< यिर्मयाह 38 >
1 इसी समय मत्तान के पुत्र शेपाथियाह, पशहूर के पुत्र गेदालियाह, शेलेमियाह के पुत्र यूकल तथा मालखियाह के पुत्र पशहूर ने येरेमियाह को यह सार्वजनिक घोषणा करते सुना,
Llegó a oídos de Sefatias, hijo de Matán, y Gedalías, hijo de Pasur, y Jucal, hijo de Selemías, y Pasur, hijo de Malquías, que Jeremías había dicho a todo el pueblo,
2 “याहवेह का संदेश यह है: ‘जो कोई इस नगर में ठहरा रह जाएगा, वह तलवार, अकाल अथवा महामारी से ग्रसित होकर रहेगा, किंतु वह, जो नगर से बाहर कसदियों की शरण ले लेगा, वह जीवित रह जाएगा. उसका जीवन युद्ध में प्राप्त लूट सामग्री सदृश उसका उपहार हो जाएगा और वह जीवित रहेगा.’
Estas son las palabras del Señor: Quienquiera que viva en este pueblo morirá por la espada o de hambre o por enfermedad; pero el que salga a los caldeos mantendrá su vida fuera del alcance del poder de los atacantes y estará a salvo.
3 यह याहवेह की वाणी है: ‘निश्चयतः यह नगर बाबेल के राजा की सेना के अधीन कर दिया जाएगा, वह इस पर अधिकार कर लेगा.’”
El Señor ha dicho: Este pueblo ciertamente será entregado en manos del ejército del rey de Babilonia, y él lo tomará.
4 यह सुन अधिकारियों ने राजा के समक्ष प्रस्ताव रखा, “अब तो इस व्यक्ति को प्राण-दंड दिया जाना ही उपयुक्त होगा, क्योंकि इसकी इस वाणी से इस नगर में शेष रह गए सैनिकों तथा शेष रह गई सारी प्रजा के मनोबल का ह्रास हो रहा है. यह व्यक्ति प्रजा की हितकामना नहीं, बल्कि संकट का ही प्रयास कर रहा है.”
Entonces los gobernantes dijeron al rey: Que este hombre sea condenado a muerte, porque está poniendo miedo en los corazones de los hombres de guerra que todavía están en la ciudad y en los corazones de la gente; este hombre no está trabajando por el bienestar de la gente, sino su desgracia.
5 तब राजा सीदकियाहू ने उन्हें उत्तर दिया, “वह तुम्हारे हाथ में है; मैं किसी भी रीति से आपके विरुद्ध कुछ नहीं कर सकता.”
Entonces el rey Sedequías dijo: Mira, él está en tus manos, porque el rey no pudo hacer nada contra ustedes.
6 तब उन्होंने येरेमियाह को पकड़कर एक अंधे कुएं में डाल दिया, यह राजपुत्र मालखियाह का अंधा कुंआ था. यह पहरे के आंगन में ही था; उन्होंने येरेमियाह को इसमें रस्सियों द्वारा उतार दिया. इस अंधे कुएं में जल नहीं, मात्र कीचड़ ही शेष रह गया था ओर येरेमियाह उस कीचड़ में धंस गए.
Entonces tomaron a Jeremías y lo metieron en el pozo de agua de Malquías, el hijo del rey, que estaba en el patio de los vigilantes armados; y soltaron a Jeremías con cuerdas. Y en el agujero no había agua, sino tierra húmeda; y Jeremías descendió a la tierra húmeda.
7 किंतु महलों में नियुक्त एबेद-मेलेख नामक कूश देशवासी खोजे को यह ज्ञात हो गया कि उन्होंने येरेमियाह को अंधे कुएं में डाल दिया है. इस समय राजा बिन्यामिन प्रवेश द्वार पर आसन लगाए हुए था,
Llegó a los oídos de Ebed-melec, el etíope, un sirviente eunuco en la casa del rey, que habían puesto a Jeremías en el pozo de agua; El rey en ese momento estaba sentado en la puerta de Benjamín.
8 एबेद-मेलेख ने महलों से जाकर राजा से यह कहा,
Ebed-melec salió de la casa del rey y dijo al rey:
9 “मेरे स्वामी, महाराज, इन लोगों ने आरंभ ही से भविष्यद्वक्ता येरेमियाह के साथ जो कुछ किया है, दुष्टतापूर्ण कृत्य ही किया है. जिन्हें इन्होंने अब अंधे कुएं में डाल दिया है, वहां तो भूख से उनकी मृत्यु निश्चित है, नगर में वैसे भी अब रोटी शेष रह ही नहीं गई है.”
Mi señor el rey, estos hombres han hecho lo malo en todo lo que han hecho al profeta Jeremías, a quienes han puesto en el pozo de agua; y él morirá en el lugar donde se encuentra por necesidad de comida, porque no hay más pan en el pueblo.
