< यिर्मयाह 32 >

1 यहूदिया के राजा सीदकियाहू के राज्य-काल के दसवें वर्ष में, जो नबूकदनेज्ज़र के राज्य-काल का अठारहवां वर्ष था, याहवेह का संदेश येरेमियाह को भेजा गया.
Palavra que veio do SENHOR a Jeremias, no décimo ano de Zedequias rei de Judá, que foi o décimo oitavo ano de Nabucodonosor.
2 इस समय बाबेल के राजा की सेना येरूशलेम को घेरे हुए थी तथा भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को यहूदिया के राजा के महलों के पहरे के आंगन में बंदी बनाकर रखा गया था.
(Quando então o exército do rei da Babilônia tinha cercado a Jerusalém; e o profeta Jeremias estava preso no pátio da guarda, que estava na casa do rei de Judá,
3 क्योंकि यहूदिया के राजा सीदकियाहू ने येरेमियाह को यह कहते हुए बंदी बना रखा था, “तुम यह कहते हुए भविष्यवाणी क्यों करते हो? ‘यह याहवेह का संदेश है, यह देखना, मैं इस नगर को बाबेल के राजा के हाथों में सौंपने पर हूं, और वह इसे प्राप्‍त कर लेगा.
Pois Zedequias rei de Judá tinha lhe prendido, dizendo: Por que profetizas tu dizendo: Assim diz o SENHOR: “Eis que eu entrego esta cidade na mão do rei da Babilônia, e ele a tomará,
4 तथा यहूदिया का राजा सीदकियाहू के अधिकार से विमुक्त नहीं हो सकेगा, बल्कि वह निश्चयतः बाबेल के राजा के हाथों में सौंप दिया जाएगा. तब वह आमने-सामने उससे वार्तालाप करेगा तथा वे एक दूसरे को अपने-अपने नेत्रों से देख सकेंगे.
E Zedequias rei de Judá não escapará da mão dos caldeus; ao contrário, certamente será entregue na mão do rei da Babilônia, e falará com ele face a face, e seus olhos verão seus olhos,
5 बाबेल का राजा सीदकियाहू को अपने साथ बाबेल ले जाएगा और वह वहां उस समय तक रखा जाएगा, जब तक मैं उससे भेंट करने वहां न पहुंचूं, यह याहवेह की वाणी है. यदि तुम कसदियों पर आक्रमण भी करो, तुम्हें सफलता प्राप्‍त न होगी.’”
E levará Zedequias à Babilônia, e ali ficará até que eu o visite, diz o SENHOR; se lutardes com os Caldeus, não vencereis”?)
6 येरेमियाह ने यह सूचना दी, “मुझे याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ:
Disse, pois, Jeremias: A palavra do SENHOR veio a mim, dizendo:
7 यह देखना, तुम्हारे चाचा शल्लूम का पुत्र हनामेल तुमसे भेंट करने आ रहा है. वह तुमसे कहेगा, ‘अनाथोथ का मेरा खेत तुम मोल ले लो, क्योंकि विधान के अंतर्गत यह तुम्हारा ही अधिकार है.’
Eis que Hanameel, filho de Salum teu tio, está vindo a ti para dizer: Compra para ti minha propriedade que está em Anatote; pois tu tens o direito de resgate para comprá-la.
8 “तब मेरे चाचा का पुत्र हनामेल, याहवेह के संदेश के अनुरूप, पहरे के आंगन में मुझसे भेंट करने आया और मुझसे कहा, ‘बिन्यामिन प्रदेश के अनाथोथ में मेरा जो खेत है, उसे तुम मोल ले लो. क्योंकि उसके स्वामित्व को तथा उसके निष्क्रय का अधिकार तुम्हारा ही है, तुम्हीं इसे मोल ले लो.’ “तब मुझे यह निश्चय हो गया कि यह याहवेह ही का संदेश था;
E veio a mim Hanameel, filho de meu tio, conforme à palavra do SENHOR, ao pátio da guarda, e me disse: Compra agora minha propriedade que está em Anatote, na terra de Benjamim; pois teu é o direito de herança, e teu é o resgate; compra [-a] para ti. Então entendi que [isto] era a palavra do SENHOR.
