< यूहन्ना 4 >
1 जब मसीह येशु को यह मालूम हुआ कि फ़रीसियों के मध्य उनके विषय में चर्चा हो रही है कि वह योहन से अधिक शिष्य बनाते और बपतिस्मा देते हैं;
ᎤᎬᏫᏳᎯᏃ ᎤᏛᎦᏅ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎤᎾᏛᎦᏅ ᏥᏌ ᎤᏟ ᎢᏯᏂᎢ ᎬᏩᏍᏓᏩᏕᎩ ᏂᏕᎬᏁᎲ ᎠᎴ ᏕᎦᏬᏍᎬᎢ, ᎡᏍᎦᏉ ᏣᏂ,
2 यद्यपि स्वयं मसीह येशु नहीं परंतु उनके शिष्य बपतिस्मा देते थे,
( ᎥᏝᏍᎩᏂᏃᏅ ᏥᏌ ᎤᏩᏒ ᏱᏓᏓᏬᏍᎨᎢ, ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏉᏍᎩᏂ, )
3 तब वह यहूदिया प्रदेश छोड़कर पुनः गलील प्रदेश को लौटे.
ᏧᏗᏱ ᎤᏂᎩᏒᎩ ᎠᎴ ᏔᎵᏁ ᎨᎵᎵ ᏮᎤᎶᏒᎩ.
4 उन्हें शमरिया प्रदेश में से होकर जाना पड़ा.
ᎠᎴ ᏌᎺᎵᏱ ᎠᏎ ᎤᎶᎯᏍᏗ ᎨᏒᎩ.
5 वह शमरिया प्रदेश के सूख़ार नामक नगर पहुंचे. यह नगर उस भूमि के पास है, जो याकोब ने अपने पुत्र योसेफ़ को दी थी.
ᎿᎭᏉᏃ ᏌᎺᎵᏱ ᎦᏚᎲ ᎤᎷᏨᎩ ᏌᎦ ᏧᏙᎢᏛ ᎾᏍᎩ ᎾᎥ ᏥᎦᏚᎭ ᎦᏓ ᎠᎲ ᏤᎦᏈ ᏧᏁᎴ ᎤᏪᏥ ᏦᏩ.
6 याकोब का कुंआ भी वहीं था. यात्रा से थके मसीह येशु कुएं के पास बैठ गए. यह लगभग दिन का बारह बजे का समय था.
ᎾᎿᎭᏃ ᎠᏔᎴᏒᎩ ᎠᎹ ᏧᏂᏢᏗᏱ ᏤᎦᏈ ᎤᏤᎵᎦ; ᏥᏌᏃ ᏚᏯᏪᏨ ᎠᎢᏒ ᎤᏪᏅᎩ ᎠᏔᎴᏒᎢ; ᏔᎳᏚᏃ ᎢᏴᏛ ᎢᏳᏟᎶᏛ ᎧᎳᏩᏗᏒ ᎨᏒᎩ.
7 उसी समय शमरियावासी एक स्त्री उस कुएं से जल भरने आई. मसीह येशु ने उससे कहा, “मुझे पीने के लिए जल दो.”
ᎾᎿᎭᎤᎷᏤ ᎠᎨᏴ ᏌᎺᎵᏱ ᎡᎯ ᎠᎹ ᎤᏢᎯᎴᎢ; ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎠᏆᏗᏔᏍᏗ ᏍᎩᏁᎲᏏ.
8 उस समय मसीह येशु के शिष्य नगर में भोजन लेने गए हुए थे.
ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏰᏃ ᏗᎦᏚᎲ ᏩᏁᏙᎲᎩ ᎠᎵᏍᏓᏴᏗ ᎤᏂᏩᏒᏒᎩ.
9 इस पर आश्चर्य करते हुए उस शमरियावासी स्त्री ने मसीह येशु से पूछा, “आप यहूदी होकर मुझ शमरियावासी से जल कैसे मांग रहे हैं?” (यहूदी शमरियावासियों से किसी प्रकार का संबंध नहीं रखते थे.)
