< यिर्मयाह 50 >

1 भविष्यद्वक्ता येरेमियाह के द्वारा जो संदेश याहवेह ने कसदियों के देश बाबेल के विषय में दिया, वह यह है:
הַדָּבָ֗ר אֲשֶׁ֨ר דִּבֶּ֧ר יְהוָ֛ה אֶל־בָּבֶ֖ל אֶל־אֶ֣רֶץ כַּשְׂדִּ֑ים בְּיַ֖ד יִרְמְיָ֥הוּ הַנָּבִֽיא׃
2 “सारे राष्ट्रों में सर्वत्र यह वाणी हो, यह प्रकट किया जाए, यह घोषणा की जाए और झंडा ऊंचा किया जाए; कुछ भी छिपाया न जाए बल्कि यह कहा जाए, ‘बाबेल अचंभित हो चुका; बेल लज्जित कर दिया गया, मारदुक चूर-चूर कर दिया गया है. उसकी प्रतिमाएं लज्जित कर दी गई है और उसकी प्रतिमाएं चूर-चूर कर दी गई हैं.’
הַגִּ֨ידוּ בַגּוֹיִ֤ם וְהַשְׁמִ֙יעוּ֙ וּֽשְׂאוּ־נֵ֔ס הַשְׁמִ֖יעוּ אַל־תְּכַחֵ֑דוּ אִמְרוּ֩ נִלְכְּדָ֨ה בָבֶ֜ל הֹבִ֥ישׁ בֵּל֙ חַ֣ת מְרֹדָ֔ךְ הֹבִ֣ישׁוּ עֲצַבֶּ֔יהָ חַ֖תּוּ גִּלּוּלֶֽיהָ׃
3 उत्तरी दिशा का एक राष्ट्र उस पर आक्रमण करेगा, वह उसे निर्जन क्षेत्र में परिवर्तित कर देगा, वहां कोई निवासी न रह जाएगा. मनुष्य और पशु दोनों ही वहां से पलायन कर गए हैं; अब वे वहां से दूर चले गए हैं.
כִּ֣י עָלָה֩ עָלֶ֨יהָ גּ֜וֹי מִצָּפ֗וֹן הֽוּא־יָשִׁ֤ית אֶת־אַרְצָהּ֙ לְשַׁמָּ֔ה וְלֹֽא־יִהְיֶ֥ה יוֹשֵׁ֖ב בָּ֑הּ מֵאָדָ֥ם וְעַד־בְּהֵמָ֖ה נָ֥דוּ הָלָֽכוּ׃
4 “उन दिनों में, उस अवसर पर,” यह याहवेह की वाणी है, “इस्राएल वंशज आ जाएंगे, वे और यहूदाह के वंशज, दोनों ही; वे साथ साथ विलाप करते हुए जाएंगे, वे याहवेह अपने परमेश्वर की खोज करेंगे.
בַּיָּמִ֨ים הָהֵ֜מָּה וּבָעֵ֤ת הַהִיא֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה יָבֹ֧אוּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֛ל הֵ֥מָּה וּבְנֵֽי־יְהוּדָ֖ה יַחְדָּ֑ו הָל֤וֹךְ וּבָכוֹ֙ יֵלֵ֔כוּ וְאֶת־יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיהֶ֖ם יְבַקֵּֽשׁוּ׃
5 वे ज़ियोन के मार्ग के विषय में पूछताछ करेंगे, वे उसी ओर अभिमुख हो जाएंगे. वे इस उद्देश्य से आएंगे कि वे याहवेह के साथ एक चिरकालीन वाचा में सम्बद्ध हो जाएं जिसे कभी भूलना पसंद न किया जाएगा.
צִיּ֣וֹן יִשְׁאָ֔לוּ דֶּ֖רֶךְ הֵ֣נָּה פְנֵיהֶ֑ם בֹּ֚אוּ וְנִלְו֣וּ אֶל־יְהוָ֔ה בְּרִ֥ית עוֹלָ֖ם לֹ֥א תִשָּׁכֵֽחַ׃ ס
6 “मेरी प्रजा खोई भेड़ हो गई है; उनके चरवाहों ही ने इन्हें दूर किया है, उन्हीं ने उन्हें पर्वतों पर चले जाने के लिए छोड़ दिया है. अब वे पर्वतों तथा पहाड़ियों पर भटक रहे हैं और अब तो उन्हें अपना चैन-स्थल ही स्मरण न रहा है.
