< इब्रानियों 11 >

1 और विश्वास उन तत्वों का निश्चय है, हमने जिनकी आशा की है, तथा उन तत्वों का प्रमाण है, जिन्हें हमने देखा नहीं है.
ⲁ̅ⲧⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲇⲉ ⲡⲧⲁϫⲣⲟ ⲧⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲉⲛϩⲉⲗⲡⲓⲍⲉ ⲉⲣⲟⲟⲩ. ⲁⲩⲱ ⲡⲟⲩⲱⲛϩ̅ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲛⲉϩⲃⲏⲩⲉ ⲉⲧⲉⲛ̅ⲧⲛ̅ⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲁⲛ.
2 इसी के द्वारा प्राचीनों ने परमेश्वर की प्रशंसा प्राप्‍त की.
ⲃ̅ⲛ̅ⲧⲁⲩⲣ̅ⲙⲛ̅ⲧⲣⲉ ⲅⲁⲣ ϩⲁⲛⲉⲡⲣⲉⲥⲃⲩⲧⲉⲣⲟⲥ ϩⲛ̅ⲧⲁⲓ̈·
3 यह विश्वास ही है, जिसके द्वारा हमने यह जाना है कि परमेश्वर की आज्ञा मात्र से सारी सृष्टि अस्तित्व में आ गई. वह सब, जो दिखता है उसकी उत्पत्ति देखी हुई वस्तुओं से नहीं हुई. (aiōn g165)
ⲅ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲉⲛⲛⲟⲓ̈ ϫⲉ ⲛ̅ⲧⲁⲩⲥⲟⲃⲧⲉ ⲛ̅ⲛⲁⲓⲱⲛ ϩⲙ̅ⲡϣⲁϫⲉ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ. ϫⲉ ⲡⲉⲧⲛ̅ⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟϥ ⲛ̅ⲧⲁϥϣⲱⲡⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ̅ⲡⲉⲧⲉⲛϥ̅ϣⲟⲟⲡ ⲁⲛ· (aiōn g165)
4 यह विश्वास ही था, जिसके द्वारा हाबिल ने परमेश्वर को काइन की तुलना में बेहतर बलि भेंट की, जिसके कारण स्वयं परमेश्वर ने प्रशंसा के साथ हाबिल को धर्मी घोषित किया. परमेश्वर ने हाबिल की भेंट की प्रशंसा की. यद्यपि उनकी मृत्यु हो चुकी है, उनका यही विश्वास आज भी हमारे लिए गवाही है.
ⲇ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲁⲁⲃⲉⲗ ⲧⲁⲗⲉϩⲟⲩⲉⲑⲩⲥⲓⲁ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲡⲁⲣⲁⲕⲁⲉⲓⲛ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ. ⲁⲩⲱ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧⲥ̅ ⲛ̅ⲧⲁⲩⲣ̅ⲙⲛ̅ⲧⲣⲉ ϩⲁⲣⲟϥ ϫⲉ ⲟⲩⲇⲓⲕⲁⲓⲟⲥ ⲡⲉ. ⲉⲣⲉⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲣ̅ⲙⲛ̅ⲧⲣⲉ ⲛⲁϥ ⲉϫⲛ̅ⲛⲉϥⲇⲱⲣⲟⲛ. ⲁⲩⲱ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧⲥ̅ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲉϥⲙⲟⲩ. ⲉⲧⲓ ⲟⲛ ϥϣⲁϫⲉ·
5 यह विश्वास ही था कि हनोख उठा लिए गए कि वह मृत्यु का अनुभव न करें: “उन्हें फिर देखा न गया, स्वयं परमेश्वर ने ही उन्हें अपने साथ ले लिया था.” उन्हें उठाए जाने के पहले उनकी प्रशंसा की गई थी कि उन्होंने परमेश्वर को प्रसन्‍न किया था.
