति उसी में बसेगी.”
১২ততো যীশুঃ পুনৰপি লোকেভ্য ইত্থং কথযিতুম্ আৰভত জগতোহং জ্যোতিঃস্ৱৰূপো যঃ কশ্চিন্ মৎপশ্চাদ গচ্ছতি স তিমিৰে ন ভ্ৰমিৎৱা জীৱনৰূপাং দীপ্তিং প্ৰাপ্স্যতি|
13 तब फ़रीसियों ने उनसे कहा, “तुम अपने ही विषय में गवाही दे रहे हो इसलिये तुम्हारी गवाही स्वीकार नहीं की जा सकती है.”
১৩ততঃ ফিৰূশিনোঽৱাদিষুস্ত্ৱং স্ৱাৰ্থে স্ৱযং সাক্ষ্যং দদাসি তস্মাৎ তৱ সাক্ষ্যং গ্ৰাহ্যং ন ভৱতি|
14 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यदि मैं स्वयं अपने विषय में गवाही दे भी रहा हूं, तो भी मेरी गवाही स्वीकार की जा सकती है क्योंकि मुझे मालूम है कि मैं कहां से आया हूं और कहां जा रहा हूं; किंतु तुम लोग नहीं जानते कि मैं कहां से आया और कहां जा रहा हूं.
১৪তদা যীশুঃ প্ৰত্যুদিতৱান্ যদ্যপি স্ৱাৰ্থেঽহং স্ৱযং সাক্ষ্যং দদামি তথাপি মৎ সাক্ষ্যং গ্ৰাহ্যং যস্মাদ্ অহং কুত আগতোস্মি ক্ৱ যামি চ তদহং জানামি কিন্তু কুত আগতোস্মি কুত্ৰ গচ্ছামি চ তদ্ যূযং ন জানীথ|
15 तुम लोग मानवीय सोच से अन्य लोगों का न्याय करते हो; मैं किसी का न्याय नहीं करता.
১৫যূযং লৌকিকং ৱিচাৰযথ নাহং কিমপি ৱিচাৰযামি|
16 यदि मैं किसी का न्याय करूं भी तो वह सही ही होगा, क्योंकि इसमें मैं अकेला नहीं—इसमें मैं और मेरे भेजने वाला पिता भी शामिल हैं.
১৬কিন্তু যদি ৱিচাৰযামি তৰ্হি মম ৱিচাৰো গ্ৰহীতৱ্যো যতোহম্ একাকী নাস্মি প্ৰেৰযিতা পিতা মযা সহ ৱিদ্যতে|
17 तुम्हारी व्यवस्था में ही यह लिखा है कि दो व्यक्तियों की गवाही सच के रूप में स्वीकार की जा सकती है.
১৭দ্ৱযো ৰ্জনযোঃ সাক্ষ্যং গ্ৰহণীযং ভৱতীতি যুষ্মাকং ৱ্যৱস্থাগ্ৰন্থে লিখিতমস্তি|
18 एक गवाह तो मैं ही हूं, जो स्वयं अपने विषय में गवाही दे रहा हूं और मेरे विषय में अन्य गवाह—मेरे भेजनेवाले—पिता परमेश्वर हैं.”
১৮অহং স্ৱাৰ্থে স্ৱযং সাক্ষিৎৱং দদামি যশ্চ মম তাতো মাং প্ৰেৰিতৱান্ সোপি মদৰ্থে সাক্ষ্যং দদাতি|
19 तब उन्होंने मसीह येशु से पूछा, “कहां है तुम्हारा यह पिता?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “न तो तुम मुझे जानते हो और न ही मेरे पिता को; यदि तुम मुझे जानते तो मेरे पिता को भी जान लेते.”
১৯তদা তেঽপৃচ্ছন্ তৱ তাতঃ কুত্ৰ? ততো যীশুঃ প্ৰত্যৱাদীদ্ যূযং মাং ন জানীথ মৎপিতৰঞ্চ ন জানীথ যদি মাম্ অক্ষাস্যত তৰ্হি মম তাতমপ্যক্ষাস্যত|
20 मसीह येशु ने ये वचन मंदिर परिसर में शिक्षा देते समय कहे, फिर भी किसी ने उन पर हाथ नहीं डाला क्योंकि उनका समय अभी नहीं आया था.