צֹ֤אן אֹֽבְדוֹת֙ היה עַמִּ֔י רֹעֵיהֶ֣ם הִתְע֔וּם הָרִ֖ים שובבים מֵהַ֤ר אֶל־גִּבְעָה֙ הָלָ֔כוּ שָׁכְח֖וּ רִבְצָֽם׃
7 उनकी भेंट जितनों से भी हुई, उन्होंने उन्हें निगल डाला; उनके शत्रु यह दावा करते रहे, ‘हम दोषी नहीं हैं, पाप तो उन्होंने किया है याहवेह के विरुद्ध, जो पूर्वजों के आश्रय हरी चरागाह है, वस्तुतः याहवेह, उनके पूर्वजों की आशा.’
כָּל־מוֹצְאֵיהֶ֣ם אֲכָל֔וּם וְצָרֵיהֶ֥ם אָמְר֖וּ לֹ֣א נֶאְשָׁ֑ם תַּ֗חַת אֲשֶׁ֨ר חָטְא֤וּ לַֽיהוָה֙ נְוֵה־צֶ֔דֶק וּמִקְוֵ֥ה אֲבֽוֹתֵיהֶ֖ם יְהוָֽה׃ ס
8 “बाबेल के मध्य से भाग निकलो; कसदियों के देश से पलायन करो, उन बकरों के सदृश बन जाओ, जो पशु समूह के आगे-आगे चलते हैं.
נֻ֚דוּ מִתּ֣וֹךְ בָּבֶ֔ל וּמֵאֶ֥רֶץ כַּשְׂדִּ֖ים יצאו וִהְי֕וּ כְּעַתּוּדִ֖ים לִפְנֵי־צֹֽאן׃
9 क्योंकि तुम यह देख लेना कि मैं उत्तरी ओर से सशक्त राष्ट्रों के समूह को बाबेल पर आक्रमण के लिए प्रेरित करूंगा. वे उसके विरुद्ध मोर्चा बांधेंगे, और तब बाबेल बंदी बना लिया जाएगा. उनका लक्ष्य कर कुशल योद्धा बाण छोड़ेंगे और उनका प्रहार अचूक ही होगा.
כִּ֣י הִנֵּ֣ה אָנֹכִ֡י מֵעִיר֩ וּמַעֲלֶ֨ה עַל־בָּבֶ֜ל קְהַל־גּוֹיִ֤ם גְּדֹלִים֙ מֵאֶ֣רֶץ צָפ֔וֹן וְעָ֣רְכוּ לָ֔הּ מִשָּׁ֖ם תִּלָּכֵ֑ד חִצָּיו֙ כְּגִבּ֣וֹר מַשְׁכִּ֔יל לֹ֥א יָשׁ֖וּב רֵיקָֽם׃
10 कसदिया लूट की सामग्री बन जाएगा; जो इसे लूटेंगे वे इसे यथाशक्ति लूट लेंगे,” यह याहवेह की वाणी है.
וְהָיְתָ֥ה כַשְׂדִּ֖ים לְשָׁלָ֑ל כָּל־שֹׁלְלֶ֥יהָ יִשְׂבָּ֖עוּ נְאֻם־יְהוָֽה׃
11 “मेरे उत्तराधिकार के लुटेरो, इसलिये कि तुम आनंदित हो, इसलिये कि तुम उल्‍लसित हो, इसलिये कि तुम चरागाहों में बछिया के समान उछलते हो, घोड़े सदृश हिनहिनाते हो,
כִּ֤י תשמחי כִּ֣י תעלזי שֹׁסֵ֖י נַחֲלָתִ֑י כִּ֤י תפושי כְּעֶגְלָ֣ה דָשָׁ֔ה ותצהלי כָּאֲבִּרִֽים׃
12 तुम्हारी माता अत्यंत लज्जित होगी; तुम्हारी जननी निन्दित हो जाएगी. तुम देखना कि वह राष्ट्रों में नीच हो जाएगी एक निर्जन क्षेत्र— एक शुष्क भूखण्ड, एक मरुभूमि.
