< यशायाह 65 >
1 “मैंने अपने आपको उन लोगों में प्रकट किया, जिन्होंने मेरे विषय में पूछताछ ही नहीं की; मैंने अपने आपको उन लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया, जिन्होंने मुझे खोजने की कोशिश भी न की थी. वह देश जिसने मेरे नाम की दोहाई ही न दी थी, मैं उसका ध्यान इस प्रकार करता रहा, ‘देख मैं यहां हूं.’
Jeg bød mig frem for dem som ikke spurte; jeg var å finne for dem som ikke søkte mig; jeg sa til et hedningefolk som ikke var kalt med mitt navn: Se. her er jeg, her er jeg!
2 एक विद्रोही जाति के लिए मैं सारे दिन अपने हाथ फैलाए रहा, जो अपनी इच्छा से बुरे रास्तों पर चलते हैं,
Jeg bredte ut mine hender hele dagen til et gjenstridig folk, som går på den vei som ikke er god, efter sine egne tanker,
3 जो ईंटों पर धूप जलाकर तथा बागों में बलि चढ़ाकर, मुझे क्रोधित करते हैं;
til et folk som alltid krenker mig like i mitt åsyn, som ofrer i havene og brenner røkelse på teglstenene,
4 जो कब्रों के बीच बैठे रहते तथा सुनसान जगहों पर रात बिताते हैं; जो सूअर का मांस खाते, और घृणित वस्तुओं का रस अपने बर्तनों में रखते हैं;
som sitter i gravene og overnatter i avkrokene, som eter svinekjøtt, og hvis kar er fulle av vederstyggelig suppe,
5 वे कहते हैं, ‘अपने आप काम करो; मत आओ हमारे पास, तुमसे अधिक पवित्र मैं हूं!’ मेरे लिए तो यह मेरे नाक में धुएं व उस आग के समान है, जो सारे दिन भर जलती रहती है.
som sier: Hold dig unda, kom mig ikke nær, for jeg er hellig for dig! De folk er en røk i min nese, en ild som brenner hele dagen.
6 “देखो, यह सब मेरे सामने लिखा है: मैं चुप न रहूंगा, किंतु मैं बदला लूंगा; वरन तुम्हारे और तुम्हारे पूर्वजों के भी अधर्म के कामों का बदला तुम्हारी गोद में भर दूंगा.
Se, det står skrevet for mitt åsyn: Jeg vil ikke tie før jeg får betalt det, ja betalt det i deres fang,
7 क्योंकि उन्होंने पर्वतों पर धूप जलाया है और पहाड़ियों पर उन्होंने मेरी उपासना की है, इसलिये मैं उनके द्वारा पिछले कामों का बदला उन्हीं की झोली में डाल दूंगा.”
både eders misgjerninger og eders fedres misgjerninger, sier Herren, at de brente røkelse på fjellene og hånte mig på haugene; deres lønn vil jeg fremfor alt tilmåle dem i deres fang.
8 याहवेह कहते हैं, “जिस प्रकार दाख के गुच्छे में ही नया दाखमधु भरा होता है जिसके विषय में कहा जाता है, ‘इसे नष्ट न करो, यही हमें लाभ करेगा,’ इसी प्रकार मैं भी अपने सेवकों के लिये काम करूंगा; कि वे सबके सब नष्ट न हो जाएं.
Så sier Herren: Likesom folk sier når de finner saft i druen: Ødelegg den ikke, for det er en velsignelse i den, således vil jeg gjøre for mine tjeneres skyld og ikke ødelegge hele folket.
9 मैं याकोब के वंश को जमा करूंगा, और यहूदिया से मेरे पर्वतों का उत्तराधिकारी चुना जायेगा; वे मेरे चुने हुए वारिस होंगे, और वहां मेरे सेवक बस जायेंगे.
Men jeg vil la en ætt komme av Jakob og av Juda en arving til mine fjell, og mine utvalgte skal arve landet, og mine tjenere skal bo der.
10 शारोन में उसकी भेड़-बकरियां चरेंगी, और गाय-बैल आकोर घाटी में विश्राम करेंगे, क्योंकि मेरी प्रजा मेरी खोज करने लगी है.
Og Saron skal bli til en beitemark for småfe, og Akors dal til et hvilested for storfe, til gagn for mitt folk, som søker mig.
11 “परंतु तुम जिन्होंने याहवेह को छोड़ दिया हैं और जो मेरे पवित्र पर्वत को भूल जाते हैं, वे भाग्य देवता के लिए मेज़ पर खाना सजाते हैं और भावी देवी के लिये मसाला मिला दाखमधु रखते हैं,
Men I som forlater Herren, som glemmer mitt hellige berg, som dekker bord for Gad, og som fyller begeret med krydret vin for Meni,
12 मैं तुम्हारे लिए तलवार लाऊंगा, तुम सभी वध होने के लिए झुक जाओगे; क्योंकि तुमने मेरे बुलाने पर उत्तर न दिया, जब मैंने कहा तुमने न सुना. तुमने वही किया, जो मेरी दृष्टि में गलत है तथा वही करना चाहा जो मुझे नहीं भाता.”
eder vil jeg overgi til sverdet, og I skal alle sammen måtte bøie eder ned for å slaktes, fordi jeg kalte, og I ikke svarte, fordi jeg talte, og I ikke hørte, men gjorde det som ondt var i mine øine, og valgte det jeg ikke hadde behag i.
