< यिर्मयाह 31 >
1 “उस समय,” यह याहवेह की वाणी है, “मैं इस्राएल के सारे परिवारों का परमेश्वर हो जाऊंगा तथा वे मेरी प्रजा ठहरेंगी.”
সদাপ্রভু বলেন, “সেই সময়ে আমি হব ইস্রায়েলের সমস্ত গোষ্ঠীর ঈশ্বর, আর তারা হবে আমার প্রজা।”
2 यह याहवेह की वाणी है: “वे लोग, जो तलवार प्रहार से उत्तरजीवित रह गए, जब इस्राएल ने चैन की खोज की; उन्हें निर्जन क्षेत्र में आश्रय प्राप्त हो गया.”
সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “যারা তরোয়ালের আঘাত থেকে রক্ষা পাবে, তারা মরুপ্রান্তরে কৃপা লাভ করবে; আর আমি এসে ইস্রায়েলকে বিশ্রাম দেব।”
3 सुदूर देश में याहवेह उसके समक्ष प्रकट हुए, याहवेह ने उससे यह बात की: “मैंने तुम्हें, मेरे लोगों को, अनश्वर प्रेम से प्रेम किया है, इसलिये मैंने तुम्हें अत्यंत प्रेमपूर्वक अपनी ओर आकर्षित किया है.
বহুদিন পূর্বে, সদাপ্রভু আমাদের সামনে আবির্ভূত হয়ে বলেছিলেন, “আমি এক চিরস্থায়ী প্রেমে তোমাদের প্রেম করেছি; আমি স্নেহময় দয়ায় তোমাদের কাছে টেনেছি।
4 तब मैं पुनः तुम्हारा निर्माण करूंगा, और तुम निर्मित हो जाओगी, कुंवारी इस्राएल तुम पुनः खंजरी उठाओगी तथा उनमें सम्मिलित हो जाओगी, जो आनन्दमग्न हो रहे होंगे.
আমি তোমাদের আবার গড়ে তুলব এবং হে কুমারী-ইস্রায়েল, তোমরা পুনর্নির্মিত হবে। তোমরা আবার তোমাদের তম্বুরা তুলে নেবে এবং আনন্দকারীদের সঙ্গে নৃত্য করতে যাবে।
5 शमरिया की पहाड़ियों पर पुनः द्राक्षालता रोपण प्रारंभ हो जाएगा; रोपक इन्हें रोपेंगे ओर उनका सेवन करेंगे.
তোমরা শমরিয়ার পাহাড়গুলির উপরে আবার দ্রাক্ষাক্ষেত্র প্রস্তুত করবে; কৃষকেরা চারা রোপণ করে তার ফল উপভোগ করবে।
6 क्योंकि एक दिन ऐसा भी आएगा जब एफ्राईम के पर्वतों से प्रहरी पुकारेंगे, ‘चलो-चलो, हमें याहवेह हमारे परमेश्वर के समक्ष ज़ियोन को जाना है.’”
একদিন আসবে যখন ইফ্রয়িমের পাহাড়গুলির উপর থেকে প্রহরী চিৎকার করবে ‘এসো, আমরা সিয়োনে উঠে যাই, আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর কাছে।’”
7 क्योंकि अब याहवेह का यह आदेश है: “हर्षोल्लास में याकोब के लिए गायन किया जाए; तथा राष्ट्रों के प्रमुख के लिए जयघोष किया जाए. स्तवन के साथ यह वाणी की जाए, ‘याहवेह, अपनी प्रजा को उद्धार प्रदान कीजिए, उनको, जो इस्राएल के बचे हुए लोग हैं.’
সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “যাকোব কুলের জন্য আনন্দগান করো; সব জাতি থেকে অগ্রগণ্যের জন্য আনন্দধ্বনি করো। তোমাদের প্রশংসা-রব শ্রুত হোক, তোমরা বলো, ‘হে সদাপ্রভু, তোমার প্রজাদের রক্ষা করো, যারা ইস্রায়েলের অবশিষ্টাংশ।’
8 यह देखना, कि मैं उन्हें उत्तरी देश से लेकर आऊंगा, मैं उन्हें पृथ्वी के दूर क्षेत्रों से एकत्र करूंगा. उनमें ये सभी होंगे: नेत्रहीन, अपंग, गर्भवती स्त्री तथा वह जो प्रसूता है; एक साथ यह विशाल जनसमूह होगा, जो यहां लौट आएगा.