בּ֤וֹשָׁה אִמְּכֶם֙ מְאֹ֔ד חָפְרָ֖ה יֽוֹלַדְתְּכֶ֑ם הִנֵּה֙ אַחֲרִ֣ית גּוֹיִ֔ם מִדְבָּ֖ר צִיָּ֥ה וַעֲרָבָֽה׃
13 याहवेह की अप्रसन्‍नता के कारण वह निर्जन ही रहेगी, पूर्णतः निर्जन; हर एक, जो बाबेल के निकट से निकलेगा, भयभीत हो जाएगा; और उसके घावों को देखकर उपहास करेगा.
מִקֶּ֤צֶף יְהוָה֙ לֹ֣א תֵשֵׁ֔ב וְהָיְתָ֥ה שְׁמָמָ֖ה כֻּלָּ֑הּ כֹּ֚ל עֹבֵ֣ר עַל־בָּבֶ֔ל יִשֹּׁ֥ם וְיִשְׁרֹ֖ק עַל־כָּל־מַכּוֹתֶֽיהָ׃
14 “हर एक ओर से बाबेल के विरुद्ध मोर्चा बांधो, तुम सभी धनुर्धारियों. उस पर प्रहार करो कोई भी तुम्हारे बाणों से बचने न पाए, क्योंकि याहवेह की दृष्टि में बाबेल पापिष्ठ है!
עִרְכ֨וּ עַל־בָּבֶ֤ל ׀ סָבִיב֙ כָּל־דֹּ֣רְכֵי קֶ֔שֶׁת יְד֣וּ אֵלֶ֔יהָ אַֽל־תַּחְמְל֖וּ אֶל־חֵ֑ץ כִּ֥י לַֽיהוָ֖ה חָטָֽאָה׃
15 चारों ओर से उसके विरुद्ध आवाज की जाए! उसने समर्पण कर दिया है, उसके स्तंभ पृथ्वीशायी हो चुके हैं, उसकी शहरपनाहें भंग की गई हैं. यह याहवेह का निरा बदला है; तुम भी उससे बदला लो, उसने जैसा जैसा अन्यों के साथ किया है; तुम भी उसके साथ वैसा ही करो.
הָרִ֨יעוּ עָלֶ֤יהָ סָבִיב֙ נָתְנָ֣ה יָדָ֔הּ נָֽפְלוּ֙ אשויתיה נֶהֶרְס֖וּ חֽוֹמוֹתֶ֑יהָ כִּי֩ נִקְמַ֨ת יְהוָ֥ה הִיא֙ הִנָּ֣קְמוּ בָ֔הּ כַּאֲשֶׁ֥ר עָשְׂתָ֖ה עֲשׂוּ־לָֽהּ׃
16 बाबेल से रोपक को नष्ट कर दो और उसे भी, जो कटनी के अवसर पर अपना हंसिया चलाता है. क्योंकि अत्याचारी की तलवार के कारण वे लौटकर अपने ही लोगों के पास भागकर स्वदेश ही चले जाएंगे.
כִּרְת֤וּ זוֹרֵ֙עַ֙ מִבָּבֶ֔ל וְתֹפֵ֥שׂ מַגָּ֖ל בְּעֵ֣ת קָצִ֑יר מִפְּנֵי֙ חֶ֣רֶב הַיּוֹנָ֔ה אִ֤ישׁ אֶל־עַמּוֹ֙ יִפְנ֔וּ וְאִ֥ישׁ לְאַרְצ֖וֹ יָנֻֽסוּ׃ ס
17 “इस्राएल तितर-बितर की हुई भेड़-बकरियां हैं, सिंहों ने उन्हें खदेड़ दिया है. जिसने उसे सर्वप्रथम निगल डाला था, वह है अश्शूर का राजा; जिसने सबसे अंत में उसकी अस्थियां तोड़ दी हैं, वह है बाबेल का राजा नबूकदनेज्ज़र.”
