< यिर्मयाह 44 >

1 मिस्र देश के मिगदोल, ताहपनहेस, मैमफिस नगरों तथा पथरोस प्रदेश में निवास कर रहे यहूदियों के लिए येरेमियाह को यह संदेश भेजा गया:
הַדָּבָר֙ אֲשֶׁ֣ר הָיָ֣ה אֶֽל־יִרְמְיָ֔הוּ אֶ֚ל כָּל־הַיְּהוּדִ֔ים הַיֹּשְׁבִ֖ים בְּאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם הַיֹּשְׁבִ֤ים בְּמִגְדֹּל֙ וּבְתַחְפַּנְחֵ֣ס וּבְנֹ֔ף וּבְאֶ֥רֶץ פַּתְר֖וֹס לֵאמֹֽר׃ ס
2 “सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: येरूशलेम तथा यहूदिया के नगरों पर जो सारी विपत्तियां मेरे द्वारा भेजी गई हैं, उन्हें तो तुमने स्वयं ही देख ली हैं. देख लो, कि आज तक ये स्थान खंडहर बने हुए हैं और कोई भी उनमें निवास नहीं कर रहा.
כֹּה־אָמַ֞ר יְהוָ֤ה צְבָאוֹת֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אַתֶּ֣ם רְאִיתֶ֗ם אֵ֤ת כָּל־הָֽרָעָה֙ אֲשֶׁ֤ר הֵבֵ֙אתִי֙ עַל־יְר֣וּשָׁלִַ֔ם וְעַ֖ל כָּל־עָרֵ֣י יְהוּדָ֑ה וְהִנָּ֤ם חָרְבָּה֙ הַיּ֣וֹם הַזֶּ֔ה וְאֵ֥ין בָּהֶ֖ם יוֹשֵֽׁב׃
3 उस दुष्कृति के कारण जिसके द्वारा उन्होंने परकीय देवताओं की उपासना करने, उन्हें बलि अर्पण करने के द्वारा मेरे कोप को भड़काया है. ये देवता उनके लिए, तुम्हारे लिए तथा तुम्हारे पूर्वजों के लिए अज्ञात रहे.
מִפְּנֵ֣י רָעָתָ֗ם אֲשֶׁ֤ר עָשׂוּ֙ לְהַכְעִסֵ֔נִי לָלֶ֣כֶת לְקַטֵּ֔ר לַעֲבֹ֖ד לֵאלֹהִ֣ים אֲחֵרִ֑ים אֲשֶׁר֙ לֹ֣א יְדָע֔וּם הֵ֖מָּה אַתֶּ֥ם וַאֲבֹתֵיכֶֽם׃
4 इतना सब होने पर भी मैंने तुम्हारे हित में अपने सेवक भविष्यवक्ताओं को भेजा, बार-बार वे यह संदेश देते रहे, ‘मत करो ये सारे उपक्रम, जो मेरे समक्ष घृणास्पद हैं!’
וָאֶשְׁלַ֤ח אֲלֵיכֶם֙ אֶת־כָּל־עֲבָדַ֣י הַנְּבִיאִ֔ים הַשְׁכֵּ֥ים וְשָׁלֹ֖חַ לֵאמֹ֑ר אַל־נָ֣א תַעֲשׂ֗וּ אֵ֛ת דְּבַֽר־הַתֹּעֵבָ֥ה הַזֹּ֖את אֲשֶׁ֥ר שָׂנֵֽאתִי׃
5 किंतु उन्होंने न इस ओर ध्यान दिया, न मेरा संदेश सुना न वे इन दुष्कृत्यों से विमुख हुए; उन्होंने उन परकीय देवताओं को बलि अर्पण करना समाप्‍त न किया.
וְלֹ֤א שָֽׁמְעוּ֙ וְלֹא־הִטּ֣וּ אֶת־אָזְנָ֔ם לָשׁ֖וּב מֵרָֽעָתָ֑ם לְבִלְתִּ֥י קַטֵּ֖ר לֵאלֹהִ֥ים אֲחֵרִֽים׃
6 इसलिये मेरा कोप और मेरा आक्रोश उंडेला गया; यहूदिया के नगर तथा येरूशलेम की गलियां इनसे क्रोधित हो गईं और इसका परिणाम यह है कि अब ये खंडहर मात्र रह गए हैं, जैसा आज स्पष्ट ही है, ये अब निर्जन रह गए हैं.
