< यिर्मयाह 42 >

1 तब सारी सेना के सेनापति, कोरियाह का पुत्र योहानन, होशाइयाह का पुत्र येत्सानियाह, तथा प्रजा के साधारण एवं विशिष्ट सभी लोग भविष्यद्वक्ता येरेमियाह से भेंट करने आ गए
Tutti i capi delle forze, Johanan, figliuolo di Kareah, Jezania, figliuolo di Hosaia, e tutto il popolo, dal più piccolo al più grande, s’accostarono,
2 उन्होंने येरेमियाह भविष्यद्वक्ता से आग्रह किया, “हमारा आपसे निवेदन है, कृपया, याहवेह, अपने परमेश्वर से हमारे लिए, अर्थात् उन बचे हुए लोगों के लिए बिनती कीजिए. क्योंकि बहुसंख्यकों में से अब हम मात्र अल्प ही रह गए हैं, यह तो आप स्वयं देख ही रहे हैं.
e dissero al profeta Geremia: “Deh, siati accetta la nostra supplicazione, e prega l’Eterno, il tuo Dio, per noi, per tutto questo residuo (poiché, di molti che eravamo, siamo rimasti pochi, come lo vedono gli occhi tuoi);
3 आप प्रार्थना कीजिए, कि याहवेह, आपके परमेश्वर हम पर यह प्रकट कर दें, कि अब हमारा क्या करना उपयुक्त होगा तथा हमारा कहां जाना सार्थक होगा.”
affinché l’Eterno, il tuo Dio, ci mostri la via per la quale dobbiamo camminare, e che cosa dobbiam fare”.
4 भविष्यद्वक्ता येरेमियाह ने उन्हें उत्तर दिया, “मैंने तुम्हारा प्रस्ताव सुन लिया है. अब देखो, तुम्हारे अनुरोध के अनुसार मैं याहवेह तुम्हारे परमेश्वर से प्रार्थना करूंगा और जो उत्तर मुझे याहवेह की ओर से प्राप्‍त होगा, वह संपूर्ण संदेश मैं तुम पर प्रकट कर दूंगा और उस संदेश का एक भी शब्द मैं तुमसे न छिपाऊंगा.”
E il profeta Geremia disse loro: “Ho inteso; ecco, io pregherò l’Eterno, il vostro Dio, come avete detto; e tutto quello che l’Eterno vi risponderà ve lo farò conoscere; e nulla ve ne celerò”.
5 यह सुन उन्होंने येरेमियाह को उत्तर दिया, “याहवेह ही हमारे लिए सत्य एवं विश्वसनीय गवाह हों, यदि हम उस संदेश के अनुरूप पूर्णतः आचरण न करें, जो याहवेह आपके परमेश्वर आपके द्वारा हमें प्रगट करेंगे.
E quelli dissero a Geremia: “L’Eterno sia un testimonio verace e fedele contro di noi, se non facciamo tutto quello che l’Eterno, il tuo Dio, ti manderà a dirci.
6 वह संदेश चाहे हमारे लिए सुखद हो अथवा दुखद, हम याहवेह, हमारे परमेश्वर के संदेश को सुनेंगे, जिनके समक्ष जाने का हम आपसे अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि जब हम याहवेह, हमारे परमेश्वर के आदेश का पालन करें, तब हमारा कल्याण हो.”
Sia la sua risposta gradevole o sgradevole, noi ubbidiremo alla voce dell’Eterno, del nostro Dio, al quale ti mandiamo, affinché bene ce ne venga, per aver ubbidito alla voce dell’Eterno, del nostro Dio”.
7 दस दिन समाप्‍त होते-होते येरेमियाह को याहवेह का संदेश प्राप्‍त हुआ.
Dopo dieci giorni, la parola dell’Eterno fu rivolta a Geremia.
8 उन्होंने कोरियाह के पुत्र योहानन को, उन सारे सेनापतियों को भी, जो उसके साथ थे तथा सारे साधारण एवं विशिष्ट लोगों की सभा आमंत्रित की.
E Geremia chiamò Johanan, figliuolo di Kareah; tutti i capi delle forze ch’erano con lui, e tutto il popolo, dal più piccolo al più grande, e disse loro:
9 और उन्हें संबोधित कर कहा, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है, उन्हीं याहवेह का, जिनके समक्ष तुमने मुझे अपना निवेदन प्रस्तुत करने का दायित्व सौंपा था:
“Così parla l’Eterno, l’Iddio d’Israele, al quale m’avete mandato perché io gli presentassi la vostra supplicazione:
10 ‘यदि तुम वास्तव में इस देश में निवास करते रहो, तब मैं तुम्हें समृद्धि प्रदान करूंगा, तुम्हें नष्ट न करूंगा; मैं तुम्हें यहां रोपित करूंगा, अलग नहीं; क्योंकि मैं तुम पर प्रभावी की गई विपत्तियों के विषय में पछताऊंगा.
Se continuate a dimorare in questo paese, io vi ci stabilirò, e non vi distruggerò; vi pianterò, e non vi sradicherò; perché mi pento del male che v’ho fatto.
11 बाबेल के राजा से भयभीत न होना, जिससे तुम इस समय भयभीत हो रहे हो. मत हो उससे भयभीत, यह याहवेह की वाणी है, क्योंकि तुम्हारी सुरक्षा के निमित्त मैं तुम्हारे साथ हूं मैं तुम्हें उसकी अधीनता से मुक्त करूंगा.