ᎿᎭᏉᏃ ᎾᏍᎩ ᎠᎨᏴ ᏌᎺᎵᏱ ᎡᎯ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎦᏙ ᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᏂᎯ ᎯᏧᏏ ᎠᏗᏔᏍᏗ ᎢᏍᎩᏔᏲᏎᎭ ᏥᎨᏴ ᏌᎺᎵᏱ ᎨᎢ. ( ᎠᏂᏧᏏᏰᏃ ᎠᎴ ᏌᎺᎵᏱ ᎠᏁᎯ ᎥᏝ ᏱᏚᎾᏓᎦᏌᏯᏍᏙᎢ.)
10 मसीह येशु ने उत्तर दिया, “यदि तुम परमेश्वर के वरदान को जानतीं और यह पहचानतीं कि वह कौन है, जो तुमसे कह रहा है, ‘मुझे पीने के लिए जल दो,’ तो तुम उससे मांगतीं और वह तुम्हें जीवन का जल देता.”
ᏥᏌ ᎤᏁᏤᎢ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎢᏳᏃ ᏱᎯᎦᏔᎮ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏓᏁᏗ ᏥᎩ, ᎠᎴ ᏱᎯᎦᏔᎮ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏥᏂᏣᏪᏎᎭ, ᎠᏆᏗᏔᏍᏗ ᏍᎩᏁᎲᏏ; ᏨᏒ ᏱᏔᏲᏎᎴᎢ, ᎠᎴ ᏱᏣᏁᏁᎴ ᎬᏂᏛ ᎠᎹ.
11 स्त्री ने कहा, “किंतु श्रीमन, आपके पास तो जल निकालने के लिए कोई बर्तन भी नहीं है और कुंआ बहुत गहरा है; जीवन का जल आपके पास कहां से आया!
ᎠᎨᏴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎯᏍᎦᏯ, ᎥᏝ ᎪᎱᏍᏗ ᏱᏰᎭ ᎠᏢᏗ, ᎭᏫᏂᏳᏃ ᎠᏔᎴᏒᎢ, ᎭᏢᏃ ᏣᏁᎩᏒ ᎾᏍᎩ ᎬᏂᏛ ᎠᎹ?
12 आप हमारे कुलपिता याकोब से बढ़कर तो हैं नहीं, जिन्होंने हमें यह कुंआ दिया, जिसमें से स्वयं उन्होंने, उनकी संतान ने और उनके पशुओं ने भी पिया.”
ᏥᏌ ᎤᏟ ᎡᏣᎸᏉᏗᏳ ᏂᎯ, ᎡᏍᎦᏉ ᎢᎩᏙᏓ ᏤᎦᏈ ᎾᏍᎩ ᎢᎩᏁᎸᎯ ᎯᎠ ᎠᏔᎴᏒᎢ, ᎠᎴ ᎾᎿᎭᎤᏩᏒ ᎤᏗᏔᎲᎢ ᎠᎴ ᏚᎾᏗᏔᎲᎢ ᏧᏪᏥ ᎠᎴ ᎤᎾᏝᎾᎥᎢ.
13 मसीह येशु ने कहा, “कुएं का जल पीकर हर एक व्यक्ति फिर प्यासा होगा.