দেখো, আমি তাদের উত্তর দিকের দেশ থেকে নিয়ে আসব, পৃথিবীর প্রান্তসীমা থেকে তাদের সংগ্রহ করব। তাদের মধ্যে থাকবে অন্ধ ও খঞ্জেরা, আসন্নপ্রসবা মা ও প্রসববেদনাগ্রস্ত নারীরা; এক মহাসমাজ এখানে ফিরে আসবে।
9 वे रोते हुए लौटेंगे; तथा वे प्रार्थना करेंगे और मैं उनका मार्गदर्शन करूंगा. मैं उन्हें जलधाराओं के निकट से लेकर आऊंगा, उनका मार्ग सीधा समतल होगा, जिस पर उन्हें ठोकर नहीं लगेगी, क्योंकि मैं इस्राएल के लिए पिता हूं, तथा एफ्राईम मेरा पहलौठा पुत्र है.
তারা রোদন করতে করতে আসবে; তাদের আমি ফিরিয়ে আনা মাত্র তারা প্রার্থনা করবে। আমি তাদের জলস্রোতের তীরে চালিত করব, তারা চলবে এমন এক সমান পথে, যেখানে হোঁচট খাবে না, কারণ আমিই ইস্রায়েলের বাবা, আর ইফ্রয়িম আমার প্রথমজাত সন্তান।
10 “राष्ट्रों, याहवेह का संदेश सुनो, दूर तटवर्ती क्षेत्रों में घोषणा करो; जिसने इस्राएल को छिन्न-भिन्न कर दिया है: वही उन्हें एकत्र भी करेगा, वह उन्हें इस प्रकार सहेजेगा, जिस प्रकार चरवाहा अपनी भेड़-बकरियों को.
“হে জাতিগণ, তোমরা সদাপ্রভুর বাক্য শোনো; দূরবর্তী উপকূলগুলিতে এই কথা ঘোষণা করো, ‘যিনি ইস্রায়েলকে ছিন্নভিন্ন করেছিলেন, তিনি তাদের সংগ্রহ করবেন, এবং পালকের মতো তাঁর পালের উপরে দৃষ্টি রাখবেন।’
11 क्योंकि याहवेह ने मूल्य चुका कर याकोब को छुड़ा लिया है तथा उसे उसके बंधन से विमुक्त कर दिया है, जो उससे सशक्त था.
কারণ সদাপ্রভু যাকোবকে উদ্ধার করবেন এবং তিনি তাদের চেয়েও শক্তিশালী লোকদের হাত থেকে তাদের মুক্ত করবেন।
12 वे लौटेंगे तथा ज़ियोन की ऊंचाइयों पर आकर हर्षोल्लास करेंगे; याहवेह की कृपादृष्टि के कारण वे आनंदित हो जाएंगे— अन्न, नई दाखमधु तथा प्रचूर तेल के कारण, भेड़ों एवं पशुओं के बच्चों के कारण. उनका जीवन सिंचित उद्यान सदृश होगा, वे पुनः अंत न होंगे.
তারা সিয়োনের উঁচু স্থানগুলিতে এসে আনন্দে চিৎকার করবে; সদাপ্রভুর দেওয়া প্রাচুর্যের কারণে তারা উল্লসিত হবে, শস্যদানা, নতুন দ্রাক্ষারস ও তেল, পালের মেষশাবক ও গোবৎসদের জন্য। তারা হবে উত্তমরূপে সেচিত উদ্যানের মতো, তারা আর দুঃখ পাবে না।
13 तब कुंवारी कन्या का हर्ष नृत्य में फूट पड़ेगा इसमें जवान एवं प्रौढ़, दोनों ही सम्मिलित हो जाएंगे. क्योंकि मैं उनकी छाया को उल्लास में परिवर्तित कर दूंगा; मैं उनके शोक को आनंद में ढाल कर उन्हें सांत्वना प्रदान करूंगा.
