< यूहन्ना 6 >
1 इन बातों के बाद मसीह येशु गलील अर्थात् तिबेरियॉस झील के उस पार चले गए.
इना गल्लां दे बाद यीशु गलील झिला च मतलब की तिबिरियासे दिया झिला बखे गिया।
2 उनके द्वारा रोगियों को स्वास्थ्यदान के अद्भुत चिह्नों से प्रभावित एक बड़ी भीड़ उनके साथ हो ली.
कने बड़ी भरी भीड़ उदे पिच्छे चली पेई क्योंकि जड़े अनोखे कम्म सै बिमारां पर दसदा था सै उना जो दिखदे थे।
3 मसीह येशु पर्वत पर जाकर वहां अपने शिष्यों के साथ बैठ गए.
तालू यीशु पहाड़े पर चढ़ी करी अपणयां चेलयां सोगी ओथु बैठा।
4 यहूदियों का फ़सह उत्सव पास था.
कने यहूदियां दे फसह दा त्योहारे नेड़े ही था।
5 जब मसीह येशु ने बड़ी भीड़ को अपनी ओर आते देखा तो फ़िलिप्पॉस से पूछा, “इन सबको खिलाने के लिए हम भोजन कहां से मोल लेंगे?”
तालू यीशुऐ नजरा चुकी करी मती भरी भिड़ा जो अपणे बाल ओंदे दिखया, कने फिलिप्पुस ने बोलया, “असां इना जो खांणे तांई रोटी कुथु ला खरदी लोंणी?”
6 मसीह येशु ने यह प्रश्न उन्हें परखने के लिए किया था क्योंकि वह जानते थे कि वह क्या करने पर थे.
पर यीशुऐ ऐ गल्ल उसयो परखणे तांई बोली; क्योंकि सै अपु जाणदा था की मैं क्या करणा है।
7 फ़िलिप्पॉस ने उत्तर दिया, “दो सौ दीनार की रोटियां भी उनके लिए पर्याप्त नहीं होंगी कि हर एक को थोड़ी-थोड़ी मिल पाए.”
फिलिप्पुसे उसयो जबाब दिता, “इतणी रोटियां दी कीमत दो सो दिना दिया मजदुरिया दे बराबर होणी, सै भी उना तांई पूरी नि होणी की उना चे हर इकी जणे जो थोड़ी-थोड़ी मिल्ली जा।”
8 मसीह येशु के शिष्य शिमओन पेतरॉस के भाई आन्द्रेयास ने उन्हें सूचित किया,
उदे चेलयां चे शमौन पतरस दे भाई अन्द्रियासे उसयो बोलया,
9 “यहां एक लड़का है, जिसके पास जौ की पांच रोटियां और दो मछलियां हैं किंतु उनसे इतने लोगों का क्या होगा?”
“ऐथू इक जागत है जिदे बाल जौ दियां पंज रोटियां न कने दो मछियां न, पर ऐ इतणे लोंका तांई काफी नी है।”
10 मसीह येशु ने कहा, “लोगों को बैठा दो” और वे सब, जिनमें पुरुषों की ही संख्या पांच हज़ार थी, घनी घास पर बैठ गए.
यीशुऐ बोलया, “लोकां जो बठाई दिया।” उसा जगा पर मता घा था: तालू सै लोक बैठी गे, कने सै गिणतिया च लगबग पंज हजार थे।
11 तब मसीह येशु ने रोटियां लेकर धन्यवाद दिया और उनकी ज़रूरत के अनुसार बांट दीं और उसी प्रकार मछलियां भी.
तालू यीशुऐ रोटियां लियां, कने धन्यबाद करिके जड़े बैठयो थे उना जो बंडी दितियां: कने तियां ही मछियां जो भी जितणियां सै चांदे थे बंडी दितियां।
12 जब वे सब तृप्त हो गए तो मसीह येशु ने अपने शिष्यों को आज्ञा दी, “शेष टुकड़ों को इकट्ठा कर लो कि कुछ भी नाश न हो,”
जालू सै खाई करी रजी गे तां उनी अपणे चेलयां ने बोलया, “बचयां टुकड़यां जो गठेरी लिया, ताकि कुछ बर्बाद ना होऐ।”
13 उन्होंने जौ की उन पांच रोटियों के शेष टुकड़े इकट्ठा किए, जिनसे बारह टोकरे भर गए.