ᏥᏌ ᎤᏁᏤᎢ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎩᎶ ᏳᏗᏔᎲ ᎯᎠ ᎠᎹ ᏔᎵᏁᏉ ᎤᏔᏕᎪᏗ;
14 किंतु जो व्यक्ति मेरा दिया हुआ जल पिएगा वह आजीवन किसी भी प्रकार से प्यासा न होगा. और वह जल जो मैं उसे दूंगा, उसमें से अनंत काल के जीवन का सोता बनकर फूट निकलेगा.” (aiōn , aiōnios )
ᎩᎶᏍᎩᏂ ᏳᏗᏔᎲ ᎾᏍᎩ ᎠᎹ ᎠᏴ ᏥᏁᏁᏗ ᏥᎩ ᎥᏝ ᎢᏳᎯᏳ ᎤᏔᏕᎪᏗ ᏱᎩ, ᎠᏴᏍᎩᏂ ᏥᏁᏁᏗ ᏥᎩ ᎠᎹ, ᎭᏫᏂ ᎠᏰᎸ ᎠᎹ ᎦᏄᎪᎬ ᎨᏎᏍᏗ, ᏫᎦᎾᏄᎪᎨᏍᏗ ᎬᏂᏛ ᎠᎵᏍᏆᏗᏍᎩ ᏂᎨᏒᎾ ᏗᎨᏒᎢ. (aiōn , aiōnios )
15 यह सुनकर स्त्री ने उनसे कहा, “श्रीमन, आप मुझे भी वह जल दीजिए कि मुझे न प्यास लगे और न ही मुझे यहां तक जल भरने आते रहना पड़े.”
ᎠᎨᏴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎯᏍᎦᏯ, ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎠᎹ ᏍᎩᏁᎲᏏ, ᏞᏍᏗᏃ ᎠᎩᏔᏕᎦᏅᎩ, ᎠᎴ ᏞᏍᏗ ᎠᏂ ᎠᎩᏢᎯᎸᎩ.
16 मसीह येशु ने उससे कहा, “जाओ, अपने पति को यहां लेकर आओ.”
ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏣᏰᎯ ᏫᏯᏅ, ᎠᏂᏃ ᎢᏍᏗᎷᏨᎭ.
17 स्त्री ने उत्तर दिया, “मेरे पति नहीं है.” मसीह येशु ने उससे कहा, “तुमने सच कहा कि तुम्हारा पति नहीं है.
ᎠᎨᏴᏃ ᎤᏁᏤᎢ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎥᏝ ᏰᎭ ᎠᎩᏰᎯ. ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏰᎵ ᏂᏫ, ᎥᏝ ᏰᎭ ᎠᎩᏰᎯ, ᏣᏛ;
18 सच यह है कि पांच पति पहले ही तुम्हारे साथ रह चुके हैं और अब भी जो तुम्हारे साथ रह रहा है, तुम्हारा पति नहीं है.”
ᎯᏍᎩᏰᏃ ᎾᏂᎥᎩ ᎨᏣᏰᎯ, ᎪᎯᏃ ᏥᏣᎧᎭ ᎥᏝ ᏣᏰᎯ ᏱᎩ; ᎾᏍᎩ ᏥᏂᏫ ᏚᏳᎪᏛ ᏂᏫ.
19 यह सुन स्त्री ने उनसे कहा, “श्रीमन, ऐसा लगता है कि आप भविष्यवक्ता हैं.
ᎠᎨᏴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎯᏍᎦᏯ, ᎦᏙᎴᎣᏍᎦ ᎭᏙᎴᎰᏍᎩ ᎨᏒᎢ.
20 हमारे पूर्वज इस पर्वत पर आराधना करते थे किंतु आप यहूदी लोग कहते हैं कि येरूशलेम ही वह स्थान है, जहां आराधना करना सही है.”
ᏦᎩᎦᏴᎵᎨ ᎠᎾᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎬᎩ ᎠᏂ ᎣᏓᎸᎢ, ᎠᏎᏃ ᏂᎯ ᎯᎠ ᏂᏥᏪᏍᎪᎢ; ᏥᎷᏏᎵᎻᏍᎩᏂ ᎾᎿᎭᎤᎬᏫᏳᎭ ᎠᏓᏙᎵᏍᏙᏗᏱ.
21 मसीह येशु ने उससे कहा, “मेरा विश्वास करो कि वह समय आ रहा है जब तुम न तो इस पर्वत पर पिता की आराधना करोगे और न येरूशलेम में.
ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎯᎨᏴ, ᏍᏉᎯᏳᎲᎦ, ᏛᏍᏆᎸᎯ ᎾᎯᏳ ᎥᏝ ᎠᏂ ᎣᏓᎸᎢ, ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᏥᎷᏏᎵᎻ, ᏱᎦᏰᏣᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎮᏍᏗ ᎠᎦᏴᎵᎨᎢ.
22 तुम लोग तो उसकी आराधना करते हो जिसे तुम जानते नहीं. हम उनकी आराधना करते हैं जिन्हें हम जानते हैं, क्योंकि उद्धार यहूदियों में से ही है.
ᏂᎯ ᎢᏣᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎭ ᎪᎱᏍᏗ ᎾᏍᎩ ᏂᏥᎦᏔᎲᎾ; ᎠᏴᏍᎩᏂ ᎣᏥᎦᏔᎭ ᎢᏳᏍᏗ ᎣᏣᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎲᎢ; ᎠᏂᏧᏏᏰᏃ ᎠᏁᎲ ᎠᎵᏍᏕᎸᏙᏗ ᎨᏒ ᏅᏓᏳᎾᏄᎪᎢᏍᏗ.
23 वह समय आ रहा है बल्कि आ ही गया है जब सच्चे भक्त पिता की आराधना अपनी अंतरात्मा और सच्चाई में करेंगे क्योंकि पिता अपने लिए ऐसे ही भक्तों की खोज में हैं.
ᎠᏎᏃ ᏛᏍᏆᎸᎯ, ᎠᎴ ᎿᎭᏉ ᎤᏍᏆᎸᎲ, ᎾᏍᎩ ᎤᏙᎯᏳᏒ ᎠᎾᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎩ ᏛᎾᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎵ ᎠᎦᏴᎵᎨ ᏙᏛᏅᏔᏂ ᏧᎾᏓᏅᏙ ᎠᎴ ᏚᏳᎪᏛᎢ; ᎠᎦᏴᎵᎨᏰᏃ ᏚᏲᎰ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᎾᏍᏗ ᎬᏩᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎯ.
24 परमेश्वर आत्मा हैं इसलिये आवश्यक है कि उनके भक्त अपनी आत्मा और सच्चाई में उनकी आराधना करें.”
ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᏓᏅᏙ; ᎾᏍᎩᏃ Ꮎ ᎠᎾᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎯ ᏧᎾᏓᏅᏙ ᎠᎴ ᏚᏳᎪᏛ ᏧᏅᏙᏗ ᎤᎾᏓᏙᎵᏍᏓᏁᏗ.
25 स्त्री ने उनसे कहा, “मैं जानती हूं कि मसीह, जिन्हें ख्रिस्त कहा जाता है, आ रहे हैं. जब वह आएंगे तो सब कुछ साफ़ कर देंगे.”
ᎠᎨᏴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏥᎦᏔᎭ ᎤᎷᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎺᏌᏯ-ᎾᏍᎩ ᎦᎶᏁᏛ ᏣᏃᏎᎰᎢ-ᎾᏍᎩ ᎦᎷᏨᎭ, ᏓᎩᏃᏁᎵ ᏂᎦᎥ ᎪᎱᏍᏗ.
26 मसीह येशु ने उससे कहा, “जो तुमसे बातें कर रहा है, वही तो मैं ही हूं.”
ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎠᏴ ᏥᎬᏬᏁᏗᎭ ᎾᏍᎩ [ ᎺᏌᏯ.]
27 तभी उनके शिष्य आ गए और मसीह येशु को एक स्त्री से बातें करते देख दंग रह गए, फिर भी किसी ने उनसे यह पूछने का साहस नहीं किया कि वह एक स्त्री से बातें क्यों कर रहे थे या उससे क्या जानना चाहते थे.
ᎿᎭᏉᏃ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎤᏂᎷᏨᎩ, ᎠᎴ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏒᎩ ᎠᎨᏴ ᎠᎵᏃᎮᏗᏍᎬᎢ. ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎩᎶᎢ, ᎦᏙ ᏣᏲᎭ? ᎠᎴ ᎦᏙᏃ ᎢᎯᏯᎵᏃᎮᏍᏗ? ᏳᏬᏎᎴᎢ.
