< होशे 12 >
1 एफ्राईम हवा को अपना भोजन बनाता है; वह सारा दिन पूर्वी वायु का पीछा करता है और अपने झूठ और हिंसा को बढ़ाता रहता है. वह अश्शूर देश से संधि करता है और मिस्र देश को जैतून का तेल भेजता है.
Ephraim hat seine Freude an windigem Treiben und jagt dem Ostwind nach: täglich wird es verlogener und eigenmächtiger; mit Assyrien schließen sie ein Bündnis, und nach Ägypten wird Öl gebracht.
2 यहूदिया के विरुद्ध भी याहवेह का आरोप है; वह याकोब को उसके चालचलन के अनुसार दंड देंगे और उसके कार्यों के अनुरूप उसको बदला देंगे.
Auch gegen Juda hat der HERR Anklage zu erheben, und er muß Jakob zur Rechenschaft ziehen wegen seines Verhaltens, nach seinem ganzen Tun ihm vergelten.
3 जब याकोब ने अपने मां के कोख से ही अपने भाई की एड़ी जकड़ ली थी; एक मनुष्य के रूप में उसने परमेश्वर से संघर्ष किया.
Schon im Mutterschoß hat er seines Bruders Ferse gefaßt und in seiner Manneskraft mit Gott gerungen;
4 उसने स्वर्गदूत से संघर्ष किया और उस पर प्रबल हुआ; वह रोया और उससे कृपादृष्टि के लिये विनती की. बेथेल में वह परमेश्वर से मिला और वहां उसने उनसे बातें की—
er hat mit dem Engel gerungen und die Oberhand behalten, er hat geweint und ihn um Erbarmen angefleht; in Bethel hatte er ihn gefunden und daselbst mit ihm geredet –
5 याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर, याहवेह उनका नाम है!
nämlich der HERR, der Gott der Heerscharen, dessen Name ›der HERR‹ ist –:
6 पर अवश्य है कि तुम अपने परमेश्वर के पास लौटो; प्रेम और न्याय के काम में बने रहो, और हमेशा अपने परमेश्वर पर निर्भर रहो.
»Du wirst in deine Zelte heimkehren! Halte an Liebe und Recht fest und hoffe immerdar auf deinen Gott!«
7 व्यापारी गलत नाप का उपयोग करता है और छल करना उसको अच्छा लगता है,
Als (echter) Kanaanäer führt er eine falsche Waage in der Hand: er liebt es zu betrügen;
8 एफ्राईम घमंड करता है, “मैं बहुत धनवान हूं; मैं धनी हो गया हूं. मेरी सारी संपत्ति सहित वे मुझमें कोई अपराध या पाप नहीं पाएंगे.”
aber Ephraim sagt: »Ich bin ja doch reich geworden, habe mir ein Vermögen erworben! Bei allem, was ich besitze, wird man mir kein Unrecht nachweisen, das Sünde wäre!«
9 “जब से तुम मिस्र देश से निकलकर आये, मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं; मैं फिर तुम्हें तंबुओं में निवास कराऊंगा, जैसे कि तुम्हारे ठहराए त्योहार के दिनों में हुआ करता था.
»Ich aber, der HERR, dein Gott vom Lande Ägypten her, will dich noch einmal in Zelten wohnen lassen wie in den Tagen der Festfeier.
10 मैंने भविष्यवक्ताओं से बात किया, उन्हें कई दर्शन दिखाये और उनके माध्यम से अनेक दृष्टांत बताये.”
Ich habe doch zu den Propheten geredet, und ich bin es, der sich oftmals durch zahlreiche Gesichte kundgegeben und durch die Propheten in Gleichnissen geredet hat.
11 क्या गिलआद दुष्ट है? इसके लोग बेकार हैं! क्या वे गिलगाल में बैलों का बलिदान करते हैं? उनकी वेदियां जोते गये खेत में पत्थरों के ढेर के समान होंगी.
Wenn sie in Gilead nichtswürdig gewesen sind, so sollen sie auch vernichtet werden; haben sie in Gilgal Stiere geopfert, so sollen auch ihre Altäre (verwüstet und) wie Steinhaufen an den Rainen der Äcker werden!« –
12 याकोब तो अराम देश को भाग गया; इस्राएल ने एक पत्नी पाने के लिये सेवा की, और उसका दाम चुकाने के लिये उसने भेड़ें चराई.
Als Jakob einst ins Gefilde der Aramäer geflohen war, diente Israel als Knecht um ein Weib und hütete die Herden um ein (zweites) Weib;
13 याहवेह ने मिस्र से इस्राएल को निकालने के लिये एक भविष्यवक्ता का उपयोग किया, एक भविष्यवक्ता के द्वारा उसने उसका ध्यान रखा.
und durch einen Propheten hat der HERR die Israeliten aus Ägypten heraufgeführt, und durch einen (anderen) Propheten ist es behütet worden.
14 पर एफ्राईम ने याहवेह के क्रोध को बहुत भड़काया है; उसका प्रभु उसके द्वारा किए गये खून का दोष उसी पर रहने देगा और उसके अनादर के लिये उसको बदला चुकाएगा.
Doch Ephraim hat ihm bittere Kränkung bereitet; so wird denn sein Herr seine Blutschuld an ihm haften lassen und die ihm zugefügte Schmach ihm vergelten!