< होशे 12 >

1 एफ्राईम हवा को अपना भोजन बनाता है; वह सारा दिन पूर्वी वायु का पीछा करता है और अपने झूठ और हिंसा को बढ़ाता रहता है. वह अश्शूर देश से संधि करता है और मिस्र देश को जैतून का तेल भेजता है.
[Ephraim pascit ventum, et sequitur æstum; tota die mendacium et vastitatem multiplicat: et fœdus cum Assyriis iniit, et oleum in Ægyptum ferebat.
2 यहूदिया के विरुद्ध भी याहवेह का आरोप है; वह याकोब को उसके चालचलन के अनुसार दंड देंगे और उसके कार्यों के अनुरूप उसको बदला देंगे.
Judicium ergo Domini cum Juda, et visitatio super Jacob: juxta vias ejus, et juxta adinventiones ejus reddet ei.
3 जब याकोब ने अपने मां के कोख से ही अपने भाई की एड़ी जकड़ ली थी; एक मनुष्य के रूप में उसने परमेश्वर से संघर्ष किया.
In utero supplantavit fratrem suum, et in fortitudine sua directus est cum angelo.
4 उसने स्वर्गदूत से संघर्ष किया और उस पर प्रबल हुआ; वह रोया और उससे कृपादृष्टि के लिये विनती की. बेथेल में वह परमेश्वर से मिला और वहां उसने उनसे बातें की—
Et invaluit ad angelum, et confortatus est; flevit, et rogavit eum. In Bethel invenit eum, et ibi locutus est nobiscum.
5 याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर, याहवेह उनका नाम है!
Et Dominus Deus exercituum, Dominus memoriale ejus.
6 पर अवश्य है कि तुम अपने परमेश्वर के पास लौटो; प्रेम और न्याय के काम में बने रहो, और हमेशा अपने परमेश्वर पर निर्भर रहो.
Et tu ad Deum tuum converteris; misericordiam et judicium custodi, et spera in Deo tuo semper.
7 व्यापारी गलत नाप का उपयोग करता है और छल करना उसको अच्छा लगता है,
Chanaan, in manu ejus statera dolosa, calumniam dilexit.
8 एफ्राईम घमंड करता है, “मैं बहुत धनवान हूं; मैं धनी हो गया हूं. मेरी सारी संपत्ति सहित वे मुझमें कोई अपराध या पाप नहीं पाएंगे.”
Et dixit Ephraim: Verumtamen dives effectus sum; inveni idolum mihi: omnes labores mei non invenient mihi iniquitatem quam peccavi.
9 “जब से तुम मिस्र देश से निकलकर आये, मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं; मैं फिर तुम्हें तंबुओं में निवास कराऊंगा, जैसे कि तुम्हारे ठहराए त्योहार के दिनों में हुआ करता था.
Et ego Dominus Deus tuus ex terra Ægypti: adhuc sedere te faciam in tabernaculis, sicut in diebus festivitatis.
10 मैंने भविष्यवक्ताओं से बात किया, उन्हें कई दर्शन दिखाये और उनके माध्यम से अनेक दृष्टांत बताये.”
Et locutus sum super prophetas, et ego visionem multiplicavi, et in manu prophetarum assimilatus sum.
11 क्या गिलआद दुष्ट है? इसके लोग बेकार हैं! क्या वे गिलगाल में बैलों का बलिदान करते हैं? उनकी वेदियां जोते गये खेत में पत्थरों के ढेर के समान होंगी.
Si Galaad idolum, ergo frustra erant in Galgal bobus immolantes; nam et altaria eorum quasi acervi super sulcos agri.
12 याकोब तो अराम देश को भाग गया; इस्राएल ने एक पत्नी पाने के लिये सेवा की, और उसका दाम चुकाने के लिये उसने भेड़ें चराई.
Fugit Jacob in regionem Syriæ, et servivit Israël in uxorem, et in uxorem servavit.
13 याहवेह ने मिस्र से इस्राएल को निकालने के लिये एक भविष्यवक्ता का उपयोग किया, एक भविष्यवक्ता के द्वारा उसने उसका ध्यान रखा.
In propheta autem eduxit Dominus Israël de Ægypto, et in propheta servatus est.
14 पर एफ्राईम ने याहवेह के क्रोध को बहुत भड़काया है; उसका प्रभु उसके द्वारा किए गये खून का दोष उसी पर रहने देगा और उसके अनादर के लिये उसको बदला चुकाएगा.
Ad iracundiam me provocavit Ephraim in amaritudinibus suis: et sanguis ejus super eum veniet, et opprobrium ejus restituet ei Dominus suus.]

< होशे 12 >