וַתִּתַּ֤ךְ חֲמָתִי֙ וְאַפִּ֔י וַתִּבְעַר֙ בְּעָרֵ֣י יְהוּדָ֔ה וּבְחֻצ֖וֹת יְרֽוּשָׁלִָ֑ם וַתִּהְיֶ֛ינָה לְחָרְבָּ֥ה לִשְׁמָמָ֖ה כַּיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃ ס
7 “इसलिये अब, सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: तुम क्यों अपनी ही अकाल हानि करने पर तैयार हो, कि तुम्हारे मध्य में यहूदिया में से स्त्री-पुरुष, बालक तथा शिशु कोई बचे हुए लोग न रह जाएं?
וְעַתָּ֡ה כֹּֽה־אָמַ֣ר יְהוָה֩ אֱלֹהֵ֨י צְבָא֜וֹת אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל לָמָה֩ אַתֶּ֨ם עֹשִׂ֜ים רָעָ֤ה גְדוֹלָה֙ אֶל־נַפְשֹׁ֣תֵכֶ֔ם לְהַכְרִ֨ית לָכֶ֧ם אִישׁ־וְאִשָּׁ֛ה עוֹלֵ֥ל וְיוֹנֵ֖ק מִתּ֣וֹךְ יְהוּדָ֑ה לְבִלְתִּ֛י הוֹתִ֥יר לָכֶ֖ם שְׁאֵרִֽית׃
8 मिस्र देश, जहां तुमने बस जाने के उद्देश्य से प्रवेश किया है, वहां तुम उन परकीय देवताओं को बलि अर्पण करने के द्वारा मेरे कोप को भड़का रहे हो. इसका परिणाम यही होगा कि तुम नष्ट हो जाओगे तथा तुम पृथ्वी के सारी जनताओं के लिए एक शाप, एक कटाक्ष बनकर रह जाओगे.
לְהַכְעִסֵ֙נִי֙ בְּמַעֲשֵׂ֣י יְדֵיכֶ֔ם לְקַטֵּ֞ר לֵאלֹהִ֤ים אֲחֵרִים֙ בְּאֶ֣רֶץ מִצְרַ֔יִם אֲשֶׁר־אַתֶּ֥ם בָּאִ֖ים לָג֣וּר שָׁ֑ם לְמַ֙עַן֙ הַכְרִ֣ית לָכֶ֔ם וּלְמַ֤עַן הֱיֽוֹתְכֶם֙ לִקְלָלָ֣ה וּלְחֶרְפָּ֔ה בְּכֹ֖ל גּוֹיֵ֥י הָאָֽרֶץ׃
9 क्या तुम अपने पूर्वजों की दुष्कृति भूलना पसंद कर चुके हो—यहूदिया के राजाओं की दुष्कृति, उनकी पत्नियों की दुष्कृति, स्वयं तुम्हारी दुष्कृति तथा तुम्हारी पत्नियों की दुष्कृति, जो यहूदिया में तथा येरूशलेम की गलियों में उनके द्वारा की जाती रही है?
הַֽשְׁכַחְתֶּם֩ אֶת־רָע֨וֹת אֲבוֹתֵיכֶ֜ם וְאֶת־רָע֣וֹת ׀ מַלְכֵ֣י יְהוּדָ֗ה וְאֵת֙ רָע֣וֹת נָשָׁ֔יו וְאֵת֙ רָעֹ֣תֵכֶ֔ם וְאֵ֖ת רָעֹ֣ת נְשֵׁיכֶ֑ם אֲשֶׁ֤ר עָשׂוּ֙ בְּאֶ֣רֶץ יְהוּדָ֔ה וּבְחֻצ֖וֹת יְרוּשָׁלִָֽם׃
10 किंतु पश्चाताप उन्होंने आज तक नहीं किया और उनमें न तो मेरे प्रति श्रद्धा दिखाई, न उन्होंने मेरे व्यवस्था-विधान के पालन किया जो मैंने ही तुम्हारे तथा तुम्हारे पूर्वजों के सामने रखे थे.