28 अपना घड़ा वहीं छोड़ वह स्त्री नगर में जाकर लोगों को बताने लगी,
ᎿᎭᏉᏃ ᎠᎨᏴ ᎤᎯᏴᎩ ᎠᎹ ᎤᏢᏗ, ᎠᎴ ᏗᎦᏚᎲ ᏭᎶᏒᎩ, ᎯᎠ ᏫᏂᏚᏪᏎᎸᎩ ᏴᏫ;
29 “आओ, एक व्यक्ति को देखो, जिन्होंने मेरे जीवन की सारी बातें सुना दी हैं. कहीं यही तो मसीह नहीं?”
ᎢᏕᎾ, ᏪᏥᎪᏩᏛ ᎠᏍᎦᏯ ᎠᎩᏃᏁᎸᎯ ᏂᎦᎥ ᎾᏆᏛᏁᎵᏙᎸᎢ. ᏝᏍᎪ ᎾᏍᎩ ᎦᎶᏁᏛ ᏱᎩ?
30 तब नगरवासी मसीह येशु को देखने वहां आने लगे.
ᎰᏩᏃ ᎦᏚᎲ ᎤᏂᏄᎪᏨᎩ, ᎠᎴ ᎥᎬᏩᎷᏤᎸᎩ.
31 इसी बीच शिष्यों ने मसीह येशु से विनती की, “रब्बी, कुछ खा लीजिए.”
ᎠᏏᏉᏃ ᎦᏚᎲ ᏪᏙᎲᎩ, ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎬᏩᏍᏗᏰᏔᏅᎩ, ᏗᏍᎩᏰᏲᎲᏍᎩ, ᎭᎵᏍᏓᏴᎲᎦ, ᎠᎾᏗᏍᎬᎩ.
32 मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे पास खाने के लिए ऐसा भोजन है, जिसके विषय में तुम कुछ नहीं जानते.”
ᎠᏎᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎠᎩᎭ ᎠᏆᎵᏍᏓᏴᏗ ᏂᎯ ᏂᏥᎦᏔᎲᎾ.
33 इस पर शिष्य आपस में पूछताछ करने लगे, “कहीं कोई गुरु के लिए भोजन तो नहीं लाया?”
ᎾᏍᎩᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎯᎠ ᏂᏚᎾᏓᏪᏎᎸᎩ; ᏥᎪ ᎩᎶ ᎤᏲᎮᎸ ᎤᎵᏍᏓᏴᏗ?
34 मसीह येशु ने उनसे कहा, “अपने भेजनेवाले, की इच्छा पूरी करना तथा उनका काम समाप्त करना ही मेरा भोजन है.
ᏥᏌ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ, ᏄᏍᏛ ᎠᏓᏅᏖᏍᎬ ᎠᎩᏅᏏᏛ ᎢᏯᏆᏛᏁᏗᏱ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᏤᎵ ᏗᎦᎸᏫᏍᏓᏁᏗ ᎨᏒ ᎠᎩᏍᏆᏗᏍᏗᏱ, ᎾᏍᎩ ᎠᏴ ᎠᏆᎵᏍᏓᏴᏗ.
35 क्या तुम यह नहीं कहते कि कटनी में चार महीने बचे हैं? किंतु मैं तुमसे कहता हूं कि खेतों पर दृष्टि डालो. वे कब से कटनी के लिए पक चुके हैं.
ᏝᏍᎪ ᎯᎠ ᎢᎨᏥᏪᏍᏗ ᏱᎩ; ᎠᏏ ᏅᎩ ᎢᏯᏅᏙ ᎩᎳ ᏛᎦᏛᎾᏥ? ᎬᏂᏳᏉ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ; ᏗᏥᎦᏙᎵ ᏗᏥᏌᎳᏛᎦ, ᎠᎴ ᏕᎦᎶᎨᏒ ᏗᏣᎧᏅᎦ, ᎿᎭᏉᏰᏃ ᏧᏁᎩᏳ, ᎠᎴ ᎤᏍᏆᎸᎲ ᎠᏍᎫᏕᏍᏗᏱ.
