< यिर्मयाह 43 >
1 जैसे ही येरेमियाह ने सारे उपस्थित जनसमूह के समक्ष याहवेह, उनके परमेश्वर द्वारा प्रदत्त संदेश सुनाना समाप्त किया,
Cuando Jeremías hubo acabado de transmitir al pueblo entero todas las palabras de Yahvé, su Dios, todas aquellas palabras que Yahvé, su Dios, le había encargado decirles,
2 होशाइयाह का पुत्र अज़रियाह तथा कोरियाह का पुत्र योहानन तथा अन्य सारे दंभी लोग येरेमियाह के विषय में कह उठे: “झूठ बोल रहे हैं आप! याहवेह, हमारे परमेश्वर ने आपको इस संदेश के साथ भेजा ही नहीं है, ‘तुम्हें मिस्र में बस जाने के उद्देश्य से प्रवेश नहीं करना है’;
respondieron Azarías, hijo de Osaías, y Johanán, hijo de Caree, y todos los hombres rebeldes: “Es mentira lo que dices; no te ha enviado Yahvé, nuestro Dios, para decir: «No vayáis a Egipto para habitar allí»;
3 यह नेरियाह का पुत्र बारूख है, जो आपको हमारे विरुद्ध उकसा रहा है, कि हमें कसदियों के हाथों में सौंप दिया जाए, कि वे हमारी हत्या कर दें अथवा हमें बंदी बनाकर बाबेल ले जायें.”
es Baruc, hijo de Nerías, el que te instiga contra nosotros, para entregarnos en manos de los caldeos, a fin de que nos maten, o nos deporten a Babilonia.”
4 तब कोरियाह के पुत्र योहानन ने, सेनापतियों ने तथा सारे लोगों ने यहूदिया देश में ही ठहरे रहने के विषय में याहवेह के आदेश का पालन नहीं किया.
De este modo Johanán, hijo de Caree, y todos los capitanes de las tropas, y todo el pueblo desobedecieron la orden de Yahvé de permanecer en la tierra de Judá.
5 कोरियाह के पुत्र योहानन तथा सारे सेनापतियों ने यहूदिया के संपूर्ण बचे हुए लोगों को, जो अनेक-अनेक देशों में से विस्थापन की स्थिति से यहूदिया में बस जाने के लिए लौटा लाए गए थे,
Y así Johanán, hijo de Caree, y todos los capitanes de las tropas tomaron a todo el resto de Judá, a los que de todas las regiones donde había dispersos, habían regresado para habitar en la tierra de Judá;
6 पुरुष स्त्री एवं बालक, राजपुत्रियां तथा हर एक ऐसा व्यक्ति, जिसे अंगरक्षकों के प्रधान नेबुज़रादान ने शापान के पौत्र अहीकाम के पुत्र, गेदालियाह, भविष्यद्वक्ता येरेमियाह तथा नेरियाह के पुत्र बारूख के साथ छोड़ दिया था,
a hombres, mujeres y niños, a las hijas del rey, y a cuantos Nabuzardán, capitán de la guardia, había dejado con Godolías, hijo de Ahicam, hijo de Safán, y también al profeta Jeremías y a Baruc, hijo de Nerías;
7 इन्होंने याहवेह के आदेश का पालन नहीं किया और ये सभी मिस्र देश को चले गए और ताहपनहेस तक जा पहुंचे.
y entraron en la tierra de Egipto, no obedeciendo la orden de Yahvé, y llegaron hasta Tafnis.
8 ताहपनहेस में येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश प्राप्त हुआ:
En Tafnis recibió Jeremías esta palabra de Yahvé:
9 “यहां ताहपनहेस में ही, कुछ बड़े पत्थर लेकर उन्हें यहूदियों के देखते-देखते फ़रोह के महलों के प्रवेश द्वार के सम्मुख के पक्के मार्ग के पत्थरों के गारे के नीचे छिपा दो.
“Toma en tu mano unas piedras grandes, y escóndelas con argamasa en el empedrado a la entrada del palacio del Faraón, en Tafnis, de modo tal que lo vean los hombres de Judá;
10 तब उनके समक्ष यह वाणी करो: ‘सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की यह वाणी है, यह देख लेना कि मैं बाबेल के राजा अपने सेवक नबूकदनेज्ज़र को यहां ले आने पर हूं. इन्हीं पत्थरों पर मैं उसका सिंहासन स्थापित करूंगा, जो यहां छिपाए गए हैं. इनके ऊपर वह अपना राजकीय मंडप विस्तृत करेगा.
y diles: Así dice Yahvé de los ejércitos, el Dios de Israel: He aquí que enviaré a buscar a mi siervo Nabucodonosor, rey de Babilonia, el cual colocará su trono sobre estas piedras que he escondido y extenderá sobre ellas su tapiz.
11 नबूकदनेज्ज़र आकर मिस्र को पराजित कर देगा. जिनके लिए मृत्यु नियत की गई है, उनकी मृत्यु हो जाएगी; जिनको बंदी बना लिया जाना नियत है, वे बंदी बना लिए जाएंगे; जो तलवार से वध किए जाने के लिए निर्धारित किए गए हैं, वे तलवार से वध कर दिए जाएंगे.
Pues él vendrá y herirá la tierra de Egipto, e (irán) los destinados a la muerte, a la muerte; los destinados al cautiverio, al cautiverio; y los destinados al filo de la espada, a la espada.
12 मैं मिस्र के देवताओं के मंदिरों में आग लगा दूंगा और वह उन्हें भस्म कर डालेगा तथा मिस्रियों को बंदी बना लेगा. वह मिस्र को ध्वस्त कर देगा जिस प्रकार चरवाहा स्वयं अपने बाह्य वस्त्र को अपनी देह पर लपेट लेता है. उसी प्रकार वह मिस्र को स्वयं पर लपेट लेगा और वहां से सुरक्षित विदा हो जाएगा.
Y pegará fuego a la casa de los dioses de Egipto; a unos de ellos los quemará, y a otros se los llevará cautivos; y despiojará el país de Egipto, como un pastor despioja su ropa, y saldrá de allí sin ser molestado.
13 वह मिस्र के सूर्य मंदिर के पूजा-स्तम्भों को चूर-चूर कर देगा, जो हेलियोपोलिस में हैं; वैसे ही मिस्र के देवताओं के मंदिरों को भी वह भस्म कर देगा.’”
Romperá también las columnas del templo del Sol en la tierra de Egipto, y abrasara las casas de los dioses de Egipto.