তখন কুমারী-কন্যারা নৃত্য করবে ও আনন্দিত হবে, যুবকেরা ও বৃদ্ধেরাও তা করবে। আমি তাদের বিলাপ আনন্দে পরিণত করব; দুঃখের পরিবর্তে আমি তাদের সান্ত্বনা ও আনন্দ দেব।
14 मेजवानी ऐसी होगी कि पुरोहितों के प्राण तृप्त हो जाएंगे, तथा मेरी प्रजा मेरे द्वारा किए गए कल्याण पर संतुष्ट हो जाएगी,” यह याहवेह की वाणी है.
প্রাচুর্য দান করে আমি যাজকদের পরিতৃপ্ত করব, আমার প্রজারা আমার প্রাচুর্যে পরিপূর্ণ হবে,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন।
15 याहवेह की बात यह है: “रामाह नगर में एक शब्द सुना गया, रोना तथा घोर विलाप! राहेल अपने बालकों के लिए रो रही है. धीरज उसे स्वीकार नहीं क्योंकि अब वे हैं ही नहीं.”
সদাপ্রভু এই কথা বলেন: “রামা-নগরে এক স্বর শোনা যাচ্ছে, হাহাকার ও তীব্র রোদনের শব্দ, রাহেল তার সন্তানদের জন্য কাঁদছেন, তিনি সান্ত্বনা পেতে চান না, কারণ তারা আর বেঁচে নেই।”
16 याहवेह का आदेश है: “अपने रुदन स्वर को नियंत्रित करो तथा अपनी अश्रुधारा को प्रतिबद्ध करो, क्योंकि तुम्हारे श्रम को पुरस्कृत किया जाएगा,” यह याहवेह की वाणी है. “वे शत्रु के देश से लौट आएंगे.
সদাপ্রভু এই কথা বলেন: “তোমার কান্নার রব থামাও ও তোমার চোখের জল মুছে ফেলো, কারণ তোমার কাজ পুরস্কৃত হবে,” একথা সদাপ্রভু বলেন। “তারা শত্রুদের দেশ থেকে ফিরে আসবে।
17 तुम्हारा सुखद भविष्य संभव है,” यह याहवेह की वाणी है. “तुम्हारे वंशज निज भूमि में लौट आएंगे.
তাই তোমার ভবিষ্যতের আশা আছে,” একথা সদাপ্রভু বলেন। “তোমার ছেলেমেয়েরা স্বদেশে ফিরে যাবে।
18 “वस्तुस्थिति यह है कि मैंने एफ्राईम का विलाप करना सुना है: ‘जिस प्रकार उद्दंड बछड़े को प्रताड़ित किया जाता है उसी प्रकार आपने मुझे भी प्रताड़ित किया है, और मैंने इससे शिक्षा ग्रहण की है. मुझे अपनी उपस्थिति में ले आइए, कि मैं पूर्ववत हो जाऊं, क्योंकि याहवेह, आप ही मेरे परमेश्वर हैं.
“আমি নিশ্চিতরূপে ইফ্রয়িমের কাতরধ্বনি শুনেছি: ‘কোনো অবাধ্য বাছুরের মতো তুমি আমাকে শাসন করেছ, আর আমি শাস্তি পেয়েছি। আমাকে ফিরাও, তাহলে আমি ফিরে আসব, কারণ তুমিই হলে সদাপ্রভু, আমার ঈশ্বর।
19 जब मैं आपसे दूर हो गया था, तब मैंने लौटकर पश्चात्ताप किया; जब मेरी समझ में आ गया, तब मैंने अपनी छाती पीटी; मुझे लज्जित होना पड़ा. तथा मेरी प्रतिष्ठा भी भंग हो गई क्योंकि मैं अपनी जवानी की लांछना लिए हुए चल रहा था.’