ⲉ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲉⲛⲱⲭ ⲁⲩⲡⲟⲟⲛⲉϥ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲧⲙ̅ⲧⲣⲉϥⲛⲁⲩ ⲉⲡⲙⲟⲩ. ⲁⲩⲱ ⲙ̅ⲡⲟⲩϩⲉ ⲉⲣⲟϥ ϫⲉ ⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲡⲟⲟⲛⲉϥ ⲉⲃⲟⲗ. ϩⲁⲑⲏ ⲅⲁⲣ ⲉⲙⲡⲁⲧⲟⲩⲡⲟⲟⲛⲉϥ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲩⲣ̅ⲙⲛ̅ⲧⲣⲉ ϩⲁⲣⲟϥ ϫⲉ ⲁϥⲣ̅ⲁⲛⲁϥ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ.
6 विश्वास की कमी में परमेश्वर को प्रसन्‍न करना असंभव है क्योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले व्यक्ति के लिए यह ज़रूरी है कि वह यह विश्वास करे कि परमेश्वर हैं और यह भी कि वह उन्हें प्रतिफल देते हैं, जो उनकी खोज करते हैं.
ⲋ̅ⲁϫⲛ̅ⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲇⲉ ⲟⲩⲁⲧϭⲟⲙ ⲡⲉ ⲉⲣ̅ⲁⲛⲁϥ. ϣ̅ϣⲉ ⲅⲁⲣ ⲉⲡⲉⲧⲛⲁϯⲡⲉϥⲟⲩⲟⲓ̈ ⲉⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ϫⲉ ϥϣⲟⲟⲡ ⲁⲩⲱ ϫⲉ ϥⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲛ̅ⲧⲁⲓⲃⲉⲕⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲧϣⲓⲛⲉ ⲛ̅ⲥⲱϥ·
7 यह विश्वास ही था कि अब तक अनदेखी वस्तुओं के विषय में नोहा को परमेश्वर से चेतावनी प्राप्‍त हुई और नोहा ने अत्यंत भक्ति में अपने परिवार की सुरक्षा के लिए एक विशाल जलयान का निर्माण किया तथा विश्वास के द्वारा संसार को धिक्कारा और मीरास में उस धार्मिकता को प्राप्‍त किया, जो विश्वास से प्राप्‍त होती है.
ⲍ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲉⲁⲩⲧⲟⲩⲛⲟⲩⲉⲓⲁⲧϥ̅ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲛⲱϩⲉ ⲉⲧⲃⲉⲛⲉⲧϥ̅ⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲁⲛ. ⲛ̅ⲧⲉⲣⲉϥⲣ̅ϩⲟⲧⲉ ⲁϥⲧⲁⲙⲓⲟ ⲛ̅ⲟⲩϭⲓⲃⲱⲧⲟⲥ ⲉⲡⲉⲩϫⲁⲓ̈ ⲙ̅ⲡⲉϥⲏⲓ̈. ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧⲥ̅ ⲁϥⲧϭⲁⲓⲉⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ. ⲁⲩⲱ ⲁϥϣⲱⲡⲉ ⲛ̅ⲕⲗⲏⲣⲟⲛⲟⲙⲟⲥ ⲛ̅ⲧⲇⲓⲕⲁⲓⲟⲥⲩⲛⲏ ⲕⲁⲧⲁⲧⲡⲓⲥⲧⲓⲥ·
8 यह विश्वास ही था, जिसके द्वारा अब्राहाम ने परमेश्वर के बुलाने पर घर-परिवार का त्याग कर एक अन्य देश को चले जाने के लिए उनकी आज्ञा का पालन किया—वह देश, जो परमेश्वर उन्हें मीरास में देने पर थे. वह यह जाने बिना ही चल पड़े कि वह कहां जा रहे थे.
ⲏ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲉⲁⲩⲙⲟⲩⲧⲉ ⲉⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲁϥⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲡⲙⲁ ⲉⲧϥ̅ⲛⲁϫⲓⲧϥ̅ ⲉⲩⲕⲗⲏⲣⲟⲛⲟⲙⲓⲁ ⲁϥⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲛϥ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ ⲁⲛ ϫⲉ ⲉϥⲙⲟⲟϣⲉ ⲉⲧⲱⲛ·
9 वह विश्वास के द्वारा ही उस प्रतिज्ञा किए हुए देश में वैसे रहे, जैसे विदेश में एक अजनबी रहता है. विदेश में एक अजनबी की तरह उन्होंने यित्सहाक और याकोब के साथ तंबुओं में निवास किया, जो उसी प्रतिज्ञा के साथ वारिस थे.