לֹ֣א דֻכְּא֔וּ עַ֖ד הַיּ֣וֹם הַזֶּ֑ה וְלֹ֣א יָרְא֗וּ וְלֹֽא־הָלְכ֤וּ בְתֽוֹרָתִי֙ וּבְחֻקֹּתַ֔י אֲשֶׁר־נָתַ֥תִּי לִפְנֵיכֶ֖ם וְלִפְנֵ֥י אֲבוֹתֵיכֶֽם׃ ס
11 “इसलिये इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह, की वाणी यह है, यह देख लेना, कि मैं तुम्हारे संकट के लक्ष्य से तुम्हारी ओर अभिमुख होने पर हूं, हां, सारे यहूदिया के सर्वनाश के लक्ष्य से.
לָכֵ֗ן כֹּֽה־אָמַ֞ר יְהוָ֤ה צְבָאוֹת֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל הִנְנִ֨י שָׂ֥ם פָּנַ֛י בָּכֶ֖ם לְרָעָ֑ה וּלְהַכְרִ֖ית אֶת־כָּל־יְהוּדָֽה׃
12 मैं यहूदिया के उस बचे हुए लोगों को, जो मिस्र में बस जाने के लिए तैयार हो चुके हैं, नष्ट कर दूंगा. मिस्र देश में वे पूर्णतः नष्ट हो जाएंगे; वे तलवार तथा अकाल से नष्ट हो जाएंगे. तलवार एवं अकाल से सामान्य एवं विशिष्ट दोनों ही मिटा दिए जाएंगे. वे शाप बन जाएंगे, आतंक-प्रतिरूप हो जाएंगे, अमंगल प्रार्थना तथा उपहास का विषय हो जाएंगे.
וְלָקַחְתִּ֞י אֶת־שְׁאֵרִ֣ית יְהוּדָ֗ה אֲשֶׁר־שָׂ֨מוּ פְנֵיהֶ֜ם לָב֣וֹא אֶֽרֶץ־מִצְרַיִם֮ לָג֣וּר שָׁם֒ וְתַ֨מּוּ כֹ֜ל בְּאֶ֧רֶץ מִצְרַ֣יִם יִפֹּ֗לוּ בַּחֶ֤רֶב בָּֽרָעָב֙ יִתַּ֔מּוּ מִקָּטֹן֙ וְעַד־גָּד֔וֹל בַּחֶ֥רֶב וּבָרָעָ֖ב יָמֻ֑תוּ וְהָיוּ֙ לְאָלָ֣ה לְשַׁמָּ֔ה וְלִקְלָלָ֖ה וּלְחֶרְפָּֽה׃
13 मैं मिस्र के निवासियों को उसी प्रकार दंड दूंगा, जिस प्रकार मैंने येरूशलेम को तलवार, अकाल तथा महामारी का दंड दिया है.
וּפָקַדְתִּ֗י עַ֤ל הַיּֽוֹשְׁבִים֙ בְּאֶ֣רֶץ מִצְרַ֔יִם כַּאֲשֶׁ֥ר פָּקַ֖דְתִּי עַל־יְרֽוּשָׁלִָ֑ם בַּחֶ֥רֶב בָּרָעָ֖ב וּבַדָּֽבֶר׃
14 तब यहूदिया के उन बचे हुए लोगों में से जो मिस्र में इन बातों के साथ जा बसे हैं, कि वे पुनः यहूदिया लौट आएंगे, जहां लौटकर आ रहना ही उनकी अभिलाषा है; उनमें से मात्र अल्प शरणार्थियों के सिवाय न तो कोई शरणार्थी रहेगा और न कोई उत्तरजीवी.”
