< यशायाह 60 >
1 “उठो, प्रकाशमान हो, क्योंकि तुम्हारा प्रकाश आया है, तथा याहवेह का तेज तुम्हारे ऊपर उदय हुआ है.
Mache dich auf, werde licht! Denn dein Licht ist gekommen, und die Herrlichkeit des HERRN ist über dir erstrahlt.
2 देख, पृथ्वी पर तो अंधकार और राज्य-राज्य के लोगों पर घोर अंधकार है, परंतु तुम्हारे ऊपर याहवेह उदय होगा और उनका तेज तुम्हारे ऊपर प्रकट होगा.
Denn wohl bedeckt Finsternis die Erde und Dunkel die Völker, aber über dir strahlt der HERR wie eine Sonne auf, und seine Herrlichkeit wird sichtbar über dir.
3 अन्य जातियां तुम्हारे पास प्रकाश के लिये, और राजा तुम्हारे आरोहण के प्रताप की ओर आएंगे.
Völker wallen zu deinem Licht hin und Könige zu dem Glanz, in dem du strahlst.
4 “अपने आस-पास दृष्टि उठाकर देख: वे सभी इकट्ठे हो रहे हैं और वे तुम्हारे पास आ रहे हैं; दूर स्थानों से तुम्हारे पुत्र आ जाएंगे, तुम्हारी पुत्रियां गोद में उठाकर लाई जाएंगी.
Hebe ringsum deine Augen empor und blicke hin! Sie alle haben sich versammelt und kommen zu dir: deine Söhne kommen aus der Ferne, und deine Töchter werden auf den Armen getragen.
5 तब तुम देखोगे तथा आनंदित होओगे, तुम्हारा हृदय आनंद से भर जाएगा; क्योंकि सागर का सारा धन तुम्हारा हो जायेगा, और देशों की धन-संपत्ति तुम्हारी हो जाएगी.
Da wirst du dann, sobald du das siehst, vor Freude strahlen, und dein Herz wird pochen und sich weit auftun; denn der Reichtum des Meeres wird sich dir zuwenden, die Schätze der Völker dir zuströmen.
6 तुम्हारे देश असंख्य ऊंटों से भर जाएंगे, जो मिदियान तथा एफाह और शीबा देश से आएंगे. वे अपने साथ सोना तथा लोबान लाएंगे, वे याहवेह का आनंद से गुणगान करेंगे.
Ein Gewimmel von Dromedaren wird dich bedecken, die jungen Kamele von Midian und Epha; allesamt werden sie aus Saba herkommen, Gold und Weihrauch bringen und die Ruhmestaten des HERRN verkünden.
7 केदार की सब भेड़-बकरियां तुम्हारी हो जायेंगी, नेबाइयोथ के मेढ़े सेवा टहल के काम आएंगे; मेरी वेदी पर वे ग्रहण योग्य होंगे, मैं अपने घर को और प्रतापी कर दूंगा.
Alle Herden von Kedar werden sich für dich sammeln, die Widder von Nebajoth dir zu Diensten stehen: mir zum Wohlgefallen werden sie auf meinen Altar gebracht werden, und so mache ich meinen glanzvollen Tempel noch glänzender.
8 “कौन हैं ये जो बादल समान उड़ते हैं, और कबूतर समान अपने घर को पहुंच जाते हैं?
Wer sind diese da, die wie eine Wolke dahergeflogen kommen und wie Tauben zu ihren Schlägen?
9 निश्चय द्वीप मेरी प्रतीक्षा करेंगे; तरशीश के जहाज़ पहले पहुंचेंगे, वे अपने साथ दूर देशों से तुम्हारे पुत्रों को लाएंगे, उनके साथ उनका सोना एवं उनकी चांदी होगी, यह याहवेह तुम्हारे परमेश्वर की महिमा में होगा, क्योंकि उन्होंने ही तुम्हें प्रताप से शोभायमान किया है.
Ja, auf mich harren die Meeresländer, und die Tharsisschiffe segeln voran, um deine Söhne aus der Ferne herzubringen; ihr Silber und ihr Gold führen sie mit sich für den Namen des HERRN, deines Gottes, und für den Heiligen Israels, weil er dich zu hohen Ehren bringt.
10 “परदेशी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएंगे, उनके राजा तेरी सेवा करेंगे. क्योंकि क्रोध में आकर मैंने तुझे दुःख दिया था, परंतु अब तुझसे प्रसन्न होकर दया करूंगा.
Die Söhne fremden Stammes werden deine Mauern aufbauen und ihre Könige dir dienstbar sein; denn in meinem Grimm habe ich dich (allerdings) geschlagen, aber in meiner Gnade mich deiner wieder erbarmt.
11 तुम्हारे फाटक निरंतर खुले रहेंगे, दिन हो या रात, वे बंद नहीं किए जाएंगे, देश की धन-संपत्ति और उनके राजा बंधुए होकर तेरे पास आएंगे.
Deine Tore werden beständig offen stehen, bei Tag und bei Nacht unverschlossen bleiben, um in dich einzulassen den Reichtum der Völker und ihre Könige, die im Triumph aufgeführt werden.
12 वे लोग तथा वे राज्य जो तुम्हारी सेवा करना अस्वीकार करेंगे, नष्ट हो जाएंगे; ये देश पूर्णतः नष्ट हो जाएंगे.