10 यह सुन राजा ने कूश देशवासी एबेद-मेलेख को आदेश दिया, “अपने साथ तीस पुरुषों को अपने अधिकार में लेकर जाओ और भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को अंधे कुएं से बाहर निकाल लो, इसके पूर्व कि उनकी वहीं मृत्यु हो जाए.”
Entonces el rey dio órdenes al etíope Ebed-melec, diciendo: Llévate a tres hombres de aquí y saca a Jeremías del pozo antes de que se muera.
11 तब एबेद-मेलेख अपने साथ के व्यक्ति लेकर महल में गया. वहां जाकर उसने महलों के भण्डारगृह के नीचे निर्मित एक कक्ष में से कुछ चिथड़े निकाले और उन्हें रस्सियों द्वारा अंधे कुएं में येरेमियाह तक पहुंचा दिया.
Entonces Ebed-melec llevó a los hombres con él y entró en la casa del rey, al lugar donde se guardaba la ropa, y sacó de allí ropa vieja y trozos de ropa vieja, y los dejó caer por cuerdas. El pozo de agua donde estaba Jeremías.
12 तत्पश्चात कूश देशवासी एबेद-मेलेख ने येरेमियाह से कहा, “इन पुराने वस्त्रों को रस्सियों के नीचे अपनी बगलों में दबा लीजिए.” येरेमियाह ने ऐसा ही किया,
Y el etíope Ebed-melec dijo a Jeremías: Pon estos trozos de tela vieja debajo de tus brazos, debajo de las cuerdas. Y Jeremías lo hizo.
13 तब उन्होंने येरेमियाह को रस्सियों से ऊपर खींच लिया और उन्हें अंधे कुएं से बाहर निकाल लिया. येरेमियाह तब पहरे के आंगन में ही ठहरे रहे.
Así que sacando a Jeremías con las cuerdas, lo sacaron del pozo de agua: y Jeremías se mantuvo en el patio de los vigilantes armados.
14 कुछ समय बाद राजा सीदकियाहू ने भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को याहवेह के भवन के तीसरे प्रवेश द्वार पर बुलवाया. राजा ने येरेमियाह से कहा, “मैं आपसे कुछ प्रश्न करूंगा, मुझसे कुछ न छिपाइए.”
Entonces el rey Sedequías envió al profeta Jeremías y lo llevó a la puerta de los gobernantes en la casa del Señor: y el rey dijo a Jeremías: Tengo una pregunta que hacerte; No me guardes nada.
15 येरेमियाह ने सीदकियाहू से ही प्रश्न किया, “जब मैं आपको उत्तर दूंगा, क्या यह सुनिश्चित नहीं है कि आप मेरा वध करवा ही देंगे? इसके सिवा यदि मैं आपको कोई परामर्श दूंगा, आप तो उसका पालन करेंगे नहीं.”
Entonces Jeremías dijo a Sedequías: Si te doy la respuesta a tu pregunta, ¿no me matarás ciertamente? y si le hago una sugerencia, no le dará una audiencia.
16 किंतु राजा सीदकियाहू ने गुप्त में येरेमियाह से शपथ खाते हुए कहा: “जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने आपको और मुझे जीवन दिया है, यह निश्चित है, कि मैं न तो आपका वध करवाऊंगा न ही आपको इन व्यक्तियों के हाथों में सौंपूंगा, जो आपके प्राण लेने को तैयार हैं.”
Entonces el rey Sedequías hizo su juramento a Jeremías en secreto, diciendo: Por el Señor viviente, que nos dio nuestra vida, no te mataré ni te entregaré a estos hombres que desean quitarte la vida.
17 तब येरेमियाह ने सीदकियाहू को उत्तर दिया, “इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का संदेश यह है: ‘सत्य यह है कि यदि आप बाहर जाएं और बाबेल के राजा के अधिकारियों के समक्ष समर्पण कर दें, तब आप जीवित रहेंगे, यह नगर अग्नि के द्वारा भस्म नहीं किया जाएगा और तब आप और आपका परिवार जीवित रह सकेगा.
Entonces Jeremías dijo a Sedequías: Estas son las palabras del Señor, el Dios de los ejércitos, el Dios de Israel: Si sales con los capitanes del rey de Babilonia, tendrás vida y el pueblo no lo hará quemar con fuego, y tu y tu familia serán guardados de la muerte.
18 किंतु यदि आप बाहर जाकर बाबेल के राजा के अधिकारियों के समक्ष समर्पण नहीं करते, तो यह नगर कसदियों को सौंप दिया जाएगा; वे इसे अग्नि से भस्म कर देंगे तथा स्वयं आप भी उनके हाथों से बच निकल न सकेंगे.’”
Pero si no sales con los capitanes del rey de Babilonia, entonces este pueblo será entregado a los caldeos y lo pondrán en llamas, y no te escaparás de ellos.