וְלֹ֨א יִהְיֶ֜ה פָּלִ֤יט וְשָׂרִיד֙ לִשְׁאֵרִ֣ית יְהוּדָ֔ה הַבָּאִ֥ים לָגֽוּר־שָׁ֖ם בְּאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם וְלָשׁ֣וּב ׀ אֶ֣רֶץ יְהוּדָ֗ה אֲשֶׁר־הֵ֜מָּה מְנַשְּׂאִ֤ים אֶת־נַפְשָׁם֙ לָשׁוּב֙ לָשֶׁ֣בֶת שָׁ֔ם כִּ֥י לֹֽא־יָשׁ֖וּבוּ כִּ֥י אִם־פְּלֵטִֽים׃ ס
15 तब उन सभी व्यक्तियों ने जिन्हें यह ज्ञात था कि उनकी पत्नियां परकीय देवताओं के समक्ष धूप जलाने की प्रथा में संलग्न हैं, अपनी-अपनी पत्नी के साथ एक विशाल सभा के रूप में मिस्र में पथरोस के निवासियों के साथ मिलकर येरेमियाह को यह प्रत्युत्तर दिया,
וַיַּעֲנ֣וּ אֶֽת־יִרְמְיָ֗הוּ כָּל־הָאֲנָשִׁ֤ים הַיֹּֽדְעִים֙ כִּֽי־מְקַטְּר֤וֹת נְשֵׁיהֶם֙ לֵאלֹהִ֣ים אֲחֵרִ֔ים וְכָל־הַנָּשִׁ֥ים הָעֹמְד֖וֹת קָהָ֣ל גָּד֑וֹל וְכָל־הָעָ֛ם הַיֹּשְׁבִ֥ים בְּאֶֽרֶץ־מִצְרַ֖יִם בְּפַתְר֥וֹס לֵאמֹֽר׃
16 “आपने याहवेह के नाम से हमें जो संदेश दिया है, उसे हम नहीं सुनेंगे!
הַדָּבָ֛ר אֲשֶׁר־דִּבַּ֥רְתָּ אֵלֵ֖ינוּ בְּשֵׁ֣ם יְהוָ֑ה אֵינֶ֥נּוּ שֹׁמְעִ֖ים אֵלֶֽיךָ׃
17 हम तो निश्चयतः वही सब करेंगे, जो हमारे मुख से मुखरित हुआ है: हम स्वर्ग की रानी के निमित्त धूप जलाएंगे, उसे पेय बलि अर्पित करेंगे; ठीक जैसा हमारे पूर्वज, हमारे राजा और हमारे उच्चाधिकारी यहूदिया के नगरों में तथा येरूशलेम की गलियों में करते रहे हैं. क्योंकि उस समय हमें भोजन का कोई अभाव न था, हम सम्पन्‍न थे तथा हमें किसी प्रतिकूलता का अनुभव न हुआ.
כִּ֩י עָשֹׂ֨ה נַעֲשֶׂ֜ה אֶֽת־כָּל־הַדָּבָ֣ר ׀ אֲשֶׁר־יָצָ֣א מִפִּ֗ינוּ לְקַטֵּ֞ר לִמְלֶ֣כֶת הַשָּׁמַיִם֮ וְהַסֵּֽיךְ־לָ֣הּ נְסָכִים֒ כַּאֲשֶׁ֨ר עָשִׂ֜ינוּ אֲנַ֤חְנוּ וַאֲבֹתֵ֙ינוּ֙ מְלָכֵ֣ינוּ וְשָׂרֵ֔ינוּ בְּעָרֵ֣י יְהוּדָ֔ה וּבְחֻצ֖וֹת יְרוּשָׁלִָ֑ם וַנִּֽשְׂבַּֽע־לֶ֙חֶם֙ וַנִּֽהְיֶ֣ה טוֹבִ֔ים וְרָעָ֖ה לֹ֥א רָאִֽינוּ׃
18 किंतु जैसे ही हमने स्वर्ग की रानी के लिए धूप जलाना छोड़ा, जैसे ही हमने उसे पेय बलि अर्पित करना छोड़ा, हम सब प्रकार के अभाव में आ पड़े हैं और प्रजा तलवार एवं अकाल द्वारा विनाश हो रही है.”