আমি বিপথগামী হওয়ার পর, আমি অনুতাপ করেছি; আমি সব বুঝতে পারলে আমার বুক চাপড়ালাম। আমি লজ্জিত ও অপমান বোধ করছিলাম কারণ আমি আমার যৌবনের অপমান সহ্য করেছি।’
20 क्या एफ्राईम मेरा प्रिय पुत्र है, क्या वह सुखदायक संतान है? वस्तुतः जब-जब मैंने उसके विरोध में कुछ कहा, मैंने उसे प्रेम के साथ ही स्मरण किया. इसलिये मेरा हृदय उसकी लालसा करता रहता है; इसमें कोई संदेह नहीं कि मैं उस पर अनुकम्पा करूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
ইফ্রয়িম কি আমার প্রিয় পুত্র নয়? সেই বালক কি আমাকে আনন্দ দান করে না? যদিও আমি প্রায়ই তার বিরুদ্ধে কথা বলি, আমি তবুও তাকে এখনও স্মরণ করি। সেই কারণে আমার হৃদয় তার জন্য ব্যাকুল হয়; তার জন্য আমার রয়েছে বিশাল সহানুভূতি,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন।
21 “अब अपने लिए मार्ग निर्देश नियत कर लो; अपने लिए तोड़ सूचक खड़े कर लो. तुम्हारा ध्यान राजपथ की ओर लगा रहे, उसी मार्ग पर, जिससे तुम गए थे. कुंवारी इस्राएल, लौट आओ, लौट आओ अपने इन्हीं नगरों में.
“তোমরা পথনির্দেশক চিহ্ন স্থাপন করো; পথনির্দেশের ফলকগুলি লাগাও। তোমরা যে রাজপথ ধরে যাবে, সেই পথ স্মরণে রাখো। হে কুমারী-ইস্রায়েল, ফিরে এসো, তোমার নিজের নগরগুলিতে ফিরে এসো।
22 हे भटकने वाली कन्या, कब तक तुम यहां वहां भटकती रहोगी? याहवेह ने पृथ्वी पर एक अपूर्व परिपाटी प्रचलित कर दी है— अब पुरुष के लिए स्त्री सुरक्षा घेरा बनेगी.”
বিপথগামী ইস্রায়েল কন্যা, তুমি কত কাল উদ্দেশ্যহীন ঘুরে বেড়াবে? সদাপ্রভু এক নতুন বিষয় পৃথিবীতে সৃষ্টি করবেন, একজন নারী একজন পুরুষকে রক্ষা করবে।”
23 इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की यह वाणी है: “जब मैं उनकी समृद्धि लौटा दूंगा, तब यहूदिया देश में तथा उसके नगरों में पुनः ‘उनके मुख से ये वचन निकलेंगे, पवित्र पर्वत, पूर्वजों के आश्रय, याहवेह तुम्हें आशीष दें.’
বাহিনীগণের সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর, এই কথা বলেন, “আমি যখন তাদের বন্দিত্ব থেকে ফিরিয়ে আনি, যিহূদা ও তার নগরগুলির লোকেরা পুনরায় এই কথাগুলি ব্যবহার করবে, ‘হে ধার্মিকতার নিবাস, হে পবিত্র পর্বত, সদাপ্রভু তোমাকে আশীর্বাদ করুন।’
24 यहूदिया के सभी नगरों के निवासी, किसान तथा चरवाहे अपने पशुओं सहित वहां एक साथ निवास करेंगे.
যিহূদা ও তার সমস্ত নগরে, লোকেরা একসঙ্গে বসবাস করবে, কৃষকেরা ও যারা তাদের পশুপাল নিয়ে ঘুরে বেড়ায়, তারা সকলে করবে।
25 क्योंकि मैं थके हुए व्यक्ति में संतोष, तथा हताश व्यक्ति में उत्साह का पुनःसंचार करता हूं.”
আমি ক্লান্তদের সতেজ করব এবং অবসন্ন প্রাণকে তৃপ্ত করব।”
26 यह सुन मैं जाग पड़ा. उस समय मुझे यह बोध हुआ कि मेरी निद्रा मेरे लिए सुखद अनुभूति छोड़ गई है.
এতে আমি জেগে উঠে চারপাশে তাকালাম। আমার নিদ্রা আমার কাছে আরামদায়ক ছিল।
27 “यह देखना, वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं इस्राएल के परिवार में तथा यहूदिया के परिवार में मनुष्य का तथा पशु का बीज रोपित करूंगा.
সদাপ্রভু বলেন, “সেই দিনগুলি আসন্ন, যখন আমি মানুষের বংশধর ও পশুদের দিয়ে ইস্রায়েলের কুল ও যিহূদার কুলকে প্রতিষ্ঠিত করব।
28 जिस प्रकार मैं उनके उखाड़ने में, उनके तोड़ने में, उनके पराभव करने में, उनके नष्ट करने में तथा उन पर सर्वनाश लाने में मैं उन पर नजर रखता आया, उसी प्रकार मैं उनका परिरक्षण भी करता रहूंगा, जब वे निर्माण करेंगे तथा रोपण करेंगे,” यह याहवेह की वाणी है.
