< यशायाह 45 >

1 “परमेश्वर के अभिषिक्त कोरेश को याहवेह ने कहा, मैंने उसका दायां हाथ थाम रखा है कि मैं उसके सामने जनताओं को उसके अधीन कर दूं और राजाओं की कमर ढीली कर दूं, कि इसके लिए फाटक खोल दूं ताकि फाटक बंद ही न हो सकें:
Ainsi parle l’Eternel à son Oint, à Cyrus je l’ai pris par la main pour mettre les nations à ses pieds et délier les ceintures des rois, pour ouvrir devant lui les battants et empêcher que les portes lui soient fermées:
2 मैं तेरे आगे-आगे चलूंगा ऊंची-ऊंची भूमि को सीधा बना दूंगा; मैं कांस्य के दरवाजों को चूर-चूर कर दूंगा लोहे के जंजीर को काटता हुआ निकल जाऊंगा.
"Je marcherai devant toi, j’aplanirai les hauteurs, je briserai les portes d’airain et abattrai les verrous de fer.
3 मैं तुम्हें अंधकार से छिपा हुआ, और गुप्‍त स्थानों में गढ़ा हुआ धन दूंगा, कि तुम्हें यह मालूम हो जाये कि यह मैं ही वह याहवेह, इस्राएल का परमेश्वर हूं, जो तुम्हें तुम्हारा नाम लेकर बुलाता है.
Je te donnerai des trésors enfouis dans les ténèbres, des richesses cachées dans des lieux secrets, pour que tu saches que je suis l’Eternel, le Dieu d’Israël, qui t’appelle par ton nom.
4 मेरे सेवक याकोब के हित में, तथा मेरे चुने हुए इस्राएल के हित में, तुम्हारा नाम लेकर मैंने बुलाया है, मैंने तुम्हें ऊंचा पद दिया है, परंतु तुम तो मुझे जानते भी न थे.
C’Est en faveur de mon serviteur Jacob, d’Israël mon élu, que je t’ai appelé par ton nom, que je t’ai décerné un titre, bien que tu ne me connusses pas.
5 मैं ही वह याहवेह हूं और कोई नहीं; मेरे सिवाय परमेश्वर कोई नहीं. मैं तुम्हें विषमता के लिए सुसज्जित कर दूंगा, परंतु तुम मुझे जानते ही नहीं थे तो भी मैं तुम्हारी कमर कसूंगा,
C’Est moi qui suis l’Eternel et nul autre hors de moi, point de Dieu! Je te ceins de force, bien que tu ne me connaisses pas,
6 यह इसलिये कि पूर्व से पश्चिम तक सभी को यह मालूम हो जाए, कि मेरे सिवाय कोई भी नहीं है. याहवेह मैं ही हूं, दूसरा और कोई नहीं.
afin qu’on sache, là où se lève le soleil et là où il se couche, que hors de moi il n’y a rien, que moi je suis l’Eternel et nul autre;
7 मैं वह हूं जो उजियाला और अंधियारे का सृजन करता हूं, मैं सुख-शांति का दाता और विपत्ति को भी रचता हूं; मैं वह याहवेह हूं, जो इन सबका नाश करता हूं.
Je forme la lumière et crée les ténèbres, j’établis la paix et suis l’auteur du mal: moi l’Eternel, je fais tout cela."
8 “हे आकाश, अपनी ऊंचाई से धार्मिकता बरसा और बादल से धार्मिकता की बारिश हो. पृथ्वी खुल जाए, जिससे उद्धार हो, और नीति भी उसके साथ उगे; मैं, याहवेह ने ही इसकी सृष्टि की है.
Cieux, là-haut, épanchez-vous, et vous, nuées, laissez ruisseler la justice! Que la terre s’entrouvre pour faire tout ensemble fleurir le salut et germer la vertu! Moi, l’Eternel, j’accomplis tout cela.
9 “हाय उस व्यक्ति पर जो अपने रचनेवाले से झगड़ता है, वह तो मिट्टी के बर्तनों के बीच मिट्टी का एक बर्तन है. क्या मिट्टी कुम्हार से कहेगी कि, ‘यह क्या कर रहे हो तुम मेरे साथ?’ क्या कारीगर की बनाई हुई वस्तु यह कहेगी कि, ‘उसके तो हाथ ही नहीं हैं’?
