< इब्रानियों 11 >
1 और विश्वास उन तत्वों का निश्चय है, हमने जिनकी आशा की है, तथा उन तत्वों का प्रमाण है, जिन्हें हमने देखा नहीं है.
Now faith is the assurance of what we hope for and the conviction of what we do not see.
2 इसी के द्वारा प्राचीनों ने परमेश्वर की प्रशंसा प्राप्त की.
Because of their faith, the people of old were commended.
3 यह विश्वास ही है, जिसके द्वारा हमने यह जाना है कि परमेश्वर की आज्ञा मात्र से सारी सृष्टि अस्तित्व में आ गई. वह सब, जो दिखता है उसकी उत्पत्ति देखी हुई वस्तुओं से नहीं हुई. (aiōn )
By faith we understand that the universe was formed by the word of God. Consequently, we know that what can be seen did not come from anything visible. (aiōn )
4 यह विश्वास ही था, जिसके द्वारा हाबिल ने परमेश्वर को काइन की तुलना में बेहतर बलि भेंट की, जिसके कारण स्वयं परमेश्वर ने प्रशंसा के साथ हाबिल को धर्मी घोषित किया. परमेश्वर ने हाबिल की भेंट की प्रशंसा की. यद्यपि उनकी मृत्यु हो चुकी है, उनका यही विश्वास आज भी हमारे लिए गवाही है.
By faith Abel offered to God a better sacrifice than Cain, through which he was commended as righteous when God gave approval to his gifts. And by faith he still speaks, even though he is dead.
5 यह विश्वास ही था कि हनोख उठा लिए गए कि वह मृत्यु का अनुभव न करें: “उन्हें फिर देखा न गया, स्वयं परमेश्वर ने ही उन्हें अपने साथ ले लिया था.” उन्हें उठाए जाने के पहले उनकी प्रशंसा की गई थी कि उन्होंने परमेश्वर को प्रसन्न किया था.
By faith Enoch was taken up so that he would not see death, and he was not to be found, because God had taken him. Now before he was taken, he was commended as one who pleased God.
6 विश्वास की कमी में परमेश्वर को प्रसन्न करना असंभव है क्योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले व्यक्ति के लिए यह ज़रूरी है कि वह यह विश्वास करे कि परमेश्वर हैं और यह भी कि वह उन्हें प्रतिफल देते हैं, जो उनकी खोज करते हैं.
And without faith it is impossible to please God, for anyone who comes to him must believe that God exists and that he rewards those who earnestly seek him.
7 यह विश्वास ही था कि अब तक अनदेखी वस्तुओं के विषय में नोहा को परमेश्वर से चेतावनी प्राप्त हुई और नोहा ने अत्यंत भक्ति में अपने परिवार की सुरक्षा के लिए एक विशाल जलयान का निर्माण किया तथा विश्वास के द्वारा संसार को धिक्कारा और मीरास में उस धार्मिकता को प्राप्त किया, जो विश्वास से प्राप्त होती है.
By faith Noah, when he was warned about things not yet seen, was moved with reverent fear and built an ark to save his household. By faith he condemned the world and became an heir of the righteousness that comes by faith.
8 यह विश्वास ही था, जिसके द्वारा अब्राहाम ने परमेश्वर के बुलाने पर घर-परिवार का त्याग कर एक अन्य देश को चले जाने के लिए उनकी आज्ञा का पालन किया—वह देश, जो परमेश्वर उन्हें मीरास में देने पर थे. वह यह जाने बिना ही चल पड़े कि वह कहां जा रहे थे.
By faith Abraham obeyed when he was called to go out to the place that he was to receive as an inheritance. And he went out, not knowing where he was going.
9 वह विश्वास के द्वारा ही उस प्रतिज्ञा किए हुए देश में वैसे रहे, जैसे विदेश में एक अजनबी रहता है. विदेश में एक अजनबी की तरह उन्होंने यित्सहाक और याकोब के साथ तंबुओं में निवास किया, जो उसी प्रतिज्ञा के साथ वारिस थे.
By faith he sojourned in the land of promise, as in a foreign land, dwelling in tents with Isaac and Jacob, fellow heirs of the same promise.
10 उनकी दृष्टि उस स्थायी नगर की ओर थी, जिसके रचनेवाले और बनानेवाले परमेश्वर हैं.
For he was looking forward to the city that has foundations, whose designer and builder is God.
11 यह विश्वास ही था कि साराह ने भी गर्भधारण की क्षमता प्राप्त की हालांकि उनकी अवस्था इस योग्य नहीं रह गई थी. उन्होंने विश्वास किया कि परमेश्वर, जिन्होंने इसकी प्रतिज्ञा की थी, विश्वासयोग्य हैं.
By faith Sarah herself received the ability to conceive, and she bore a child when she was beyond the proper age, because she considered him faithful who had made the promise.