וּמִן־אָ֡ז חָדַ֜לְנוּ לְקַטֵּ֨ר לִמְלֶ֧כֶת הַשָּׁמַ֛יִם וְהַסֵּֽךְ־לָ֥הּ נְסָכִ֖ים חָסַ֣רְנוּ כֹ֑ל וּבַחֶ֥רֶב וּבָרָעָ֖ב תָּֽמְנוּ׃
19 और स्त्रियों ने आक्षेप लगाना प्रारंभ किया, “जब हम स्वर्ग की रानी के लिए धूप जला रही थी और पेय बलि अर्पित कर रही थी, क्या हम ये बलियां, ये पेय बलियां तथा अर्पण के व्यंजन जिन पर स्वर्ग की रानी की प्रतिकृति होती थी यह सब अपने-अपने पतियों के जानने बिना कर रही थी?”
וְכִֽי־אֲנַ֤חְנוּ מְקַטְּרִים֙ לִמְלֶ֣כֶת הַשָּׁמַ֔יִם וּלְהַסֵּ֥ךְ לָ֖הּ נְסָכִ֑ים הֲמִֽבַּלְעֲדֵ֣י אֲנָשֵׁ֗ינוּ עָשִׂ֨ינוּ לָ֤הּ כַּוָּנִים֙ לְהַ֣עֲצִבָ֔ה וְהַסֵּ֥ךְ לָ֖הּ נְסָכִֽים׃ פ
20 तब येरेमियाह ने पुरुषों, स्त्रियों, सारे उपस्थित जनसमूह को, उन सभी को, जिन्होंने उन्हें उत्तर दिया था, संबोधित करते हुए कहा:
וַיֹּ֥אמֶר יִרְמְיָ֖הוּ אֶל־כָּל־הָעָ֑ם עַל־הַגְּבָרִ֤ים וְעַל־הַנָּשִׁים֙ וְעַל־כָּל־הָעָ֔ם הָעֹנִ֥ים אֹת֛וֹ דָּבָ֖ר לֵאמֹֽר׃
21 “यहूदिया के नगरों में तथा येरूशलेम की गलियों में जो धूप तुम लोगों ने, तुम्हारे पूर्वजों ने, तुम्हारे राजाओं ने, तुम्हारे उच्चाधिकारियों ने तथा देश की प्रजा ने, जलाई हैं, क्या याहवेह की दृष्टि से अदृश्य रह गई है अथवा उन्होंने इन्हें भूलना पसंद कर दिया है?
הֲל֣וֹא אֶת־הַקִּטֵּ֗ר אֲשֶׁ֨ר קִטַּרְתֶּ֜ם בְּעָרֵ֤י יְהוּדָה֙ וּבְחֻצ֣וֹת יְרוּשָׁלִַ֔ם אַתֶּ֧ם וַאֲבֽוֹתֵיכֶ֛ם מַלְכֵיכֶ֥ם וְשָׂרֵיכֶ֖ם וְעַ֣ם הָאָ֑רֶץ אֹתָם֙ זָכַ֣ר יְהוָ֔ה וַֽתַּעֲלֶ֖ה עַל־לִבּֽוֹ׃
22 यह सब याहवेह के लिए असह्य हो चुका था, तुम्हारे उपक्रमों के संकट के कारण, तुम्हारे द्वारा किए गए घृणास्पद कार्यों के कारण ही आज तुम्हारा देश उजाड़ हो चुका है, यह देश अब भय का स्रोत तथा एक शाप प्रमाणित हो रहा है, आज यह निर्जन पड़ा हुआ है.
וְלֹֽא־יוּכַל֩ יְהוָ֨ה ע֜וֹד לָשֵׂ֗את מִפְּנֵי֙ רֹ֣עַ מַעַלְלֵיכֶ֔ם מִפְּנֵ֥י הַתּוֹעֵבֹ֖ת אֲשֶׁ֣ר עֲשִׂיתֶ֑ם וַתְּהִ֣י אַ֠רְצְכֶם לְחָרְבָּ֨ה וּלְשַׁמָּ֧ה וְלִקְלָלָ֛ה מֵאֵ֥ין יוֹשֵׁ֖ב כְּהַיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃
23 आज तुम्हारे देश पर जो विपत्ति आ पड़ी है, उसका कारण यही है कि तुमने याहवेह की आज्ञा की अवहेलना की है, उनकी नीतियों का आचरण नहीं किया, उनके अधिनियमों तथा साक्ष्यों की अवहेलना की है, तथा तुमने धूप जलाई है.”