उना सै रोटियां दे टुकड़े गठेरे, कने सै पंज रोटियां दे टुकड़े जड़े खांणे बालयां ला बची गियो थे उना ने बाहरा टोकरियाँ भरियां।
14 लोगों ने इस अद्भुत चिह्न को देखकर कहा, “निःसंदेह यह वही भविष्यवक्ता हैं, संसार जिनकी प्रतीक्षा कर रहा है.”
तालू जड़ा अनोखा कम्म उनी करी के दसया उसयो दिखीकरी लोक बोलणा लग्गे; की सै परमेश्वरे दा संदेश देणेबाला है जड़ा संसारे च ओंणे बाला था, सै पका ऐई है।
15 जब मसीह येशु को यह मालूम हुआ कि लोग उन्हें ज़बरदस्ती राजा बनाने के उद्देश्य से ले जाना चाहते हैं तो वह फिर से पर्वत पर अकेले चले गए.
यीशु ऐ जाणी करी की लोक मिंजो राजा बणाणे तांई आई करी पकड़ना चांदे न, फिरी पहाड़े पर किला ही चली गिया।
16 जब संध्या हुई तो मसीह येशु के शिष्य झील के तट पर उतर गए.
फिरी जालू संज होई, तां उदे चेले झिला कंडे पर आये,
17 अंधेरा हो चुका था और मसीह येशु अब तक उनके पास नहीं पहुंचे थे. उन्होंने नाव पर सवार होकर गलील झील के दूसरी ओर कफ़रनहूम नगर के लिए प्रस्थान किया.
कने किस्तिया पर चढ़ी करी झिला पार कफरनहूम शेहर जो जाणा लग्गे: उस बेले नेहरा होई गिया था, कने यीशु हले दीकर उना बाल नी पुजया था।
18 उसी समय तेज हवा के कारण झील में लहरें बढ़ने लगीं.
कने तुफाने दिया बजा ने झिला च लेहरां उठणा लगियां।
19 नाव को लगभग पांच किलोमीटर खेने के बाद शिष्यों ने मसीह येशु को जल सतह पर चलते और नाव की ओर आते देखा. यह देखकर वे भयभीत हो गए.
जालू सै चलदे-चलदे लगबग चार मील निकली गे, तां उना यीशुऐ जो झिला पर चलदे कने किस्तिया बखे ओंदे दिखया, कने चेले डरी गे।
20 मसीह येशु ने उनसे कहा, “भयभीत मत हो, मैं हूं.”
पर यीशुऐ उना ने बोलया, “मैं है; डरा मत।”
21 यह सुन शिष्य मसीह येशु को नाव में चढ़ाने को तैयार हो गए. इसके बाद नाव उस किनारे पर पहुंच गई जहां उन्हें जाना था.
सै उसयो किस्तिया पर चढ़ाणे तांई तैयार होऐ कने झट सै किस्ति उसा जगा जाई पुज्जी जिसा जगा सै चलयो थे।
22 अगले दिन झील के उस पार रह गई भीड़ को मालूम हुआ कि वहां केवल एक छोटी नाव थी और मसीह येशु शिष्यों के साथ उसमें नहीं गए थे—केवल शिष्य ही उसमें दूसरे पार गए थे.
दुज्जे रोजे उना भिड़ा, जड़ी झिला पार खड़ोतियो थी, ऐ दिखया की ऐथू इकी जो छडी करी होर कोई लोकी किस्ति नी थी, कने यीशु अपणयां चेलयां सोगी इसा किस्तिया पर नी चढ़या था, बस उदे चेले ही गियो थे।
23 तब तिबेरियॉस नगर से अन्य नावें उस स्थान पर आईं, जहां प्रभु ने बड़ी भीड़ को भोजन कराया था.
