< इब्रानियों 13 >

1 भाईचारे का प्रेम लगातार बना रहे.
بھْراترِشُ پْریمَ تِشْٹھَتُ۔ اَتِتھِسیوا یُشْمابھِ رْنَ وِسْمَرْیَّتاں
2 अपरिचितों का अतिथि-सत्कार करना न भूलो. ऐसा करने के द्वारा कुछ ने अनजाने ही स्वर्गदूतों का अतिथि-सत्कार किया था.
یَتَسْتَیا پْرَچّھَنَّرُوپینَ دِوْیَدُوتاح کیشانْچِدْ اَتِتھَیوبھَوَنْ۔
3 बंदियों के प्रति तुम्हारा व्यवहार ऐसा हो मानो तुम स्वयं उनके साथ बंदीगृह में हो. सताए जाने वालों को न भूलना क्योंकि तुम सभी एक शरीर के अंग हो.
بَنْدِنَح سَہَبَنْدِبھِرِوَ دُحکھِنَشْچَ دیہَواسِبھِرِوَ یُشْمابھِح سْمَرْیَّنْتاں۔
4 विवाह की बात सम्मानित रहे तथा विवाह का बिछौना कभी अशुद्ध न होने पाए क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों तथा परस्त्रीगामियों को दंडित करेंगे.
وِواہَح سَرْوّیشاں سَمِیپے سَمّانِتَوْیَسْتَدِییَشَیّا چَ شُچِح کِنْتُ ویشْیاگامِنَح پارَدارِکاشْچیشْوَرینَ دَنْڈَیِشْیَنْتے۔
5 यह ध्यान रहे कि तुम्हारा चरित्र धन के लोभ से मुक्त हो. जो कुछ तुम्हारे पास है, उसी में संतुष्ट रहो क्योंकि स्वयं उन्होंने कहा है, “मैं न तो तुम्हारा त्याग करूंगा और न ही कभी तुम्हें छोड़ूंगा.”
یُویَمْ آچارے نِرْلوبھا بھَوَتَ وِدْیَمانَوِشَیے سَنْتُشْیَتَ چَ یَسْمادْ اِیشْوَرَ ایویدَں کَتھِتَوانْ، یَتھا، "تْواں نَ تْیَکْشْیامِ نَ تْواں ہاسْیامِ۔ "
6 इसलिये हम निश्चयपूर्वक यह कहते हैं, “प्रभु मेरे सहायक हैं, मैं डरूंगा नहीं. मनुष्य मेरा क्या कर लेगा?”
اَتَایوَ وَیَمْ اُتْساہینیدَں کَتھَیِتُں شَکْنُمَح، "مَتْپَکْشے پَرَمیشوسْتِ نَ بھیشْیامِ کَداچَنَ۔ یَسْماتْ ماں پْرَتِ کِں کَرْتُّں مانَوَح پارَیِشْیَتِ۔۔ "
7 उनको याद रखो, जो तुम्हारे अगुए थे, जिन्होंने तुम्हें परमेश्वर के वचन की शिक्षा दी और उनके स्वभाव के परिणाम को याद करते हुए उनके विश्वास का अनुसरण करो.
یُشْماکَں یے نایَکا یُشْمَبھْیَمْ اِیشْوَرَسْیَ واکْیَں کَتھِتَوَنْتَسْتے یُشْمابھِح سْمَرْیَّنْتاں تیشامْ آچارَسْیَ پَرِنامَمْ آلوچْیَ یُشْمابھِسْتیشاں وِشْواسونُکْرِیَتاں۔
8 मसीह येशु एक सा हैं—कल, आज तथा युगानुयुग. (aiōn g165)
یِیشُح کھْرِیشْٹَح شْوودْیَ سَدا چَ سَ ایواسْتے۔ (aiōn g165)
9 बदली हुई विचित्र प्रकार की शिक्षाओं के बहाव में न बह जाना. हृदय के लिए सही है कि वह अनुग्रह द्वारा दृढ़ किया जाए न कि खाने की वस्तुओं द्वारा. खान-पान संबंधी प्रथाओं द्वारा किसी का भला नहीं हुआ है.