מִפְּנֵי֩ אֲשֶׁ֨ר קִטַּרְתֶּ֜ם וַאֲשֶׁ֧ר חֲטָאתֶ֣ם לַיהוָ֗ה וְלֹ֤א שְׁמַעְתֶּם֙ בְּק֣וֹל יְהוָ֔ה וּבְתֹרָת֧וֹ וּבְחֻקֹּתָ֛יו וּבְעֵדְוֺתָ֖יו לֹ֣א הֲלַכְתֶּ֑ם עַל־כֵּ֞ן קָרָ֥את אֶתְכֶ֛ם הָרָעָ֥ה הַזֹּ֖את כַּיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃ ס
24 तब येरेमियाह ने सारी स्त्रियों सहित सारे जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “सारे यहूदियावासियो, जो मिस्र में जा बसे हो, याहवेह का संदेश सुनो.
וַיֹּ֤אמֶר יִרְמְיָ֙הוּ֙ אֶל־כָּל־הָעָ֔ם וְאֶ֖ל כָּל־הַנָּשִׁ֑ים שִׁמְעוּ֙ דְּבַר־יְהוָ֔ה כָּל־יְהוּדָ֕ה אֲשֶׁ֖ר בְּאֶ֥רֶץ מִצְרָֽיִם׃ ס
25 सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: तुम्हारे लिए तथा तुम्हारी पत्नियों से संबंधित संदेश यह है: तुमने यह कहते हुए, ‘हम उन सारे संकल्पों को पूर्ण करेंगे, जो हमने किए थे. हम स्वर्ग की रानी के लिए धूप जलाएंगे, उसे पेय बलि भी अर्पित करेंगे, तुमने जो कुछ अपने मुख से घोषित किया, उसे अपने कार्यों द्वारा पूर्ण भी कर दिखाया है.’ “जाओ, जाकर अपने संकल्पों की पुष्टि करो और उन्हें पूर्ण भी करो!
כֹּֽה־אָמַ֣ר יְהוָֽה־צְבָאוֹת֩ אֱלֹהֵ֨י יִשְׂרָאֵ֜ל לֵאמֹ֗ר אַתֶּ֨ם וּנְשֵׁיכֶ֜ם וַתְּדַבֵּ֣רְנָה בְּפִיכֶם֮ וּבִידֵיכֶ֣ם מִלֵּאתֶ֣ם ׀ לֵאמֹר֒ עָשֹׂ֨ה נַעֲשֶׂ֜ה אֶת־נְדָרֵ֗ינוּ אֲשֶׁ֤ר נָדַ֙רְנוּ֙ לְקַטֵּר֙ לִמְלֶ֣כֶת הַשָּׁמַ֔יִם וּלְהַסֵּ֥ךְ לָ֖הּ נְסָכִ֑ים הָקֵ֤ים תָּקִ֙ימְנָה֙ אֶת־נִדְרֵיכֶ֔ם וְעָשֹׂ֥ה תַעֲשֶׂ֖ינָה אֶת־נִדְרֵיכֶֽם׃ פ
26 फिर भी, मिस्र में जा बसे यहूदियावासियो, याहवेह का संदेश सुन लो: ‘ध्यान रहे, मैंने अपने ही उदात्त नाम की शपथ ली है,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘मिस्र देश में यहूदिया का कोई भी व्यक्ति शपथ करने के लिये अब कभी भी मेरे महान नाम का उपयोग नहीं कर पायेगा. वे फिर कभी नहीं कहेंगे, “याहवेह के नाम की शपथ!”
לָכֵן֙ שִׁמְע֣וּ דְבַר־יְהוָ֔ה כָּל־יְהוּדָ֕ה הַיֹּשְׁבִ֖ים בְּאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם הִנְנִ֨י נִשְׁבַּ֜עְתִּי בִּשְׁמִ֤י הַגָּדוֹל֙ אָמַ֣ר יְהוָ֔ה אִם־יִהְיֶה֩ ע֨וֹד שְׁמִ֜י נִקְרָ֣א ׀ בְּפִ֣י ׀ כָּל־אִ֣ישׁ יְהוּדָ֗ה אֹמֵ֛ר חַי־אֲדֹנָ֥י יְהוִ֖ה בְּכָל־אֶ֥רֶץ מִצְרָֽיִם׃
27 मैं उन पर मेरी दृष्टि लगी हुई है, वह हित के लिए नहीं, पर विपत्ति के लिए. यहूदियावासी सभी, जो मिस्र देश में जा बसे है, तब तक तलवार से तथा अकाल से उनकी मृत्यु हो ही जाएगी; जब तक उनके विनाश संपूर्ण न हो.
