< यशायाह 64 >

1 भला हो कि आप आकाश को फाड़कर नीचे आ सकते, कि पर्वत आपके सामने कांप उठे!
“[Yahweh], I wish that you would tear open the sky and come down, and cause the mountains to shake in your presence.
2 जिस प्रकार आग झाड़ को जला देती है या जल को उबालती है, वैसे ही आपके विरोधियों को आपकी प्रतिष्ठा का बोध हो जाता कि आपकी उपस्थिति से राष्ट्र कांप उठते हैं!
[Be] like a fire that burns twigs and causes water to boil! [Come down] in order that your enemies will know who you are, and the [people of other] nations will tremble in your presence.
3 जब आपने ऐसे भयानक काम किए थे, तब आप उतर आए थे, पर्वत आपकी उपस्थिति में कांप उठे.
You have done awesome things which we were not expecting you to do; the mountains shook when you came down [at Horeb Mountain].
4 पूर्वकाल से न तो उन्होंने सुना है, न ही देखा गया है, आपके सिवाय हमारे लिए और कोई परमेश्वर नहीं हुआ है, जो अपने भक्तों की ओर ध्यान दे.
Since (long ago/the world began), no one [SYN] has [ever] seen or heard about a God like you; you help those who (depend on/trust in) you.
5 आप उन्हीं से मिलते हैं जो आनंद से नीतियुक्त काम करते हैं, जो आपको याद रखते हुए आपके मार्गों पर चलते हैं. सच है कि आप हमारे पाप के कारण क्रोधित हुए, और हमारी यह दशा बहुत समय से है. क्या हमें छुटकारा मिल सकता है?
You help those who joyfully do what is right, those who conduct their lives as you want them to. But [we did not do that]; we continued to sin, and so you became angry with us. We have been sinning for a long time, so only if we continually do what you want us to do will we be saved.
6 हम सभी अशुद्ध मनुष्य के समान हो गये है, हमारे धर्म के काम मैले चिथडों के समान है; हम सभी पत्तों के समान मुरझा जाते हैं, हमारे अधर्म के काम हमें हवा में उड़ा ले जाते हैं.
We have all become people who are not fit to worship you; all of the good things that we have done are only like [SIM] filthy/blood-stained rags. Because of our sins, we are like [SIM] leaves that dry up and are blown away by the wind.
7 ऐसा कोई भी नहीं जो आपके नाम की दोहाई देता है और जो आपको थामे रहने का प्रयास यत्न से करता है; क्योंकि आपने हमसे अपना मुंह छिपा लिया है तथा हमें हमारी बुराइयों के हाथ कर दिया है.
None [of our people] worships you, and no one is completely dedicated to [IDM] you. You have turned away from us. [It is as though] you have caused us to be forced to continue our sinful behavior.
8 किंतु अब, याहवेह, हमने आपको पिता समान स्वीकारा है. हम तो मात्र मिट्टी हैं, आप हमारे कुम्हार; हम सभी आपके हाथ की रचना हैं.
Yahweh, you are our father. We are [like] [MET] clay, and you created us, [like] [MET] a potter [creates pottery].
9 इसलिये हे याहवेह, क्रोधित न होईये; और अनंत काल तक हमारे पापों को याद न रखिए. हमारी ओर ध्यान दीजिए, हम सभी आपके अपने ही हैं.
Yahweh, do not continue to be angry [with us]; do not keep thinking about [our] sins forever. Do not forget that we are all your people.
10 देखो आपका पवित्र नगर बंजर भूमि हो गया है; ज़ियोन अब सुनसान है! येरूशलेम उजाड़ पड़ा है.
[All of] your towns [in Judah] have become like [MET] deserts; [even] Jerusalem has been destroyed.
11 हमारा पवित्र एवं भव्य भवन, जहां हमारे पूर्वजों ने आपकी स्तुति की थी, आग से जला दिया गया है, हमारी सभी अमूल्य वस्तुएं नष्ट हो चुकी हैं.
Your glorious temple on Zion Hill, where our ancestors worshiped you, has been destroyed by fire. And all our [other] beautiful things have been ruined.
12 यह सब होते हुए भी, याहवेह, क्या आप अपने आपको रोके रहेंगे? क्या आप हमें इस दुर्दशा में रहने देंगे?
Yahweh, you see all those things, so we worry that you will refrain [from helping us], and that you will cause us to suffer much more.

< यशायाह 64 >