< यूहन्ना 4 >
1 जब मसीह येशु को यह मालूम हुआ कि फ़रीसियों के मध्य उनके विषय में चर्चा हो रही है कि वह योहन से अधिक शिष्य बनाते और बपतिस्मा देते हैं;
फिरी जालू यीशुऐ जो पता लग्गा की फरीसियां सुणाया है की यीशु यूहन्ना ला जादा चेले बणांदा कने बपतिस्मा दिन्दा है।
2 यद्यपि स्वयं मसीह येशु नहीं परंतु उनके शिष्य बपतिस्मा देते थे,
यीशु नी पर उदे चेले बपतिस्मा दिन्दे थे,
3 तब वह यहूदिया प्रदेश छोड़कर पुनः गलील प्रदेश को लौटे.
तालू सै यहूदिया प्रदेश जो छडी करी फिरी अपणे चेलयां सोगी गलील प्रदेशे दे इलाके जो चली गिया,
4 उन्हें शमरिया प्रदेश में से होकर जाना पड़ा.
कने उसयो सामरियां प्रदेश ला होईकरी जाणा जरूरी था, क्योंकि परमेश्वर भी ऐई चांदा था।
5 वह शमरिया प्रदेश के सूख़ार नामक नगर पहुंचे. यह नगर उस भूमि के पास है, जो याकोब ने अपने पुत्र योसेफ़ को दी थी.
तांई तां सै सामरिया प्रदेश दे खूखार शेहरे दीकर आया, जड़ा उसा जमिना दे बखे है जड़ी याकूबे अपणे पुत्र यूसुफे जो दितियो थी।
6 याकोब का कुंआ भी वहीं था. यात्रा से थके मसीह येशु कुएं के पास बैठ गए. यह लगभग दिन का बारह बजे का समय था.
कने याकूबे जड़ा खु ओथु बणाया था, सै हले दीकर भी ओथु ही था। कने यीशु रस्ते च थकी करी उस खुऐ पर इयां ही बेई गिया। कने ऐ गल्ल दोपहर दे बकते होई थी।
7 उसी समय शमरियावासी एक स्त्री उस कुएं से जल भरने आई. मसीह येशु ने उससे कहा, “मुझे पीने के लिए जल दो.”
इतणे च इक सामरी जनानी पांणी भरना आई। यीशुऐ उसा जो बोलया की “मिंजो पींणे तांई पांणी दे।”
8 उस समय मसीह येशु के शिष्य नगर में भोजन लेने गए हुए थे.
क्योंकि उदे चेले तां शेहरे च खाणा खरीदणा गियो थे।
9 इस पर आश्चर्य करते हुए उस शमरियावासी स्त्री ने मसीह येशु से पूछा, “आप यहूदी होकर मुझ शमरियावासी से जल कैसे मांग रहे हैं?” (यहूदी शमरियावासियों से किसी प्रकार का संबंध नहीं रखते थे.)
इना सामरी जनानिया उसला बोलया, तू यहूदी होईकरी सामरी जनानिया ला पांणी कजो मंगा दा है? क्योंकि यहूदी सामरियां सोगी कुछ भी रिश्ता नी रखदे।
10 मसीह येशु ने उत्तर दिया, “यदि तुम परमेश्वर के वरदान को जानतीं और यह पहचानतीं कि वह कौन है, जो तुमसे कह रहा है, ‘मुझे पीने के लिए जल दो,’ तो तुम उससे मांगतीं और वह तुम्हें जीवन का जल देता.”
यीशुऐ जबाब दिता, “तू नी जाणदी है की परमेश्वर तिजो क्या देणा चांदा, कने ऐ भी नी जाणदी की कुण तिजो ला पांणी मंगा दा है। अगर तू जाणदी, तां तू मिंजो ला मंगदी, कने मैं तिजो जिन्दगिया दा पांणी दिन्दा जड़ा जिन्दगी दिन्दा है।”
11 स्त्री ने कहा, “किंतु श्रीमन, आपके पास तो जल निकालने के लिए कोई बर्तन भी नहीं है और कुंआ बहुत गहरा है; जीवन का जल आपके पास कहां से आया!
जनानिया उसला बोलया, प्रभु जी, तेरे बाल पांणिऐ भरने तांई तां कुछ हे भी नी है, कने खु तां बड़ा डुगा है; तां फिरी सै जिन्दगिया दा पांणी तेरे बाल कुथु ला आया?
