< यशायाह 58 >

1 “ऊंचे स्वर में नारा लगाओ बिना किसी रोक के. नरसिंगों का शब्द ऊंचा करो, मेरी प्रजा को उनकी गलती, तथा याकोब वंश पर उसके पाप की घोषणा करो.
大によばはりて聲ををしむなかれ 汝のこゑをラッパのごとくあげ わが民にその愆をつげヤコブの家にその罪をつげしめせ
2 यह सब होने पर भी वे दिन-प्रतिदिन मेरे पास आते; तथा प्रसन्‍नतापूर्वक मेरी आज्ञाओं को मानते हैं. मानो वे धर्मी हैं, जिसने अपने परमेश्वर के नियम को नहीं टाला. वे मुझसे धर्म के बारे में पूछते और परमेश्वर के पास आने की इच्छा रखते हैं.
かれらは日々われを尋求めわが途をしらんことをこのむ 義をおこなひ神の法をすてざる國のごとく義しき法をわれにもとめ神と相近づくことをこのめり
3 ‘ऐसा क्यों हुआ कि हमने उपवास किया, किंतु हमारी ओर आपका ध्यान ही नहीं गया? हमने दुःख उठाया, किंतु आपको दिखाई ही नहीं दिया?’ “इसका कारण यह है कि जब तुम उपवास करते हो, तब तुम अपनी अभिलाषाओं पर नियंत्रण नहीं रखते, तुम उस समय अपने सेवकों को कष्ट देते हो.
かれらはいふ われら斷食するになんぢ見たまはず われら心をくるしむるになんぢ知たまはざるは何ぞやと 視よなんぢらの斷食の日にはおのがこのむ作をなし その工人をことごとく惱めつかふ
4 तुम यह समझ लो कि तुम उपवास भी करते हो तथा इसके साथ साथ वाद-विवाद, तथा कलह भी करते हो और लड़ते झगड़ते हो. उस प्रकार के उपवास से यह संभव ही नहीं कि तुम्हारी पुकार सुनी जाएगी.
視よなんぢら斷食するときは相あらそひ相きそひ惡の拳をもて人をうつ なんぢらの今のだんじきはその聲をうへに聞えしめんとにあらざるなり
5 क्या ऐसा होता है उपवास, जो कोई स्वयं को दीन बनाए? या कोई सिर झुकाए या टाट एवं राख फैलाकर बैठे? क्या इसे ही तुम उपवास कहोगे, क्या ऐसा उपवास याहवेह ग्रहण करेंगे?
斯のごとき斷食はわが悦ぶところのものならんや かくのごときは人その靈魂をなやますの日ならんや その首を葦のごとくにふし麁服と灰とをその下にしくをもて斷食の日またヱホバに納らるる日ととなふべけんや
6 “क्या यही वह उपवास नहीं, जो मुझे खुशी देता है: वह अंधेर सहने के बंधन को तोड़ दे, जूए उतार फेंके और उनको छुड़ा लिया जाए?
わが悦ぶところの斷食はあくの繩をほどき 軛のつなをとき虐げらるるものを放ちさらしめ すべての軛ををるなどの事にあらずや
7 क्या इसका मतलब यह नहीं कि तुम भूखों को अपना भोजन बांटा करो तथा अनाथों को अपने घर में लाओ— जब किसी को वस्त्रों के बिना देखो, तो उन्हें वस्त्र दो, स्वयं को अपने सगे संबंधियों से दूर न रखो?
また饑たる者になんぢのパンを分ちあたへ さすらへる貧民をなんぢの家にいれ裸かなるものを見てこれに衣せ おのが骨肉に身をかくさざるなどの事にあらずや
8 जब तुम यह सब करने लगोगे तब तुम्हारा प्रकाश चमकेगा, और तू जल्दी ठीक हो जायेगा; और तेरा धर्म तेरे आगे-आगे चलेगा, तथा याहवेह का तेज तेरे पीछे तुम्हारी रक्षा करेगा.
しかる時はなんぢのひかり暁の如くにあらはれいで 汝すみやかに愈さるることを得 なんぢの義はなんぢの前にゆき ヱホバの榮光はなんぢの軍後となるべし
9 उस समय जब तुम याहवेह की दोहाई दोगे, तो वह उसका उत्तर देंगे; तुम पुकारोगे, तब वह कहेंगे: मैं यहां हूं. “यदि तुम अपने बीच से दुःख का जूआ हटा दोगे, जब उंगली से इशारा करेंगे तब दुष्ट बातें करना छोड़ देंगे,
また汝よぶときはヱホバ答へたまはん なんぢ叫ぶときは我ここに在りといひ給はん/もし汝のなかより軛をのぞき指點をのぞき惡きことをかたるを除き
10 जब तुम भूखे की सहायता करोगे तथा दुखियों की मदद करोगे, तब अंधकार में तेरा प्रकाश चमकेगा, तथा घोर अंधकार दोपहर समान उजियाला देगा.
なんぢの靈魂の欲するものをも饑たる者にほどこし 苦しむものの心を滿足しめば なんぢの光くらきにてりいで なんぢの闇は晝のごとくならん
11 याहवेह तुझे लगातार लिये चलेगा; और सूखे में तुझे तृप्‍त करेगा वह तुम्हारी हड्डियों में बल देगा. तुम सींची हुई बारी के समान हो जाओगे, तथा उस सोते का जल कभी न सूखेगा.
ヱホバは常になんぢをみちびき 乾けるところにても汝のこころを滿足しめ なんぢの骨をかたうし給はん なんぢは潤ひたる園のごとく水のたえざる泉のごとくなるべし
12 खंडहर को तेरे वंश के लिये फिर से बसायेंगे और पीढ़ियों से पड़ी हुई नींव पर घर बनाएगा; टूटे हुए बाड़े और सड़क को, ठीक करनेवाला कहलायेगा.
汝よりいづる者はひさしく荒廢れたる所をおこし なんぢは累代やぶれたる基をたてん 人なんぢをよびて破隙をおぎなふ者といひ 市街をつくろひてすむべき所となす者といふべし
13 “यदि तुम शब्बाथ दिन को अशुद्ध न करोगे, अर्थात् मेरे पवित्र दिन के हित में अपनी इच्छा को छोड़ देते हो, शब्बाथ दिन को आनंद का दिन मानकर और याहवेह के पवित्र दिन का सम्मान करते हो, अपनी इच्छाओं को छोड़कर अपनी बातें न बोले,
もし安息日になんぢの歩行をとどめ 我聖日になんぢの好むわざをおこなはず 安息日をとなへて樂日となし ヱホバの聖日をとなへて尊むべき日となし 之をたふとみて己が道をおこなはず おのが好むわざをなさず おのが言をかたらずば
14 तू याहवेह के कारण आनंदित होगा, मैं तुम्हें पृथ्वी की ऊंचाइयों तक ले जाऊंगा और तुम्हारे पिता याकोब के भाग की उपज से खायेगा.” क्योंकि यह याहवेह के मुंह से निकला वचन है.
その時なんぢヱホバを樂しむべし ヱホバなんぢを地のたかき處にのらしめ なんぢが先祖ヤコブの產業をもて汝をやしなひ給はん こはヱホバ口より語りたまへるなり

< यशायाह 58 >