< यूहन्ना 1 >

1 आदि में वचन था, वचन परमेश्वर के साथ था और वचन परमेश्वर था.
فِي الْبَدْءِ كَانَ الْكَلِمَةُ، وَالْكَلِمَةُ كَانَ عِنْدَ اللهِ. وَكَانَ الْكَلِمَةُ اللهُ.١
2 यही वचन आदि में परमेश्वर के साथ था.
هَذَا كَانَ فِي الْبَدْءِ عِنْدَ اللهِ.٢
3 सारी सृष्टि उनके द्वारा उत्पन्‍न हुई. सारी सृष्टि में कुछ भी उनके बिना उत्पन्‍न नहीं हुआ.
بِهِ تَكَوَّنَ كُلُّ شَيْءٍ، وَبِغَيْرِهِ لَمْ يَتَكَوَّنْ أَيُّ شَيْءٍ مِمَّا تَكَوَّنَ.٣
4 जीवन उन्हीं में था और वह जीवन मानव जाति की ज्योति था.
فِيهِ كَانَتِ الْحَيَاةُ. وَالْحَيَاةُ كَانَتِ نُورَ النَّاسِ.٤
5 वह ज्योति अंधकार में चमकती रही. अंधकार उस पर प्रबल न हो सका.
وَالنُّورُ يُضِيءُ فِي الظَّلامِ، وَالظَّلامُ لَمْ يُدْرِكْ النُّورَ.٥
6 परमेश्वर ने योहन नामक एक व्यक्ति को भेजा
ظَهَرَ إِنْسَانٌ أَرْسَلَهُ اللهُ، اسْمُهُ يُوحَنَّا،٦
7 कि वह ज्योति को देखें और उसके गवाह बनें कि लोग उनके माध्यम से ज्योति में विश्वास करें.
جَاءَ يَشْهَدُ لِلنُّورِ، لِكَيْ يُؤْمِنَ الْجَمِيعُ بِوَاسِطَتِهِ.٧
8 वह स्वयं ज्योति नहीं थे किंतु ज्योति की गवाही देने आए थे.
لَمْ يَكُنْ هُوَ النُّورَ، بَلْ كَانَ شَاهِداً لِلنُّورِ،٨
9 वह सच्ची ज्योति, जो हर एक व्यक्ति को प्रकाशित करती है, संसार में आने पर थी.
فَالنُّورُ الْحَقُّ الَّذِي يُنِيرُ كُلَّ إِنْسَانٍ كَانَ آتِياً إِلَى الْعَالَمِ.٩
10 वह संसार में थे और संसार उन्हीं के द्वारा बनाया गया फिर भी संसार ने उन्हें न जाना.
كَانَ فِي الْعَالَمِ، وَبِهِ تَكَوَّنَ الْعَالَمُ، وَلَمْ يَعْرِفْهُ الْعَالَمُ.١٠
11 वह अपनी सृष्टि में आए किंतु उनके अपनों ने ही उन्हें ग्रहण नहीं किया.
وَقَدْ جَاءَ إِلَى خَاصَّتِهِ، وَلَكِنَّ هَؤُلاءِ لَمْ يَقْبَلُوهُ.١١
12 परंतु जितनों ने उन्हें ग्रहण किया अर्थात् उनके नाम में विश्वास किया, उन सबको उन्होंने परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया;
أَمَّا الَّذِينَ قَبِلُوهُ، أَيِ الَّذِينَ آمَنُوا بِاسْمِهِ، فَقَدْ مَنَحَهُمُ الْحَقَّ فِي أَنْ يَصِيرُوا أَوْلادَ اللهِ،١٢
13 जो न तो लहू से, न शारीरिक इच्छा से और न मानवीय इच्छा से, परंतु परमेश्वर से पैदा हुए हैं.
وَهُمُ الَّذِينَ وُلِدُوا لَيْسَ مِنْ دَمٍ، وَلا مِنْ رَغْبَةِ جَسَدٍ، وَلا مِنْ رَغْبَةِ بَشَرٍ، بَلْ مِنَ اللهِ.١٣
14 वचन ने शरीर धारण कर हमारे मध्य तंबू के समान वास किया और हमने उनकी महिमा को अपना लिया—ऐसी महिमा को, जो पिता के एकलौते पुत्र की होती है—अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण.