12 आप हमारे कुलपिता याकोब से बढ़कर तो हैं नहीं, जिन्होंने हमें यह कुंआ दिया, जिसमें से स्वयं उन्होंने, उनकी संतान ने और उनके पशुओं ने भी पिया.”
क्या तू साड़े पूर्वज याकूबे ला बडा है, जिनी सांझो ऐ खु दिता; कने उनी कने उदे बचयां कने डंगरां समेत इस खुऐ ला पीता?
13 मसीह येशु ने कहा, “कुएं का जल पीकर हर एक व्यक्ति फिर प्यासा होगा.
यीशुऐ उसा जो जबाब दिता, जड़ा कोई इस पांणिऐ जो पिंगा उसयो फिरी त्रे लगी पोंणी,
14 किंतु जो व्यक्ति मेरा दिया हुआ जल पिएगा वह आजीवन किसी भी प्रकार से प्यासा न होगा. और वह जल जो मैं उसे दूंगा, उसमें से अनंत काल के जीवन का सोता बनकर फूट निकलेगा.” (aiōn , aiōnios )
पर जड़ा कोई उस पांणिऐ जो पिंगा जड़ा मैं उसयो देणा, तां उनी फिरी अनन्तकाल दीकर कदी त्रिणा नी होणा। जड़ा पांणी मैं उसयो दिंगा, सै उदे च इक पांणिऐ दा खु बणी जाणा, जड़ा उस पाणिऐ जो दिन्दा रेंदा है कने उसयो हमेशा दी जिन्दगी देणी। (aiōn , aiōnios )
15 यह सुनकर स्त्री ने उनसे कहा, “श्रीमन, आप मुझे भी वह जल दीजिए कि मुझे न प्यास लगे और न ही मुझे यहां तक जल भरने आते रहना पड़े.”
उना जनानिया उसला बोलया, “प्रभु जी, सै पांणी मिंजो दे ताकि मिंजो त्रे ना लग्गे कने ना पांणी भरणे तांई बार-बार इतणी दुरे जो ओऐ।”
16 मसीह येशु ने उससे कहा, “जाओ, अपने पति को यहां लेकर आओ.”
यीशुऐ उसा जो बोलया, “जा, अपणे घरे बाले जो ऐथू सदी लेई ओ।”
17 स्त्री ने उत्तर दिया, “मेरे पति नहीं है.” मसीह येशु ने उससे कहा, “तुमने सच कहा कि तुम्हारा पति नहीं है.
जनानिया जबाब दिता, “मेरा घरे बाले नी है।” यीशुऐ उसा ने बोलया, “तू ठीक बोलदी है, की मेरा घरेबाला नी है।
18 सच यह है कि पांच पति पहले ही तुम्हारे साथ रह चुके हैं और अब भी जो तुम्हारे साथ रह रहा है, तुम्हारा पति नहीं है.”
क्योंकि तू पंज घरे बाले करी बेठिइयो है, कने हुण तू जिस माणुऐ बाल है सै भी तेरा घरेबाला नी है; ऐ तू सच्च बोलया है।”
19 यह सुन स्त्री ने उनसे कहा, “श्रीमन, ऐसा लगता है कि आप भविष्यवक्ता हैं.
जनानिया उसला बोलया, “प्रभु जी, मिंजो लगदा है तू परमेश्वरे दा संदेश देणेबाला है।
20 हमारे पूर्वज इस पर्वत पर आराधना करते थे किंतु आप यहूदी लोग कहते हैं कि येरूशलेम ही वह स्थान है, जहां आराधना करना सही है.”
साड़े सामरी पूर्वज इसी पाहेड़े पर परमेश्वरे दी भक्ति करदे थे, कने तुसां यहूदी लोक बोलदे न की सै जगा जिथू अराधना करणी चाईदी सै यरूशलेम शेहर च है।”
21 मसीह येशु ने उससे कहा, “मेरा विश्वास करो कि वह समय आ रहा है जब तुम न तो इस पर्वत पर पिता की आराधना करोगे और न येरूशलेम में.
यीशुऐ उसा ने बोलया, “हे जनानिये, मेरिया गल्लां पर भरोसा कर की सै बकत ओंणा है, ना तां तुसां इसी पाहेड़े पर पिता दी भक्ति करणी है ना तां यरूशलेम शेहर च।
22 तुम लोग तो उसकी आराधना करते हो जिसे तुम जानते नहीं. हम उनकी आराधना करते हैं जिन्हें हम जानते हैं, क्योंकि उद्धार यहूदियों में से ही है.