9 मैंने अपने चाचा के पुत्र हनामेल से अनाथोथ का खेत मोल ले लिया, इसके लिए मैंने दो सौ ग्राम चांदी उसके लिए तौल दी.
Assim comprei a propriedade de Hanameel, filho de meu tio, a qual está em Anatote; e pesei para ele o dinheiro: dezessete siclos de prata.
10 मैंने बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर किए तथा उस पर मोहर लगा दी, तब मैंने गवाहों को आमंत्रित किया और तुलामान पर चांदी तौल दी.
E assinei o documento, e o selei, e [o] fiz testemunhar a testemunhas; e pesei o dinheiro em balanças.
11 तब मैंने क्रय-बन्धक पत्र लिए—दोनों ही वह, जिस पर मोहर लगी हुई थी, जिसमें नियम तथा शर्तें निहित थी तथा वह, जो खुली हुई प्रति थी—
Tomei logo o documento de compra selado, [que continha] os termos e condições, e a [cópia] aberta.
12 मैंने क्रय-बन्धक पत्र अपने चाचा के पुत्र हनामेल ही के समक्ष तथा उन साक्ष्यों के समक्ष, जिन्होंने बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे तथा पहरे के आंगन में उस समय बैठे हुए यहूदियों के समक्ष, माहसेइयाह के पौत्र, नेरियाह के पुत्र बारूख को सौंप दिया.
E dei o documento de compra a Baruque, filho de Nerias, filho de Maasias, diante da vista de Hanameel [filho] de meu tio, e diante da vista das testemunhas que assinaram o documento de compra, [e] diante da vista de todos os judeus que estavam sentados no pátio da guarda.
13 “तब मैंने बारूख को उन्हीं की उपस्थिति में सूचित किया:
E mandei a Baruque diante da vista deles, dizendo:
14 ‘इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का आदेश है: इन बंधक पत्रों को मोहर लगे क्रय-बन्धक पत्र को तथा इस खुले बंधक-पत्र को लेकर एक मिट्टी के बर्तन में संजो दो, कि ये दीर्घ काल तक सुरक्षित बने रहें.
Assim diz o SENHOR dos exércitos, Deus de Israel: Toma estes documentos, este documento de compra, tanto o que está selado como este documento aberto, e põe-nos em um vaso de barro, para que durem muitos dias.
15 क्योंकि इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: आवास, खेत तथा द्राक्षाउद्यान इस देश में पुनः मोल लिए जाएंगे.’
Pois assim diz o SENHOR dos exércitos, Deus de Israel: Ainda se comprarão casas, campos, e vinhas nesta terra.
16 “जब मैं नेरियाह के पुत्र बारूख को क्रय-बन्धक पत्र सौंप चुका, तब मैंने याहवेह से यह बिनती की:
E depois que dei o documento de compra a Baruque filho de Nerias, orei ao SENHOR, dizendo:
17 “प्रभु याहवेह, आपने, मैं जानता हूं आपने अपने विलक्षण सामर्थ्य तथा विस्तीर्ण भुजा के द्वारा आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की है. असंभव तो आपके समक्ष कुछ भी नहीं है.
Ah Senhor DEUS! Eis que tu fizeste os céus e a terra com teu grande poder, e com teu braço estendido; não há coisa alguma que seja difícil para ti;
18 सहस्रों पर आप निर्जर प्रेम अभिव्यक्त करते हैं, किंतु इसके विपरीत आप माता-पिता अथवा पूर्वजों की पापिष्ठता का प्रतिफल उनकी संतान की गोद में डाल देते हैं, आपका नाम सेनाओं के याहवेह है,
Tu, que mostras bondade a milhares, e retribuis a maldade dos pais no seio de seus filhos depois deles; o grande, poderoso Deus; EU-SOU dos exércitos é o seu nome;
19 महान हैं आपके संकल्प और पराक्रमी आपके कर्म! आपकी दृष्टि मानव की हर एक गतिविधि पर लगी रहती है; आप हर एक को उसके आचरण एवं उसके कार्यों के परिणाम के अनुरूप प्रतिफल देते हैं.