שֶׂ֧ה פְזוּרָ֛ה יִשְׂרָאֵ֖ל אֲרָי֣וֹת הִדִּ֑יחוּ הָרִאשׁ֤וֹן אֲכָלוֹ֙ מֶ֣לֶךְ אַשּׁ֔וּר וְזֶ֤ה הָאַחֲרוֹן֙ עִצְּמ֔וֹ נְבוּכַדְרֶאצַּ֖ר מֶ֥לֶךְ בָּבֶֽל׃ ס
18 इसलिये सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: “तुम यह देखना कि मैं बाबेल के राजा तथा उसके देश को दंड देने पर हूं ठीक जिस प्रकार मैंने अश्शूर के राजा को दंड दिया है.
לָכֵ֗ן כֹּֽה־אָמַ֞ר יְהוָ֤ה צְבָאוֹת֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל הִנְנִ֥י פֹקֵ֛ד אֶל־מֶ֥לֶךְ בָּבֶ֖ל וְאֶל־אַרְצ֑וֹ כַּאֲשֶׁ֥ר פָּקַ֖דְתִּי אֶל־מֶ֥לֶךְ אַשּֽׁוּר׃
19 तब मैं इस्राएल को उसकी चराइयों में लौटा ले आऊंगा, तब वह कर्मेल तथा बाशान में चरा करेगा; और पर्वतीय क्षेत्र एफ्राईम तथा गिलआद में उसकी अभिलाषा पूर्ण की जाएगी.
וְשֹׁבַבְתִּ֤י אֶת־יִשְׂרָאֵל֙ אֶל־נָוֵ֔הוּ וְרָעָ֥ה הַכַּרְמֶ֖ל וְהַבָּשָׁ֑ן וּבְהַ֥ר אֶפְרַ֛יִם וְהַגִּלְעָ֖ד תִּשְׂבַּ֥ע נַפְשֽׁוֹ׃
20 उन दिनों में, उस अवसर पर,” यह याहवेह की वाणी है, “इस्राएल में पापिष्ठता की खोज की जाएगी, किंतु वहां कुछ भी प्राप्‍त न होगा, वैसे ही यहूदिया में भी पापिष्ठता की खोज की जाएगी, किंतु वहां भी उनमें कुछ पाया न जाएगा, क्योंकि मैं बचे हुए लोगों को क्षमा कर दूंगा, जिन्हें मैंने रख छोड़ा है.
בַּיָּמִ֣ים הָהֵם֩ וּבָעֵ֨ת הַהִ֜יא נְאֻם־יְהוָ֗ה יְבֻקַּ֞שׁ אֶת־עֲוֺ֤ן יִשְׂרָאֵל֙ וְאֵינֶ֔נּוּ וְאֶת־חַטֹּ֥את יְהוּדָ֖ה וְלֹ֣א תִמָּצֶ֑אינָה כִּ֥י אֶסְלַ֖ח לַאֲשֶׁ֥ר אַשְׁאִֽיר׃
21 “जाकर मेराथाइम देश पर आक्रमण करो, जाकर पेकोदवासियों पर भी आक्रमण करो. उन्हें घात करो तथा उन्हें पूर्णतः नष्ट कर दो,” यह याहवेह का आदेश है. “वही सब करो, जिसका मैंने तुम्हें आदेश दिया है.
עַל־הָאָ֤רֶץ מְרָתַ֙יִם֙ עֲלֵ֣ה עָלֶ֔יהָ וְאֶל־יוֹשְׁבֵ֖י פְּק֑וֹד חֲרֹ֨ב וְהַחֲרֵ֤ם אַֽחֲרֵיהֶם֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה וַעֲשֵׂ֕ה כְּכֹ֖ל אֲשֶׁ֥ר צִוִּיתִֽיךָ׃ ס
22 युद्ध की ध्वनि देश में व्याप्‍त है, विनाश अत्यंत प्रचंड है!
ק֥וֹל מִלְחָמָ֖ה בָּאָ֑רֶץ וְשֶׁ֖בֶר גָּדֽוֹל׃
23 वह, जो सारे विश्व के लिए हथौड़ा था, वह कैसे कट गया, टूट गया! सारे राष्ट्रों के लिए बाबेल आज आतंक का विषय कैसे बन गया है!