तुसां सामरी लोक जिसयो नी जाणदे न, उदी भक्ति करदे न; कने असां यहूदी लोक जिसयो जाणदे न उदी अराधना करदे न; क्योंकि उद्धार करणे बाले यहूदियां चे ही ओंणा है।
23 वह समय आ रहा है बल्कि आ ही गया है जब सच्चे भक्त पिता की आराधना अपनी अंतरात्मा और सच्चाई में करेंगे क्योंकि पिता अपने लिए ऐसे ही भक्तों की खोज में हैं.
पर सै बकत ओंणा है, मतलब अजे भी है, जिदे च सच्चे भक्त पिता परमेश्वरे दी भक्ति आत्मा कने सचाइया ने करणी है, क्योंकि पिता परमेश्वर अपणे तांई ऐदे ही अराधना करणे बालयां जो तोपदा है।
24 परमेश्वर आत्मा हैं इसलिये आवश्यक है कि उनके भक्त अपनी आत्मा और सच्चाई में उनकी आराधना करें.”
परमेश्वर आत्मा है, कने जरूरी है की उदी अराधना करणे बाले आत्मा कने सचाइया ने भक्ति करन।”
25 स्त्री ने उनसे कहा, “मैं जानती हूं कि मसीह, जिन्हें ख्रिस्त कहा जाता है, आ रहे हैं. जब वह आएंगे तो सब कुछ साफ़ कर देंगे.”
जनानिया उसला बोलया, “मैं जाणदी है की मसीह जिसयो ख्रिस्तुस बोलदे न, ओंणे बाला है; जालू उनी ओणा है, तां उनी सांझो सारियां गल्लां दसी देणियां न।”
26 मसीह येशु ने उससे कहा, “जो तुमसे बातें कर रहा है, वही तो मैं ही हूं.”
यीशुऐ उसा ने बोलया, “मैं जड़ा तिजो ने बोला दा है, सेई है।”
27 तभी उनके शिष्य आ गए और मसीह येशु को एक स्त्री से बातें करते देख दंग रह गए, फिर भी किसी ने उनसे यह पूछने का साहस नहीं किया कि वह एक स्त्री से बातें क्यों कर रहे थे या उससे क्या जानना चाहते थे.
इतणे च उदे चेले आई गे, कने हेरान होणा लग्गे की सै जनानिया ने गल्लां करा दा है; पर तमी कुनी नी पुछया, तू क्या चांदा है? “कने कजो इसा ने गल्लां करा दा है?”
28 अपना घड़ा वहीं छोड़ वह स्त्री नगर में जाकर लोगों को बताने लगी,
तालू सै जनानी अपणा घड़ा छडी करी शेहरे जो चली गेई, कने लोंका ने बोलणा लग्गी,
29 “आओ, एक व्यक्ति को देखो, जिन्होंने मेरे जीवन की सारी बातें सुना दी हैं. कहीं यही तो मसीह नहीं?”
“ओआ, इक माणुऐ जो दिखा, जिनी सब कुछ दसी दिता जड़ा मैं कितया। कुथी ऐई तां मसीह नी है?”
30 तब नगरवासी मसीह येशु को देखने वहां आने लगे.
तालू सै शेहरे ला निकली करी यीशुऐ जो दिखणा ओंणा लग्गे।
31 इसी बीच शिष्यों ने मसीह येशु से विनती की, “रब्बी, कुछ खा लीजिए.”
इतणे च उदे चेले आई करी उसला बिनती करणा लग्गे, “गुरू जी, कुछ खाई ले।”
32 मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे पास खाने के लिए ऐसा भोजन है, जिसके विषय में तुम कुछ नहीं जानते.”
पर यीशुऐ उना ने बोलया, “मेरे बाल खांणे तांई ऐसा खांणा है जिसयो तुसां नी जाणदे न।”
33 इस पर शिष्य आपस में पूछताछ करने लगे, “कहीं कोई गुरु के लिए भोजन तो नहीं लाया?”
तालू चेलयां अपु चे बोलया, “क्या कुनी इदे तांई कुछ खांणे जो लांदया है?”