Malheur à celui qui entre en lutte avec son Créateur vase fragile au milieu d’autres vases de terre! L’Argile dira t-elle au potier qui la pétrit: "Que fais-tu? Ton œuvre est imparfaite!"
10 हाय उस व्यक्ति पर जो अपने पिता से पूछे, ‘किसे जन्म दे रहे हैं आप?’ और अपनी माता से पूछे, ‘तू किसकी माता है?’
Malheur à celui qui dit à son père: "Pourquoi engendres-tu?" à la femme: "Pourquoi es-tu en travail d’enfants?"
11 “याहवेह जो इस्राएल का पवित्र और उसका बनानेवाला है, वे यों कहते हैं: क्या तुम होनेवाली घटनाओं के बारे में मुझसे पूछोगे, क्या मेरे पुत्रों और मेरे कामों के लिए मुझसे कहोगे?
Ainsi parle l’Eternel, le Saint d’Israël, son Créateur: "Ils me questionnent sur les événements prochains! Vous me faites des recommandations au sujet de mes enfants, de l’œuvre de mes mains!
12 मैं ही हूं वह जिसने पृथ्वी को बनाया तथा मनुष्य की रचना की. अपने ही हाथों से मैंने आकाश को फैलाया; और उसके सारे तारों को आज्ञा दी है.
C’Est pourtant moi qui ai fait la terre et créé les hommes qui la peuplent; c’est moi dont les mains ont déployé les cieux, et qui ai mis en rang toute leur armée.
13 मैंने उसे धार्मिकता में जगाया: तथा अब मैं उसका मार्ग सीधा बनाऊंगा. वह मेरे नगरों को बसायेगा तथा मेरे बंधक को, बिना किसी दाम अथवा बदला लिये छुड़ा लेगा, यह सर्वशक्तिमान याहवेह की घोषणा है.”
C’Est moi qui l’ai suscité selon la justice, j’aplanirai toutes ses voies: il rebâtira ma ville, renverra libres mes exilés, sans rançon et sans présents: c’est l’Eternel-Cebaot qui le dit."
14 याहवेह का संदेश है: “मिस्र देश की कमाई तथा कूश देश के व्यापार की लाभ सामग्री तथा सीबा के लोग स्वयं तुमसे मिलने आएंगे तथा तुम्हारे अधीन हो जाएंगे; वे झुककर दंडवत करेंगे, वे तुमसे विनती करेंगे और कहेंगे. ‘परमेश्वर आपके साथ हैं, और दूसरा कोई नहीं उसके सिवाय; कोई और परमेश्वर नहीं.’”
Ainsi parle l’Eternel: "Les biens de l’Egypte, le négoce de l’Ethiopie et des Sabéens, à la haute taille, passeront entre tes mains et seront à toi; ces peuples suivront tes pas, s’avanceront dans les chaînes; ils se prosterneront devant toi et, suppliants, te diront: "En toi seul il est un Dieu; hors de lui, il n’y en a pas d’autre!"
15 हे इस्राएल के परमेश्वर, हे उद्धारकर्ता, सच तो यह है कि आप अपरंपार परमेश्वर हैं, जो स्वयं को अदृश्य कर लेते हैं.
À coup sûr, tu es un Dieu caché, Dieu d’Israël, qui sauves!
16 वे लज्जित किए जाएंगे यहां तक कि वे अपमानित हो जाएंगे, वे सभी; वे जो मूर्तियों को बनानेवाले सब लज्जित और अपमानित किए जाएंगे.
Tous ils sont honteux et humiliés, ils marchent dans la confusion, les fabricants d’idoles.
17 इस्राएल याहवेह द्वारा छुड़ा दिया गया है, उनका यह छुटकारा सदा तक स्थिर रहेगा; फिर न तो वे लज्जित किए जाएंगे, और न ही अपमानित होंगे.
