< यशायाह 33 >
1 हाय! तुम पर, जिनको नाश नहीं किया गया! और हाय! तुम विश्वासघातियों पर, जिनके साथ विश्वासघात नहीं किया गया! जब तुम नाश करोगे, तब तुम नाश किए जाओगे; और जब तुम विश्वासघात कर लोगे, तब तुम्हारे साथ विश्वासघात किया जायेगा.
Горко на тебе, който разоряваш, а не си бил разорен, Който постъпваш коварно; а с тебе на се постъпили коварно! Когато престанеш да разоряваш ще бъдеш разорен, И когато спреш да постъпваш коварно, ще постъпват коварно с тебе.
2 हे याहवेह, हम पर दया कीजिए; हम आप ही की ओर देखते हैं. प्रति भोर आप हमारा बल तथा विपत्ति में हमारा सहायक बनिये.
Господи, смили се за нас; Тебе чакаме; Бъди ни мишца всяка заран, И избавление за нас в усилно време.
3 शोर सुनते ही लोग भागने लगते हैं; जब आप उठते तब, लोग बिखरने लगते हैं.
От шума на метежа племената побягнаха; От Твоето издигане народите се разпръснаха.
4 जैसे टिड्डियां खेत को नष्ट करती हैं; उसी प्रकार लूटकर लाई गई चीज़ों को नष्ट कर दिया गया है, मनुष्य उस पर लपकते हैं.
И користта ще се събере от вас както гъсениците събират; Ще скокнат върху нея, както скача скакалец
5 याहवेह महान हैं, वह ऊंचे पर रहते हैं; उन्होंने ज़ियोन को न्याय तथा धर्म से भर दिया है.
Господ е превъзвишен, защото обитава на високо; Той е изпълнил Сион с правосъдие и правда.
6 याहवेह तुम्हारे समय के लिए निश्चित आधार होगा! उद्धार, बुद्धि और ज्ञान तुम्हारा हक होगा; और याहवेह का भय उसका धन होगा.
А чрез мъдрост и знание и изобилно спасение Ще бъдат утвърдени времената ти: Страхът от Господа е Неговото съкровище.
7 देख, उनके सैनिक गलियों में रो रहे हैं; शांति के राजदूत फूट-फूटकर रो रहे हैं.
Ето, юнаците им викат навън; Посланиците на мира плачат горчиво
8 मार्ग सुनसान पड़े हैं, और सब वायदों को तोड़ दिया गया है. उसे नगरों से घृणा हो चुकी है, मनुष्य के प्रति उसमें कोई सम्मान नहीं है.
Друмовете запустяха; Няма вече пътници; Той наруши договора, презря градовете, Не счита човека за нищо.
9 देश रो रहा है, और परेशान है, लबानोन लज्जित होकर मुरझा रहा है; शारोन मरुभूमि के मैदान के समान हो गया है, बाशान तथा कर्मेल की हरियाली खत्म हो चुकी हैं.
Земята жалее и изнемощява; Ливан е посрамен и вехне; Сарон прилича на пустиня; Листата на Васан и Кармил окапаха.
10 याहवेह ने कहा, “अब मैं उठूंगा, अब मैं अपना प्रताप दिखाऊंगा; और महान बनाऊंगा.
Сега ще стана, казва Господ; Сега ще се възвиша, сега ще се възвелича.
11 तुम्हें सूखी घास का गर्भ रहेगा, और भूसी उत्पन्न होगी; तुम्हारी श्वास ही तुम्हें भस्म कर देगी.
Слама ще заченете, и плява ще родите; Дишането ви като огън ще ви пояде,
12 जो लोग भस्म होंगे वे चुने के समान हो जाएंगे; उन कंटीली झाड़ियों को आग में भस्म कर दिया जायेगा.”
И племената ще бъдат вар що гори, Като отсечени тръни, които изгарят в огън.
13 हे दूर-दूर के लोगों, सुनो कि मैंने क्या-क्या किया है; और तुम, जो पास हो, मेरे सामर्थ्य को देखो!
Слушайте, вие далечни, що съм сторил; И вие близки признайте силата Ми.