34 मसीह येशु ने उनसे कहा, “अपने भेजनेवाले, की इच्छा पूरी करना तथा उनका काम समाप्त करना ही मेरा भोजन है.
यीशुऐ उना ने बोलया, मेरा खांणा परमेश्वरे दी इच्छा दा पालन करणा है जिनी मिंजो भेजया है, कने उस कम्मे जो पूरा करणा है जड़ा उनी मिंजो सौंपया।
35 क्या तुम यह नहीं कहते कि कटनी में चार महीने बचे हैं? किंतु मैं तुमसे कहता हूं कि खेतों पर दृष्टि डालो. वे कब से कटनी के लिए पक चुके हैं.
क्या तुसां नी बोलदे, बडाई करणे जो अजे भी चार महीने पियो न? दिखा, मैं तुसां ने बोलदा है, अपणियां हखी खोला कने ओणे बाले लोकां जो दिखा। सै खतरां च पकियो फसला सांई न, कने बडाइ तांई तैयार न।
36 इकट्ठा करनेवाला अपनी मज़दूरी प्राप्त कर अनंत काल के जीवन के लिए फसल इकट्ठी कर रहा है कि किसान और इकट्ठा करनेवाला दोनों मिलकर आनंद मनाएं. (aiōnios )
पेहले ला ही बडणे बाले कम्म करा दे न कने उना जो अपणी मजदूरी मिल्ला दी है। कने बी राणे बाला कने बडणे बाला दोनों मिलिकरी खुशी मनान। (aiōnios )
37 यहां यह कहावत ठीक बैठती है: ‘एक बोए दूसरा काटे.’
क्योंकि इसा गल्ला पर ऐ कहावत ठीक बोंदी है: रांणे बाला कोई होर है कने बडणे बाला कोई होर है।
38 जिस उपज के लिए तुमने कोई परिश्रम नहीं किया, उसी को काटने मैंने तुम्हें भेजा है. परिश्रम अन्य लोगों ने किया और तुम उनके प्रतिफल में शामिल हो गए.”
मैं तुहांजो उस खेतरे जो बडणे तांई भेजया जिस च तुसां मेहनत नी कितियो होरनी मेंहनत कितियो है, “तुसां उसा फसला जो गठेरणा (जिस तांई उना कम्म कितया है)।”
39 अनेक शमरियावासियों ने उस स्त्री की इस गवाही के कारण मसीह येशु में विश्वास किया: “आओ, एक व्यक्ति को देखो, जिन्होंने मेरे जीवन की सारी बातें सुना दी हैं.”
कने उस शेहरे दे मतयां सामरियां उसा जनानिया दे बोलणे ने यीशुऐ पर भरोसा किता; जिना ऐ बोलया था, की उनी सब कुछ दसी दिता, जड़ा मैं कितया है।
40 तब शमरियावासियों की विनती पर मसीह येशु दो दिन तक उनके मध्य रहे
जालू से सामरी उदे बाल आये, तां उसला बिनती करणा लग्गे की साड़े ऐथू रे। तां सै ओथु दो रोज रिया।
41 और उनका प्रवचन सुनकर अनेकों ने उनमें विश्वास किया.
कने उदे संदेश दिया बजा ने मतयां यीशुऐ पर भरोसा किता।
42 उन्होंने उस स्त्री से कहा, “अब हम मात्र तुम्हारे कहने से ही इनमें विश्वास नहीं करते, हमने अब इन्हें स्वयं सुना है और जान गए हैं कि यही वास्तव में संसार के उद्धारकर्ता हैं.”
कने उना जनानिया बोलया, हुण असां तेरे बोलणे ने ही भरोसा नी करदे न, क्योंकि असां अपु ही सुणी लिया, कने असां जाणदे न की ऐई सच्ची दा संसारे दा उद्धार करणे बाला है।
43 दो दिन बाद मसीह येशु ने गलील प्रदेश की ओर प्रस्थान किया.
फिरी सै उना दो रोजां बाद सै ओथु ला निकली करी गलील प्रदेश जो गिया।
44 यद्यपि मसीह येशु स्वयं स्पष्ट कर चुके थे कि भविष्यवक्ता को अपने ही देश में सम्मान नहीं मिलता,
क्योंकि यीशुऐ अपु ही बोलया था की परमेश्वरे दा संदेश देणेबाले दी अपणे देशे च इज्जत नी होंदी है।
45 गलील प्रदेश पहुंचने पर गलीलवासियों ने उनका स्वागत किया क्योंकि वे फ़सह उत्सव के समय येरूशलेम में मसीह येशु द्वारा किए गए काम देख चुके थे.