یُویَں ناناوِدھَنُوتَنَشِکْشابھِ رْنَ پَرِوَرْتَّدھْوَں یَتونُگْرَہینانْتَحکَرَنَسْیَ سُسْتھِرِیبھَوَنَں کْشیمَں نَ چَ کھادْیَدْرَوْیَیح۔ یَتَسْتَداچارِنَسْتَے رْنوپَکرِتاح۔
10 हमारी एक वेदी है, जिस पर से उन्हें, जो मंदिर में सेवा करते हैं, खाने का कोई अधिकार नहीं है.
یے دَشْیَسْیَ سیواں کُرْوَّنْتِ تے یَسْیا دْرَوْیَبھوجَنَسْیانَدھِکارِنَسْتادرِشِی یَجْنَویدِرَسْماکَمْ آسْتے۔
11 क्योंकि उन पशुओं का शरीर, जिनका लहू महापुरोहित द्वारा पापबलि के लिए परम पवित्र स्थान में लाया जाता है, छावनी के बाहर ही जला दिए जाते हैं.
یَتو ییشاں پَشُوناں شونِتَں پاپَناشایَ مَہایاجَکینَ مَہاپَوِتْرَسْتھانَسْیابھْیَنْتَرَں نِییَتے تیشاں شَرِیرانِ شِبِرادْ بَہِ رْدَہْیَنْتے۔
12 मसीह येशु ने भी नगर के बाहर दुःख सहे कि वह स्वयं अपने लहू से लोगों को शुद्ध करें.
تَسْمادْ یِیشُرَپِ یَتْ سْوَرُدھِرینَ پْرَجاح پَوِتْرِیکُرْیّاتْ تَدَرْتھَں نَگَرَدْوارَسْیَ بَہِ رْمرِتِں بھُکْتَوانْ۔
13 इसलिये हम भी उनसे भेंट करने छावनी के बाहर वैसी ही निंदा उठाने चलें, जैसी उन्होंने उठाई
اَتو ہیتورَسْمابھِرَپِ تَسْیاپَمانَں سَہَمانَیح شِبِرادْ بَہِسْتَسْیَ سَمِیپَں گَنْتَوْیَں۔
14 क्योंकि यहां हमारा घर स्थाई नगर में नहीं है—हम उस नगर की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो अनंत काल का है.
یَتو تْراسْماکَں سْتھایِ نَگَرَں نَ وِدْیَتے کِنْتُ بھاوِ نَگَرَمْ اَسْمابھِرَنْوِشْیَتے۔
15 इसलिये हम उनके द्वारा परमेश्वर को लगातार आराधना की बलि भेंट करें अर्थात् उन होंठों का फल, जो उनके प्रति धन्यवाद प्रकट करते हैं.
اَتَایوَ یِیشُناسْمابھِ رْنِتْیَں پْرَشَںسارُوپو بَلِرَرْتھَتَسْتَسْیَ نامانْگِیکُرْوَّتامْ اوشْٹھادھَراناں پھَلَمْ اِیشْوَرایَ داتَوْیَں۔
16 भलाई करना और वस्तुओं का आपस में मिलकर बांटना समाप्‍त न करो क्योंकि ये ऐसी बलि हैं, जो परमेश्वर को प्रसन्‍न करती हैं.
اَپَرَنْچَ پَروپَکارو دانَنْچَ یُشْمابھِ رْنَ وِسْمَرْیَّتاں یَتَسْتادرِشَں بَلِدانَمْ اِیشْوَرایَ روچَتے۔
17 अपने अगुओं का आज्ञापालन करो, उनके अधीन रहो. वे तुम्हारी आत्माओं के पहरेदार हैं. उन्हें तुम्हारे विषय में हिसाब देना है. उनके लिए यह काम आनंद का विषय बना रहे न कि एक कष्टदायी बोझ. यह तुम्हारे लिए भी लाभदायक होगा.
یُویَں سْوَنایَکانامْ آجْناگْراہِنو وَشْیاشْچَ بھَوَتَ یَتو یَیرُپَنِدھِح پْرَتِداتَوْیَسْتادرِشا لوکا اِوَ تے یُشْمَدِییاتْمَناں رَکْشَنارْتھَں جاگْرَتِ، اَتَسْتے یَتھا سانَنْداسْتَتْ کُرْیُّ رْنَ چَ سارْتَّسْوَرا اَتْرَ یَتَدھْوَں یَتَسْتیشامْ آرْتَّسْوَرو یُشْماکَمْ اِشْٹَجَنَکو نَ بھَویتْ۔
18 हमारे लिए निरंतर प्रार्थना करते रहो, क्योंकि हमें हमारे निर्मल विवेक का निश्चय है. हमारा लगातार प्रयास यही है कि हमारा जीवन हर एक बात में आदरयोग्य हो.