होर लोकी किस्तियां तिबिरियास शेहरे ला उसा जगा पर आईयां, जिथू उना प्रभु दा धन्यबाद करणे बाद रोटी खादी थी।
24 जब भीड़ ने देखा कि न तो मसीह येशु वहां हैं और न ही उनके शिष्य, तो वे मसीह येशु को खोजते हुए नावों द्वारा कफ़रनहूम नगर पहुंच गए.
जालू भिड़ा दिखया, की ऐथू ना यीशु है, ना उदे चेले, तां सै भी लोकियाँ-लोकियाँ किस्तिया पर चढ़ी करी यीशुऐ जो तोपदे कफरनहूम शेहर च जाई पुज्जे।
25 झील के इस पार मसीह येशु को पाकर उन्होंने उनसे पूछा, “रब्बी, आप यहां कब पहुंचे?”
कने झिला दे पार उसला मिली करी उसयो बोलया, “गुरू जी, तू ऐथू कालू आया?”
26 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: तुम मुझे इसलिये नहीं खोज रहे कि तुमने अद्भुत चिह्न देखे हैं परंतु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्त हुए हो.
यीशुऐ उना जो जबाब दिता, “मैं तुसां ने सच्च-सच्च बोलदा है, तुसां मिंजो इस तांई नी तोपा दे की तुसां अनोखे कम्म दिखयो, पर इस तांई की तुसां रोटियां खाई करी रजी गे।
27 उस भोजन के लिए मेहनत मत करो, जो नाशमान है परंतु उसके लिए, जो अनंत जीवन तक ठहरता है, जो मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा क्योंकि पिता अर्थात् परमेश्वर ने समर्थन के साथ मात्र उसी को यह अधिकार सौंपा है.” (aiōnios )
खत्म होणे बाले खांणे पिच्छे मेहनत मत करा, पर उस खांणे तांई करा जड़ा हमेशा दिया जिन्दगिया दीकर रेंदा है, जड़ा मैं माणुऐ दे पुत्रे तुहांजो ऐ खाणा देणा है, क्योंकि पिता परमेश्वरे मिंजो ऐसा करणे दा हक दितया है।” (aiōnios )
28 इस पर उन्होंने मसीह येशु से पूछा, “हमसे परमेश्वर की इच्छा क्या है?”
उना यीशुऐ ला पुछया, “परमेश्वरे दा कम्म करणे तांई असां क्या करन?”
29 “यह कि तुम परमेश्वर के भेजे हुए पर विश्वास करो,” मसीह येशु ने उत्तर दिया.
यीशुऐ उना जो जबाब दिता, “परमेश्वर चांदा है की तुसां उस पर भरोसा करन जिसयो उनी भेजया है।”
30 इस पर उन्होंने मसीह येशु से दोबारा पूछा, “आप ऐसा कौन सा अद्भुत चिह्न दिखा सकते हैं कि हम आप में विश्वास करें? क्या है वह काम?
तालू उना उसला पुछया, “फिरी तू कुण दिया चमत्कार दसदा है, कि असां उसयो दिखीकरी तिजो पर भरोसा करन? तू कुण दिया कम्म दसदा है?
31 हमारे पूर्वजों ने बंजर भूमि में मन्ना खाया; पवित्र शास्त्र के अनुसार: भोजन के लिए परमेश्वर ने उन्हें स्वर्ग से रोटी दी.”
साड़यां पूर्वजां सुनसान जगा च मन्ना खादा; जियां पबित्र शास्त्र च लिखया है, मूसा उना जो खांणे तांई स्वर्गे ला रोटी दिती।”
32 इस पर मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: स्वर्ग से वह रोटी तुम्हें मोशेह ने नहीं दी; मेरे पिता ही हैं, जो तुम्हें स्वर्ग से वास्तविक रोटी देते हैं.