जालू सै गलील प्रदेश गिया, तां गलील बासी खुशिया ने उसला मिल्ले; क्योंकि जितणे भी कम्म उनी यरूशलेम शेहर च त्योहारे बेले कितयो थे, उना सारयां कम्मा जो दिखया था, क्योंकि सै भी त्योहारे जो गियो थे।
46 मसीह येशु दोबारा गलील प्रदेश के काना नगर में आए, जहां उन्होंने जल को दाखरस में बदला था. कफ़रनहूम नगर में एक राजकर्मचारी था, जिसका पुत्र अस्वस्थ था.
तालू सै फिरी गलील प्रदेश दे काना शेहर च आया, जिथू उनी पांणिऐ जो दाखरस बणाया था। ओथु राजे दा इक सेवक था जिसदा पुत्र कफरनहूम शेहर च बीमार था।
47 यह सुनकर कि मसीह येशु यहूदिया प्रदेश से गलील में आए हुए हैं, उसने आकर मसीह येशु से विनती की कि वह चलकर उसके पुत्र को स्वस्थ कर दें, जो मृत्यु-शय्या पर है.
सै ऐ सुणीकरी की यीशु यहूदिया प्रदेश ला गलील प्रदेशे च आया है, उदे बाल गिया कने उसला बिनती करणा लग्गा की चली करी मेरे पुत्रे जो ठीक करी दे: क्योंकि सै मरणे बाला था।
48 इस पर मसीह येशु ने उसे झिड़की देते हुए कहा, “तुम लोग तो चिह्न और चमत्कार देखे बिना विश्वास ही नहीं करते!”
यीशुऐ उसयो बोलया, जालू तुसां चमत्कार कने अनोखे कम्म नी दिखी लेंगे तालू दीकर तुसां मिंजो मसीहा नी मनणा।
49 राजकर्मचारी ने उनसे दोबारा विनती की, “श्रीमन, इससे पूर्व कि मेरे बालक की मृत्यु हो, कृपया मेरे साथ चलें.”
राजे दे सेवके उसला बोलया, “प्रभु जी, मेरे जागते दी मौत होणे ला पेहले चल।”
50 मसीह येशु ने उससे कहा, “जाओ, तुम्हारा पुत्र जीवित रहेगा.” उस व्यक्ति ने मसीह येशु के वचन पर विश्वास किया और घर लौट गया.
यीशुऐ उसयो बोलया, “जा तेरा जागत जिन्दा है।” उनी माणुऐ यीशुऐ दी गल्ल मन्नी कने चली गिया।
51 जब वह मार्ग में ही था, उसके दास उसे मिल गए और उन्होंने उसे सूचना दी, “स्वामी, आपका पुत्र स्वस्थ हो गया है.”
सै अजे रस्ते च ही चलया था, की उदे सेवक उस बाल आई रे कने बोलणा लग्गे, “तेरा जागत जिन्दा है।”
52 “वह किस समय से स्वस्थ होने लगा था?” उसने उनसे पूछा. उन्होंने कहा, “कल लगभग दोपहर एक बजे उसका ज्वर उतर गया.”
उनी उना ला पुछया, “की कुस बकते सै खरा होणा लग्गा?” उना उसला बोलया, “कल दोपहर इक बजे उदा भुखार उतरी गिया।”
53 पिता समझ गया कि यह ठीक उसी समय हुआ जब मसीह येशु ने कहा था, “तुम्हारा पुत्र जीवित रहेगा.” इस पर उसने और उसके सारे परिवार ने मसीह येशु में विश्वास किया.
तालू उस जागते दा पिता समझी गिया की ऐ उस बकते ही होया है जिस बकते यीशुऐ बोलया, तेरा जागत जिन्दा है, “कने उनी कने उदे सारे घरे बालयां यीशुऐ पर भरोसा किता।”
54 यह दूसरा अद्भुत चिह्न था, जो मसीह येशु ने यहूदिया प्रदेश से लौटकर गलील प्रदेश में किया.
ऐ दुज्जा चमत्कार था जड़ा यीशुऐ यहूदिया प्रदेश ला गलील प्रदेश च बापस आई करी किता।