Mais toi, ô Israël, tu seras sauvé par l’Eternel, sauvé pour toujours; jusque dans l’éternité, vous n’éprouverez ni honte ni confusion.
18 आकाश का रचनेवाला याहवेह, वही परमेश्वर; जिन्होंने पृथ्वी की रचना कर उसे रूप दिया, और उन्होंने इसे स्थिर किया; तथा इसमें एक भी स्थान ऐसा नहीं जो बसाया गया न हो, लेकिन इसको इसलिये बनाया कि इसे बसाया जाये— वह यों कहता है: “मैं ही वह याहवेह हूं, अन्य कोई भी नहीं.
Car ainsi parle l’Eternel, le Créateur des cieux ce Dieu qui a formé, façonné la terre, qui l’a affermie, qui l’a créée non pour demeurer déserte mais pour être habitée: "Je suis l’Eternel, et il n’en est pas d’autre!
19 मैंने जो कुछ कहा है वह गुप्‍त में नहीं कहा है, न ही अंधकार में; मैंने याकोब के वंश को यह नहीं कहा कि, ‘मेरी खोज व्यर्थ में करो.’ मैं, याहवेह, सत्य ही कहता हूं; मैं सही बातें ही बताता आया हूं.
Ce n’est pas en secret que j’ai parlé, dans un lieu obscur de la terre; je n’ai point dit aux enfants de Jacob: Recherchez-moi dans la solitude! Moi, l’Eternel, je dis ce qui est juste, j’annonce ce qui est vrai.
20 “हे अन्यजातियों में से बचे हुए लोगो, एक साथ पास आओ; वे जो लकड़ी की खुदी हुई मूर्ति लेकर फिरते हैं. जिससे उद्धार नहीं हो सकता, वे अनजान है इसलिये प्रार्थना करते हैं.
Assemblez-vous et venez, approchez tous, vous qui vous êtes échappés parmi les nations, vous qui faites preuve d’inintelligence en transportant avec vous vos idoles de bois et en invoquant un dieu incapable de secourir!
21 प्रचार करके उनको लाओ, कि वे आपस में मिलें, किसने पहले ये बताया और सब प्रकट किया. क्या मैं याहवेह ही ने यह सब नहीं किया? इसी लिये मुझे छोड़ और कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है, धर्मी और उद्धारकर्ता; परमेश्वर मैं ही हूं.
Faites votre récit, avancez vos raisons, délibérez ensemble: qui a, dans un passé lointain, annoncé tout cela? Qui l’a révélé dès longtemps? N’Est-ce point moi, l’Eternel, à côté de qui il n’est pas de Dieu, moi, le Dieu juste et secourable, qui n’ai point de rival?
22 “हे सारी पृथ्वी के लोगो, मेरी ओर फिरो; क्योंकि परमेश्वर मैं ही हूं, कोई नहीं है मेरे सिवाय.
Tournez-vous vers moi, et, vous serez sauvés, vous tous qui habitez les confins de la terre; car moi, je suis Dieu et personne d’autre.
23 मैंने अपनी ही शपथ ली है, धर्म के अनुसार मेरे मुंह से यह वचन निकला है यह नहीं बदलेगा: हर एक घुटना मेरे सामने झुकेगा; और मुंह से मेरी शपथ खाई जाएगी.
J’Ai juré par moi-même c’est une parole véridique qui est sortie de ma bouche et qui ne sera pas révoquée j’ai juré qu’en mon honneur tout genou ploiera et toute langue prêtera serment.
24 मेरे विषय में लोग कहेंगे कि, ‘केवल याहवेह में ही नीति और शक्ति है.’” मनुष्य उनकी ओर चले आएंगे, वे सभी जिन्होंने उन पर क्रोध किया वे लज्जित किए जाएंगे.
En l’Eternel seul, qui m’a parlé, résident le salut et la force; vers lui reviendront, couverts de honte, tous ceux qui s’étaient emportés contre lui.
25 इस्राएल के सारे लोग याहवेह ही के कारण धर्मी ठहरेंगे और उसकी महिमा करेंगे.
En l’Eternel seront justifiés et glorifiés tous les descendants d’Israël."

< यशायाह 45 >