< यिर्मयाह 24 >

1 जब बाबेल का राजा नबूकदनेज्ज़र यहोइयाकिम के पुत्र यहूदिया के राजा यकोनियाह को, यहूदिया के उच्चाधिकारियों को, येरूशलेम के शिल्पकारों तथा धातुकर्मियों को अपने साथ बाबेल ले गया, याहवेह ने मुझे यह प्रदर्शित किया: याहवेह के मंदिर के समक्ष अंजीर की दो टोकरियां रखी गई हैं, इन्हें देखो.
O SENHOR me mostrou, e eis dois cestos de figos postos diante do templo do SENHOR, depois de Nabucodonosor, rei da Babilônia, haver levado cativo a Jeconias, filho de Jeoaquim, rei de Judá, e aos príncipes de Judá, e aos carpinteiros e ferreiros de Jerusalém, e os ter trazido à Babilônia.
2 एक टोकरी में अत्यंत उत्कृष्ट अंजीर रखे हुए थे, जैसे पहली उपज के पके फल; दूसरी टोकरी में अत्यंत निकृष्ट कोटि के गले हुए, सेवन के लिए सर्वथा अयोग्य अंजीर रखे हुए थे.
Um cesto [tinha] figos muito bons, como os primeiros figos a ficarem maduros; e a outra cesta tinha figos muito ruins, que não podiam ser comidos de tão ruins.
3 तब याहवेह ने मुझसे पूछा, “क्या दिखाई दे रहा है तुम्हें, येरेमियाह?” मैंने उत्तर दिया, “अंजीर, उत्तम कोटि के अंजीर उत्कृष्ट हैं, तथा तुच्छ अंजीर अत्यंत निकृष्ट, सेवन के लिए अयोग्य क्योंकि वे गल चुके हैं.”
E disse-me o SENHOR: O que tu vês, Jeremias? E eu disse: Figos: os figos bons, muito bons; e os ruins, muito ruins, que de tão ruins não podem ser comidos.
4 तब मेरे लिए याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ:
Então veio a mim palavra do SENHOR, dizendo:
5 “याहवेह इस्राएल के परमेश्वर का वचन यह है: ‘इन उत्तम अंजीरों के सदृश, मैं यहूदिया के बंदियों को उत्तम मान लूंगा, जिन्हें मैंने इस स्थान से कसदियों के देश में कृपादृष्टि में भेज दिया है.
Assim diz o SENHOR Deus de Israel: Tal como a estes bons figos, assim [também] conhecerei aos levados de Judá cativos, aos quais mandei embora deste lugar à terra de Caldeus, para o bem [deles].
6 क्योंकि मैं उन पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखूंगा तथा मैं उन्हें इसी देश में लौटा ले आऊंगा. मैं उन्हें उभारूंगा, ध्वस्त नहीं; मैं उन्हें रोपित करूंगा; नहीं उखाड़ूंगा.
E porei meus olhos sobre eles para o bem, e os farei voltar a esta terra; eu os edificarei, e não os destruirei; eu os plantarei, e não os arrancarei.
7 मैं उन्हें ऐसा हृदय दूंगा जिससे उन्हें यह ज्ञान हो जाएगा, कि याहवेह मैं हूं. वे मेरी प्रजा होंगे, तथा मैं उनका परमेश्वर, क्योंकि वे अपने संपूर्ण हृदय से मेरे निकट लौट आएंगे.
E lhes darei coração para que me conheçam, que eu sou o SENHOR; e eles serão meu povo, e eu lhes serei seu Deus; porque se converterão a mim de todo seu coração.
8 “‘किंतु उन निकृष्ट अंजीरों के सदृश, जो खाने के लिए अयोग्य हैं क्योंकि वे गल चुके हैं, वस्तुतः याहवेह का कहना यह है, इसी प्रकार मैं यहूदिया के राजा सीदकियाहू, उसके अधिकारियों तथा येरूशलेम के लोगों का, जो इस देश में रह जाएंगे तथा उन्हें जो मिस्र देश में निवास करते हैं और सभी का परित्याग कर दूंगा.
E tal como os figos ruins, que de tão ruins não podem ser comidos, assim diz o SENHOR, assim [também] farei a Zedequias rei de Judá, e a seus príncipes, e ao resto de Jerusalém que restarem nesta terra, e aos que habitam na terra do Egito.
9 मैं उन्हें पृथ्वी के सारे देशों के लिए आतंक, संकट, एक निंदा, एक लोकोक्ति, एक व्यंग्य सदृश तथा उन सभी स्थानों में जहां मैं उन्हें बिखरा दूंगा, एक शाप बना छोड़ूंगा.
E os farei de motivo de horror para o mal a todos os reinos da terra; de insulto, de ditado, de ridículo, e de maldição a todos os lugares para onde eu os expulsei.
10 मैं उनके ऊपर तब तक तलवार, अकाल तथा महामारी का प्रहार करता रहूंगा, जब तक वे उस देश में से जो मैंने उन्हें तथा उनके पूर्वजों को प्रदान किया है, नष्ट न हो जाएं.’”
E enviarei entre eles espada, fome, e pestilência, até que sejam eliminados de sobre a terra que dei a eles e a seus pais.

< यिर्मयाह 24 >