< यशायाह 64 >
1 भला हो कि आप आकाश को फाड़कर नीचे आ सकते, कि पर्वत आपके सामने कांप उठे!
О да би раздрал Ти небето, да би слязъл, Да биха се стопили планините от присъствието Ти,
2 जिस प्रकार आग झाड़ को जला देती है या जल को उबालती है, वैसे ही आपके विरोधियों को आपकी प्रतिष्ठा का बोध हो जाता कि आपकी उपस्थिति से राष्ट्र कांप उठते हैं!
Както кога огън гори храстите, И огън прави водата да клокочи, За да стане името Ти познато на противниците Ти, И да потреперят народите от присъствието Ти,
3 जब आपने ऐसे भयानक काम किए थे, तब आप उतर आए थे, पर्वत आपकी उपस्थिति में कांप उठे.
Когато вършиш ужасни дела каквито не очаквахме! О да би слязъл, да биха се стопили планините от присъствието Ти!
4 पूर्वकाल से न तो उन्होंने सुना है, न ही देखा गया है, आपके सिवाय हमारे लिए और कोई परमेश्वर नहीं हुआ है, जो अपने भक्तों की ओर ध्यान दे.
Защото от древността не се е чуло, До уши не е стигнало. Око не е видяло друг бог, освен Тебе. Да е извършил такива дела за ония, които го чакат.
5 आप उन्हीं से मिलते हैं जो आनंद से नीतियुक्त काम करते हैं, जो आपको याद रखते हुए आपके मार्गों पर चलते हैं. सच है कि आप हमारे पाप के कारण क्रोधित हुए, और हमारी यह दशा बहुत समय से है. क्या हमें छुटकारा मिल सकता है?
Посрещаш с благост този, който радостно върши правда, Дори ония, които си спомнят за Тебе в пътищата Ти; Ето, Ти си се разгневил, защото ние съгрешихме; Но в Твоите пътища има трайност, и ние ще се спасим.
6 हम सभी अशुद्ध मनुष्य के समान हो गये है, हमारे धर्म के काम मैले चिथडों के समान है; हम सभी पत्तों के समान मुरझा जाते हैं, हमारे अधर्म के काम हमें हवा में उड़ा ले जाते हैं.
Защото всички станахме като човек нечист, И всичката ни правда е като омърсена дреха; Ние всички вехнем като лист, И нашите беззакония ни завличат както вятъра.
7 ऐसा कोई भी नहीं जो आपके नाम की दोहाई देता है और जो आपको थामे रहने का प्रयास यत्न से करता है; क्योंकि आपने हमसे अपना मुंह छिपा लिया है तथा हमें हमारी बुराइयों के हाथ कर दिया है.
И няма човек, който да призавава името Ти, Който да се пробуди, за да се хване за Тебе; Защото Ти си скрил лицето Си от нас, И стопил си ни, поради беззаконията ни.
8 किंतु अब, याहवेह, हमने आपको पिता समान स्वीकारा है. हम तो मात्र मिट्टी हैं, आप हमारे कुम्हार; हम सभी आपके हाथ की रचना हैं.
Но сега Господи, Ти си наш Отец; Ние сме глината, а Ти грънчарят ни; И всички сме дело на Твоята ръка.
9 इसलिये हे याहवेह, क्रोधित न होईये; और अनंत काल तक हमारे पापों को याद न रखिए. हमारी ओर ध्यान दीजिए, हम सभी आपके अपने ही हैं.
Недей се гневи силно, Господи. Недей помни вечно беззаконието; Ето, погледни, молим Ти се, Че ние всички сме Твои люде.
10 देखो आपका पवित्र नगर बंजर भूमि हो गया है; ज़ियोन अब सुनसान है! येरूशलेम उजाड़ पड़ा है.
Твоите свети градове запустяха; Сион запустя. Ерусалим е опустошен.
11 हमारा पवित्र एवं भव्य भवन, जहां हमारे पूर्वजों ने आपकी स्तुति की थी, आग से जला दिया गया है, हमारी सभी अमूल्य वस्तुएं नष्ट हो चुकी हैं.
Нашият свет и красив дом, Гдето бащите ни Те славословеха, Биде изгорен с огън; И всичките драги нам неща запустяха.
12 यह सब होते हुए भी, याहवेह, क्या आप अपने आपको रोके रहेंगे? क्या आप हमें इस दुर्दशा में रहने देंगे?
Пред вид на това, ще се въздържиш ли, Господи? Ще мълчиш ли и ще ни наскърбиш ли до крайност?