36 इकट्ठा करनेवाला अपनी मज़दूरी प्राप्त कर अनंत काल के जीवन के लिए फसल इकट्ठी कर रहा है कि किसान और इकट्ठा करनेवाला दोनों मिलकर आनंद मनाएं. (aiōnios )
ᎠᎴ ᎠᏍᎫᏕᏍᎩ ᎠᎦᎫᏴᎡᎰᎢ, ᎠᎴ ᎤᏍᎫᏕᏒᎯ ᏫᎦᏟᏏᏍᎪ ᎬᏂᏛ ᏗᎨᏒᎢ, ᎾᏍᎩ ᎢᏧᎳ ᎤᎾᎵᎮᎵᏍᏗᏱ ᏂᎦᎵᏍᏗᏍᎪ ᎠᏫᏍᎩ ᎾᏃ ᎠᏍᎫᏕᏍᎩ. (aiōnios )
37 यहां यह कहावत ठीक बैठती है: ‘एक बोए दूसरा काटे.’
ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎠᏂ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᏂᎦᎵᏍᏗᎭ ᎯᎠ ᎢᎦᏪᏛ ᏥᎩ; ᎩᎶ ᎠᏫᏍᎪᎢ ᏅᏩᏓᎴᏃ ᎠᏍᎫᏕᏍᎪᎢ.
38 जिस उपज के लिए तुमने कोई परिश्रम नहीं किया, उसी को काटने मैंने तुम्हें भेजा है. परिश्रम अन्य लोगों ने किया और तुम उनके प्रतिफल में शामिल हो गए.”
ᎢᏨᏅᏒᎩ ᏫᏥᏍᎫᏕᏍᏗᏱ ᎾᎿᎭᏂᎯ ᏗᏥᎸᏫᏍᏓᏁᎸᎯ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎢ; ᏅᏩᎾᏓᎴ ᏗᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎸᎩ, ᏂᎯᏃ ᎢᏥᏴᎸ ᏚᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎸᎢ.
39 अनेक शमरियावासियों ने उस स्त्री की इस गवाही के कारण मसीह येशु में विश्वास किया: “आओ, एक व्यक्ति को देखो, जिन्होंने मेरे जीवन की सारी बातें सुना दी हैं.”
ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏛᎩ ᎠᏂᏌᎺᎵ ᎾᎿᎭᎦᏚᎲ ᎠᏁᎯ ᎬᏬᎯᏳᏅᎩ, ᏅᏓᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎬᎩ ᎤᏃᎮᎸ ᎠᎨᏴ ᎯᎠ ᏥᏄᏪᏎᎢ; ᎠᎩᏃᏁᎸᎩ ᏂᎦᎥ ᎾᏆᏛᏁᎵᏙᎸᎢ.
40 तब शमरियावासियों की विनती पर मसीह येशु दो दिन तक उनके मध्य रहे
ᎠᎴ ᎠᏂᏌᎺᎵ ᎬᏩᎷᏤᎸ ᎬᏩᏔᏲᏎᎸᎩ ᏧᏪᎳᏗᏓᏍᏗᏱ, ᎠᎴ ᎾᎿᎭᏔᎵ ᏧᏒᎯᏛ ᎤᏪᏙᎸᎩ.
41 और उनका प्रवचन सुनकर अनेकों ने उनमें विश्वास किया.
ᎠᎴ ᎠᏏ ᎤᏂᏣᏛᎩ ᎤᏃᎯᏳᏅᎩ, ᏅᏓᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎬᎩ ᎤᏩᏒ ᎧᏁᎬᎢ;
42 उन्होंने उस स्त्री से कहा, “अब हम मात्र तुम्हारे कहने से ही इनमें विश्वास नहीं करते, हमने अब इन्हें स्वयं सुना है और जान गए हैं कि यही वास्तव में संसार के उद्धारकर्ता हैं.”
ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎸᎩ ᎠᎨᏴ; ᎿᎭᏉ ᎣᏦᎯᏳᎲᏍᎦ ᎥᏝ ᏂᎯᏉ ᏣᏁᏨ ᏱᏅᏗᎦᎵᏍᏙᎭ ᏦᏦᎯᏳᎲᏍᎦ, ᎣᎬᏒᏰᏃ ᎣᏣᏛᎦᏏ, ᎠᎴ ᎣᏥᎦᏔᎭ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎦᎶᏁᏛ ᎨᏒ ᎡᎶᎯ ᎠᏍᏕᎵᏍᎩ.
43 दो दिन बाद मसीह येशु ने गलील प्रदेश की ओर प्रस्थान किया.
ᎾᏍᎩᏃ ᏔᎵ ᏫᏄᏒᎸ ᎾᎿᎭᎤᏂᎩᏒᎩ, ᎠᎴ ᎨᎵᎵ ᏭᎶᏒᎩ.
44 यद्यपि मसीह येशु स्वयं स्पष्ट कर चुके थे कि भविष्यवक्ता को अपने ही देश में सम्मान नहीं मिलता,
ᏥᏌᏰᏃ ᎤᏩᏒ ᎯᎠ ᏄᏪᏒᎩ; ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎥᏝ ᎠᏥᎸᏉᏗᏳ ᏱᎨᏐ ᎤᏩᏒ ᎤᏤᎵᎪᎯ.
45 गलील प्रदेश पहुंचने पर गलीलवासियों ने उनका स्वागत किया क्योंकि वे फ़सह उत्सव के समय येरूशलेम में मसीह येशु द्वारा किए गए काम देख चुके थे.
ᎿᎭᏉᏃ ᎨᎵᎵ ᏭᎷᏨ, ᎨᎵᎵ ᎠᏁᎯ ᏕᎬᏩᏓᏂᎸᏨᎩ, ᎤᏂᎪᎲᎯᏰᏃ ᎨᏒᎩ ᎾᏍᎩ ᏂᎦᏛ ᏚᎸᏫᏍᏓᏁᎸ ᏥᎷᏏᎵᎻ ᎾᎯᏳ ᏓᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎬᎢ; ᎾᏍᏉᏰᏃ ᎤᏁᏅᏒᎩ ᏙᏗᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎬᎢ.
46 मसीह येशु दोबारा गलील प्रदेश के काना नगर में आए, जहां उन्होंने जल को दाखरस में बदला था. कफ़रनहूम नगर में एक राजकर्मचारी था, जिसका पुत्र अस्वस्थ था.
ᏥᏌᏃ ᏔᎵᏁ ᎤᎷᏨᎩ ᎨᏂ ᎦᏚᎲᎢ ᎨᎵᎵᏱ, ᎾᎿᎭᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᎠᎹ ᎤᏬᏢᏔᏅᎢ. ᎠᎴ ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎠᏍᏕᎵᏍᎩ ᎡᎲᎩ, ᎾᏍᎩ ᎤᏪᏥ ᎤᏢᎬᎩ ᎨᏆᏂ.
47 यह सुनकर कि मसीह येशु यहूदिया प्रदेश से गलील में आए हुए हैं, उसने आकर मसीह येशु से विनती की कि वह चलकर उसके पुत्र को स्वस्थ कर दें, जो मृत्यु-शय्या पर है.
ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎤᏛᎦᏅ ᏥᏌ ᏧᏗᏱ ᏧᎶᏒ ᎨᎵᎵ ᎤᎷᏥᎸᎢ, ᎤᏩᏛᎲᏒᎩ, ᎠᎴ ᎤᏔᏲᏎᎸᎩ ᎤᏪᏅᏍᏗᏱ ᏭᏅᏬᏗᏱ ᎤᏪᏥ, ᎤᏲᎱᏏᏕᎾᏰᏃ ᎨᏒᎩ.