12 इस कारण उस व्यक्ति के द्वारा, जो मरे हुए से थे, इतने वंशज पैदा हुए, जितने आकाश में तारे तथा समुद्र के किनारे पर रेत के कण हैं.
And so from one man, and he as good as dead, came descendants as numerous as the stars in the sky and as countless as the sand on the seashore.
13 विश्वास की स्थिति में ही इन सब की मृत्यु हुई, यद्यपि उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्त नहीं हुई थी, परंतु उन्होंने उन तत्वों को दूर से पहचानकर इस अहसास के साथ उनका स्वागत किया कि वे स्वयं पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं.
All these people died in faith without receiving the things that were promised. But they saw them from a distance and welcomed them. And they acknowledged that they were strangers and sojourners on the earth.
14 इस प्रकार के भावों को प्रकट करने के द्वारा वे यह साफ़ कर देते हैं कि वे अपने ही देश की खोज में हैं.
For people who say such things make it clear that they are seeking a homeland.
15 वस्तुतः यदि वे उस देश को याद कर रहे थे, जिससे वे निकल आए थे, तब उनके सामने वहां लौट जाने का सुअवसर भी होता
If they had been thinking of the land they left behind, they would have had an opportunity to return.
16 किंतु सच्चाई यह है कि उन्हें एक बेहतर देश की इच्छा थी, जो स्वर्गीय है. इसलिये उन लोगों द्वारा परमेश्वर कहलाए जाने में परमेश्वर को किसी प्रकार की लज्जा नहीं है क्योंकि परमेश्वर ही ने उनके लिए एक नगर का निर्माण किया है.
Instead, they were longing for a better land, that is, a heavenly one. Therefore God is not ashamed to be called their God, for he has prepared a city for them.
17 यह विश्वास ही था कि अब्राहाम ने, जब उन्हें परखा गया, यित्सहाक को बलि के लिए भेंट कर दिया. जिन्होंने प्रतिज्ञाओं को प्राप्त किया था, वह अपने एकलौते पुत्र को भेंट कर रहे थे,
By faith Abraham, when he was tested, offered up Isaac. He who had received the promises was ready to offer up his one and only son,
18 यह वही थे, जिनसे कहा गया था, “तुम्हारे वंशज यित्सहाक के माध्यम से नामित होंगे.”
even though God had said to him, “Through Isaac yoʋr descendants will be counted.”
19 अब्राहाम यह समझ चुके थे कि परमेश्वर में मरे हुओं को जीवित करने का सामर्थ्य है. एक प्रकार से उन्होंने भी यित्सहाक को मरे हुओं में से जीवित प्राप्त किया.
He reasoned that God could even raise him from the dead. And figuratively speaking, he did receive Isaac back from death.
20 यह विश्वास ही था कि यित्सहाक ने याकोब तथा एसाव को उनके आनेवाले जीवन के लिए आशीर्वाद दिया.
By faith Isaac blessed Jacob and Esau concerning things to come.
21 यह विश्वास ही था कि याकोब ने अपने मरते समय योसेफ़ के दोनों पुत्रों को अपनी लाठी का सहारा ले आशीर्वाद दिया और आराधना की.
By faith Jacob, when he was dying, blessed each of the sons of Joseph, and worshiped as he leaned on the top of his staff.
22 यह विश्वास ही था कि योसेफ़ ने अपनी मृत्यु के समय इस्राएलियों के निर्गमन जाने का वर्णन किया तथा अपनी अस्थियों के विषय में आज्ञा दीं.
By faith Joseph, when his end was near, mentioned the exodus of the sons of Israel and gave instructions concerning his bones.
23 यह विश्वास ही था कि जब मोशेह का जन्म हुआ, उनके माता-पिता ने उन्हें तीन माह तक छिपाए रखा. उन्होंने देखा कि शिशु सुंदर है इसलिये वे राज आज्ञा से भयभीत न हुए.
By faith Moses, when he was born, was hidden for three months by his parents, because they saw that he was a beautiful child, and they did not fear the decree of the king.
24 यह विश्वास ही था कि मोशेह ने बड़े होने पर फ़रोह की पुत्री की संतान कहलाना अस्वीकार कर दिया.
By faith Moses, when he had grown up, refused to be called the son of Pharaoh's daughter,
25 और पाप के क्षण-भर के सुखों के आनंद की बजाय परमेश्वर की प्रजा के साथ दुःख सहना सही समझा.
choosing to be mistreated with the people of God rather than to enjoy the fleeting pleasure of sin.
26 उनकी दृष्टि में मसीह के लिए सही गई निंदा मिस्र देश के भंडारों से कहीं अधिक कीमती थी क्योंकि उनकी आंखें उस ईनाम पर स्थिर थी.
He considered the reproach of Christ to be greater wealth than the treasures of Egypt, for he was focused on the reward.
