< यिर्मयाह 1 >

1 पुरोहितों में से बिन्यामिन प्रदेश के अनाथोथवासी हिलकियाह के पुत्र येरेमियाह का वचन.
Paroles de Jérémie, fils de Hilkija, d’entre les sacrificateurs qui étaient à Anathoth, dans le pays de Benjamin,
2 जिन्हें यहूदिया के राजा अमोन के पुत्र योशियाह के राज्य-काल के तेरहवें वर्ष में याहवेह का संदेश प्रगट किया गया,
auquel vint la parole de l’Éternel, dans les jours de Josias, fils d’Amon, roi de Juda, la treizième année de son règne;
3 उन्हें याहवेह का संदेश यहूदिया के राजा योशियाह के पुत्र यहोइयाकिम के राज्य-काल से लेकर, यहूदिया के राजा योशियाह के पुत्र सीदकियाहू के राज्य-काल के ग्यारहवें वर्ष के अंत तक, पांचवें माह में येरूशलेम के निवासी तक भी प्रगट किया जाता रहा.
elle vint aussi [à lui] dans les jours de Jehoïakim, fils de Josias, roi de Juda, jusqu’à la fin de la onzième année de Sédécias, fils de Josias, roi de Juda, jusqu’à ce que Jérusalem fut emmenée en captivité, au cinquième mois.
4 मुझे याहवेह का संदेश प्राप्‍त हुआ,
Et la parole de l’Éternel vint à moi, disant:
5 “गर्भ में तुम्हें कोई स्वरूप देने के पूर्व मैं तुम्हें जानता था, तुम्हारे जन्म के पूर्व ही मैं तुम्हें नियुक्त कर चुका था; मैंने तुम्हें राष्ट्रों के लिए भविष्यद्वक्ता नियुक्त किया है.”
Avant que je te forme dans le ventre [de ta mère], je t’ai connu, et avant que tu sortes de [son] sein, je t’ai sanctifié, je t’ai établi prophète pour les nations.
6 यह सुन मैंने कहा, “ओह, प्रभु याहवेह, बात करना तो मुझे आता ही नहीं; क्योंकि मैं तो निरा लड़का ही हूं.”
Et je dis: Ah, Seigneur Éternel! voici, je ne sais pas parler; car je suis un enfant.
7 किंतु याहवेह ने मुझसे कहा, “मत कहो, ‘मैं तो निरा लड़का ही हूं.’ क्योंकि मैं तुम्हें जहां कहीं भेजा करूं तुम वहां जाओगे.
Et l’Éternel me dit: Ne dis pas: Je suis un enfant, car pour tout ce pour quoi je t’enverrai, tu iras, et tout ce que je te commanderai, tu le diras.
8 तब उनसे भयभीत मत होना, क्योंकि तुम्हें छुड़ाने के लिए मैं तुम्हारे साथ हूं,” यह याहवेह की वाणी है.
Ne les crains point; car je suis avec toi pour te délivrer, dit l’Éternel.
9 तब याहवेह ने हाथ बढ़ाकर मेरे मुख को स्पर्श किया और याहवेह ने मुझसे कहा, “देखो, मैंने तुम्हारे मुख में अपने शब्द स्थापित कर दिए हैं.
Et l’Éternel étendit sa main, et toucha ma bouche; et l’Éternel me dit: Voici, j’ai mis mes paroles dans ta bouche.
10 यह समझ लो कि आज मैंने तुम्हें उन राष्ट्रों तथा राज्यों पर इसलिये नियुक्त किया है कि तुम तोड़ो तथा चूर-चूर करो, नष्ट करो तथा सत्ता पलट दो, निर्माण करो तथा रोपित करो.”
Regarde, je t’ai établi ce jour-ci sur les nations et sur les royaumes, pour arracher, et pour démolir, et pour détruire, et pour renverser, pour bâtir et pour planter.
11 मुझे याहवेह का यह संदेश प्रगट किया गया: “येरेमियाह, तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?” “मैंने उत्तर दिया, मुझे बादाम के वृक्ष की एक छड़ी दिखाई दे रही है.”