Non temete il re di Babilonia, del quale avete paura; non lo temete, dice l’Eterno, perché io sono con voi per salvarvi e per liberarvi dalla sua mano;
12 मैं तुम्हें अनुकम्पा का अनुदान दूंगा कि वह तुम पर अनुकम्पा करे और तुम्हें तुम्हारी मातृभूमि पर लौटा दे.’
io vi farò trovar compassione dinanzi a lui; egli avrà compassione di voi, e vi farà tornare nel vostro paese.
13 “किंतु यदि तुम कहो, ‘हम इस देश में निवास नहीं करेंगे,’ अर्थात् तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के आदेश का अनुकरण करना अस्वीकार कर दो,
Ma se dite: Noi non rimarremo in questo paese, se non ubbidite alla voce dell’Eterno, del vostro Dio, e dite:
14 और यह कहो, ‘नहीं, हम तो मिस्र देश जाएंगे, जहां न तो युद्ध की स्थिति होगी, जहां न नरसिंगा का युद्धनाद सुनना पड़ेगा और न ही जहां भोजन का अभाव रहेगा. हम वहीं निवास करेंगे,’
No, andremo nel paese d’Egitto, dove non vedremo la guerra, non udremo suon di tromba, e dove non avrem più fame di pane, e quivi dimoreremo,
15 तब यदि स्थिति यह है, तो यहूदिया के बचे हुए लोगो, याहवेह का यह संदेश सुन लो; सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: ‘यदि तुमने मिस्र देश में प्रवेश करने तथा वहां बस जाने का निश्चय कर ही लिया है,
ebbene, ascoltate allora la parola dell’Eterno, o superstiti di Giuda! Così parla l’Eterno degli eserciti, l’Iddio d’Israele: Se siete decisi a recarvi in Egitto, e se andate a dimorarvi,
16 तब तो वह तलवार जिससे तुम आतंकित हो, तुम्हें वहां मिस्र देश में जा पकड़ेगी, वह अकाल जिसका तुम्हें डर है, वह तुम्हारे पीछे-पीछे मिस्र देश में जा पहुंचेगा और वहां तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी.
la spada che temete vi raggiungerà là, nel paese d’Egitto, e la fame che paventate vi starà alle calcagna là in Egitto, e quivi morrete.
17 तब वे सभी, जिन्होंने मिस्र में जाकर बस जाने का निश्चय कर लिया है, वे वहां जाकर तलवार, लड़ाई तथा महामारी को ग्रसित हो ही जाएंगे, और हां, वहां उस विपत्ति से, जो मैं उन पर डालने पर हूं, न तो कोई उत्तरजीवी शेष रहेगा और न ही कोई शरणार्थी.’
Tutti quelli che avranno deciso di andare in Egitto per dimorarvi, vi morranno di spada, di fame o di peste; nessun di loro scamperà, sfuggirà al male ch’io farò venire su loro.
18 क्योंकि इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: ‘जिस प्रकार मेरा क्रोध एवं आक्रोश येरूशलेम वासियों पर उंडेला जा चुका है, उसी प्रकार मेरा कोप तुम पर उस अवसर पर उंडेला जाएगा, जब तुम मिस्र देश में प्रवेश करोगे. तब तुम शाप, आतंक के प्रतिरूप, अमंगल तथा उपहास का विषय होकर रह जाओगे; इसके बाद तुम इस स्थान को कभी भी देख न सकोगे.’
Poiché così parla l’Eterno degli eserciti, l’Iddio d’Israele: Come la mia ira e il mio furore si son riversati sugli abitanti di Gerusalemme, così il mio furore si riverserà su voi, quando sarete entrati in Egitto; e sarete abbandonati alla esecrazione, alla desolazione, alla maledizione e all’obbrobrio, e non vedrete mai più questo luogo.
19 “यहूदिया के बचे हुए लोगो, याहवेह ने तुमसे बात की है, ‘मत जाओ मिस्र देश.’ स्पष्टतः यह समझ लो, कि आज मैंने तुम्हें यह चेतावनी दी है
O superstiti di Giuda! l’Eterno parla a voi: Non andate in Egitto! Sappiate bene che quest’oggi io v’ho premuniti.
20 छल तो तुमने स्वयं से किया है, क्योंकि स्वयं तुमने ही याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर से बात करने का यह दायित्व मुझे सौंपा था, ‘याहवेह हमारे परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए तथा जो कुछ याहवेह हमारे परमेश्वर कहें, वह हमें बता दीजिए, कि हम वैसा ही करें.’
Voi ingannate voi stessi, a rischio della vostra vita; poiché m’avete mandato dall’Eterno, dal vostro Dio, dicendo: Prega l’Eterno, il nostro Dio, per noi; e tutto quello che l’Eterno, il nostro Dio, dirà, faccelo sapere esattamente, e noi lo faremo.
21 यही मैंने आज तुम्हें बता दिया है, किंतु तुमने याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेश का पालन नहीं किया है, उसी को, जिसे तुम्हें बता देने के लिए मुझे याहवेह ने भेजा है.
E io ve l’ho fatto sapere quest’oggi; ma voi non ubbidite alla voce dell’Eterno, del vostro Dio, né a nulla di quanto egli m’ha mandato a dirvi.
22 इसलिये अब तुम्हारा यह स्पष्टतः समझ लेना उपयुक्त होगा, कि तुम जिस स्थान पर जाने की अभिलाषा कर रहे हो, तुम्हारी मृत्यु वहीं तलवार, अकाल तथा महामारी से ही होनी है.”
Or dunque sappiate bene che voi morrete di spada, di fame e di peste, nel luogo dove desiderate andare per dimorarvi”.

< यिर्मयाह 42 >