הִנְנִ֨י שֹׁקֵ֧ד עֲלֵיהֶ֛ם לְרָעָ֖ה וְלֹ֣א לְטוֹבָ֑ה וְתַמּוּ֩ כָל־אִ֨ישׁ יְהוּדָ֜ה אֲשֶׁ֧ר בְּאֶֽרֶץ־מִצְרַ֛יִם בַּחֶ֥רֶב וּבָרָעָ֖ב עַד־כְּלוֹתָֽם׃
28 हां, अत्यंत अल्प संख्या में कुछ तलवार से बचकर मिस्र से यहूदिया पहुंच जाएंगे. तब यहूदिया के संपूर्ण बचे हुए लोगों को, जो मिस्र में बस जाने के लिए वहां गए थे, उन्हें यह ज्ञात हो जाएगा कि किसका कहना अटल होता है, मेरा अथवा उनका.
וּפְלִיטֵ֨י חֶ֜רֶב יְשֻׁב֨וּן מִן־אֶ֧רֶץ מִצְרַ֛יִם אֶ֥רֶץ יְהוּדָ֖ה מְתֵ֣י מִסְפָּ֑ר וְֽיָדְע֞וּ כָּל־שְׁאֵרִ֣ית יְהוּדָ֗ה הַבָּאִ֤ים לְאֶֽרֶץ־מִצְרַ֙יִם֙ לָג֣וּר שָׁ֔ם דְּבַר־מִ֥י יָק֖וּם מִמֶּ֥נִּי וּמֵהֶֽם׃
29 “‘तुम्हारे लिए इसका चिन्ह यह होगा,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘मैं तुम्हें इसी स्थान पर दंड दूंगा, जिससे कि तुम यह समझ सको कि तुम्हारे संकट के लिए मेरी वाणी पूर्ण होकर ही रहेगी.’
וְזֹאת־לָכֶ֤ם הָאוֹת֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה כִּֽי־פֹקֵ֥ד אֲנִ֛י עֲלֵיכֶ֖ם בַּמָּק֣וֹם הַזֶּ֑ה לְמַ֙עַן֙ תֵּֽדְע֔וּ כִּי֩ ק֨וֹם יָק֧וּמוּ דְבָרַ֛י עֲלֵיכֶ֖ם לְרָעָֽה׃ ס
30 याहवेह का संदेश यह है: ‘तुम देखोगे कि मैं मिस्र के राजा फ़रोह होफ़राह को उसके शत्रुओं के अधीन कर दूंगा, उनके अधीन जो उसके प्राण लेने को तैयार हैं, ठीक जिस प्रकार मैंने यहूदिया के राजा सीदकियाहू को बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के अधीन कर दिया था, जो उसका शत्रु था, जो उसके प्राण लेने को तैयार था.’”
כֹּ֣ה ׀ אָמַ֣ר יְהוָ֗ה הִנְנִ֣י נֹ֠תֵן אֶת־פַּרְעֹ֨ה חָפְרַ֤ע מֶֽלֶךְ־מִצְרַ֙יִם֙ בְּיַ֣ד אֹֽיְבָ֔יו וּבְיַ֖ד מְבַקְשֵׁ֣י נַפְשׁ֑וֹ כַּאֲשֶׁ֨ר נָתַ֜תִּי אֶת־צִדְקִיָּ֣הוּ מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֗ה בְּיַ֨ד נְבוּכַדְרֶאצַּ֧ר מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֛ל אֹיְב֖וֹ וּמְבַקֵּ֥שׁ נַפְשֽׁוֹ׃ ס

< यिर्मयाह 44 >