< यिर्मयाह 19 >

1 याहवेह ने आदेश दिया: “जाकर कुम्हार से एक मिट्टी का बर्तन खरीदो, तथा कुछ प्राचीन नागरिकों तथा कुछ प्राचीन पुरोहितों को एकत्र करो
Thus said the LORD, “Go, and buy a potter’s earthen container, and take some of the elders of the people and of the elders of the priests;
2 तब बेन-हिन्‍नोम की घाटी में जाओ, इसके लिए तुम्हें टूटे हुए बर्तनों के प्रवेश द्वार से जाना होगा. वहां तुम उस संदेश की वाणी करना जो मैं तुम्हें भेजा करूंगा,
and go out to the valley of the son of Hinnom, which is by the entry of the gate Harsith, and proclaim there the words that I will tell you.
3 तुम कहना, ‘यहूदिया के राजाओं तथा येरूशलेम वासियों याहवेह का संदेश सुनो. सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: मैं इस स्थान पर घोर विपत्ति लाने पर हूं, ऐसी जिसके विषय में सुनते ही हर एक श्रोता के कान झनझना उठेंगे.
Say, ‘Hear the LORD’s word, kings of Judah and inhabitants of Jerusalem: The LORD of Hosts, the God of Israel says, “Behold, I will bring evil on this place, which whoever hears, his ears will tingle.
4 यह इसलिये कि उन्होंने मेरा परित्याग कर इस स्थान को अरुचिकर बना छोड़ा है; उन्होंने इस स्थान पर परकीय देवताओं के लिए बलि अर्पित की है, जिन्हें न तो उनके पूर्वजों ने, न यहूदिया के राजाओं ने कभी जाना-पहचाना था तथा इसलिये भी कि उन्होंने इस स्थान को निर्दोष लोगों के रक्त से रंजित कर रखा है.
Because they have forsaken me, and have defiled this place, and have burned incense in it to other gods that they didn’t know—they, their fathers, and the kings of Judah—and have filled this place with the blood of innocents,
5 उन्होंने बाल के लिए अपने पुत्रों की होमबलि अर्पित करने के उद्देश्य से बाल के लिए पूजा-स्थल प्रतिष्ठित किए हैं. यह वह कृत्य है, जिसका मैंने उन्हें न तो आदेश दिया और न ही मैंने कभी इसका उल्लेख किया और न यह विचार ही कभी मेरे मस्तिष्क में आया.
and have built the high places of Baal to burn their children in the fire for burnt offerings to Baal, which I didn’t command, nor speak, which didn’t even enter into my mind.
6 इसलिये यह देखना कि वे दिन आ रहे हैं, यह याहवेह की वाणी है, जब इस स्थान की पहचान तोफेथ अथवा बेन-हिन्‍नोम की घाटी नहीं रह जाएगी, बल्कि तब यह नरसंहार घाटी के रूप में प्रख्यात हो जाएगी.
Therefore, behold, the days come,” says the LORD, “that this place will no more be called ‘Topheth’, nor ‘The Valley of the son of Hinnom’, but ‘The valley of Slaughter’.
7 “‘मैं इस स्थान पर यहूदिया तथा येरूशलेम की युक्ति निष्फल कर दूंगा. तथा मैं ऐसा करूंगा कि वे अपने शत्रुओं के समक्ष ही, जो उनके प्राणों के प्यासे हैं, उन्हीं के तलवार के ग्रसित हो जाएंगे. और मैं उनके शव आकाश के पक्षी तथा पृथ्वी के पशुओं का आहार बना दूंगा.
“‘“I will make the counsel of Judah and Jerusalem void in this place. I will cause them to fall by the sword before their enemies, and by the hand of those who seek their life. I will give their dead bodies to be food for the birds of the sky and for the animals of the earth.
8 इस नगर को मैं भय और घृणा का विषय बना दूंगा. इसके निकट से जाता हुआ हर एक व्यक्ति भयभीत होकर इसके घावों को देखेगा और उसका उपहास करेगा.
I will make this city an astonishment and a hissing. Everyone who passes by it will be astonished and hiss because of all its plagues.
9 मैं ऐसी स्थिति उत्पन्‍न करूंगा कि वे अपनी ही संतान का मांस खाने लगेंगे, जब नगर की घेराबंदी होगी, और उनके शत्रुओं की ओर से उन पर विपत्ति आएगी तथा जो उनके प्राण लेने के लिए तैयार हैं, उन्हें उत्पीड़ित करने लगेंगे, तब वे एक दूसरे का ही मांस खाने लगेंगे.’
I will cause them to eat the flesh of their sons and the flesh of their daughters. They will each eat the flesh of his friend in the siege and in the distress with which their enemies, and those who seek their life, will distress them.”’
10 “इसके बाद तुम्हें उन सभी के समक्ष जो तुम्हारे साथ वहां गए हुए हैं उस बर्तन को तोड़ देना होगा,
“Then you shall break the container in the sight of the men who go with you,
11 तब तुम उनसे कहना, ‘यह सेनाओं के याहवेह का संदेश है: ठीक इसी प्रकार मैं इन लोगों को तथा इस नगर को चूर-चूर कर दूंगा, जैसे कोई कुम्हार द्वारा निर्मित बर्तन को तोड़ देता है, जिसे पुनर्निर्मित करना असंभव होता है. लोग शवों को तोफेथ में गाड़ेंगे, जब तक इन्हें गाड़ने के लिए स्थान शेष न रह जाएगा.
and shall tell them, ‘The LORD of Hosts says: “Even so I will break this people and this city as one breaks a potter’s vessel, that can’t be made whole again. They will bury in Topheth until there is no place to bury.
12 यही करूंगा मैं इस स्थान एवं यहां के निवासियों के साथ, यह याहवेह की वाणी है, कि मैं इस नगर को तोफेथ सदृश बना दूंगा.
This is what I will do to this place,” says the LORD, “and to its inhabitants, even making this city as Topheth.
13 येरूशलेम के आवास एवं यहूदिया के राजाओं के आवास इस स्थान तोफेथ के सदृश अशुद्ध हो जाएंगे. उन सभी आवासों के कारण, जिन पर उन्होंने आकाश की शक्तियों को होमबलि अर्पित की तथा परकीय देवताओं को पेय बलि अर्पित की थी.’”
The houses of Jerusalem and the houses of the kings of Judah, which are defiled, will be as the place of Topheth, even all the houses on whose roofs they have burned incense to all the army of the sky and have poured out drink offerings to other gods.”’”
14 तत्पश्चात येरेमियाह तोफेथ से लौट आए, जहां याहवेह ने उन्हें भविष्यवाणी के उद्देश्य से भेजा था, येरेमियाह जाकर याहवेह के भवन के आंगन में खड़े हो गए और उन्होंने वहां से उपस्थित जनसमूह को इस प्रकार संबोधित किया,
Then Jeremiah came from Topheth, where the LORD had sent him to prophesy, and he stood in the court of the LORD’s house, and said to all the people:
15 “इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का संदेश यह है: ‘सुनो! मैं इस नगर तथा इसके सारे उपनगरों पर वे सारी विपत्तियां प्रभावी करने पर हूं, जिसकी मैं पूर्वघोषणा कर चुका हूं, क्योंकि उन्होंने मेरे आदेश को न सुनने के हठ में अपनी गर्दनें कठोर कर ली हैं.’”
“The LORD of Hosts, the God of Israel says, ‘Behold, I will bring on this city and on all its towns all the evil that I have pronounced against it, because they have made their neck stiff, that they may not hear my words.’”

< यिर्मयाह 19 >