< अय्यूब 12 >
1 तब अय्योब ने उत्तर दिया:
ତହୁଁ ଆୟୁବ ଉତ୍ତର କରି କହିଲା,
2 “निःसंदेह तुम्हीं हो वे लोग, तुम्हारे साथ ही ज्ञान का अस्तित्व मिट जाएगा!
“ତୁମ୍ଭେମାନେ ତ ଲୋକ, ସନ୍ଦେହ ନାହିଁ, ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ସଙ୍ଗେ ଜ୍ଞାନ ମରିଯିବ।
3 किंतु तुम्हारे समान बुद्धि मुझमें भी है; तुमसे कम नहीं है मेरा स्तर. किसे बोध नहीं है इस सत्य का?
ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରି ଆମ୍ଭର ବୁଦ୍ଧି ଅଛି; ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କଠାରୁ ଊଣା ନୁହେଁ; ହଁ, ଏପରି କଥାସବୁ କିଏ ନ ଜାଣେ?
4 “अपने मित्रों के लिए तो मैं हंसी मज़ाक का विषय होकर रह गया हूं, मैंने परमेश्वर को पुकारा और उन्होंने इसका प्रत्युत्तर भी दिया; और अब यहां खरा तथा निर्दोष व्यक्ति उपहास का पात्र हो गया है!
ମୁଁ ମୋହର ବନ୍ଧୁମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ହାସ୍ୟାସ୍ପଦ ଲୋକ ତୁଲ୍ୟ ହୋଇଅଛି, ମୁଁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ଡାକନ୍ତେ, ସେ ମୋତେ ଉତ୍ତର ଦେଲେ; ଧାର୍ମିକ, ସିଦ୍ଧ ଲୋକ ହାସ୍ୟାସ୍ପଦ ହୋଇଅଛି।
5 सुखी धनवान व्यक्ति को दुःखी व्यक्ति घृणित लग रहा है. जो पहले ही लड़खड़ा रहा है, उसी पर प्रहार किया जा रहा है.
ସୁଖରେ ଥିବା ଲୋକର ବୋଧରେ ବିପଦ ତୁଚ୍ଛନୀୟ; ଯେଉଁମାନଙ୍କର ପାଦ ଖସିଯାଏ, ସେମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ତାହା ପ୍ରସ୍ତୁତ।
6 उन्हीं के घरों को सुरक्षित छोड़ा जा रहा है, जो हिंसक-विनाशक हैं, वे ही सुरक्षा में निवास कर रहे हैं, जो परमेश्वर को उकसाते रहे हैं, जो सोचते हैं कि ईश्वर अपनी मुट्ठी में है!
ଡକାୟତମାନଙ୍କର ତମ୍ବୁ ନିରାପଦ ହୁଏ ଓ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ବିରକ୍ତ କରିବା ଲୋକେ ନିର୍ବିଘ୍ନରେ ରହନ୍ତି; ପରମେଶ୍ୱର ସେମାନଙ୍କ ହସ୍ତରେ ବହୁତ ଦିଅନ୍ତି।
7 “किंतु अब जाकर पशुओं से परामर्श लो, अब वे तुम्हें शिक्षा देने लगें, आकाश में उड़ते पक्षी तुम्हें सूचना देने लगें;
ମାତ୍ର ଏବେ ପଶୁମାନଙ୍କୁ ପଚାର, ସେମାନେ ତୁମ୍ଭକୁ ଶିକ୍ଷା ଦେବେ ଓ ଆକାଶର ପକ୍ଷୀମାନଙ୍କୁ ପଚାର, ସେମାନେ ତୁମ୍ଭକୁ ଜଣାଇବେ;
8 अन्यथा पृथ्वी से ही वार्तालाप करो, वही तुम्हें शिक्षा दे, महासागर की मछलियां तुम्हारे लिए शिक्षक हो जाएं.