19 तब राजा सीदकियाहू ने येरेमियाह से कहा, “मुझे भय है उन यहूदियों से जो कसदियों से जा मिले हैं, यह संभव है कि कसदी मुझे उनके हाथों में सौंप दें और वे मेरी हालत बुरी कर दें.”
Y el rey Sedequías dijo a Jeremías: Me preocupan los judíos que se han acercado a los caldeos por temor a que me entreguen y me maltraten.
20 “कसदी आपको उनके हाथों में नहीं सौंपेंगे.” येरेमियाह ने उसे उत्तर दिया. “आप कृपा कर मेरे कहे अनुसार याहवेह के आदेश का पालन कीजिए, कि आपका कल्याण हो और आप जीवित रहें.
Pero Jeremías dijo: No te entregarán; guíate ahora por la palabra del Señor, como te la he dado, y te irá bien, y guardarás tu vida.
21 किंतु यदि आप बाहर जाने को टालते रहेंगे, तो याहवेह द्वारा आपके लिए मुझे दिया गया संदेश यह है:
Pero si no sales, esto es lo que el Señor me ha dejado claro:
22 तब आप देखना, यहूदिया के राजा के महलों में जितनी भी स्त्रियां शेष रह गई है, वे बाबेल के राजा के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी. जब वे यहां से जा रही होंगी, वे इस प्रकार कटाक्ष करेंगी: “‘तुम्हारे घनिष्ठ मित्रों ने ही तुम्हें दूर— तथा आक्रांत कर दिया है. जब तुम्हारे कदम दलदल में फंसे हुए थे; वे तुम्हें पीठ दिखाकर चले गए.’
Mira, todo el resto de las mujeres en la casa del rey de Judá serán llevadas al rey de los capitanes de Babilonia, y estas mujeres dirán: Tus amigos más cercanos te han engañado y prevalecieron; han hecho que sus pies se hundan en él lodo, y le dieron la espalda.
23 “वे तुम्हारी पत्नियों एवं बालकों को निकालकर कसदियों को सौंप देंगे. आप स्वयं उनसे छूटकर बच न सकेंगे, बल्कि तुम बाबेल के राजा द्वारा बंदी बना लिए जाओगे; यह नगर अग्नि से भस्म कर दिया जाएगा.”
Y Jeremías continúo, diciendo que ellos llevarán a todas tus esposas y a tus hijos a los caldeos; y no te escaparás de sus manos, sino que serás tomado por las manos del rey de Babilonia; y este pueblo será quemado con fuego.
24 यह सुन सीदकियाहू ने येरेमियाह से कहा, “किसी को भी इस वार्तालाप के विषय में ज्ञात न होने पाए, आपकी मृत्यु न होगी.
Entonces Sedequías dijo a Jeremías: Que nadie tenga conocimiento de estas palabras, y no serás muerto.
25 किंतु फिर भी, यदि अधिकारियों को यह ज्ञात हो जाए कि मैंने आपसे वार्तालाप किया है और तब वे आकर आपसे आग्रह करेंगे, ‘अब तो हमें बता दो, कि तुमने राजा को क्या-क्या बता दिया है और राजा ने तुमसे क्या-क्या कहा है; यदि तुम हमसे कुछ नहीं छिपाओगे तो हम तुम्हारा वध नहीं करेंगे,’
Pero si llega a los oídos de los gobernantes, que he estado hablando contigo, y ellos vienen y te dicen: dinos ahora lo que le has dicho al rey y lo que el rey te dijo, No nos ocultes nada y no te mataremos.
26 तब तुम्हारा प्रत्युत्तर यह होगा, ‘मैं राजा के समक्ष अपनी याचना प्रस्तुत कर रहा था, कि मुझे पुनः योनातन के आवास में न भेजा जाए, कि वहां मेरी मृत्यु हो जाए.’”
Entonces debes decirles: Hice mi súplica al rey, que no me enviara de vuelta a casa de Jonatan, a morir allí.
27 तब सभी अधिकारी येरेमियाह के पास आ गए और उनसे पूछताछ करने लगे, येरेमियाह ने उन्हें वही उत्तर दिया, जैसा उन्हें राजा द्वारा निर्देश दिया गया था. तब उन्होंने पूछताछ बंद कर दी, क्योंकि वस्तुस्थिति यही थी, कि किसी को भी यह ज्ञात न था कि राजा तथा येरेमियाह के मध्य वार्तालाप विषय वास्तव में क्या था.
Entonces todos los gobernantes se acercaron a Jeremías y le preguntaron: y él les dio una respuesta con las palabras que el rey le había ordenado que dijera. Así que no le dijeron nada más; Porque la cosa no se hizo pública.
28 येरेमियाह येरूशलेम के पतन के दिन तक पहरे के आंगन में ही निवास करते रहे.
Así que Jeremías se quedó en el patio de los vigilantes armados hasta el día en que Jerusalén fue tomada.