< यशायाह 62 >

1 ज़ियोन के हित में मैं चुप न रहूंगा, येरूशलेम के कल्याण के लिए मैं शांत न रहूंगा, जब तक कि उसकी धार्मिकता के समान, और उसका उद्धार जलते हुए पीतल के समान दिखाई न दे.
Por causa de Sion no callaré, y por causa de Jerusalén no reposaré, hasta que salga como resplandor su justicia, y su salud se encienda como un hacha.
2 तब अन्य जातियां, तेरा धर्म और सब राजा तेरी महिमा देखेंगे; और तेरा एक नया नाम रखा जायेगा जो याहवेह के मुंह से निकलेगा.
Y verán los gentiles tu justicia, y todos los reyes tu gloria; y te será puesto un nombre nuevo, que la boca del SEÑOR nombrará.
3 तुम याहवेह के हाथों में एक सुंदर मुकुट, तथा परमेश्वर की हथेली में राज मुकुट ठहरोगे.
Y serás corona de gloria en la mano del SEÑOR; y diadema real en la mano del Dios tuyo.
4 इसके बाद तुम्हारी पहचान त्यागी हुई के रूप में न होगी, न ही तुम्हारा देश उजड़ा हुआ कहलायेगा. परंतु तुम हेप्सीबा, और तुम्हारी भूमि ब्यूला कहलाएगी; क्योंकि याहवेह तुमसे प्रसन्‍न है, और तुम्हारी भूमि अच्छी उपज उपजायेगी.
Nunca más te llamarán Desamparada, ni tu tierra se dirá más Asolamiento: sino que serás llamada Hefzi-ba, ( Mi voluntad en ella ) y tu tierra, Beula ( Casada ) porque el querer del SEÑOR será en ti, y tu tierra será casada.
5 जिस प्रकार एक युवा कुंवारी कन्या से विवाह करता है, उसी प्रकार तुम्हारे निर्माण-कर्ता पुनः तुमसे विवाह करेंगे; जिस प्रकार वर के आनंद का विषय होती है वधू, उसी प्रकार तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे कारण आनंदित होंगे.
Pues como el joven se casa con la virgen, se casarán contigo tus hijos; y como el gozo del esposo con la esposa, así se gozará contigo el Dios tuyo.
6 हे येरूशलेम, मैंने तुम्हारी शहरपनाह पर स्वर्गदूत बिठाए हैं; सारी रात और दिन वे चुप न रहेंगे. हे याहवेह को स्मरण करनेवालो, चुप न रहो.
Sobre tus muros, oh Jerusalén, he puesto guardas; todo el día y toda la noche no callarán jamás. Los que os acordáis del SEÑOR, no ceséis,
7 तुम याहवेह को चैन मत देना जब तक वे येरूशलेम को स्थिर करके उसे पृथ्वी की प्रशंसा पात्र न बना दें!
ni a él le deis tregua, hasta que confirme, y hasta que ponga a Jerusalén por alabanza en la tierra.
8 याहवेह ने अपने दाएं हाथ: “तथा बलवंत हाथ की शपथ ली है: निश्चय अब मैं कभी भी तुम्हारी उपज को तुम्हारे शत्रुओं का भोजन न होने दूंगा, न ही मैं तुम्हारे मेहनत से लगाये दाखरस को परदेशियों को खाने दूंगा;
Juró el SEÑOR por su mano derecha, y por el brazo de su fortaleza. Que jamás daré tu trigo por comida a tus enemigos, ni beberán los extraños el vino que tú trabajaste.
9 किंतु वे जो इसे जमा करेंगे वे इसे खाकर याहवेह की स्तुति करेंगे, और जिन्होंने दाखमधु भंडार में रखा हो वे ही उसके पवित्र स्थान के आंगनों में पायेंगे.”
Mas los que lo allegaron, lo comerán, y alabarán al SEÑOR; y los que lo cogieron lo beberán en los atrios de mi santidad.
10 सब फाटकों से होकर निकलो! लोगों के लिए मार्ग सीधा करो. राजमार्ग को बनाओ! सभी पत्थर मार्ग से हटाकर. लोगों के लिए झंडा ऊंचा करो.
Pasad, pasad por las puertas. Barred el camino al pueblo. Allanad, allanad la calzada; quitad las piedras, alzad pendón a los pueblos.
11 देखो, याहवेह ने पृथ्वी की छोर तक इस आज्ञा का प्रचार किया है: “ज़ियोन की बेटी से कहो, ‘देख, तेरा उद्धारकर्ता आया है! और मजदूरी उसके पास है, तथा उनका प्रतिफल उन्हें देगा.’”
He aquí, que el SEÑOR hizo oír hasta lo último de la tierra. Decid a la hija de Sion: He aquí viene tu Salvador; he aquí que su recompensa con él, y su obra delante de él.
12 वे उन्हें पवित्र प्रजा, और याहवेह के छुड़ाए हुए कहेंगे, और तेरा नाम गृहण की हुई, अर्थात् न त्यागी गई नगरी पड़ेगा.
Y les llamarán Pueblo Santo, Redimidos del SEÑOR; y a ti te llamarán Ciudad Buscada, no desamparada.

< यशायाह 62 >