48 इस पर मसीह येशु ने उसे झिड़की देते हुए कहा, “तुम लोग तो चिह्न और चमत्कार देखे बिना विश्वास ही नहीं करते!”
ᎿᎭᏉᏃ ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎸᎩ; ᎥᏝ ᏴᎨᏦᎯᏳᎲᎦ, ᎬᏂ ᏱᏥᎪᏩᏘᎭ ᎤᏰᎸᏛᎢ ᎠᎴ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗ.
49 राजकर्मचारी ने उनसे दोबारा विनती की, “श्रीमन, इससे पूर्व कि मेरे बालक की मृत्यु हो, कृपया मेरे साथ चलें.”
ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎠᏍᏕᎵᏍᎩ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎸᎩ, ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᎮᎾ ᎠᏏᏉ ᎾᏲᎱᏍᎬᎾ ᎠᏇᏥ.
50 मसीह येशु ने उससे कहा, “जाओ, तुम्हारा पुत्र जीवित रहेगा.” उस व्यक्ति ने मसीह येशु के वचन पर विश्वास किया और घर लौट गया.
ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎸᎩ; ᏥᎮᎾ, ᏤᏥ ᎬᏅ. ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᏬᎯᏳᏅᎩ ᏥᏌ ᏄᏪᏎᎸᎢ, ᎠᎴ ᎤᏪᏅᏒᎩ.
51 जब वह मार्ग में ही था, उसके दास उसे मिल गए और उन्होंने उसे सूचना दी, “स्वामी, आपका पुत्र स्वस्थ हो गया है.”
ᎿᎭᏉᏃ ᎥᎠᎢᏒᎩ, ᏧᏅᏏᏓᏍᏗ ᏕᎬᏩᏠᏒᎩ ᎠᎴ ᎬᏩᏃᏁᎸᎩ, ᏤᏥ ᎬᏅ, ᎥᎬᏬᏎᎸᎩ.
52 “वह किस समय से स्वस्थ होने लगा था?” उसने उनसे पूछा. उन्होंने कहा, “कल लगभग दोपहर एक बजे उसका ज्वर उतर गया.”
ᎿᎭᏉᏃ ᏚᏛᏛᏅᎩ ᎢᏳᎢ ᎤᎴᏅᎲ ᏏᏲᏍᏛ ᏄᎵᏍᏓᏁᎸᎢ. ᎤᏒᎯ ᏌᏉ ᎢᏳᏟᎶᏛ ᎧᎳᏩᏗᏒ ᏄᏗᎴᎲᏍᎬᎾ ᏄᎵᏍᏔᏅᎩ, ᎥᎬᏬᏎᎸᎩ.
53 पिता समझ गया कि यह ठीक उसी समय हुआ जब मसीह येशु ने कहा था, “तुम्हारा पुत्र जीवित रहेगा.” इस पर उसने और उसके सारे परिवार ने मसीह येशु में विश्वास किया.
ᎾᏍᎩᏃ ᎤᏙᏓ ᎤᏙᎴᎰᏒᎩ ᎾᎯᏳ ᎨᏒ ᏥᏌ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎸᎢ; ᏤᏥ ᎬᏅ. ᎤᏩᏒᏃ ᎤᏬᎯᏳᏅᎩ ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᏂᎦᏛ ᏧᏤᎵ ᏏᏓᏁᎸᎯ ᎨᏒᎢ.
54 यह दूसरा अद्भुत चिह्न था, जो मसीह येशु ने यहूदिया प्रदेश से लौटकर गलील प्रदेश में किया.
ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏔᎵᏁ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗ ᏚᎸᏫᏍᏓᏁᎸ ᏥᏌ ᎨᎵᎵ ᎤᎷᏦᏅᎯ, ᏧᏗᏱ ᏅᏓᏳᎶᏒᎯ.