ଅବା ପୃଥିବୀକୁ ବୋଲ, ସେ ତୁମ୍ଭକୁ ଶିକ୍ଷା ଦେବ ଓ ସମୁଦ୍ରର ମତ୍ସ୍ୟମାନେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ପ୍ରକାଶ କରିବେ।
9 कौन है तुम्हारे मध्य जो इस सत्य से अनजान है, कि यह सब याहवेह की कृति है?
ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ହସ୍ତ ଯେ ଏହା କରିଅଛି, ଏସକଳ ଦ୍ୱାରା କିଏ ନ ଜାଣେ?
10 किसका अधिकार है हर एक जीवधारी जीवन पर तथा समस्त मानव जाति के श्वास पर?
ତାହାଙ୍କ ହସ୍ତରେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜୀବର ପ୍ରାଣ ଓ ସମୁଦାୟ ନରବଂଶର ଶ୍ୱାସବାୟୁ ଅଛି।
11 क्या कान शब्दों की परख नहीं करता, जिस प्रकार जीभ भोजन के स्वाद को परखती है?
ଯେପରି ରସନା ଖାଦ୍ୟର ଆସ୍ୱାଦ ପାଏ, ସେପରି କର୍ଣ୍ଣ କʼଣ କଥାର ପରୀକ୍ଷା ନ କରେ?
12 क्या, वृद्धों में बुद्धि पायी नहीं जाती है? क्या लंबी आयु समझ नहीं ले आती?
ପ୍ରାଚୀନମାନଙ୍କଠାରେ ଜ୍ଞାନ ଅଛି ଓ ଦୀର୍ଘାୟୁରେ ବୁଦ୍ଧି ଥାଏ।
13 “विवेक एवं बल परमेश्वर के साथ हैं; निर्णय तथा समझ भी उन्हीं में शामिल हैं.
ତାହାଙ୍କଠାରେ ଜ୍ଞାନ ଓ ପରାକ୍ରମ ଥାଏ; ତାହାଙ୍କର ମନ୍ତ୍ରଣା ଓ ବୁଦ୍ଧି ଅଛି।
14 जो कुछ उनके द्वारा गिरा दिया जाता है, उसे फिर से बनाया नहीं जा सकता; जब वह किसी को बंदी बना लेते हैं, असंभव है उसका छुटकारा.
ଦେଖ, ସେ ଭାଙ୍ଗି ପକାନ୍ତି, ଆଉ ତାହା ପୁନଃନିର୍ମିତ ହୋଇ ନ ପାରେ; ସେ ମନୁଷ୍ୟକୁ ରୁଦ୍ଧ କଲେ, ଆଉ ମୁକୁଳା ହୋଇ ନ ପାରେ।
15 सुनो! क्या कहीं सूखा पड़ा है? यह इसलिये कि परमेश्वर ने ही जल रोक कर रखा है; जब वह इसे प्रेषित कर देते हैं, पृथ्वी जलमग्न हो जाती है.
ଦେଖ, ସେ ଜଳରାଶିକି ଅଟକାଇଲେ, ତାହାସବୁ ଶୁଷ୍କ ହୋଇଯାଏ; ପୁନର୍ବାର ସେ ତାହା ପଠାଇଦେଲେ, ତାହା ପୃଥିବୀକୁ ଓଲଟପାଲଟ କରି ପକାଏ।
16 वही हैं बल एवं ज्ञान के स्रोत; धोखा देनेवाला तथा धोखा खानेवाला दोनों ही उनके अधीन हैं.
ତାହାଙ୍କଠାରେ ବଳ ଓ ଫଳଦାୟକ କର୍ମଣ୍ୟତା ଥାଏ; ଭ୍ରାନ୍ତ ଓ ଭ୍ରାମକ ତାହାଙ୍କର।
17 वह मंत्रियों को विवस्त्र कर छोड़ते हैं तथा न्यायाधीशों को मूर्ख बना देते हैं.