وَالْكَلِمَةُ صَارَ بَشَراً، وَخَيَّمَ بَيْنَنَا، وَنَحْنُ رَأَيْنَا مَجْدَهُ، مَجْدَ ابْنٍ وَحِيدٍ عِنْدَ الآبِ، وَهُوَ مُمْتَلِىءٌ بِالنِّعْمَةِ وَالْحَقِّ.١٤
15 उन्हें देखकर योहन ने घोषणा की, “यह वही हैं जिनके विषय में मैंने कहा था, ‘वह, जो मेरे बाद आ रहे हैं, वास्तव में मुझसे श्रेष्ठ हैं क्योंकि वह मुझसे पहले थे.’”
شَهِدَ لَهُ يُوحَنَّا فَهَتَفَ قَائِلاً: «هَذَا هُوَ الَّذِي قُلْتُ عَنْهُ: إِنَّ الآتِيَ بَعْدِي مُتَقَدِّمٌ عَلَيَّ، لأَنَّهُ كَانَ قَبْلَ أَنْ أُوْجَدَ».١٥
16 उनकी परिपूर्णता के कारण हम सबने अनुग्रह पर अनुग्रह प्राप्‍त किया.
فَمِنِ امْتِلائِهِ أَخَذْنَا جَمِيعُنَا وَنِلْنَا نِعْمَةً عَلَى نِعْمَةٍ،١٦
17 व्यवस्था मोशेह के द्वारा दी गयी थी, किंतु अनुग्रह और सच्चाई मसीह येशु द्वारा आए.
لأَنَّ الشَّرِيعَةَ أُعْطِيَتْ عَلَى يَدِ مُوسَى، أَمَّا النِّعْمَةُ وَالْحَقُّ فَقَدْ تَوَاجَدَا بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ.١٧
18 परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा, केवल परमेश्वर-पुत्र के अलावा; जो पिता से हैं; उन्हीं ने हमें परमेश्वर से अवगत कराया.
مَا مِنْ أَحَدٍ رَأَى اللهَ قَطُّ. وَلَكِنَّ الابْنَ الْوَحِيدَ، الَّذِي فِي حِضْنِ الآبِ، هُوَ الَّذِي خَبَّرَ عَنْهُ.١٨
19 जब यहूदी अगुओं ने येरूशलेम से पुरोहितों और लेवियों को योहन से यह पूछने भेजा, “तुम कौन हो?”
وَهذِهِ شَهَادَةُ يُوحَنَّا حِينَ أَرْسَلَ الْيَهُودُ مِنْ أُورُشَلِيمَ بَعْضَ الْكَهَنَةِ وَاللّاوِيِّينَ يَسْأَلُونَهُ: «مَنْ أَنْتْ؟»١٩
20 तो योहन बिना झिझक स्वीकार किया. उसकी गवाही थी, “मैं मसीह नहीं हूं.”
فَاعْتَرَفَ وَلَمْ يُنْكِرْ، بَلْ أَكَّدَ قَائِلاً: «لَسْتُ أَنَا الْمَسِيحَ».٢٠
21 तब उन्होंने योहन से दोबारा पूछा, “तो क्या तुम एलियाह हो?” योहन ने उत्तर दिया, “नहीं.” तब उन्होंने पूछा, “क्या तुम वह भविष्यवक्ता हो?” योहन ने उत्तर दिया, “नहीं.”
فَسَأَلُوهُ: «مَاذَا إِذَنْ؟ هَلْ أَنْتَ إِيلِيَّا؟» قَالَ: «لَسْتُ إِيَّاهُ!». «أَوَ أَنْتَ النَّبِيُّ؟» فَأَجَابَ: «لا!»٢١
22 इस पर उन्होंने पूछा, “तो हमें बताओ कि तुम कौन हो, तुम अपने विषय में क्या कहते हो कि हम अपने भेजने वालों को उत्तर दे सकें?”
فَقَالُوا: «فَمَنْ أَنْتَ، لِنَحْمِلَ الْجَوَابَ إِلَى الَّذِينَ أَرْسَلُونَا؟ مَاذَا تَقُولُ عَنْ نَفْسِكَ؟»٢٢
23 इस पर योहन ने भविष्यवक्ता यशायाह के लेख के अनुसार उत्तर दिया, “मैं उसकी आवाज हूं जो बंजर भूमि में पुकार-पुकारकर कह रही है, ‘प्रभु के लिए मार्ग सीधा करो.’”
فَقَالَ «أَنَا صَوْتُ مُنَادٍ فِي الْبَرِّيَّةِ: اجْعَلُوا الطَّرِيقَ مُسْتَقِيمَةً أَمَامَ الرَّبِّ، كَمَا قَالَ النَّبِيُّ إِشَعْيَاءُ».٢٣
24 ये लोग फ़रीसियों की ओर से भेजे गए थे.
