< यशायाह 34 >
1 हे राज्य, राज्य के लोगो, सुनो! सारी पृथ्वी के लोगो, और जो कुछ इसमें है ध्यान से सुनो!
[Accedite, gentes, et audite; et populi, attendite: audiat terra, et plenitudo ejus; orbis, et omne germen ejus.
2 क्योंकि याहवेह का क्रोध सब जातियों पर तथा उनके शत्रुओं पर है. उन्होंने तो इन शत्रुओं को पूरा नष्ट कर दिया है, उन्होंने इन शत्रुओं को वध के लिए छोड़ दिया है.
Quia indignatio Domini super omnes gentes, et furor super universam militiam eorum: interfecit eos, et dedit eos in occisionem.
3 जो मर गये हैं उन्हें बाहर फेंक दिया जाएगा, उनके शव सड़ जायेंगे; तथा पर्वत उनके रक्त से गल जाएंगे.
Interfecti eorum projicientur, et de cadaveribus eorum ascendet fœtor; tabescent montes a sanguine eorum.
4 आकाश के सभी तारे छिप जाएंगे तथा आकाश कागज़ की नाई लपेट दिया जाएगा; आकाश के तारे मुरझाई हुई पत्तियों के समान गिर जायेंगे.
Et tabescet omnis militia cælorum, et complicabuntur sicut liber cæli: et omnis militia eorum defluet, sicut defluit folium de vinea et de ficu.
5 क्योंकि स्वर्ग में मेरी तलवार पीकर तृप्त हो चुकी है; अब न्याय के लिए एदोम पर बरसेगी, उन लोगों पर जिन्हें मैंने नाश के लिए अलग कर दिया है.
Quoniam inebriatus est in cælo gladius meus; ecce super Idumæam descendet, et super populum interfectionis meæ, ad judicium.
6 याहवेह की तलवार लहू से भरी है, यह मेमनों तथा बकरों के रक्त तथा चर्बी से तृप्त हो चुकी है. क्योंकि याहवेह ने बोज़राह में यज्ञ बलि अर्पण आयोजित किया है तथा एदोम देश में एक विशाल संहार.
Gladius Domini repletus est sanguine, incrassatus est adipe, de sanguine agnorum et hircorum, de sanguine medullatorum arietum: victima enim Domini in Bosra, et interfectio magna in terra Edom.
7 जंगली बैलों का भी उन्हीं के साथ संहार हो जाएगा, तथा पुष्ट सांड़ बछड़े के साथ वध हो जाएंगे. इस प्रकार उनका देश रक्त से गल जाएगा, तथा वहां की धूल वसायुक्त हो जाएगी.
Et descendent unicornes cum eis, et tauri cum potentibus; inebriabitur terra eorum sanguine, et humus eorum adipe pinguium.
8 क्योंकि याहवेह द्वारा बदला लेने का दिन तय किया गया है, यह ज़ियोन के हित में प्रतिफल का वर्ष होगा.
Quia dies ultionis Domini, annus retributionum judicii Sion.
9 एदोम की नदियां झरने बन जायेंगी, तथा इसकी मिट्टी गंधक; तथा देश प्रज्वलित झरने हो जाएंगे!
Et convertentur torrentes ejus in picem, et humus ejus in sulphur; et erit terra ejus in picem ardentem.
10 न तो यह दिन में बुझेगी, न रात्रि में; इसका धुआं सदा ऊपर उठता रहेगा. पीढ़ी से पीढ़ी तक यह सुनसान पड़ा रहेगा; कोई भी इसके बाद यहां से होकर नहीं जाएगा.
Nocte et die non extinguetur, in sempiternum ascendet fumus ejus, a generatione in generationem desolabitur, in sæcula sæculorum non erit transiens per eam.
11 हवासिल तथा साही इस पर अपना अधिकार कर लेंगे; यह उल्लू तथा कौवों का घर हो जाएगा. याहवेह इसके ऊपर निर्जनता की सीमा-निर्धारण डोर तान देंगे तथा रिक्तता का साहुल भी.
Et possidebunt illam onocrotalus et ericius; ibis et corvus habitabunt in ea: et extendetur super eam mensura, ut redigatur ad nihilum, et perpendiculum in desolationem.
12 वहां ऐसा कोई भी नहीं जिसे वे राजा घोषित करें, वहां के ऊंचे पद वाले तथा उसके सब शासक किसी के योग्य नहीं हैं.
Nobiles ejus non erunt ibi; regem potius invocabunt, et omnes principes ejus erunt in nihilum.
13 गढ़नगर के महलों पर कंटीली झाड़ियां उग जाएंगी, इसके नगरों में बिच्छू, पौधे तथा झाड़ बढ़ जायेंगे. यहां सियारों का बसेरा हो जाएगा, जहां शुतुरमुर्ग घर करेंगे.
Et orientur in domibus ejus spinæ et urticæ, et paliurus in munitionibus ejus; et erit cubile draconum, et pascua struthionum.
14 वहां मरुभूमि के प्राणियों, तथा भेड़ियों का सम्मेलन हुआ करेगा; जंगली बकरे एक दूसरे को पुकारेंगे तथा वहां रात के जीव लेट जाएंगे.
Et occurrent dæmonia onocentauris, et pilosus clamabit alter ad alterum; ibi cubavit lamia, et invenit sibi requiem.
15 वहां उल्लू अपना घोंसला बनाएगा तथा वहीं वह अंडे देगा, वहां चूज़े पैदा होंगे तथा वह उन्हें अपने पंखों की छाया में ले लेगा; तब वहां बाज़ भी एकत्र होंगे.
Ibi habuit foveam ericius, et enutrivit catulos, et circumfodit, et fovit in umbra ejus; illuc congregati sunt milvi, alter ad alterum.
16 याहवेह की पुस्तक से खोज करते हुए पढ़ो: इनमें से एक भी न हटेगा, न किसी जोड़े को साथी का अभाव होगा. क्योंकि स्वयं याहवेह ने कहा है, तथा उनके आत्मा ने उन्हें एक किया है.
Requirite diligenter in libro Domini, et legite: Unum ex eis non defuit, alter alterum non quæsivit; quia quod ex ore meo procedit, ille mandavit, et spiritus ejus ipse congregavit ea.
17 याहवेह ने उनके लिए पासे फेंके हैं; स्वयं उन्होंने डोरी द्वारा बांट दिया हैं. इस पर उनका हक सर्वदा बना रहेगा एक से दूसरी पीढ़ी तक वे इसमें निवास करते रहेंगे.
Et ipse misit eis sortem, et manus ejus divisit eam illis in mensuram: usque in æternum possidebunt eam; in generationem et generationem habitabunt in ea.]