14 ज़ियोन के पापी डर गये; श्रद्धाहीन कांपने लगे: “हममें से कौन इस आग में जीवित रहेगा? जो कभी नहीं बुझेगी.”
Грешните в Сион се боят; Трепет обзема безбожните; и казват: Кой от вас ще обитава при поглъщащ огън? Кой от вас ще обитава при вечни пламъци?
15 वही जो धर्म से चलता है तथा सीधी बातें बोलता, जो गलत काम से नफरत करता है जो घूस नहीं लेता, जो खून की बात सुनना नहीं चाहता और बुराई देखना नहीं चाहता—
Който ходи праведно и говори справедливо, Който презира печалбата от насилствата, Който отърсва ръцете си от дароприемство, Който запушва ушите си, за да не чуе за кръвопролитие, И който затуля очите си, за да не види злото,
16 वही ऊंचे स्थान में रहेगा, व चट्टानों में शरण पायेगा. उसे रोटी, और पानी की कमी नहीं होगी.
Той ще обитава на високо; крепостите на канарите ще бъдат мястото на защитата му; Хлябът му ще му се даде, водата му няма да липсва.
17 तुम स्वयं अपनी ही आंखों से राजा को देखोगे और लंबे चौड़े देश पर ध्यान दोगे.
Очите ти ще видят царя в красотата му, Ще видят широкоразпространена земя.
18 तुम्हारा हृदय भय के दिनों को याद करेगा: “हिसाब लेनेवाला और कर तौलकर लेनेवाला कहां रहा? गुम्मटों का लेखा लेनेवाला कहां रहा?”
Сърцето ти ще си спомня за миналия ужас, казвайки: Где е този, който броеше кулите?
19 उन निर्दयी लोगों को तू दोबारा न देखेगा, जिनकी भाषा कठिन है और जो हकलाते हैं, तथा उनकी बातें किसी को समझ नहीं आती.
Няма вече да видиш свирепите люде, Люде с дълбок глас, който не проумяваш, С чужд език, който не разбираш.
20 ज़ियोन के नगर पर ध्यान दो, जो उत्सवों का नगर है; येरूशलेम को तुम एक शांत ज़ियोन के रूप में देखोगे, एक ऐसे शिविर, जिसे लपेटा नहीं जाएगा; जिसके खूंटों को उखाड़ा न जाएगा, न ही जिसकी रस्सियों को काटा जाएगा.
Погледни на Сион, града на празниците ни; Очите ти ще видят Ерусалим безмълвно заселище, Щатър, който няма да се мести, Чиито колове никога не ще бъдат извадени, И нито едно от въжетата му скъсано.
21 किंतु वही याहवेह जो पराक्रमी परमेश्वर हैं हमारे पक्ष में है. वह बड़ी-बड़ी नदियों एवं नहरों का स्थान है. उन पर वह नाव नहीं जा सकती जिसमें पतवार लगते हैं, इस पर बड़े जहाज़ नहीं जा सकते.
Но там Господ ще бъде с нас във величието Си, Като място на широки реки и потоци, Гдето няма да върви ладия с весла, Нито ще мине великолепен кораб.
22 क्योंकि याहवेह हमारे न्यायी हैं, याहवेह हमारे हाकिम, याहवेह हमारे राजा हैं; वही हमें उद्धार देंगे.
Защото Господ е наш съдия, Господ е наш законодател, Господ е наш цар, Той ще ни спаси.
23 तुम्हारी रस्सियां ढीली पड़ी हुई हैं: वे जहाज़ को स्थिर न रख सकतीं, न पाल को तान सके. तब लूटी हुई चीज़ों को बांटकर विकलांग ले जाएंगे.
Въжетата ти ослабнаха, Не можеха да крепят мачтата ти, Не можеха да разпрострат платната; И тогава големи користи се разделиха, Хромите разграбиха плячката.
24 कोई भी व्यक्ति यह नहीं कहेगा, “मैं बीमार हूं”; वहां के लोगों के अधर्म को क्षमा कर दिया जायेगा.
И жителят няма да рече: Болен съм; На людете, които живеят в него, ще се прости беззаконието им.