Et la parole de l’Éternel vint à moi, disant: Que vois-tu, Jérémie? Et je dis: Je vois un bâton d’amandier.
12 याहवेह ने मुझसे कहा, “तुम्हारा देखना सही है, इसका आशय यह है कि मैं यह देखने के लिए जागृत हूं कि मेरा वचन पूरा हो!”
Et l’Éternel me dit: Tu as bien vu, car je veille sur ma parole pour l’exécuter.
13 याहवेह का संदेश पुनः मुझे प्रगट किया गया: “तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?” मैंने उत्तर दिया, “मुझे भोजन पकाने का एक बर्तन दिखाई दे रहा है, उत्तर दिशा से हमारी ओर झुका दिया गया है.”
Et la parole de l’Éternel vint à moi une seconde fois, disant: Que vois-tu? Et je dis: Je vois un pot bouillant, dont le devant est du côté du nord.
14 तब याहवेह ने मुझ पर प्रकट किया, “इस देश के निवासियों पर उत्तर दिशा से संकट टूट पड़ेगा.
Et l’Éternel me dit: Du nord le mal fondra sur tous les habitants du pays.
15 क्योंकि देख लेना, मैं उत्तरी राज्यों के सारे परिवारों को आह्वान कर रहा हूं,” यह याहवेह की वाणी है. “वे आएंगे तथा उनमें से हर एक येरूशलेम के प्रवेश द्वार पर, इसकी सभी शहरपनाह के चारों ओर तथा यहूदिया के सभी नगरों पर अपना अपना सिंहासन स्थापित कर लेंगे.
Car voici, j’appelle toutes les familles des royaumes du nord, dit l’Éternel, et elles viendront, et mettront chacune son trône à l’entrée des portes de Jérusalem, et contre toutes ses murailles à l’entour, et contre toutes les villes de Juda.
16 मैं अपने न्याय-दंड की घोषणा करूंगा, उनकी सभी बुराइयों पर जिनके अंतर्गत उन्होंने मेरा परित्याग कर दिया, पराये देवताओं को बलि अर्पित किया तथा स्वयं अपने द्वारा निर्मित मूर्तियों की उपासना की है.
Et je prononcerai contre eux mes jugements, à cause de toute leur iniquité par laquelle ils m’ont abandonné, et ont brûlé de l’encens à d’autres dieux, et se sont prosternés devant l’ouvrage de leurs mains.
17 “अब उठो! तैयार हो जाओ और उन सभी से बात करो जिनके विषय में मैं तुम्हें आदेश दे रहा हूं. उनके समक्ष जाकर निराश न हो जाना, अन्यथा मैं तुम्हें उनके समक्ष निराश कर दूंगा.
Et toi, ceins tes reins, et lève-toi, et dis-leur tout ce que je te commanderai; ne sois point effrayé d’eux, de peur que moi je ne t’épouvante devant eux.
18 अब यह समझ लो आज मैंने तुम्हें सारे देश के लिए, यहूदिया के राजाओं के लिए, इसके उच्चाधिकारियों के लिए, इसके पुरोहितों के लिए तथा देशवासियों के लिए एक गढ़नगर, एक लौह स्तंभ तथा कांस्य दीवारों सदृश बना दिया है.
Et moi, voici, je t’établis aujourd’hui comme une ville forte, et comme une colonne de fer, et comme des murailles d’airain, contre tout le pays, contre les rois de Juda, ses princes, ses sacrificateurs, et le peuple du pays.
19 वे तुम पर आक्रमण तो करेंगे किंतु तुम्हें पराजित नहीं कर सकेंगे, क्योंकि तुम्हारा बचाने वाला मैं तुम्हारे साथ हूं,” यह याहवेह की वाणी है.
Et ils combattront contre toi, mais ils ne prévaudront pas sur toi, car moi je suis avec toi, dit l’Éternel, pour te délivrer.

< यिर्मयाह 1 >