Grande em conselho, e magnífico em feitos; pois teus olhos estão abertos sobre todos os caminhos dos filhos dos homens, para dar a cada um conforme seus caminhos, e conforme o fruto de suas obras;
20 आपने मिस्र देश में चिन्हों एवं विलक्षण कृत्यों का प्रदर्शन किया तथा आप इस्राएल में तथा सारे मानव जाति दोनों ही के मध्य आज भी कर रहे हैं, तथा आपने अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर ली है, जो आज भी स्थापित है.
Que puseste sinais e maravilhas na terra do Egito até o dia de hoje, e em Israel, e entre os homens; e fizeste para ti um nome tal como é este dia;
21 आपने अपनी प्रजा इस्राएल का मिस्र देश से चिन्हों एवं विलक्षण कार्यों तथा सशक्त बाहुबल, विस्तीर्ण भुजा के सिवा घोर आतंक के साथ निकास किया.
E tiraste teu povo Israel da terra do Egito com sinais e maravilhas, com mão forte e braço estendido, e com grande espanto;
22 तब आपने उन्हें यह देश दे दिया, जिसे देने की शपथ आपने उनके पूर्वजों से की थी, वह देश जिसमें दुग्ध एवं मधु का बहाव है.
E deste-lhes esta terra, da qual juraste a seus pais lhes dar, terra que mana leite e mel:
23 उन्होंने आकर इस पर अधिकार तो कर लिया, किंतु उन्होंने न तो आपके आदेशों का पालन ही किया और न ही आपके व्यवस्था-विधान का अनुकरण; आपके द्वारा उन्हें जो सारे आदेश दिए गए थे, उन्होंने उनमें से किसी का भी अनुकरण नहीं किया है. यही कारण है, कि आपने उन पर यह विपत्ति आने दी है.
E entraram, e tomaram posse [dela]; porém não obedeceram à tua voz, nem andaram em tua lei; nada fizeram do que lhes mandaste fazer; por isso fizeste vir sobre eles todo este mal.
24 “यह भी देखिए कि नगर अभिग्रहण के लक्ष्य से निर्मित घेराबंदी की ढलान नगर तक पहुंच चुकी है. तलवार, अकाल तथा महामारी के कारण नगर कसदियों के अधिकार में जा चुका है, जिन्होंने इस पर आक्रमण किया है. वस्तुतः इसलिये कि यह आप ही की पूर्वोक्ति है जो कृतार्थ हो रही है, और अब आप ही देख रहे हैं, कि ऐसा ही हो रहा है.
Eis aqui os cercos! Já vieram à cidade para tomá-la; e a cidade está entregue nas mãos dos caldeus que lutam contra ela, por causa da espada, da fome e da pestilência; e o que falaste se cumpriu, e eis que tu estás vendo [isso].
25 प्रभु याहवेह, आपने ही मुझे आदेश दिया था, अपने लिए मूल्य चुका कर खेत क्रय कर लो तथा गवाहों को बुला लो, जबकि नगर कसदियों को सौंपा जा चुका है.”
Porém tu, ó Senhor DEUS, me disseste: Compra para ti o campo por dinheiro, e faze com que testemunhas testemunhem; mesmo estando a cidade já entregue nas mãos dos caldeus?
26 इस पर येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ:
Então veio a palavra do SENHOR a Jeremias, dizendo:
27 “यह स्मरण रखो, मैं याहवेह हूं, सभी मनुष्यों का परमेश्वर. क्या कोई भी ऐसा विषय है, जो मेरे लिए दुस्साध्य है?
Eis que eu sou o SENHOR, Deus de toda carne: Existe, por acaso, algo difícil demais para mim?
28 इसलिये याहवेह की वाणी यह है: सुनो, मैं यह नगर कसदियों को सौंपने पर हूं तथा बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के हाथ में, जो इसे प्राप्‍त कर लेगा.