২০যীশু ৰ্মন্দিৰ উপদিশ্য ভণ্ডাগাৰে কথা এতা অকথযৎ তথাপি তং প্ৰতি কোপি কৰং নোদতোলযৎ|
21 मसीह येशु ने उनसे फिर कहा, “मैं जा रहा हूं. तुम मुझे खोजते-खोजते अपने ही पाप में मर जाओगे. जहां मैं जा रहा हूं, तुम वहां नहीं आ सकते.”
২১ততঃ পৰং যীশুঃ পুনৰুদিতৱান্ অধুনাহং গচ্ছামি যূযং মাং গৱেষযিষ্যথ কিন্তু নিজৈঃ পাপৈ ৰ্মৰিষ্যথ যৎ স্থানম্ অহং যাস্যামি তৎ স্থানম্ যূযং যাতুং ন শক্ষ্যথ|
22 तब यहूदी अगुए आपस में विचार करने लगे, “कहीं वह आत्महत्या तो नहीं करेगा क्योंकि वह कह रहा है, ‘जहां मैं जा रहा हूं, वहां तुम नहीं आ सकते’?”
২২তদা যিহূদীযাঃ প্ৰাৱোচন্ কিমযম্ আত্মঘাতং কৰিষ্যতি? যতো যৎ স্থানম্ অহং যাস্যামি তৎ স্থানম্ যূযং যাতুং ন শক্ষ্যথ ইতি ৱাক্যং ব্ৰৱীতি|
23 मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम नीचे के हो, मैं ऊपर का हूं, तुम इस संसार के हो, मैं इस संसार का नहीं हूं.
২৩ততো যীশুস্তেভ্যঃ কথিতৱান্ যূযম্ অধঃস্থানীযা লোকা অহম্ ঊৰ্দ্ৱ্ৱস্থানীযঃ যূযম্ এতজ্জগৎসম্বন্ধীযা অহম্ এতজ্জগৎসম্বন্ধীযো ন|
24 मैं तुमसे कह चुका हूं कि तुम्हारे पापों में ही तुम्हारी मृत्यु होगी. क्योंकि जब तक तुम यह विश्वास न करोगे कि मैं ही हूं, जो मैं कहता हूं, तुम्हारी अपने ही पापों में मृत्यु होना निश्चित है.”
২৪তস্মাৎ কথিতৱান্ যূযং নিজৈঃ পাপৈ ৰ্মৰিষ্যথ যতোহং স পুমান্ ইতি যদি ন ৱিশ্ৱসিথ তৰ্হি নিজৈঃ পাপৈ ৰ্মৰিষ্যথ|
25 तब उन्होंने उनसे पूछा, “कौन हो तुम?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुमसे मैं अब तक क्या कहता आ रहा हूं?
২৫তদা তে ঽপৃচ্ছন্ কস্ত্ৱং? ততো যীশুঃ কথিতৱান্ যুষ্মাকং সন্নিধৌ যস্য প্ৰস্তাৱম্ আ প্ৰথমাৎ কৰোমি সএৱ পুৰুষোহং|
26 तुम्हारे विषय में मुझे बहुत कुछ कहना और निर्णय करना है. मैं संसार से वही कहता हूं, जो मैंने अपने भेजनेवाले से सुना है. मेरे भेजनेवाले विश्वासयोग्य हैं.”
২৬যুষ্মাসু মযা বহুৱাক্যং ৱক্ত্তৱ্যং ৱিচাৰযিতৱ্যঞ্চ কিন্তু মৎপ্ৰেৰযিতা সত্যৱাদী তস্য সমীপে যদহং শ্ৰুতৱান্ তদেৱ জগতে কথযামি|
27 वे अब तक यह समझ नहीं पाए थे कि मसीह येशु उनसे पिता परमेश्वर के विषय में कह रहे थे.