وَكَانَ هؤُلاءِ مُرْسَلِينَ مِنْ قِبَلِ الْفَرِّيسِيِّينَ،٢٤
25 इसके बाद उन्होंने योहन से प्रश्न किया, “जब तुम न तो मसीह हो, न भविष्यवक्ता एलियाह और न वह भविष्यद्वक्ता, तो तुम बपतिस्मा क्यों देते हो?”
فَعَادُوا يَسْأَلُونَهُ: «إِنْ لَمْ تَكُنْ أَنْتَ الْمَسِيحَ، وَلا إِيلِيَّا، وَلا النَّبِيَّ، فَلِمَاذَا تُعَمِّدُ إِذَنْ؟»٢٥
26 योहन ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तो जल में बपतिस्मा देता हूं परंतु तुम्हारे मध्य एक ऐसे हैं, जिन्हें तुम नहीं जानते.
أَجَابَ: «أَنَا أُعَمِّدُ بِالْمَاءِ! وَلكِنَّ بَيْنَكُمْ مَنْ لَا تَعْرِفُونَهُ،٢٦
27 यह वही हैं, जो मेरे बाद आ रहे हैं, मैं जिनकी जूती का बंध खोलने के योग्य भी नहीं हूं.”
وَهُوَ الآتِي بَعْدِي، وَأَنَا لَا أَسْتَحِقُّ أَنْ أَحُلَّ رِبَاطَ حِذَائِهِ».٢٧
28 ये सब बैथनियाह गांव में हुआ, जो यरदन नदी के पार था जिसमें योहन बपतिस्मा दिया करते थे.
هَذَا جَرَى فِي بَيْتَ عَنْيَا، عَبْرَ الأُرْدُنِّ، حَيْثُ كَانَ يُوحَنَّا يُعَمِّدُ.٢٨
29 अगले दिन योहन ने मसीह येशु को अपनी ओर आते हुए देखकर भीड़ से कहा, “वह देखो! परमेश्वर का मेमना, जो संसार के पाप का उठानेवाला है!
وَفِي الْيَوْمِ التَّالِي رَأَى يُوحَنَّا يَسُوعَ آتِياً نَحْوَهُ، فَهَتَفَ قَائِلاً: «هَذَا هُوَ حَمَلُ اللهِ الَّذِي يُزِيلُ خَطِيئَةَ الْعَالَمِ.٢٩
30 यह वही हैं, जिनके विषय में मैंने कहा था, ‘मेरे बाद वह आ रहे हैं, जो मुझसे श्रेष्ठ हैं क्योंकि वह मुझसे पहले से मौजूद हैं.’
هَذَا هُوَ الَّذِي قُلْتُ عَنْهُ إِنَّ الرَّجُلَ الآتِيَ بَعْدِي مُتَقَدِّمٌ عَلَيَّ لأَنَّهُ كَانَ قَبْلَ أَنْ أُوْجَدَ.٣٠
31 मैं भी उन्हें नहीं जानता था, मैं जल में बपतिस्मा देता हुआ इसलिये आया कि वह इस्राएल पर प्रकट हो जाएं.”
وَلَمْ أَكُنْ أَعْرِفُهُ وَلَكِنِّي جِئْتُ أُعَمِّدُ بِالْمَاءِ لِكَيْ يُعْلَنَ لإِسْرَائِيلَ».٣١
32 इसके अतिरिक्त योहन ने यह गवाही भी दी, “मैंने स्वर्ग से आत्मा को कबूतर के समान उतरते और मसीह येशु पर ठहरते हुए देखा.
ثُمَّ شَهِدَ يُوحَنَّا فَقَالَ: «رَأَيْتُ الرُّوحَ يَنْزِلُ مِنَ السَّمَاءِ بِهَيْئَةِ حَمَامَةٍ وَيَسْتَقِرُّ عَلَيْهِ.٣٢
33 मैं उन्हें नहीं जानता था किंतु परमेश्वर, जिन्होंने मुझे जल में बपतिस्मा देने के लिए भेजा, उन्हीं ने मुझे बताया, ‘जिस पर तुम आत्मा को उतरते और ठहरते हुए देखोगे, वही पवित्र आत्मा में बपतिस्मा देंगे.’