यीशुऐ उना बोलया, “मैं तुसां ने सच्च-सच्च बोलदा है तुहांजो सै रोटी स्वर्गे ला मूसा नी दितियो, पर मेरे पिता परमेश्वर तुहांजो स्वर्गे ला सच्ची रोटी दिन्दा है।
33 क्योंकि परमेश्वर की रोटी वह है, जो स्वर्ग से आती है, और संसार को जीवन प्रदान करती है.”
क्योंकि परमेश्वरे दी रोटी सेई है, जड़ी स्वर्गे ला उतरी करी संसारे दे लोकां जो जिन्दगी दिन्दी है।”
34 यह सुनकर उन्होंने विनती की, “प्रभु, अब से हमें यही रोटी दें.”
तालू उना उसला बोलया, “प्रभु जी, ऐ रोटी सांझो रोज ही दे कर।”
35 इस पर मसीह येशु ने घोषणा की, “मैं ही हूं वह जीवन की रोटी. जो मेरे पास आएगा, वह भूखा न रहेगा और जो मुझमें विश्वास करेगा, कभी प्यासा न रहेगा.
यीशुऐ उना ने बोलया, “रोटी जड़ी हमेशा दी जिन्दगी दिन्दी है सै रोटी मैं है: जड़ा मेरे बाल ओंगा उनी कदी भूखे नी होणा कने जड़ा मिंजो पर भरोसा करगा, सै कदी तरिणा नी होणा।
36 मैं तुमसे पहले भी कह चुका हूं कि तुम मुझे देखकर भी मुझमें विश्वास नहीं करते.
पर मैं तुसां ने पेहले ही बोलया था, की तुसां मिंजो दिखी भी लिया है तमी भरोसा नी करदे।
37 वे सभी, जो पिता ने मुझे दिए हैं, मेरे पास आएंगे और हर एक, जो मेरे पास आता है, मैं उसको कभी भी न छोड़ूंगा.
जड़ा कुछ पिता परमेश्वरे मिंजो दिन्दा है, सै सब मेरे बाल ओंणा है, कने जड़ा कोई मेरे बाल ओंगा उसयो मैं कदी नी कडगा।
38 मैं स्वर्ग से अपनी इच्छा पूरी करने नहीं, अपने भेजनेवाले की इच्छा पूरी करने के लिए आया हूं.
क्योंकि मैं अपणी इच्छा नी, पर अपणे भेजणे बाले दी इच्छा पुरी करणे तांई स्वर्गे ला उतरया है।
39 मेरे भेजनेवाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उन्होंने मुझे सौंपा है, उसमें से मैं कुछ भी न खोऊं परंतु अंतिम दिन में उसे फिर से जीवित करूं.
कने मेरे भेजणे बाले दी इच्छा ऐ है की जड़ा कुछ उनी मिंजो दितया है, उदे चे मैं कुछ नी गबां पर उसयो आखरी रोजे इसयो फिरी ला जिन्दा करे।
40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है कि हर एक, जो पुत्र को अपनाकर उसमें विश्वास करे, वह अनंत काल का जीवन प्राप्त करे तथा मैं उसे अंतिम दिन में फिर से जीवित करूं.” (aiōnios )
क्योंकि मेरे पिता परमेश्वरे दी इच्छा ऐ है, की जड़ा कोई मिंजो दिखदा है, कने मिंजो पर भरोसा करे, उसयो हमेशा दी जिन्दगी मिल्ले; कने मैं उसयो आखरी रोजे फिरी जिन्दा करी दिंगा।” (aiōnios )
41 मसीह येशु का यह दावा सुनकर: “स्वर्ग से उतरी रोटी मैं ही हूं,” यहूदी अगुए कुड़कुड़ाने लगे
तालू यहूदी अगुवे उस पर बुड़बड़ाणा लग्गे, इस तांई की उनी बोलया था, “जड़ी रोटी स्वर्गे ला उतरियो है सै मैं है।”
42 और आपस में मंत्रणा करने लगे, “क्या यह योसेफ़ का पुत्र येशु नहीं, जिसके माता-पिता को हम जानते हैं? तो अब यह कैसे कह रहा है कि यह स्वर्ग से आया है?”