২৭কিন্তু স জনকে ৱাক্যমিদং প্ৰোক্ত্তৱান্ ইতি তে নাবুধ্যন্ত|
28 मसीह येशु ने उनसे कहा, “जब तुम मनुष्य के पुत्र को ऊंचा उठाओगे तब तुम जान लोगे कि मैं वही हूं और यह भी कि मैं स्वयं कुछ नहीं कहता, मैं वही कहता हूं, जो पिता ने मुझे सिखाया है.
২৮ততো যীশুৰকথযদ্ যদা মনুষ্যপুত্ৰম্ ঊৰ্দ্ৱ্ৱ উত্থাপযিষ্যথ তদাহং স পুমান্ কেৱলঃ স্ৱযং কিমপি কৰ্ম্ম ন কৰোমি কিন্তু তাতো যথা শিক্ষযতি তদনুসাৰেণ ৱাক্যমিদং ৱদামীতি চ যূযং জ্ঞাতুং শক্ষ্যথ|
29 मेरे भेजनेवाले मेरे साथ हैं, उन्होंने मुझे अकेला नहीं छोड़ा क्योंकि मैं सदा वही करता हूं, जिसमें उनकी खुशी है.”
২৯মৎপ্ৰেৰযিতা পিতা মাম্ একাকিনং ন ত্যজতি স মযা সাৰ্দ্ধং তিষ্ঠতি যতোহং তদভিমতং কৰ্ম্ম সদা কৰোমি|
30 ये सब सुनकर अनेकों ने मसीह येशु में विश्वास किया.
৩০তদা তস্যৈতানি ৱাক্যানি শ্ৰুৎৱা বহুৱস্তাস্মিন্ ৱ্যশ্ৱসন্|
31 तब मसीह येशु ने उन यहूदियों से, जिन्होंने उन्हें मान्यता दे दी थी, कहा, “यदि तुम मेरी शिक्षाओं का पालन करते रहोगे तो वास्तव में मेरे शिष्य होगे.
৩১যে যিহূদীযা ৱ্যশ্ৱসন্ যীশুস্তেভ্যোঽকথযৎ
32 तुम सत्य को जानोगे और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा.”
৩২মম ৱাক্যে যদি যূযম্ আস্থাং কুৰুথ তৰ্হি মম শিষ্যা ভূৎৱা সত্যৎৱং জ্ঞাস্যথ ততঃ সত্যতযা যুষ্মাকং মোক্ষো ভৱিষ্যতি|
33 उन्होंने मसीह येशु को उत्तर दिया, “हम अब्राहाम के वंशज हैं और हम कभी भी किसी के दास नहीं हुए. तुम यह कैसे कहते हो ‘तुम स्वतंत्र हो जाओगे’?”
৩৩তদা তে প্ৰত্যৱাদিষুঃ ৱযম্ ইব্ৰাহীমো ৱংশঃ কদাপি কস্যাপি দাসা ন জাতাস্তৰ্হি যুষ্মাকং মুক্ত্তি ৰ্ভৱিষ্যতীতি ৱাক্যং কথং ব্ৰৱীষি?
34 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: हर एक व्यक्ति, जो पाप करता है, वह पाप का दास है.
৩৪তদা যীশুঃ প্ৰত্যৱদদ্ যুষ্মানহং যথাৰ্থতৰং ৱদামি যঃ পাপং কৰোতি স পাপস্য দাসঃ|
35 दास हमेशा घर में नहीं रहता; पुत्र हमेशा रहता है. (aiōn g165)
৩৫দাসশ্চ নিৰন্তৰং নিৱেশনে ন তিষ্ঠতি কিন্তু পুত্ৰো নিৰন্তৰং তিষ্ঠতি| (aiōn g165)
36 इसलिये यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करे तो तुम वास्तव में स्वतंत्र हो जाओगे.
৩৬অতঃ পুত্ৰো যদি যুষ্মান্ মোচযতি তৰ্হি নিতান্তমেৱ মুক্ত্তা ভৱিষ্যথ|
37 मैं जानता हूं कि तुम अब्राहाम के वंशज हो, फिर भी तुम मेरी हत्या करने की ताक में हो; यह इसलिये कि तुमने मेरे संदेश को ह्रदय में ग्रहण नहीं किया.