27 यह विश्वास ही था कि मोशेह मिस्र देश को छोड़कर चले गए. उन्हें फ़रोह के क्रोध का कोई भय न था. वह आगे ही बढ़ते चले गए मानो वह उन्हें देख रहे थे, जो अनदेखे हैं.
By faith he left Egypt, not fearing the wrath of the king, for he endured as though he could see him who is invisible.
28 यह विश्वास ही था कि मोशेह ने इस्राएलियों को फ़सह उत्सव मनाने तथा बलि-लहू छिड़कने की आज्ञा दी कि वह, जो पहलौठे पुत्रों का नाश कर रहा था, उनमें से किसी को स्पर्श न करे.
By faith he celebrated the Passover and the sprinkling of the blood, so that the destroyer of the firstborn would not touch the Israelites.
29 यह विश्वास ही था कि उन्होंने लाल सागर ऐसे पार कर लिया, मानो वे सूखी भूमि पर चल रहे हों किंतु जब मिस्रवासियों ने वही करना चाहा तो डूब मरे.
By faith they passed through the Red Sea as on dry land, but when the Egyptians tried to do so, they were drowned.
30 यह विश्वास ही था जिसके द्वारा येरीख़ो नगर की दीवार उनके सात दिन तक परिक्रमा करने पर गिर पड़ी.
By faith the walls of Jericho fell after they had been encircled for seven days.
31 यह विश्वास ही था कि नगरवधू राहाब ने गुप्तचरों का स्वागत मैत्री भाव में किया तथा आज्ञा न माननेवालों के साथ नाश नहीं हुई.
By faith Rahab the prostitute did not perish with those who were disobedient, because she had welcomed the spies in peace.
32 मैं और क्या कहूं? समय की कमी मुझे आज्ञा नहीं देती कि मैं गिदौन, बाराक, शिमशोन, यिफ्ताह, दावीद, शमुएल तथा भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं,
And what more shall I say? For time will fail me if I tell of Gideon, Barak, Samson, Jephthah, David, Samuel, and the prophets,
33 जो विश्वास से राज्यों पर विजयी हुए, जिन्होंने धार्मिकता में राज्य किया, जिन्हें प्रतिज्ञाओं का फल प्राप्त हुआ, जिन्होंने सिंहों के मुंह बांध दिए,
who by faith conquered kingdoms, carried out justice, obtained promises, stopped the mouths of lions,
34 आग की लपटों को ठंडा कर दिया, तलवार की धार से बच निकले; जिन्हें निर्बल से बलवंत बना दिया गया; युद्ध में वीर साबित हुए; जिन्होंने विदेशी सेनाओं को खदेड़ दिया.
quenched the power of fire, escaped the edge of the sword, were made strong from weakness, became mighty in battle, and routed the armies of foreigners.
35 दोबारा जी उठने के द्वारा स्त्रियों को उनके मृतक दोबारा जीवित प्राप्त हो गए. कुछ अन्य थे, जिन्हें ताड़नाएं दी गईं और उन्होंने छुटकारा अस्वीकार कर दिया कि वे बेहतर पुनरुत्थान प्राप्त कर सकें.
Women received back their dead by resurrection. Other people were tortured, refusing to accept release, so that they might obtain a better resurrection.
36 कुछ अन्य थे, जिनकी परख उपहास, कोड़ों, बेड़ियों में जकड़े जाने और बंदीगृह में डाले जाने के द्वारा हुई.
Others endured mocking and flogging, as well as chains and imprisonment.
37 उनका पथराव किया गया, उन्हें चीर डाला गया, लालच दिया गया, तलवार से उनका वध किया गया, भेड़ों व बकरियों की खाल में मढ़ दिया गया, वे अभाव की स्थिति में थे, उन्हें यातनाएं दी गईं तथा उनसे दुर्व्यवहार किया गया.
They were stoned, they were sawn in two, they were tempted, and they were killed with the sword. They went around in sheepskins and goatskins; they were destitute, afflicted, and mistreated.
38 उनके लिए संसार सही स्थान साबित न हुआ. वे बंजर भूमि में, पर्वतों पर, गुफाओं में तथा भूमि के गड्ढों में भटकते-छिपते रहे.
The world was not worthy of them. They wandered in deserts and mountains, hiding in caves and holes in the ground.
39 ये सभी गवाहों ने अपने विश्वास के द्वारा परमेश्वर का अनुग्रह प्राप्त किया, किंतु इन्होंने वह प्राप्त नहीं किया जिसकी इनसे प्रतिज्ञा की गई थी;
All these people were commended for their faith, but they did not receive what was promised.
40 क्योंकि उनके लिए परमेश्वर के द्वारा कुछ बेहतर ही निर्धारित था कि हमारे साथ जुड़े बिना उन्हें सिद्धता प्राप्त न हो.
For God had planned something better for us, so that they would not be made perfect without us.