< यशायाह 39 >
1 उसी समय बाबेल के राजा बलादन के पुत्र मेरोदाख-बलादान ने हिज़किय्याह के लिए पत्र तथा एक उपहार भेजा, क्योंकि उन्हें यह समाचार मिला, कि हिज़किय्याह अस्वस्थ था तथा अब वह ठीक है.
In tempore illo misit Merodach Baladan, filius Baladan, rex Babylonis, libros et munera ad Ezechiam: audierat enim quod ægrotasset et convaluisset.
2 हिज़किय्याह उनकी बातें ध्यान से सुनता रहा, फिर उनका स्वागत करते हुए उसने उन्हें अपना सारा खजाना, सोना-चांदी और सभी मसाले, कीमती तेल, अपना हथियार घर और अपने भंडार घर की सारी वस्तुएं दिखा दीं; यानी सभी कुछ, जो उसके खजानों में जमा था. उसके घर में या उसके सारी राज्य में ऐसा कुछ न था, जो उसने उन्हें न दिखाया हो.
Lætatus est autem super eis Ezechias, et ostendit eis cellam aromatum, et argenti, et auri, et odoramentorum, et unguenti optimi, et omnes apothecas supellectilis suæ, et universa quæ inventa sunt in thesauris ejus. Non fuit verbum quod non ostenderet eis Ezechias in domo sua, et in omni potestate sua.
3 यह होने के बाद भविष्यद्वक्ता यशायाह राजा हिज़किय्याह से भेंट करने गए और उससे कहा, “क्या कह रहे हैं ये लोग, कहां से आए थे?” “हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, वे एक दूर देश से—बाबेल से मेरे पास आए थे.”
Introivit autem Isaias propheta ad Ezechiam regem, et dixit ei: Quid dixerunt viri isti, et unde venerunt ad te? Et dixit Ezechias: De terra longinqua venerunt ad me, de Babylone.
4 भविष्यद्वक्ता यशायाह ने राजा से पूछा, “क्या-क्या देखा उन्होंने आपके घर का?” हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, “जो कुछ मेरे घर में है, वे सभी कुछ देख गए हैं, मेरे खजाने में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो उन्होंने न देखा हो.”
Et dixit: Quid viderunt in domo tua? Et dixit Ezechias: Omnia quæ in domo mea sunt viderunt; non fuit res quam non ostenderim eis in thesauris meis.
5 यह सुन यशायाह ने हिज़किय्याह से कहा, “याहवेह का संदेश सुनिए:
Et dixit Isaias ad Ezechiam: Audi verbum Domini exercituum.
6 ‘यह देख लेना कि वे दिन आ रहे हैं, जब वह सभी कुछ, जो आपके घर में है, वह सब, जो आपके पूर्वजों द्वारा आज तक इकट्ठा किया गया है, बाबेल को ले जाया जाएगा—कुछ भी बाकी न रह जाएगा,’ यह याहवेह का संदेश है.
Ecce dies venient, et auferentur omnia quæ in domo tua sunt, et quæ thesaurizaverunt patres tui usque ad diem hanc, in Babylonem; non relinquetur quidquam, dicit Dominus.
7 तुम्हारे ही अपने पुत्रों में से कुछ को, जो तुम्हारे अपने पुत्र होंगे उन्हें बंधुआई में ले जाया जाएगा. वे बाबेल के राजा के राजघराने में नपुंसक बना दिए जाएंगे.”
Et de filiis tuis, qui exibunt de te, quos genueris, tollent, et erunt eunuchi in palatio regis Babylonis.
8 तब हिज़किय्याह ने यशायाह से कहा, “याहवेह का वचन जो तुमने कहा वह भला ही है,” फिर कहा, “कम से कम मेरे जीवनकाल में तो शांति एवं सुरक्षा बनी रहेगी.”
Et dixit Ezechias ad Isaiam: Bonum verbum Domini, quod locutus est. Et dixit: Fiat tantum pax et veritas in diebus meis!