אֵ֤יךְ נִגְדַּע֙ וַיִּשָּׁבֵ֔ר פַּטִּ֖ישׁ כָּל־הָאָ֑רֶץ אֵ֣יךְ הָיְתָ֧ה לְשַׁמָּ֛ה בָּבֶ֖ל בַּגּוֹיִֽם׃
24 बाबेल, मैंने तुम्हारे लिए फंदा डाला, और तुम उसमें जा भी फंसे! तुम्हें इसका आभास ही न हुआ; तुम्हें खोज निकाला गया और तुम पकड़ लिए गए कारण यह था, कि तुमने याहवेह से द्वन्द किया था.
יָקֹ֨שְׁתִּי לָ֤ךְ וְגַם־נִלְכַּדְתְּ֙ בָּבֶ֔ל וְאַ֖תְּ לֹ֣א יָדָ֑עַתְּ נִמְצֵאת֙ וְגַם־נִתְפַּ֔שְׂתְּ כִּ֥י בַֽיהוָ֖ה הִתְגָּרִֽית׃
25 याहवेह ने अपना शस्त्रागार खोल दिया है ओर उन्होंने अपने आक्रोश के शस्त्र बाहर निकाल लिए हैं, क्योंकि कसदियों के देश में यह प्रभु सेनाओं के याहवेह का निष्पादन है.
פָּתַ֤ח יְהוָה֙ אֶת־א֣וֹצָר֔וֹ וַיּוֹצֵ֖א אֶת־כְּלֵ֣י זַעְמ֑וֹ כִּי־מְלָאכָ֣ה הִ֗יא לַֽאדֹנָ֧י יְהוִ֛ה צְבָא֖וֹת בְּאֶ֥רֶץ כַּשְׂדִּֽים׃
26 दूरतम सीमा से उसके निकट आ जाओ. उसके अन्‍नभण्डार खोल दो; उसे अनाज का ढेर लगाए जैसे कर दो और उसे पूर्णतः. नष्ट कर दो, उसका कुछ भी शेष न रह जाए.
בֹּֽאוּ־לָ֤הּ מִקֵּץ֙ פִּתְח֣וּ מַאֲבֻסֶ֔יהָ סָלּ֥וּהָ כְמוֹ־עֲרֵמִ֖ים וְהַחֲרִימ֑וּהָ אַל־תְּהִי־לָ֖הּ שְׁאֵרִֽית׃
27 उसके सारे पुष्ट बैल तलवार से घात कर दो; उन सभी का वध कर दो! धिक्कार हो उन पर! क्योंकि उनका समय आ गया है, उनके दंड का समय.
חִרְבוּ֙ כָּל־פָּרֶ֔יהָ יֵרְד֖וּ לַטָּ֑בַח ה֣וֹי עֲלֵיהֶ֔ם כִּֽי־בָ֥א יוֹמָ֖ם עֵ֥ת פְּקֻדָּתָֽם׃ ס
28 बाबेल से आए शरणार्थियों तथा आश्रयहीनों का स्वर सुनाई दे रहा है, कि ज़ियोन में उनके मंदिर के लिए, याहवेह हमारे परमेश्वर के बदले की घोषणा की जा सके.
ק֥וֹל נָסִ֛ים וּפְלֵטִ֖ים מֵאֶ֣רֶץ בָּבֶ֑ל לְהַגִּ֣יד בְּצִיּ֗וֹן אֶת־נִקְמַת֙ יְהוָ֣ה אֱלֹהֵ֔ינוּ נִקְמַ֖ת הֵיכָלֽוֹ׃
29 “बाबेल पर आक्रमण के लिए उन सभी को बुला लाओ, जो बाण छोड़ने में कुशल है. उसे चारों ओर से घेरकर शिविर डाल दो; कोई भी बचने न पाए. उसके द्वारा किए गए कार्यों के अनुसार ही उसे प्रतिफल दो; उसने जैसा जैसा किया है उसके साथ वैसा ही करो. क्योंकि बाबेल याहवेह के विरुद्ध अहंकारी हो गया है, उनके विरुद्ध, जो इस्राएल के पवित्र परमेश्वर हैं.