Denn jedes Volk und jedes Reich, die dir nicht dienen wollen, sollen untergehen, und die Heidenvölker überhaupt völliger Vernichtung anheimfallen.
13 “लबानोन का वैभव तुम्हारा हो जाएगा, सनोवर व देवदार तथा चीड़ वृक्ष, मेरे पवित्र स्थान के सौंदर्य को बढ़ाएंगे; मैं अपने चरणों के स्थान को भी महिमा का रूप दूंगा.
Die Prachtbäume des Libanons sollen zu dir gebracht werden, Zypressen, Platanen und Edeltannen zumal, um die Stätte meines Heiligtums zu zieren; denn ich will die Stätte ehren, wo meine Füße ruhen.
14 जिन्होंने तुम पर अत्याचार किया है, उनके पुत्र तुम्हारे सामने झुक जाएंगे; तथा वे सभी जिन्होंने तुमसे घृणा की है वे सब तुम्हारे सामने झुक जाएंगे! वे तुम्हारा नाम ‘याहवेह का नगर, इस्राएल के पवित्र का ज़ियोन’ बुलाएंगे.
Es sollen auch die Söhne deiner (früheren) Bedrücker tiefgebückt zu dir kommen, und alle deine Verächter sich zu deinen Fußsohlen niederwerfen und dich ›die Stadt des HERRN‹ nennen, ›das Zion des Heiligen Israels‹.
15 “जब तुम त्यागी हुई घृणा के नगर थे, कोई भी तुममें से होकर नहीं जाता था, लेकिन अब मैं तुम्हें स्थिर गौरव का स्थान बना दूंगा और पीढ़ी दर पीढ़ी आनंद का कारण ठहराऊंगा.
Statt daß du verlassen und verhaßt warst, so daß niemand dich aufsuchte, will ich dich zu ewigem Stolz machen, zum Entzücken für alle künftigen Geschlechter.
16 तू अन्य जनताओं का दूध पी लेगी तुम्हें राजा दूध पिलाएंगे. तब तुम जान लोगे कि मैं, याहवेह ही, तुम्हारा उद्धारकर्ता, और याकोब का वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम्हारा छुड़ाने वाला हूं.
Und du wirst die Milch der Völker schlürfen und dich an der Brust der Könige nähren und sollst erkennen, daß ich, der HERR, dein Retter bin und daß dein Erlöser der starke Held Jakobs ist.
17 कांस्य के स्थान पर मैं सोना, लोहे के स्थान पर चांदी. लकड़ी के स्थान पर कांस्य, तथा पत्थरों के स्थान पर लोहा लेकर आऊंगा. तब मैं शांति को तेरा हाकिम तथा धार्मिकता को तेरा अधिकारी नियुक्त कर दूंगा.
Anstatt des Kupfers will ich Gold herbringen und anstatt des Eisens Silber herbeischaffen, statt des Holzes Kupfer und statt der Steine Eisen. Und ich will zu deiner Obrigkeit den Frieden machen und zu deiner Regierung die Gerechtigkeit.
18 अब तुम्हारे देश में फिर हिंसा न होगी, न ही तुम्हारी सीमाओं में हलचल या विनाश बिखर जायेगा, परंतु तुम अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखोगे.
Nicht wird man künftig von Gewalttaten in deinem Lande hören, von Verheerung und Verwüstung innerhalb deiner Grenzen, sondern deine Mauern wirst du ›Heil‹ nennen und deine Tore als ›Ruhm‹ bezeichnen.
19 तब दिन के समय तुम्हें प्रकाश के लिए, न तो सूर्य की आवश्यकता होगी और न रात को चांद की, परंतु याहवेह तुम्हारे लिए सदा का प्रकाश होंगे, और तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारा वैभव होगा.
Nicht mehr wird dir künftig am Tage die Sonne als Leuchte dienen, noch bei Nacht der Mond dir zur Erhellung scheinen; nein, der HERR wird dir zum ewigen Licht dienen und dein Gott zu deiner herrlichen Zier.
20 तुम्हारा सूर्य कभी अस्त न होगा, न ही तुम्हारे चांद की ज्योति कम होगी; क्योंकि याहवेह तेरी सदैव की ज्योति होंगे, और तुम्हारे विलाप के दिन समाप्त हो जाएंगे.
Nicht mehr wird künftig deine Sonne untergehen, noch dein Mond den Schein verlieren; denn der HERR wird dir zum ewigen Licht werden, und die Tage deiner Trauer sollen zu Ende sein.
21 तब तुम्हारे लोग धर्मी हो जाएंगे वे सदा-सर्वदा के लिए देश के अधिकारी हो जाएंगे. मेरे लगाये हुए पौधे, और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिससे मेरी महिमा प्रकट हो.
Dann wird dein Volk in seiner Gesamtheit aus Gerechten bestehen; ewiglich werden sie das Land besitzen als der Sproß der von mir angelegten Pflanzung, als das Werk meiner Hände, zu meiner Verherrlichung:
22 सबसे छोटा एक हजार हो जायेगा, और सबसे कमजोर एक सामर्थ्यी जाति बन जायेगा. मैं याहवेह हूं; ठीक समय पर सब कुछ पूरा करूंगा.”
der Kleinste wird zu einer Tausendschaft werden und der Geringste zu einem starken Stamm: ich, der HERR, habe es verheißen und werde es zu seiner Zeit eilends verwirklichen.