ସେ ମନ୍ତ୍ରୀମାନଙ୍କୁ ଲୁଟିତ କରି ନେଇଯାʼନ୍ତି ଓ ବିଚାରକର୍ତ୍ତୃଗଣକୁ ସେ ନିର୍ବୋଧ କରନ୍ତି।
18 वह राजाओं द्वारा डाली गई बेड़ियों को तोड़ फेंकते हैं तथा उनकी कमर को बंधन से सुसज्जित कर देते हैं.
ସେ ରାଜାମାନଙ୍କର ବନ୍ଧନ ମୁକ୍ତ କରନ୍ତି ଓ କଟିବନ୍ଧନୀରେ ସେମାନଙ୍କ କଟି ବାନ୍ଧନ୍ତି।
19 वह पुरोहितों को नग्न पांव चलने के लिए मजबूर कर देते हैं तथा उन्हें, जो स्थिर थे, पराजित कर देते हैं.
ସେ ଯାଜକମାନଙ୍କୁ ଲୁଟିତ କରି ନେଇଯାʼନ୍ତି ଓ ବିକ୍ରମୀମାନଙ୍କୁ ପରାସ୍ତ କରନ୍ତି।
20 वह विश्वास सलाहकारों को अवाक बना देते हैं तथा बड़ों की समझने की शक्ति समाप्त कर देते हैं
ସେ ବିଶ୍ୱସ୍ତମାନଙ୍କ ବଚନ ଅନ୍ୟଥା କରନ୍ତି ଓ ପ୍ରାଚୀନମାନଙ୍କ ବୁଦ୍ଧିକୁ ହରଣ କରି ନିଅନ୍ତି।
21 वह आदरणीय व्यक्ति को घृणा के पात्र बना छोड़ते हैं. तथा शूरवीरों को निकम्मा कर देते हैं.
ସେ ଅଧିକାରୀମାନଙ୍କ ଉପରେ ତୁଚ୍ଛତା ଢାଳନ୍ତି; ଓ ବଳବାନର ପଟୁକା ଫିଟାଇ ପକାନ୍ତି।
22 वह घोर अंधकार में बड़े रहस्य प्रकट कर देते हैं, तथा घोर अंधकार को प्रकाश में ले आते हैं.
ସେ ଅନ୍ଧକାରରୁ ନିଗୂଢ଼ ବିଷୟ ପ୍ରକାଶ କରନ୍ତି ଓ ମୃତ୍ୟୁୁଚ୍ଛାୟାକୁ ଆଲୁଅକୁ ଆଣନ୍ତି।
23 वही राष्ट्रों को उन्नत करते और फिर उन्हें नष्ट भी कर देते हैं. वह राष्ट्रों को समृद्ध करते और फिर उसे निवास रहित भी कर देते हैं.
ସେ ଗୋଷ୍ଠୀୟମାନଙ୍କୁ ବୃଦ୍ଧି କରନ୍ତି ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ବିନାଶ କରନ୍ତି; ସେ ଗୋଷ୍ଠୀୟମାନଙ୍କୁ ବାହାରେ ବିସ୍ତୀର୍ଣ୍ଣ କରନ୍ତି ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ଭିତରେ ଆଣନ୍ତି।
24 वह विश्व के शासकों की बुद्धि शून्य कर देते हैं तथा उन्हें रेगिस्तान प्रदेश में दिशाहीन भटकने के लिए छोड़ देते हैं.
ସେ ପୃଥିବୀସ୍ଥ ଲୋକମାନଙ୍କ ପ୍ରଧାନବର୍ଗର ହୃଦୟ ହରଣ କରନ୍ତି ଓ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ପଥହୀନ ମରୁଭୂମିରେ ଭ୍ରମଣ କରାନ୍ତି।
25 वे घोर अंधकार में टटोलते रह जाते हैं तथा वह उन्हें इस स्थिति में डाल देते हैं, मानो कोई मतवाला लड़खड़ा रहा हो.
ସେମାନେ ଆଲୁଅରହିତ ହୋଇ ଅନ୍ଧକାରରେ ଦରାଣ୍ଡି ହୁଅନ୍ତି, ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ମତ୍ତ ଲୋକ ପରି ଟଳମଳ କରାନ୍ତି।