कने उना बोलया, “क्या ऐ यूसुफे दा पुत्र यीशु नी है, जिसदे माता-पिता जो असां जाणदे न? तां सै कजो बोलदा न की मैं स्वर्गे ला उतरया है?”
43 यह जानकर मसीह येशु ने उनसे कहा, “कुड़कुड़ाओ मत,
यीशुऐ उना जो जबाब दिता, “अपु चे मत बुड़बुड़ा।
44 कोई भी मेरे पास तब तक नहीं आ सकता, जब तक मेरे भेजनेवाले—पिता—उसे अपनी ओर खींच न लें. मैं उसे अंतिम दिन में फिर से जीवित करूंगा.
कोई मेरे बाल नी आई सकदा है, जालू दीकर पिता परमेश्वर, जिनी मिंजो भेजया है, उसयो अपणे बाल खिची नी ले; कने मैं उसयो आखरी रोजे फिरी जिन्दा करी देणा है।
45 भविष्यद्वक्ताओं के अभिलेख में यह लिखा हुआ है: वे सब परमेश्वर द्वारा सिखाए हुए होंगे, अतः हर एक, जिसने पिता परमेश्वर को सुना और उनसे सीखा है, मेरे पास आता है.
परमेश्वरे दा संदेश देणेबालयां लेखां च ऐ लिखया है, सै सारे परमेश्वरे दीया तरफा ला सिखाऐ होणे न। जिनी कुनी पिता परमेश्वर ला सिखया कने सुणाया है, सै मेरे बाल ओंदा है।
46 किसी ने पिता परमेश्वर को नहीं देखा सिवाय उसके, जो पिता परमेश्वर से है, केवल उसी ने उन्हें देखा है.
कुनी भी पिता परमेश्वर जो नी दिखया। मैं किल्ला ही है, जड़ा परमेश्वर दिया तरफा ला आया है, जिनी उसयो दिखया है।
47 मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: अनंत काल का जीवन उसी का है, जो विश्वास करता है. (aiōnios )
मैं तुसां ने सच्च-सच्च बोलदा है, की जड़ा कोई मिंजो पर भरोसा करदा है, हमेशा दी जिन्दगी उदी है। (aiōnios )
48 मैं ही हूं जीवन की रोटी.
रोटी जड़ी जिन्दगी दिन्दी है सै मैं है।
49 बंजर भूमि में तुम्हारे पूर्वजों ने मन्ना खाया फिर भी उनकी मृत्यु हो गई.
तुहाड़े पूर्वजां सुनसान जगा च मन्ना खादा कने मरी गे।
50 मैं ही स्वर्ग से उतरी रोटी हूं कि जो कोई इसे खाए, उसकी मृत्यु न हो.
ऐ जिन्दगी दी रोटी है जड़ी स्वर्गे ला उतरदी है ताकि माणु इसयो खा कने कदी मरे ना।
51 स्वर्ग से उतरी जीवन की रोटी मैं ही हूं. जो कोई यह रोटी खाता है, वह हमेशा जीवित रहेगा. जो रोटी मैं दूंगा, वह संसार के जीवन के लिए भेंट मेरा शरीर है.” (aiōn )
जिन्दी रोटी जड़ी स्वर्गे ला उतरी सै मैं है। अगर कोई इसा रोटिया चे खा, तां हमेशा जिन्दा रेंणा, कने जड़ी रोटी मैं संसारे दिया जिन्दगिया तांई दिंगा, सै मेरा मास है।” (aiōn )
52 यह सुनकर यहूदी अगुए आपस में विवाद करने लगे, “यह व्यक्ति कैसे हमें अपना शरीर खाने के लिए दे सकता है?”