যেভাবে আমি তাদের উপর দৃষ্টি রেখে তাদের উৎপাটন করেছি ও ছিঁড়ে ফেলেছি, তাদের ছুঁড়ে ফেলেছি, ধ্বংস ও বিপর্যয় নিয়ে এসেছি, সেভাবেই আমি তাদের রোপণ ও গঠন করার প্রতিও দৃষ্টি দেব,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন।
29 “उन दिनों में उनके मुख से ये शब्द पुनः सुने नहीं जाएंगे, “‘खट्टे अंगूर तो पूर्वजों ने खाए थे, किंतु दांत खट्टे हुए वंशजों के.’
“ওই সমস্ত দিনে লোকেরা আর বলবে না, “‘বাবারা টক আঙুর খেয়েছিলেন, তাই সন্তানদের দাঁত টকে গেছে।’
30 किंतु हर एक की मृत्यु का कारण होगा स्वयं उसी की पापिष्ठता; हर एक व्यक्ति, जो खट्टे अंगूर खाएगा, दांत उसी के खट्टे होंगे.
পরিবর্তে, সকলে তাদের নিজের নিজের পাপের জন্যই মরবে; যে টক আঙুর খাবে, তারই দাঁত টকে যাবে।
31 “यह देख लेना, वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं इस्राएल वंश के साथ तथा यहूदिया वंश के साथ एक नयी वाचा स्थापित करूंगा.
“সময় আসছে,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “যখন আমি ইস্রায়েলের কুল ও যিহূদার বংশধরদের সঙ্গে, একটি নতুন নিয়ম স্থাপন করব।
32 उस वाचा के सदृश नहीं, जो मैंने उस समय उनके पूर्वजों के साथ स्थापित की थी, जब मैंने उनका हाथ पकड़कर उन्हें मिस्र देश से उनका निकास किया था, यद्यपि मैं उनके लिए पति-सदृश था, उन्होंने मेरी वाचा भंग कर दी,” यह याहवेह की वाणी है.
তাদের পূর্বপুরুষদের সঙ্গে স্থাপন করা নিয়মের মতো হবে না, যখন আমি তাদের হাত ধরে মিশর থেকে বের করে এনেছিলাম, কারণ তারা আমার নিয়ম ভেঙেছিল, যদিও তাদের কাছে আমি এক স্বামীর মতো ছিলাম,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন।
33 “किंतु उन दिनों के बाद इस्राएल वंश के साथ मैं इस वाचा की स्थापना करूंगा,” यह याहवेह की वाणी है. “उनके अंतर्मन में मैं अपना व्यवस्था-विधान संस्थापित कर दूंगा तथा उनके हृदय पर मैं इसे लिख दूंगा. मैं उनका परमेश्वर हो जाऊंगा, तथा वे मेरी प्रजा.
“সেই সময়ের পরে, আমি ইস্রায়েল কুলের সঙ্গে এই নিয়ম স্থাপন করব,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “আমি তাদের মনে আমার বিধান দেব এবং তাদের হৃদয়ে তা লিখে দেব। আমি তাদের ঈশ্বর হব আর তারা আমার প্রজা হবে।
34 तब हर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी को, हर एक व्यक्ति अपने सजातीय को पुनः यह कहते हुए यह शिक्षा नहीं देने लगेगा, ‘याहवेह को जान लो,’ क्योंकि वे सभी मुझे जान जाएंगे, छोटे से बड़े तक,” यह याहवेह की वाणी है. “क्योंकि मैं उनकी पापिष्ठता क्षमा कर दूंगा तथा इसके बाद उनका पाप मैं पुनः स्मरण ही न करूंगा.”