وَلَمْ أَكُنْ أَعْرِفُهُ، وَلكِنَّ الَّذِي أَرْسَلَنِي لأُعَمِّدَ بِالْمَاءِ هُوَ قَالَ لِي: الَّذِي تَرَى الرُّوحَ يَنْزِلُ وَيَسْتَقِرُّ عَلَيْهِ هُوَ الَّذِي سَيُعَمِّدُ بِالرُّوحِ الْقُدُسِ.٣٣
34 स्वयं मैंने यह देखा और मैं इसका गवाह हूं कि यही परमेश्वर का पुत्र हैं.”
فَإِذْ شَاهَدْتُ هَذَا، أَشْهَدُ أَنَّهُ هُوَ ابْنُ اللهِ».٣٤
35 अगले दिन जब योहन अपने दो शिष्यों के साथ खड़े हुए थे,
وَفِي الْيَوْمِ التَّالِي كَانَ يُوحَنَّا وَاقِفاً هُنَاكَ أَيْضاً وَمَعَهُ اثْنَانِ مِنْ تَلامِيذِهِ،٣٥
36 उन्होंने मसीह येशु को जाते हुए देखकर कहा, “वह देखो! परमेश्वर का मेमना!”
فَنَظَرَ إِلَى يَسُوعَ وَهُوَ سَائِرٌ فَقَالَ: «هَذَا هُوَ حَمَلُ اللهِ».٣٦
37 यह सुनकर दोनों शिष्य मसीह येशु की ओर बढ़ने लगे.
فَلَمَّا سَمِعَ التِّلْمِيذَانِ كَلامَهُ تَبِعَا يَسُوعَ.٣٧
38 मसीह येशु ने उन्हें अपने पीछे आते देख उनसे पूछा, “तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने कहा, “गुरुवर, आप कहां रहते हैं?”
وَالْتَفَتَ يَسُوعُ فَرَآهُمَا يَتْبَعَانِهِ، فَسَأَلَهُمَا: «مَاذَا تُرِيدَانِ؟» فَقَالا: «رَابِّي، أَيْ يَا مُعَلِّمُ، أَيْنَ تُقِيمُ؟»٣٨
39 मसीह येशु ने उनसे कहा, “आओ और देख लो.” इसलिये उन्होंने जाकर मसीह येशु का घर देखा और उस दिन उन्हीं के साथ रहे. यह दिन का लगभग दसवां घंटा था.
أَجَابَهُمَا: «تَعَالَيَا وَانْظُرَا». فَرَافَقَاهُ وَرَأَيَا مَحَلَّ إِقَامَتِهِ، وَأَقَامَا مَعَهُ ذَلِكَ الْيَوْمَ؛ وَكَانَتِ السَّاعَةُ نَحْوَ الرَّابِعَةِ بَعْدَ الظُّهْرِ.٣٩
40 योहन की गवाही सुनकर मसीह येशु के पीछे आ रहे दो शिष्यों में एक शिमओन पेतरॉस के भाई आन्द्रेयास थे.
وَكَانَ أَنْدَرَاوُسُ أَخُو سِمْعَانَ بُطْرُسَ أَحَدَ هَذَيْنِ اللَّذَيْنِ تَبِعَا يَسُوعَ، بَعْدَمَا سَمِعَا كَلامَ يُوحَنَّا،٤٠
41 उन्होंने सबसे पहले अपने भाई शिमओन को खोजा और उन्हें सूचित किया, “हमें मसीह—परमेश्वर के अभिषिक्त—मिल गए हैं.”
فَمَا إِنْ وَجَدَ أَخَاهُ سِمْعَانَ، حَتَّى قَالَ لَهُ: «وَجَدْنَا الْمَسِيَّا» أَيِ الْمَسِيحَ.٤١
42 तब आन्द्रेयास उन्हें मसीह येशु के पास लाए. मसीह येशु ने शिमओन की ओर देखकर कहा, “तुम योहन के पुत्र शिमओन हो, तुम कैफ़स अर्थात् पेतरॉस कहलाओगे.”
وَاقْتَادَهُ إِلَى يَسُوعَ. فَنَظَرَ يَسُوعُ مَلِيًّا إِلَى سِمْعَانَ وَقَالَ: «أَنْتَ سِمْعَانُ بْنُ يُونَا، وَلَكِنِّي سَأَدْعُوكَ: صَفَا» أَيْ صَخْراً.٤٢
43 अगले दिन गलील जाते हुए मसीह येशु की भेंट फ़िलिप्पॉस से हुई. उन्होंने उनसे कहा, “मेरे पीछे हो ले.”