इस पर यहूदी अगुवे ऐ बोली करी अपु चे लड़ना लग्गे, “ऐ माणु सांझो कियां अपणा मास खांणे जो देई सकदा है?”
53 मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: जब तक तुम मनुष्य के पुत्र का शरीर न खाओ और उसका लहू न पियो, तुममें जीवन नहीं.
यीशुऐ उना ने बोलया, “मैं तुसां ने सच्च-सच्च बोलदा है जालू दीकर मेरा, माणुऐ दे पुत्रे दा मास नी खांगे, कने उदा खून नी पींगे, तुसां च जिन्दगी नी है।
54 अनंत काल का जीवन उसी का है, जो मेरा शरीर खाता और मेरा लहू पीता है; अंतिम दिन मैं उसे फिर से जीवित करूंगा. (aiōnios )
जड़ा मेरा मास खांदा है, कने मेरा खून पिंदा है, हमेशा दी जिन्दगी उदी ही है, कने न्याये दे रोजे उसयो फिरी जिन्दा करणा। (aiōnios )
55 मेरा शरीर ही वास्तविक भोजन और मेरा लहू ही वास्तविक पेय है.
क्योंकि मेरा शरीर सच्ची खांणे दी चीज है कने मेरा खून भी सच्ची पिंणे दी चीज है।
56 जो मेरा शरीर खाता और मेरा लहू पीता है, वही है, जो मुझमें बना रहता है और मैं उसमें.
जड़ा मेरा मास खांदा है कने मेरा खून पिंदा है सै मिंजो च टिकी रेंदा है, कने मैं उदे च रेंदा है।
57 जैसे जीवन्त पिता परमेश्वर ने मुझे भेजा है और मैं पिता के कारण जीवित हूं, वैसे ही वह भी, जो मुझे ग्रहण करता है, मेरे कारण जीवित रहेगा.
मेरा पिता परमेश्वर जिनी मिंजो भेजया है, सै जिन्दगी दिन्दा है। जियां उनी मिंजो जिन्दगी दितियो, तियां ही मैं भी उस माणुऐ जो जिन्दगी देणी जड़ा मेरे शरीरे जो खांदा है।”
58 यह वह रोटी है, जो स्वर्ग से उतरी हुई है; वैसी नहीं, जो पूर्वजों ने खाई और फिर भी उनकी मृत्यु हो गई; परंतु वह, जो यह रोटी खाता है, हमेशा जीवित रहेगा.” (aiōn )
ऐ सै रोटी है, जड़ी स्वर्गे ला उतरी होई है; पर तुहाड़े पूर्वजां मन्ना खादा, कने मरी गे: जड़ा कोई ऐ रोटी खांगा, उनी हमेशा जिंदे रेंणा। (aiōn )
59 मसीह येशु ने ये बातें कफ़रनहूम नगर के यहूदी सभागृह में शिक्षा देते हुए बताईं.
ऐ गल्लां उनी कफरनहूम शेहरे दे इक यहूदी जंज घर च उपदेश दिन्दे बेले बोलियां।
60 यह बातें सुनकर उनके अनेक शिष्यों ने कहा, “बहुत कठोर है यह शिक्षा. कौन इसे स्वीकार कर सकता है?”
तांई तां यीशुऐ दे चेलयां चे मतयां ऐ सुणीकरी बोलया, ऐ समझणा बड़ा मुश्किल है; की कुण इसयो मन्नी सकदा है?
61 अपने चेलों की बड़बड़ाहट का अहसास होने पर मसीह येशु ने कहा, “क्या यह तुम्हारे लिए ठोकर का कारण है?
यीशुऐ अपणे मने च ऐ जाणी करी की मेरे चेले अपु चे इसा गल्ला दे बारे च बुड़बुड़ा दे न, उना ला पुछया, “क्या ऐ गल्ल तुहांजो मिंजो पर भरोसा करणे ला रोकदी है?