הַשְׁמִ֣יעוּ אֶל־בָּבֶ֣ל ׀ רַ֠בִּים כָּל־דֹּ֨רְכֵי קֶ֜שֶׁת חֲנ֧וּ עָלֶ֣יהָ סָבִ֗יב אַל־יְהִי־ פְּלֵטָ֔ה שַׁלְּמוּ־לָ֣הּ כְּפָעֳלָ֔הּ כְּכֹ֛ל אֲשֶׁ֥ר עָשְׂתָ֖ה עֲשׂוּ־לָ֑הּ כִּ֧י אֶל־יְהוָ֛ה זָ֖דָה אֶל־קְד֥וֹשׁ יִשְׂרָאֵֽל׃
30 इसलिये बाबेल के शूर जवान वहां की सड़कों पर पृथ्वीशायी हो जाएंगे; तथा उसके सभी योद्धा उस दिन नष्ट हो जाएंगे,” यह याहवेह की वाणी है.
לָכֵ֛ן יִפְּל֥וּ בַחוּרֶ֖יהָ בִּרְחֹבֹתֶ֑יהָ וְכָל־אַנְשֵׁ֨י מִלְחַמְתָּ֥הּ יִדַּ֛מּוּ בַּיּ֥וֹם הַה֖וּא נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס
31 “ओ अहंकारी, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, तुम यह देख लेना,” यह प्रभु सेनाओं के याहवेह की वाणी है, “क्योंकि तुम्हारा समय आ गया है, वह समय, जब मैं तुम्हें दंड दूंगा.
הִנְנִ֤י אֵלֶ֙יךָ֙ זָד֔וֹן נְאֻם־אֲדֹנָ֥י יְהוִ֖ה צְבָא֑וֹת כִּ֛י בָּ֥א יוֹמְךָ֖ עֵ֥ת פְּקַדְתִּֽיךָ׃
32 वह, जो अहंकारी है, वह लड़खड़ा कर गिर पड़ेगा और कोई नहीं होगा, जो उसे उठाए; बाबेल के नगरों को मैं भस्म कर दूंगा, इससे उसके निकटवर्ती सारे क्षेत्र भी नष्ट हो जाएंगे.”
וְכָשַׁ֤ל זָדוֹן֙ וְנָפַ֔ל וְאֵ֥ין ל֖וֹ מֵקִ֑ים וְהִצַּ֤תִּי אֵשׁ֙ בְּעָרָ֔יו וְאָכְלָ֖ה כָּל־סְבִיבֹתָֽיו׃ ס
33 सेनाओं के याहवेह का संदेश यह है: “इस्राएल वंशज उत्पीड़ित किए जा रहे हैं, यहूदाह गोत्रज भी; वे सभी, जिन्होंने उन्हें बंदी बनाया है, उन्हें मुक्त नहीं कर रहे.
כֹּ֤ה אָמַר֙ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת עֲשׁוּקִ֛ים בְּנֵי־יִשְׂרָאֵ֥ל וּבְנֵי־יְהוּדָ֖ה יַחְדָּ֑ו וְכָל־שֹֽׁבֵיהֶם֙ הֶחֱזִ֣יקוּ בָ֔ם מֵאֲנ֖וּ שַׁלְּחָֽם׃
34 सशक्त हैं उनके उद्धारक, सेनाओं के याहवेह है उनका नाम. वह उनके सशक्त प्रवक्ता होंगे, कि पृथ्वी पर शांति की स्थापना हो सके, किंतु बाबेलवासियों में अशांति.”
גֹּאֲלָ֣ם ׀ חָזָ֗ק יְהוָ֤ה צְבָאוֹת֙ שְׁמ֔וֹ רִ֥יב יָרִ֖יב אֶת־רִיבָ֑ם לְמַ֙עַן֙ הִרְגִּ֣יעַ אֶת־הָאָ֔רֶץ וְהִרְגִּ֖יז לְיֹשְׁבֵ֥י בָבֶֽל׃
35 याहवेह की वाणी है, “कसदी तलवार से घात किए जाएंगे, वैसे ही बाबेलवासी भी!” बाबेल के अधिकारी एवं बुद्धिमान तलवार से घात किए जाएंगे!
חֶ֥רֶב עַל־כַּשְׂדִּ֖ים נְאֻם־יְהוָ֑ה וְאֶל־יֹשְׁבֵ֣י בָבֶ֔ל וְאֶל־שָׂרֶ֖יהָ וְאֶל־חֲכָמֶֽיהָ׃
36 झूठे भविष्यवक्ताओं पर तलवार का प्रहार होगा! और वे मूर्ख प्रमाणित हो जाएंगे. शूर योद्धाओं पर तलवार का प्रहार होगा! और वे चूर-चूर हो जाएंगे.