৩৭যুযম্ ইব্ৰাহীমো ৱংশ ইত্যহং জানামি কিন্তু মম কথা যুষ্মাকম্ অন্তঃকৰণেষু স্থানং ন প্ৰাপ্নুৱন্তি তস্মাদ্ধেতো ৰ্মাং হন্তুম্ ঈহধ্ৱে|
38 मैं वही कहता हूं, जो मैंने साक्षात अपने पिता को करते हुए देखा है, परंतु तुम वह करते हो, जो तुमने अपने पिता से सुना है.”
৩৮অহং স্ৱপিতুঃ সমীপে যদপশ্যং তদেৱ কথযামি তথা যূযমপি স্ৱপিতুঃ সমীপে যদপশ্যত তদেৱ কুৰুধ্ৱে|
39 उन्होंने मसीह येशु से कहा, “हमारे पिता अब्राहाम हैं.” मसीह येशु ने उनसे कहा, “यदि तुम अब्राहाम की संतान हो तो अब्राहाम के समान व्यवहार भी करो.
৩৯তদা তে প্ৰত্যৱোচন্ ইব্ৰাহীম্ অস্মাকং পিতা ততো যীশুৰকথযদ্ যদি যূযম্ ইব্ৰাহীমঃ সন্তানা অভৱিষ্যত তৰ্হি ইব্ৰাহীম আচাৰণৱদ্ আচৰিষ্যত|
40 तुम मेरी हत्या करना चाहते हो—मैं, जिसने परमेश्वर से प्राप्‍त सच तुम पर प्रकट किया है. अब्राहाम का व्यवहार ऐसा नहीं था.
৪০ঈশ্ৱৰস্য মুখাৎ সত্যং ৱাক্যং শ্ৰুৎৱা যুষ্মান্ জ্ঞাপযামি যোহং তং মাং হন্তুং চেষ্টধ্ৱে ইব্ৰাহীম্ এতাদৃশং কৰ্ম্ম ন চকাৰ|
41 तुम्हारा व्यवहार तुम्हारे ही पिता के समान है.” इस पर उन्होंने विरोध किया, “हम अवैध संतान नहीं हैं, हमारा एक ही पिता है—परमेश्वर.”
৪১যূযং স্ৱস্ৱপিতুঃ কৰ্ম্মাণি কুৰুথ তদা তৈৰুক্ত্তং ন ৱযং জাৰজাতা অস্মাকম্ একএৱ পিতাস্তি স এৱেশ্ৱৰঃ
42 मसीह येशु ने उनसे कहा, “यदि परमेश्वर तुम्हारे पिता होते तो तुम मुझसे प्रेम करते क्योंकि मैं परमेश्वर से हूं. मैं अपनी इच्छा से नहीं आया; परमेश्वर ने मुझे भेजा है.
৪২ততো যীশুনা কথিতম্ ঈশ্ৱৰো যদি যুষ্মাকং তাতোভৱিষ্যৎ তৰ্হি যূযং মযি প্ৰেমাকৰিষ্যত যতোহম্ ঈশ্ৱৰান্নিৰ্গত্যাগতোস্মি স্ৱতো নাগতোহং স মাং প্ৰাহিণোৎ|
43 मेरी बातें तुम इसलिये नहीं समझते कि तुममें मेरा संदेश सुनने की क्षमता नहीं है.
৪৩যূযং মম ৱাক্যমিদং ন বুধ্যধ্ৱে কুতঃ? যতো যূযং মমোপদেশং সোঢুং ন শক্নুথ|
44 तुम अपने पिता शैतान से हो और उसी पिता की इच्छाओं को पूरा करना चाहते हो. वह प्रारंभ से ही हत्यारा है और सच उसका आधार कभी रहा ही नहीं क्योंकि सच उसमें है ही नहीं. जब वह कुछ भी कहता है, अपने स्वभाव के अनुसार झूठ ही कहता है, क्योंकि वह झूठा और झूठ का पिता है.