وَفِي الْيَوْمِ التَّالِي نَوَى يَسُوعُ أَنْ يَذْهَبَ إِلَى مِنْطَقَةِ الْجَلِيلِ، فَوَجَدَ فِيلِبُّسَ، فَقَالَ لَهُ: «اتْبَعْنِي!»٤٣
44 आन्द्रेयास और शिमओन के समान फ़िलिप्पॉस भी बैथसैदा नगर के निवासी थे.
وَكَانَ فِيلِبُّسُ مِنْ بَيْتَ صَيْدَا، بَلْدَةِ أَنْدَرَاوُسَ وَبُطْرُسَ.٤٤
45 फ़िलिप्पॉस ने नाथानाएल को खोज कर उनसे कहा, “जिनका वर्णन व्यवस्था में मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हमें मिल गए हैं—नाज़रेथ निवासी योसेफ़ के पुत्र येशु.”
ثُمَّ وَجَدَ فِيلِبُّسُ نَثَنَائِيلَ، فَقَالَ لَهُ: «وَجَدْنَا الَّذِي كَتَبَ عَنْهُ مُوسَى فِي الشَّرِيعَةِ، وَالأَنْبِيَاءُ فِي كُتُبِهِمْ وَهُوَ يَسُوعُ ابْنُ يُوسُفَ مِنَ النَّاصِرَةِ».٤٥
46 यह सुन नाथानाएल ने तुरंत उनसे पूछा, “क्या नाज़रेथ से कुछ भी उत्तम निकल सकता है?” “आकर स्वयं देख लो,” फ़िलिप्पॉस ने उत्तर दिया.
فَقَالَ نَثَنَائِيلُ: «وَهَلْ يَطْلُعُ مِنَ النَّاصِرَةِ شَيْءٌ صَالِحٌ؟» أَجَابَهُ فِيلِبُّسُ: «تَعَالَ وَانْظُرْ!»٤٦
47 मसीह येशु ने नाथानाएल को अपनी ओर आते देख उनके विषय में कहा, “देखो! एक सच्चा इस्राएली है, जिसमें कोई कपट नहीं है.”
وَرَأَى يَسُوعُ نَثَنَائِيلَ قَادِماً نَحْوَهُ فَقَالَ عَنْهُ: «هَذَا إِسْرَائِيلِيٌّ أَصِيلٌ لَا شَكَّ فِيهِ!»٤٧
48 नाथानाएल ने मसीह येशु से पूछा, “आप मुझे कैसे जानते हैं?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इससे पूर्व कि फ़िलिप्पॉस ने तुम्हें बुलाया, मैंने तुम्हें अंजीर के पेड़ के नीचे देखा था.”
فَسَأَلَهُ نَثَنَائِيلُ: «وَمِنْ أَيْنَ تَعْرِفُنِي؟» فَأَجَابَهُ يَسُوعُ: «رَأَيْتُكَ تَحْتَ التِّينَةِ قَبْلَ أَنْ يَدْعُوَكَ فِيلِبُّسُ».٤٨
49 नाथानाएल कह उठे, “रब्बी, आप परमेश्वर का पुत्र हैं! आप इस्राएल के राजा हैं!”
فَهَتَفَ نَثَنَائِيلُ قَائِلاً: «يَا مُعَلِّمُ، أَنْتَ ابْنُ اللهِ! أَنْتَ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ!»٤٩
50 तब मसीह येशु ने उनसे कहा, “क्या तुम विश्वास इसलिये करते हो कि मैंने तुमसे यह कहा कि मैंने तुम्हें अंजीर के पेड़ के नीचे देखा? तुम इससे भी अधिक बड़े-बड़े काम देखोगे.”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ: «هَلْ آمَنْتَ لأَنِّي قُلْتُ لَكَ إِنِّي رَأَيْتُكَ تَحْتَ التِّينَةِ؟ سَوْفَ تَرَى أَعْظَمَ مِنْ هَذَا!»٥٠
51 तब उन्होंने यह भी कहा, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: तुम स्वर्ग को खुला हुआ और परमेश्वर के स्वर्गदूतों को मनुष्य के पुत्र के लिए नीचे आते और ऊपर जाते हुए देखोगे.”
ثُمَّ قَالَ لَهُ: «الْحَقَّ الْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّكُمْ سَتَرَوْنَ السَّمَاءَ مَفْتُوحَةً، وَمَلائِكَةَ اللهِ يَصْعَدُونَ وَيَنْزِلُونَ عَلَى ابْنِ الإِنْسَانِ!»٥١

< यूहन्ना 1 >