13 तब प्रभु याहवेह ने कहा: “देखो, मेरे सेवक तो भोजन करेंगे, पर तुम भूखे रह जाओगे; कि मेरे सेवक पिएंगे, पर तुम प्यासे रह जाओगे; मेरे सेवक आनंदित होंगे, पर तुम लज्जित किए जाओगे.
Derfor sier Herren, Israels Gud, så: Se, mine tjenere skal ete, men I skal hungre; se, mine tjenere skal drikke, men I skal tørste; se, mine tjenere skal glede sig, men I skal skamme eder;
14 मेरे सेवक आनंद से जय जयकार करेंगे, पर तुम दुःखी दिल से रोते और तड़पते रहोगे.
se, mine tjenere skal juble av hjertens lyst, men I skal skrike av hjertets pine og hyle i fortvilelse.
15 मेरे चुने हुए लोग तुम्हारा नाम लेकर शाप देंगे; और प्रभु याहवेह तुमको नाश करेंगे, परंतु अपने दासों का नया नाम रखेंगे.
Og I skal efterlate eders navn til en ed for mine utvalgte, og Herren, Israels Gud, skal drepe dig; men sine tjenere skal han kalle med et annet navn,
16 क्योंकि वह जो पृथ्वी पर धन्य है वह सत्य के परमेश्वर द्वारा आशीषित किया गया है; वह जो पृथ्वी पर शपथ लेता है वह सत्य के परमेश्वर की शपथ लेगा. क्योंकि पुरानी विपत्तियां दूर हो जायेंगी, वह मेरी आंखों से छिप गया है.
så den som velsigner sig på jorden, skal velsigne sig i den trofaste Gud, og den som sverger på jorden, skal sverge ved den trofaste Gud. For de forrige trengsler er glemt og skjult for mine øine.
17 “क्योंकि देखो, मैं नया आकाश और पृथ्वी बनाऊंगा. पुरानी बातें न सोची, और न याद की जायेंगी.
For se, jeg skaper en ny himmel og en ny jord, og de første ting skal ikke minnes og ikke mere rinne nogen i hu.
18 इसलिये मैं जो कुछ बना रहा हूं उसमें सर्वदा मगन और खुश रहो, क्योंकि देखो मैं येरूशलेम को मगन और आनंदित बनाऊंगा.
Men gled og fryd eder til evig tid over det jeg skaper! For se, jeg skaper Jerusalem til jubel og dets folk til fryd.
19 मैं येरूशलेम में खुशी मनाऊंगा तथा अपनी प्रजा से मैं खुश रहूंगा; फिर येरूशलेम में न तो रोने और न चिल्लाने का शब्द सुनाई देगा.
Og jeg vil juble over Jerusalem og fryde mig i mitt folk, og det skal ikke mere høres gråt eller skrik der.
20 “अब वहां ऐसा कभी न होगा कि कुछ दिन का बच्चा, या किसी वृद्ध की अचानक मृत्यु हो जाए; क्योंकि जवान ही की मृत्यु एक सौ वर्ष की अवस्था में होगी; तथा वह, जो अपने जीवन में एक सौ वर्ष न देख पाए, उसे शापित माना जाएगा.
Det skal ikke mere komme derfra noget diebarn som bare lever få dager, eller en gammel mann som ikke fyller sine dagers mål; nei, en ung mann skal den være som dør hundre år gammel, og hundre år gammel skal den synder bli som forbannes.
21 वे घर बनाकर रहेंगे; वे दाख की बारी लगायेंगे और उसका फल खाएंगे.
Og de skal bygge hus og bo i dem og plante vingårder og ete deres frukt;
22 ऐसा कभी न होगा कि घर तो वे बनाएंगे तथा उसमें कोई और रहने लगेगा; या वे बीज बोए, और दूसरे फसल काटे. क्योंकि जितना जीवनकाल वृक्ष का होगा, उतनी ही आयु मेरी प्रजा की होगी; मेरे चुने हुए अपने कामों का पूरा लाभ उठाएंगे.
ikke skal de bygge og en annen bo, ikke skal de plante og en annen ete; nei, som treets dager skal mitt folks dager være, og mine utvalgte skal selv få nyte frukten av sine henders gjerning.
23 उनकी मेहनत बेकार न होगी, न उनके बालक कष्ट के लिए उत्पन्न होंगे; क्योंकि वे याहवेह के धन्य वंश होंगे, और उनके बच्चे उनसे अलग न होंगे.
De skal ikke gjøre sig møie forgjeves og ikke føde barn til en brå død; for de er en ætt velsignet av Herren, og sitt avkom får de ha hos sig.
24 उनके पुकारते ही मैं उन्हें उत्तर दूंगा; और उनके मांगते ही मैं उनकी सुन लूंगा.
Og det skal skje: før de roper, skal jeg svare, mens de ennu taler, skal jeg høre.
25 भेड़िये तथा मेमने साथ साथ चरेंगे, बैल के समान सिंह भूसा खाने लगेगा, तथा सांप का भोजन धूल होगा. मेरे पवित्र पर्वत पर किसी प्रकार की हानि और कष्ट न होगा,” यह याहवेह का वचन है.
Ulven og lammet skal beite sammen, og løven skal ete halm som oksen, og ormens føde skal være støv; ingen skal gjøre noget ondt og ingen ødelegge noget på hele mitt hellige berg, sier Herren.