৪৪যূযং শৈতান্ পিতুঃ সন্তানা এতস্মাদ্ যুষ্মাকং পিতুৰভিলাষং পূৰযথ স আ প্ৰথমাৎ নৰঘাতী তদন্তঃ সত্যৎৱস্য লেশোপি নাস্তি কাৰণাদতঃ স সত্যতাযাং নাতিষ্ঠৎ স যদা মৃষা কথযতি তদা নিজস্ৱভাৱানুসাৰেণৈৱ কথযতি যতো স মৃষাভাষী মৃষোৎপাদকশ্চ|
45 मैं सच कहता हूं इसलिये तुम मेरा विश्वास नहीं करते.
৪৫অহং তথ্যৱাক্যং ৱদামি কাৰণাদস্মাদ্ যূযং মাং ন প্ৰতীথ|
46 तुममें से कौन मुझे पापी प्रमाणित कर सकता है? तो जब मैं सच कहता हूं तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते?
৪৬মযি পাপমস্তীতি প্ৰমাণং যুষ্মাকং কো দাতুং শক্নোতি? যদ্যহং তথ্যৱাক্যং ৱদামি তৰ্হি কুতো মাং ন প্ৰতিথ?
47 वह, जो परमेश्वर का है, परमेश्वर के वचनों को सुनता है. ये वचन तुम इसलिये नहीं सुनते कि तुम परमेश्वर के नहीं हो.”
৪৭যঃ কশ্চন ঈশ্ৱৰীযো লোকঃ স ঈশ্ৱৰীযকথাযাং মনো নিধত্তে যূযম্ ঈশ্ৱৰীযলোকা ন ভৱথ তন্নিদানাৎ তত্ৰ ন মনাংসি নিধদ্ৱে|
48 इस पर यहूदी अगुए बोले, “तो क्या हमारा यह मत सही नहीं कि तुम शमरियावासी हो और तुममें दुष्टात्मा समाया हुआ है?”
৪৮তদা যিহূদীযাঃ প্ৰত্যৱাদিষুঃ ৎৱমেকঃ শোমিৰোণীযো ভূতগ্ৰস্তশ্চ ৱযং কিমিদং ভদ্ৰং নাৱাদিষ্ম?
49 मसीह येशु ने उत्तर दिया, “मुझमें दुष्टात्मा नहीं है. मैं अपने पिता का सम्मान करता हूं और तुम मेरा अपमान करते हो.
৪৯ততো যীশুঃ প্ৰত্যৱাদীৎ নাহং ভূতগ্ৰস্তঃ কিন্তু নিজতাতং সম্মন্যে তস্মাদ্ যূযং মাম্ অপমন্যধ্ৱে|
50 मैं अपनी महिमा के लिए प्रयास नहीं करता हूं; एक हैं, जो इसके लिए प्रयास करते हैं और निर्णय भी वही करते हैं.
৫০অহং স্ৱসুখ্যাতিং ন চেষ্টে কিন্তু চেষ্টিতা ৱিচাৰযিতা চাপৰ এক আস্তে|
51 मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: यदि कोई मेरी शिक्षा का पालन करेगा, उसकी मृत्यु कभी न होगी.” (aiōn g165)
৫১অহং যুষ্মভ্যম্ অতীৱ যথাৰ্থং কথযামি যো নৰো মদীযং ৱাচং মন্যতে স কদাচন নিধনং ন দ্ৰক্ষ্যতি| (aiōn g165)
52 इस पर यहूदियों ने मसीह येशु से कहा, “अब हमें निश्चय हो गया कि तुममें दुष्टात्मा है. अब्राहाम और भविष्यद्वक्ताओं की मृत्यु हो चुकी और तुम कहते हो कि जो कोई तुम्हारी शिक्षा का पालन करेगा, उसकी मृत्यु कभी न होगी. (aiōn g165)
৫২যিহূদীযাস্তমৱদন্ ৎৱং ভূতগ্ৰস্ত ইতীদানীম্ অৱৈষ্ম| ইব্ৰাহীম্ ভৱিষ্যদ্ৱাদিনঞ্চ সৰ্ৱ্ৱে মৃতাঃ কিন্তু ৎৱং ভাষসে যো নৰো মম ভাৰতীং গৃহ্লাতি স জাতু নিধানাস্ৱাদং ন লপ্স্যতে| (aiōn g165)
53 क्या तुम हमारे पिता अब्राहाम से भी बड़े हो? उनकी मृत्यु हुई और भविष्यद्वक्ताओं की भी. तुम अपने आपको समझते क्या हो?”