חֶ֥רֶב אֶל־הַבַּדִּ֖ים וְנֹאָ֑לוּ חֶ֥רֶב אֶל־גִּבּוֹרֶ֖יהָ וָחָֽתּוּ׃
37 तलवार उनके घोड़ों तथा रथों पर भी चलेगी, तथा उन सारे विदेशियों पर भी! जो उनके मध्य में निवास कर रहे हैं, कि वे दुर्बल हो जाएं. तलवार उसके कोषागारों पर भी चलेगी! और वे लूट लिए जाएंगे.
חֶ֜רֶב אֶל־סוּסָ֣יו וְאֶל־רִכְבּ֗וֹ וְאֶל־כָּל־הָעֶ֛רֶב אֲשֶׁ֥ר בְּתוֹכָ֖הּ וְהָי֣וּ לְנָשִׁ֑ים חֶ֥רֶב אֶל־אוֹצְרֹתֶ֖יהָ וּבֻזָּֽזוּ׃
38 मैं उनके जलाशयों पर अनावृष्टि भेजूंगा! और वे सूख जाएंगे. क्योंकि यह देश प्रतिमाओं का देश हो गया है, यहां के निवासी उन प्रतिमाओं पर उन्मत्त हुए जा रहे हैं.
חֹ֥רֶב אֶל־מֵימֶ֖יהָ וְיָבֵ֑שׁוּ כִּ֣י אֶ֤רֶץ פְּסִלִים֙ הִ֔יא וּבָאֵימִ֖ים יִתְהֹלָֽלוּ׃
39 “इसलिये वहां सियार तो निवास करेंगे ही, उनके सिवा वहां मरुभूमि के प्राणी भी निवास करने लगेंगे. वहां शुतुरमुर्ग निवास करने लगेंगे और फिर कभी पीढ़ियों से पीढ़ियों तक इसे बसाया न जा सकेगा.
לָכֵ֗ן יֵשְׁב֤וּ צִיִּים֙ אֶת־אִיִּ֔ים וְיָ֥שְׁבוּ בָ֖הּ בְּנ֣וֹת יַֽעֲנָ֑ה וְלֹֽא־תֵשֵׁ֥ב עוֹד֙ לָנֶ֔צַח וְלֹ֥א תִשְׁכּ֖וֹן עַד־דּ֥וֹר וָדֽוֹר׃
40 जैसा परमेश्वर ने सोदोम तथा अमोराह तथा इनके निकटवर्ती क्षेत्रों में विनाश वृष्टि की थी,” यह याहवेह की पूर्वोक्ति है, “कोई मनुष्य वहां निवास न कर सकेगा; और न मानव का कोई अस्तित्व पाया जाएगा.
כְּמַהְפֵּכַ֨ת אֱלֹהִ֜ים אֶת־סְדֹ֧ם וְאֶת־עֲמֹרָ֛ה וְאֶת־שְׁכֵנֶ֖יהָ נְאֻם־יְהוָ֑ה לֹֽא־יֵשֵׁ֥ב שָׁם֙ אִ֔ישׁ וְלֹֽא־יָג֥וּר בָּ֖הּ בֶּן־אָדָֽם׃
41 “अब देखो! उत्तर की ओर से एक राष्ट्र आक्रमण कर रहा है; यह राष्ट्र सशक्त है तथा इसके राजा अनेक, वे पृथ्वी के दूर क्षेत्रों से प्रेरित किए जा रहे हैं.
הִנֵּ֛ה עַ֥ם בָּ֖א מִצָּפ֑וֹן וְג֤וֹי גָּדוֹל֙ וּמְלָכִ֣ים רַבִּ֔ים יֵעֹ֖רוּ מִיַּרְכְּתֵי־אָֽרֶץ׃
42 वे अपना धनुष एवं बर्छी उठा रहे हैं; वे निर्मम एवं क्रूर हैं. उनका स्वर सागर की लहरों के गर्जन सदृश है, वे घोड़ों पर सवार होकर आगे बढ़ते आ रहे हैं; वे युद्ध के लिए सुसज्जित योद्धा सदृश हैं. बाबेल की पुत्री, वे तुम पर आक्रमण करेंगे.