Portanto assim diz o SENHOR: Eis que eu entrego esta cidade nas mãos dos caldeus, e na mão de Nabucodonosor rei de Babilônia, e ele a tomará;
29 इस नगर पर आक्रमण करनेवाले कसदी, नगर में प्रवेश कर नगर में आग लगाकर इसे भस्म कर देंगे; इसमें वे भवन भी सम्मिलित होंगे, जहां छतों पर लोगों ने बाल के लिए धूप जलाया, परकीय देवताओं के लिए पेय बलिदान उंडेला और मेरे कोप को उकसाया.
E os caldeus que lutam contra esta cidade entrarão, e incendiarão esta cidade com fogo, e a queimarão, juntamente com as casas sobre cujas terraços ofereceram incenso a Baal e fizeram ofertas de bebidas a deuses estrangeiros, para me provocarem à ira;
30 “इस्राएल तथा यहूदाह गोत्रज अपनी बाल्यावस्था ही से वही करते आए हैं, जो मेरी दृष्टि में ठीक नहीं है; इस्राएल वंशज अपनी हस्तकृतियों के द्वारा मेरे कोप को उकसाते आए हैं, यह याहवेह की वाणी है.
Pois os filhos de Israel e os filhos de Judá têm feito somente o mal diante dos meus olhos desde sua juventude; porque os filhos de Israel nada têm feito, a não ser somente me provocar à ira com a obra de suas mãos, diz o SENHOR.
31 यह सत्य है कि जिस दिन से इस नगर की स्थापना हुई है, उसी दिन से आज तक यह नगर मेरे क्रोध एवं कोप को उकसाता रहा है, इसलिये यह आवश्यक है कि यह मेरी दृष्टि से दूर कर दिया जाए.
Pois esta cidade tem me causado minha ira e meu furor desde o dia que a edificaram até hoje, de tal maneira que eu a removerei de minha presença;
32 मेरे कोप को भड़काने के लिए इस्राएल एवं यहूदाह गोत्रजों ने जो दुष्टता की है; उन्होंने, उनके राजाओं ने, उनके नायकों ने, उनके पुरोहितों ने, उनके भविष्यवक्ताओं ने तथा येरूशलेम एवं यहूदिया के निवासियों ने भी.
Por toda a maldade dos filhos de Israel e dos filhos de Judá, que têm feito para me provocarem à ira; eles, seus reis, seus príncipes, seus sacerdotes, seus profetas, os homens de Judá, e os moradores de Jerusalém.
33 मेरी ओर उन्मुख होने की अपेक्षा वे मुझसे विमुख हो गए हैं, यद्यपि मैं उन्हें शिक्षा देता रहा बार-बार शिक्षा देता रहा, किंतु उन्होंने न तो मेरी सुनी और न मेरी शिक्षा का स्वीकार ही किया.
E viraram para mim as costas, e não o rosto. Ainda que eu tenha lhes ensinado, insistindo em ensinar, contudo se recusaram a ouvir para receberem correção;
34 इतना ही नहीं उन्होंने मेरे नाम में प्रतिष्ठित भवन को अशुद्ध करने के लक्ष्य से अपनी घृणास्पद वस्तुओं को उसमें स्थापित कर दिया है.
Ao invés disso, puseram suas abominações na casa que se chama pelo meu nome, para a profanarem.
35 उन्होंने बेन-हिन्‍नोम की घाटी में बाल के लिए पूजा स्थलों का निर्माण किया कि वे मोलेख के लिए अपने पुत्र-पुत्रियों को अग्निबलि प्रथा में समर्पित करें, मैंने उन्हें इसके लिए कोई आदेश न दिया था; हालांकि इसका तो विचार ही मेरे मस्तिष्क में नहीं आया, कि वे यह घृणित कार्य करें तथा यहूदिया को यह पाप करने के लिए प्रेरित करें.
E edificaram os altos de Baal, que ficam no vale do filho de Hinom, para fazer seus filhos e suas filhas passarem [pelo fogo] a Moloque, o que nunca lhes mandei, nem pensei em meu coração, para que fizessem tal abominação, para fazerem pecar a Judá.