কোনো মানুষ তার প্রতিবেশীকে শেখাবে না বা একে অপরকে বলবে না, ‘তুমি সদাপ্রভুকে জেনে নাও,’ কারণ নগণ্যতম জন থেকে মহত্তম ব্যক্তি পর্যন্ত, তারা সবাই আমার পরিচয় পাবে,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন। “কারণ আমি তাদের পাপ ক্ষমা করব এবং তাদের অনাচারগুলি আর কোনোদিন স্মরণ করব না।”
35 यह याहवेह की वाणी है, जिन्होंने दिन को प्रकाशित करने के लिए सूर्य को स्थित किया है, जिन्होंने चंद्रमा तथा तारों के क्रम को रात्रि के प्रकाश के लिए निर्धारित कर दिया, जो समुद्र को हिलाते हैं कि उसकी लहरों में गर्जन आए— उनका नाम है सेनाओं के याहवेह:
সেই সদাপ্রভু এই কথা বলেন, যিনি দিনের বেলা সূর্যকে আলো দেওয়ার জন্য নিয়োগ করেন, এবং রাতের বেলায় করেন চাঁদ ও নক্ষত্রপুঞ্জকে, যিনি সমুদ্রকে আলোড়িত করলে তার তরঙ্গমালা গর্জন করে— বাহিনীগণের সদাপ্রভু তাঁর নাম:
36 “यदि यह व्यवस्थित विन्यास मेरे समक्ष से विघटित होता है,” यह याहवेह की वाणी है, “तब एक राष्ट्र के रूप में इस्राएल के वंशजों का अस्तित्व भी मेरे समक्ष से सदा-सर्वदा के लिए समाप्त हो जाएगा.”
“কেবলমাত্র এসব বিধিবিধান যদি আমার দৃষ্টিপথ থেকে অন্তর্হিত হয়,” সদাপ্রভু ঘোষণা করেন, “তাহলে ইস্রায়েলের বংশধরেরাও আমার সামনে আর জাতিরূপে অবশিষ্ট থাকবে না।”
37 यह याहवेह की वाणी है: “यदि हमारे ऊपर विस्तीर्ण आकाशमंडल का मापा जाना संभव हो जाए तथा भूतल में पृथ्वी की नीवों की खोज निकालना संभव हो जाए, तो मैं भी इस्राएल द्वारा किए गए उन सारे कार्यों के कारण इस्राएल के सभी वंशजों का परित्याग कर दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
সদাপ্রভু এই কথা বলেন: “যদি ঊর্ধ্বস্থিত আকাশমণ্ডলের পরিমাপ করা যায় এবং পৃথিবীর ভিত্তিমূলগুলির অনুসন্ধান করা যায়, তাহলেই ইস্রায়েলের বংশধরেরা যা কিছু করেছে, তার জন্য আমি তাদের অগ্রাহ্য করব,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন।
38 देखना, “वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब हनानेल स्तंभ से लेकर कोने के प्रवेश द्वार तक याहवेह के लिए नगर को पुनर्निर्माण किया जाएगा.
“সেই দিনগুলি আসন্ন,” সদাপ্রভু ঘোষণা করেন, “যখন হননেলের দুর্গ থেকে কোণের ফটক পর্যন্ত আমার জন্য এই নগরটি পুনর্নির্মিত হবে।
39 मापक डोर आगे बढ़ती हुई सीधी गारेब पर्वत तक पहुंच जाएगी, तत्पश्चात वह और आगे बढ़कर गोआह की ओर मुड़ जाएगी.
পরিমাপের দড়ি সেখান থেকে সোজা গারেব পাহাড় পর্যন্ত বিস্তৃত হবে এবং তারপর গোয়ার দিকে ঘুরে যাবে।
40 शवों तथा भस्म से आच्छादित संपूर्ण घाटी तथा किद्रोन सरिता तक विस्तृत खेत, पूर्व तोड़ के घोड़े-द्वार के कोण तक का क्षेत्र याहवेह के निमित्त पवित्र ठहरेगा. यह क्षेत्र तब सदा-सर्वदा के लिए न तो उखाड़ा जाएगा और न ही ध्वस्त किया जाएगा.”
সমস্ত উপত্যকাটি, যেখানে মৃতদেহ ও ভস্ম নিক্ষেপ করা হয় এবং পূর্বদিকে কিদ্রোণ উপত্যকা থেকে অশ্ব-ফটকের কোণ পর্যন্ত সমস্ত ক্ষেত্রটি সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে পবিত্র হবে। এই নগর আর কখনও উৎপাটিত বা ধ্বংস করা হবে না।”