62 तुम तब क्या करोगे जब तुम मनुष्य के पुत्र को ऊपर स्वर्ग में जाते देखोगे, जहां वह पहले था?
कने अगर तुसां मिंजो माणुऐ दे पुत्रे जो स्वर्गे जांदे दिखगे, जिथू सै पेहले था, तां क्या होंगा?
63 आत्मा ही हैं, जो शरीर को जीवन देती है. केवल शरीर का कुछ महत्व नहीं. जो वचन मैंने तुमसे कहे हैं, वे आत्मा हैं और जीवन भी.
परमेश्वरे दी आत्मा तां जिन्दगी देणेबाली है, शरीरे ने कोई फायदा नी है: जड़ियां गल्लां मैं तुसां ने बोलियाँ सै पबित्र आत्मा ने बोलियां न, कने ऐ गल्लां माणुआं जो जिन्दगी दीदियां न।
64 फिर भी तुममें कुछ हैं, जो मुझमें विश्वास नहीं करते.” मसीह येशु प्रारंभ से जानते थे कि कौन हैं, जो उनमें विश्वास नहीं करेंगे और कौन है वह, जो उनके साथ धोखा करेगा.
पर तुसां चे कितणे ऐसे न जड़े भरोसा नी करदे न।” क्योंकि यीशु तां पेहले ही जाणदा था की जड़े भरोसा नी करदे न, सै कुण न; कने कुनी उसयो पकड़वाणा है।
65 तब मसीह येशु ने आगे कहा, “इसलिये मैंने तुमसे यह कहा कि कोई भी मेरे पास तब तक नहीं आ सकता जब तक पिता उसे मेरे पास न आने दें.”
कने यीशुऐ बोलया, इसी तांई मैं तुसां ने बोलया था की जालू दीकर पिता परमेश्वर दिया तरफा ला ऐ बरदान ना होऐ, तालू दीकर सै मेरे बाल नी आई सकदा है।
66 इसके परिणामस्वरूप मसीह येशु के अनेक चेले पीछे हट गए और उनके पीछे चलना छोड़ दिया.
इसी पर उदे चेलयां चे मते बापस फिरी गे कने उदे बाद कदी उस सोगी नी चले।
67 यह देख मसीह येशु ने अपने बारह शिष्यों से अभिमुख हो उनसे पूछा, “कहीं तुम भी तो लौट जाना नहीं चाहते?”
तालू यीशुऐ उना बाहरां चेलयां ने बोलया, “क्या तुसां भी चली जाणा चांदे न?”
68 शिमओन पेतरॉस ने उत्तर दिया, “प्रभु, हम किसके पास जाएं? अनंत काल के जीवन की बातें तो आप ही के पास हैं. (aiōnios )
शमौन पतरसे उसयो जबाब दिता, प्रभु जी, असां कुसदे बाल जाणा? हमेशा दिया जिन्दगिया दियां गल्लां तां तेरे बाल ही न। (aiōnios )
69 हमने विश्वास किया और जान लिया है कि आप ही परमेश्वर के पवित्र जन हैं.”
कने असां भरोसा कितया है, कने जाणी गियो न, की परमेश्वरे दा पबित्र जन कने मसीहा तू ही है जिसयो परमेश्वरे भेजया है।
70 मसीह येशु ने उनसे कहा, “क्या स्वयं मैंने तुम बारहों को नहीं चुना? यह होने पर भी तुममें से एक इबलीस है.”
यीशुऐ उसयो जबाब दिता, “क्या मैं तुसां बाहरां चेलयां जो नी चुणयां है? तमी तुसां च इक माणु बुरा है।”
71 (उनका इशारा कारियोतवासी शिमओन के पुत्र यहूदाह की ओर था क्योंकि उन बारह शिष्यों में से वही मसीह येशु के साथ धोखा करने पर था.)
ऐ उनी शमौन इस्करियोती दे पुत्र यहूदा दे बारे च बोलया, क्योंकि ऐई जड़ा उना बाहरां च था, जिनी उसयो पकड़वाणा था।