৫৩তৰ্হি ৎৱং কিম্ অস্মাকং পূৰ্ৱ্ৱপুৰুষাদ্ ইব্ৰাহীমোপি মহান্? যস্মাৎ সোপি মৃতঃ ভৱিষ্যদ্ৱাদিনোপি মৃতাঃ ৎৱং স্ৱং কং পুমাংসং মনুষে?
54 मसीह येशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं स्वयं को गौरवान्वित करता हूं तो मेरी महिमा व्यर्थ है. जिन्होंने मुझे गौरवान्वित किया है वह मेरे पिता हैं, जिन्हें तुम अपना परमेश्वर मानते हो.
৫৪যীশুঃ প্ৰত্যৱোচদ্ যদ্যহং স্ৱং স্ৱযং সম্মন্যে তৰ্হি মম তৎ সম্মননং কিমপি ন কিন্তু মম তাতো যং যূযং স্ৱীযম্ ঈশ্ৱৰং ভাষধ্ৱে সএৱ মাং সম্মনুতে|
55 तुम उन्हें नहीं जानते, मैं उन्हें जानता हूं. यदि मैं यह कहता कि मैं उन्हें नहीं जानता तो मैं भी तुम्हारे समान झूठा साबित हो जाऊंगा. मैं उन्हें जानता हूं, इसलिये उनके आदेशों का पालन करता हूं.
৫৫যূযং তং নাৱগচ্ছথ কিন্ত্ৱহং তমৱগচ্ছামি তং নাৱগচ্ছামীতি ৱাক্যং যদি ৱদামি তৰ্হি যূযমিৱ মৃষাভাষী ভৱামি কিন্ত্ৱহং তমৱগচ্ছামি তদাক্ষামপি গৃহ্লামি|
56 तुम्हारे पिता अब्राहाम मेरा दिन देखने की आशा में मगन हुए थे. उन्होंने इसे देखा और आनंदित हुए.”
৫৬যুষ্মাকং পূৰ্ৱ্ৱপুৰুষ ইব্ৰাহীম্ মম সমযং দ্ৰষ্টুম্ অতীৱাৱাঞ্ছৎ তন্নিৰীক্ষ্যানন্দচ্চ|
57 तब यहूदियों ने कटाक्ष किया, “तुम्हारी आयु तो अभी पचास वर्ष की भी नहीं है और तुमने अब्राहाम को देखा है?”
৫৭তদা যিহূদীযা অপৃচ্ছন্ তৱ ৱযঃ পঞ্চাশদ্ৱৎসৰা ন ৎৱং কিম্ ইব্ৰাহীমম্ অদ্ৰাক্ষীঃ?
58 मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: अब्राहाम के जन्म के पूर्व से ही मैं हूं.”
৫৮যীশুঃ প্ৰত্যৱাদীদ্ যুষ্মানহং যথাৰ্থতৰং ৱদামি ইব্ৰাহীমো জন্মনঃ পূৰ্ৱ্ৱকালমাৰভ্যাহং ৱিদ্যে|
59 यह सुनते ही उन्होंने मसीह येशु का पथराव करने के लिए पत्थर उठा लिए किंतु मसीह येशु उनकी दृष्टि से बचते हुए मंदिर से निकल गए.
৫৯তদা তে পাষাণান্ উত্তোল্য তমাহন্তুম্ উদযচ্ছন্ কিন্তু যীশু ৰ্গুপ্তো মন্তিৰাদ্ বহিৰ্গত্য তেষাং মধ্যেন প্ৰস্থিতৱান্|

< यूहन्ना 8 >