קֶ֣שֶׁת וְכִידֹ֞ן יַחֲזִ֗יקוּ אַכְזָרִ֥י הֵ֙מָּה֙ וְלֹ֣א יְרַחֵ֔מוּ קוֹלָם֙ כַּיָּ֣ם יֶהֱמֶ֔ה וְעַל־סוּסִ֖ים יִרְכָּ֑בוּ עָר֗וּךְ כְּאִישׁ֙ לַמִּלְחָמָ֔ה עָלַ֖יִךְ בַּת־בָּבֶֽל׃
43 बाबेल के राजा को इसकी सूचना प्राप्‍त हो चुकी है, उसके हाथ ढीले पड़ चुके हैं. पीड़ा ने उसे अपने अधीन कर रखा है, वैसी ही पीड़ा जैसी प्रसूता की होती है.
שָׁמַ֧ע מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֛ל אֶת־שִׁמְעָ֖ם וְרָפ֣וּ יָדָ֑יו צָרָה֙ הֶחֱזִיקַ֔תְהוּ חִ֖יל כַּיּוֹלֵדָֽה׃
44 यह देखना, यरदन की झाड़ियों में से कोई सिंह सदृश निकलकर मजबूत चरवाहों पर आक्रमण कर देगा, क्योंकि मैं एक ही क्षण में उसे वहां पलायन के लिए प्रेरित कर दूंगा. तथा इस क्षेत्र पर मैं उसे नियुक्त कर दूंगा, जो इसके लिए असमर्थ किया जा चुका है. कौन है मेरे तुल्य तथा किसमें क्षमता है मुझे न्यायालय में बुलाने की? इसके सिवा कौन है वह चरवाहा, जो मेरे समक्ष ठहर सकेगा?”
הִ֠נֵּה כְּאַרְיֵ֞ה יַעֲלֶ֨ה מִגְּא֣וֹן הַיַּרְדֵּן֮ אֶל־נְוֵ֣ה אֵיתָן֒ כִּֽי־אַרְגִּ֤עָה ארוצם מֵֽעָלֶ֔יהָ וּמִ֥י בָח֖וּר אֵלֶ֣יהָ אֶפְקֹ֑ד כִּ֣י מִ֤י כָמ֙וֹנִי֙ וּמִ֣י יוֹעִדֶ֔נִּי וּמִֽי־זֶ֣ה רֹעֶ֔ה אֲשֶׁ֥ר יַעֲמֹ֖ד לְפָנָֽי׃
45 इसलिये अब याहवेह की उस योजना को समझ लो, जो उन्होंने बाबेल के प्रति योजित की है, तथा उन लक्ष्यों को भी, जो उन्होंने तेमानवासियों के संकट के लिए निर्धारित किए हैं: इसमें कोई संदेह नहीं कि वे उन्हें खींचकर ले जाएंगे-भले ही वे भेड़-बकरियां के बच्चों की नाई हों; उनके कारण याहवेह उनकी चराइयों को निश्चयतः निर्जन बनाकर छोड़ेंगे.
לָכֵ֞ן שִׁמְע֣וּ עֲצַת־יְהוָ֗ה אֲשֶׁ֤ר יָעַץ֙ אֶל־בָּבֶ֔ל וּמַ֨חְשְׁבוֹתָ֔יו אֲשֶׁ֥ר חָשַׁ֖ב אֶל־אֶ֣רֶץ כַּשְׂדִּ֑ים אִם־לֹ֤א יִסְחָבוּם֙ צְעִירֵ֣י הַצֹּ֔אן אִם־לֹ֥א יַשִּׁ֛ים עֲלֵיהֶ֖ם נָוֶֽה׃
46 इस घोषनाद के कारण: बाबेल बंदी बना लिया गया है; पृथ्वी कांप उठी है, सभी राष्ट्रों में निराशा की चिल्लाहट प्रतिध्वनित हो गई है.
מִקּוֹל֙ נִתְפְּשָׂ֣ה בָבֶ֔ל נִרְעֲשָׁ֖ה הָאָ֑רֶץ וּזְעָקָ֖ה בַּגּוֹיִ֥ם נִשְׁמָֽע׃ ס

< यिर्मयाह 50 >