36 “इसलिये अब इस नगर के विषय में, जिसके संबंध में तुम्हीं यह कह रहे हो, ‘तलवार, अकाल तथा महामारी के कारण यह नगर बाबेल के राजा के हाथ में दे दिया गया है’; याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की यह वाणी है,
E portanto agora assim diz o SENHOR Deus de Israel, quanto a esta cidade, da qual vós dizeis: Já está entregue nas mãos do rei de Babilônia à espada, à fome, e à pestilência:
37 तुम देखना, कि मैं उन्हें उन सभी देशों से एकत्र करूंगा, जिनमें मैंने उन्हें अपने कोप के कारण दूर कर दिया था. अपने क्रोध में, अपने कोप में तथा अपने उग्र आक्रोश में, मैं उन्हें इस देश में लौटा ले आऊंगा कि वे यहां पूर्ण सुरक्षा में निवास करने लगें.
Eis que eu os ajuntarei de todas as terras para onde eu os tiver lançado com minha ira, meu furor e grande indignação; e os farei voltar a este lugar, e os farei habitar em segurança;
38 वे मेरी प्रजा होंगे तथा मैं उनका परमेश्वर.
E eles serão meu povo, e eu lhes serei seu Deus.
39 मैं उन्हें एकनिष्ठ हृदय तथा एकमात्र अभीष्ट प्रदान करूंगा, कि उनमें मेरे प्रति सदा-सर्वदा को उन्हीं के तथा उनके बाद उनकी संतान के कल्याण के निमित्त चिरस्थायी श्रद्धा व्याप्‍त हो जाए.
E lhes darei um [só] coração e um [só] caminho, para que me temam todos os dias, para o bem deles, e de seus filhos depois deles.
40 मैं उनसे चिरकालीन वाचा स्थापित करूंगा; कि मैं उनसे विमुख न होऊं, कि उनका हित हो, और मैं उनके हृदय में अपने प्रति ऐसा श्रद्धा संस्थापित कर दूंगा, कि वे मुझसे विमुख कभी न हों.
E farei com eles um pacto eterno, que não lhes deixarei de fazer o bem, e porei o temor a mim no coração deles, para que nunca se afastem de mim.
41 अपने संपूर्ण हृदय से तथा अपने संपूर्ण प्राण से उनका हित करना तथा उन्हें इस देश में बसा देना मेरे अतीव हर्ष का विषय होगा.
E me alegrarei com eles fazendo-lhes bem, e fielmente os plantarei nesta terra, com todo meu coração e com toda a minha alma.
42 “क्योंकि याहवेह की वाणी यह है: ठीक जिस प्रकार मैंने उन पर ये घोर विपत्तियां डाली हैं, ठीक उसी प्रकार मैं उन पर वह सारी समृद्धि ले आऊंगा, जिसकी मैं प्रतिज्ञा कर रहा हूं.
Pois assim diz o SENHOR: Assim como trouxe sobre este povo todo este grande mal, assim também trarei sobre eles todo o bem que eu lhes prometo.
43 इस देश में, अब खेत मोल लिए जाएंगे, जिसके विषय में तुम कहते रहते हो, ‘उजाड़ हो चुका है यह देश, इसमें अब न तो मनुष्य शेष रह गए हैं, न पशु; सब कुछ कसदियों के अधिकार में जा चुका है.’
E campos serão comprados nesta terra da qual vós dizeis: Está desolada, sem homens e sem animais; está entregue nas mãos dos caldeus.
44 लोग चांदी देकर खेत क्रय कर लेंगे, वे बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे तथा उसे आमंत्रित साक्ष्यों को सारे मोहरबन्द कर देंगे. यह सब बिन्यामिन प्रदेश में होगा, येरूशलेम के उपनगरों में होगा यहूदिया के नगरों में होगा, घाटी के नगरों में होगा तथा नेगेव के नगरों में होगा; क्योंकि मैं समृद्धि लौटा दूंगा, यह याहवेह की वाणी है.”
Campos serão comprados por dinheiro, e se assinarão documentos, e os selarão, e farão testemunhas testificarem, na terra de Benjamim, nos arredores de Jerusalém, e nas cidades de Judá; nas cidades das montanhas, e nas cidades das planícies, e nas cidades do Negueve; porque eu os restaurarei de seu infortúnio, diz o SENHOR.

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