< होशे 1 >

1 याहवेह का वह संदेश, जो बएरी के पुत्र होशिया के पास यहूदिया के राजा उज्जियाह, योथाम, आहाज़ और हिज़किय्याह के शासनकाल में, और इस्राएल के राजा यहोआश के पुत्र यरोबोअम के शासनकाल में आया:
هَذِهِ هِيَ كَلِمَةُ الرَّبِّ الَّتِي أَوْحَى بِها إِلَى هُوشَعَ بْنِ بِئِيرِي فِي أَثْنَاءِ حُكْمِ كُلٍّ مِنْ عُزِّيَّا وَيُوثَامَ وَآحَازَ وَحَزَقِيَّا مُلُوكِ يَهُوذَا، وَفِي أَيَّامِ يَرُبْعَامَ بْنِ يُوآشَ مَلِكِ إِسْرَائِيلَ.١
2 अपनी बात को शुरू करते हुए याहवेह ने होशिया से यह कहा, “जाओ, और किसी वेश्या से शादी कर लो और उससे बच्‍चे पैदा करो, क्योंकि एक व्यभिचारी पत्नी की तरह यह देश याहवेह से विश्वासघात करने का अपराधी है.”
وَأَوَّلُ مَا خَاطَبَ الرَّبُّ بِهِ هُوشَعَ أَنَّهُ قَالَ لَهُ: «اذْهَبْ وَتَزَوَّجْ مِنْ عَاهِرَةٍ، تُنْجِبُ لَكَ أَبْنَاءَ زِنىً، لأَنَّ الأَرْضَ قَدْ زَنَتْ إِذْ تَرَكَتِ الرَّبَّ».٢
3 अतः होशेआ ने दिबलायिम की बेटी गोमर से शादी की, और वह गर्भवती हुई और उसने एक पुत्र को जन्म दिया.
فَمَضَى هُوشَعُ وَتَزَوَّجَ جُومَرَ بِنْتَ دِبْلايِمَ، فَحَمَلَتْ وَأَنْجَبَتْ لَهُ ابْناً.٣
4 तब याहवेह ने होशेआ से कहा, “उसका नाम येज़्रील रखो, क्योंकि शीघ्र ही येज़्रील में किए नरसंहार के लिये, मैं येहू के घराने को दंड दूंगा, और मैं इस्राएल के राज्य का अंत कर दूंगा.
فَقَالَ الرَّبُّ لَهُ: «ادْعُ اسْمَهُ يَزْرَعِيلَ، لأَنِّي مُوشِكٌ أَنْ أَقْضِيَ عَلَى بَيْتِ يَاهُو انْتِقَاماً لِدَمِ يَزْرَعِيلَ، وَأُبِيدَ مَمْلَكَةَ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ.٤
5 उस दिन मैं येज़्रील के घाटी में इस्राएल की सैन्य-शक्ति का अंत कर दूंगा.”
فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ أُحَطِّمُ قَوْسَ إِسْرَائِيلَ فِي وَادِي يَزْرَعِيلَ».٥
6 गोमेर फिर गर्भवती हुई और उसने एक बेटी को जन्म दिया. तब याहवेह ने होशेआ को कहा, “तुम उसका नाम लो-रुहामाह रखो, क्योंकि अब मैं इस्राएल के प्रति कोई प्रेम नहीं दिखाऊंगा, और उन्हें किसी प्रकार से क्षमा नहीं करूंगा.
ثُمَّ حَمَلَتْ ثَانِيَةً فَأَنْجَبَتِ ابْنَةً، فَقَالَ لَهُ الرَّبُّ: «سَمِّهَا لُورُحَامَةَ (وَمَعْنَاهُ: لَا رَحْمَةَ) لأَنِّي لَا أَعُودُ أَرْحَمُ بَيْتَ إِسْرَائِيلَ وَلَنْ أَصْفَحَ عَنْهُمْ.٦
7 किंतु मैं यहूदिया पर अपना प्रेम दिखाऊंगा; और उन्हें बचाऊंगा—यह बचाव न तो धनुष, तलवार या युद्ध के द्वारा, या घोड़ों और घुड़सवारों के द्वारा होगा, पर मैं, याहवेह उनका परमेश्वर उनको बचाऊंगा.”
وَلَكِنِّي أَرْحَمُ بَيْتَ يَهُوذَا وَأُخَلِّصُهُمْ بِقُوَّتِي أَنَا الرَّبُّ إِلَهُهُمْ. لَنْ أُنْقِذَهُمْ بِقَوْسٍ أَوْ بِسَيْفٍ، وَلا بِحَرْبٍ وَلا بِخَيْلٍ أَوْ فُرْسَانٍ».٧
8 गोमेर ने लो-रुहामाह का दूध छुड़ाने के बाद एक और बेटे को जन्म दिया.
وَبَعْدَ أَنْ فَطَمَتْ «لُورُحَامَةَ» حَمَلَتْ وَأَنْجَبَتِ ابْناً.٨
9 तब याहवेह ने कहा, “उसका नाम लो-अम्मी रखो, क्योंकि तुम मेरे लोग नहीं हो, और मैं तुम्हारा परमेश्वर नहीं हूं.
وَقَالَ الرَّبُّ: «سَمِّهِ لُوعَمِّي (وَمَعْنَاهُ: لَيْسَ شَعْبِي) لأَنَّكُمْ لَسْتُمْ شَعْبِي وَأَنَا لَسْتُ إِلَهَكُمْ.٩
10 “फिर भी इस्राएलियों की संख्या समुद्रतट के बालू के जैसे होगी, जिन्हें न तो नापा जा सकता है और न ही गिना जा सकता है. जिस स्थान पर उनसे यह कहा गया था, ‘तुम मेरी प्रजा नहीं हो,’ उसी स्थान पर वे ‘जीवित परमेश्वर की संतान’ घोषित किए जाएंगे.
وَمَعَ ذَلِكَ فَإِنَّ عَدَدَ بَنِي إِسْرَائِيلَ يَكُونُ كَرَمْلِ الْبَحْرِ الَّذِي لَا يُكَالُ وَلا يُحْصَى. وَفِي الْمَوْضِعِ الَّذِي قِيلَ لَهُمْ فِيهِ: أَنْتُمْ لَسْتُمْ شَعْبِي، يُقَالُ لَهُمْ: أَنْتُمْ أَبْنَاءُ اللهِ الْحَيِّ.١٠
11 यहूदिया के लोग और इस्राएल के लोग एक साथ इकट्ठा होंगे; वे मिलकर अपने लिए एक नेता ठहराएंगे और वे देश से निकल आएंगे, क्योंकि येज़्रील का वह दिन एक महान दिन होगा.
وَيَجْتَمِعُ أَبْنَاءُ يَهُوذَا وَأَبْنَاءُ إِسْرَائِيلَ مَعاً وَيَنْصِبُونَ عَلَيْهِمْ قَائِداً وَاحِداً، وَيَرْجِعُونَ مِنْ أَرْضِ السَّبْيِ، لأَنَّ يَوْمَ يَزْرَعِيلَ عَظِيمٌ».١١

< होशे 1 >