اَپَرَنْچَ یُویَمْ اَسْمَنِّمِتِّں پْرارْتھَناں کُرُتَ یَتو وَیَمْ اُتَّمَمَنووِشِشْٹاح سَرْوَّتْرَ سَداچارَں کَرْتُّمْ اِچّھُکاشْچَ بھَوامَ اِتِ نِشْچِتَں جانِیمَح۔
19 तुमसे मेरी विशेष विनती है कि प्रार्थना करो कि मैं तुमसे भेंट करने शीघ्र आ सकूं.
وِشیشَتوہَں یَتھا تْوَرَیا یُشْمَبھْیَں پُنَ رْدِییے تَدَرْتھَں پْرارْتھَنایَے یُشْمانْ اَدھِکَں وِنَیے۔
20 शांति के परमेश्वर, जिन्होंने भेड़ों के महान चरवाहे अर्थात् मसीह येशु, हमारे प्रभु को अनंत वाचा के लहू के द्वारा मरे हुओं में से जीवित किया, (aiōnios g166)
اَنَنْتَنِیَمَسْیَ رُدھِرینَ وِشِشْٹو مَہانْ میشَپالَکو یینَ مرِتَگَنَمَدھْیاتْ پُنَرانایِ سَ شانْتِدایَکَ اِیشْوَرو (aiōnios g166)
21 तुम्हें हर एक भले काम में अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए सुसज्जित करें तथा हमें मसीह येशु के द्वारा वह करने के लिए प्रेरित करें, जो उनकी दृष्टि में सुखद है. उन्हीं की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे. आमेन. (aiōn g165)
نِجابھِمَتَسادھَنایَ سَرْوَّسْمِنْ سَتْکَرْمَّنِ یُشْمانْ سِدّھانْ کَروتُ، تَسْیَ درِشْٹَو چَ یَدْیَتْ تُشْٹِجَنَکَں تَدیوَ یُشْماکَں مَدھْیے یِیشُنا کھْرِیشْٹینَ سادھَیَتُ۔ تَسْمَے مَہِما سَرْوَّدا بھُویاتْ۔ آمینْ۔ (aiōn g165)
22 प्रिय भाई बहनो, मेरी विनती है कि इस उपदेश-पत्र को धीरज से सहन करना क्योंकि यह मैंने संक्षेप में लिखा है.
ہے بھْراتَرَح، وِنَیےہَں یُویَمْ اِدَمْ اُپَدیشَواکْیَں سَہَدھْوَں یَتوہَں سَںکْشیپینَ یُشْمانْ پْرَتِ لِکھِتَوانْ۔
23 याद रहे कि हमारे भाई तिमोथियॉस को छोड़ दिया गया है. यदि वह यहां शीघ्र आएं तो, उनके साथ आकर मैं तुमसे भेंट कर सकूंगा.
اَسْماکَں بھْراتا تِیمَتھِیو مُکْتوبھَوَدْ اِتِ جانِیتَ، سَ چَ یَدِ تْوَرَیا سَماگَچّھَتِ تَرْہِ تینَ سارْدّھَںمْ اَہَں یُشْمانْ ساکْشاتْ کَرِشْیامِ۔
24 अपने सभी अगुओं तथा सभी पवित्र लोगों को मेरा नमस्कार. इतालिया वासियों का तुम्हें नमस्कार.
یُشْماکَں سَرْوّانْ نایَکانْ پَوِتْرَلوکاںشْچَ نَمَسْکُرُتَ۔ اَپَرَمْ اِتالِیادیشِییاناں نَمَسْکارَں جْناسْیَتھَ۔
25 तुम सब पर अनुग्रह बना रहे.
اَنُگْرَہو یُشْماکَں سَرْوّیشاں سَہایو بھُویاتْ۔ آمینْ۔

< इब्रानियों 13 >