ⲑ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲁϥⲟⲩⲱϩ ϩⲙ̅ⲡⲕⲁϩ ⲙ̅ⲡⲉⲣⲏⲧ ϩⲱⲥ ϣⲙ̅ⲙⲟ. ⲉⲁϥⲟⲩⲱϩ ϩⲛ̅ϩⲉⲛ(ϩ)ⲃⲱ ⲙⲛ̅ⲓ̈ⲥⲁⲕ ⲁⲩⲱ ⲓ̈ⲁⲕⲱⲃ ⲛ̅ϣⲃⲣ̅ⲕⲗⲏⲣⲟⲛⲟⲙⲟⲥ ⲙ̅ⲡⲓⲉⲣⲏⲧ ⲛ̅ⲟⲩⲱⲧ.
10 उनकी दृष्टि उस स्थायी नगर की ओर थी, जिसके रचनेवाले और बनानेवाले परमेश्वर हैं.
ⲓ̅ⲛⲉϥϭⲱϣⲧ ⲅⲁⲣ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲏⲧⲥ̅ ⲛ̅ⲧⲡⲟⲗⲓⲥ ⲉⲧⲉⲩⲛ̅ⲧⲥ̅ⲥⲛ̅ⲧⲉ ⲙ̅ⲙⲁⲩ. ⲧⲁⲓ̈ ⲉⲡⲉⲥⲧⲉⲭⲛⲓⲧⲏⲥ ⲙⲛ̅ⲡⲉⲥⲇⲏⲙⲓⲟⲩⲣⲅⲟⲥ ⲡⲉ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ·
11 यह विश्वास ही था कि साराह ने भी गर्भधारण की क्षमता प्राप्‍त की हालांकि उनकी अवस्था इस योग्य नहीं रह गई थी. उन्होंने विश्वास किया कि परमेश्वर, जिन्होंने इसकी प्रतिज्ञा की थी, विश्वासयोग्य हैं.
ⲓ̅ⲁ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ϩⲱⲱⲥ ⲥⲁⲣⲣⲁ ⲧⲁϭⲣⲏⲛ ⲁⲥϫⲓ ⲛ̅ⲟⲩϭⲟⲙ ⲉⲩⲕⲁⲧⲁⲃⲟⲗⲏ ⲛ̅ⲥⲡⲉⲣⲙⲁ ⲡⲁⲣⲁⲡⲟⲩⲟⲉⲓϣ ⲛ̅ⲧⲉⲥϭⲟⲧ ⲉⲃⲟⲗ ϫⲉ ⲁⲥⲧⲁⲛϩⲉⲧⲡⲉⲛⲧⲁϥⲉⲣⲏⲧ.
12 इस कारण उस व्यक्ति के द्वारा, जो मरे हुए से थे, इतने वंशज पैदा हुए, जितने आकाश में तारे तथा समुद्र के किनारे पर रेत के कण हैं.
ⲓ̅ⲃ̅ⲉⲧⲃⲉⲡⲁⲓ̈ ⲉⲁⲩϫⲡⲟⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲟⲩⲁ ⲉⲁⲡⲉϥⲥⲱⲙⲁ ⲣ̅ⲡⲕⲉⲕⲁϭⲟⲙ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲑⲉ ⲛ̅ⲛ̅ⲥⲓⲟⲩ ⲛ̅ⲧⲡⲉ ϩⲛ̅ⲧⲉⲩⲁϣⲏ. ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲑⲉ ⲙ̅ⲡϣⲟ ⲉⲧϩⲁⲧⲙ̅ⲡⲉⲥⲡⲟⲧⲟⲩ ⲛ̅ⲑⲁⲗⲁⲥⲥⲁ ⲉⲧⲉⲙⲛ̅ⲧϥ̅ⲏⲡⲉ.
13 विश्वास की स्थिति में ही इन सब की मृत्यु हुई, यद्यपि उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्‍त नहीं हुई थी, परंतु उन्होंने उन तत्वों को दूर से पहचानकर इस अहसास के साथ उनका स्वागत किया कि वे स्वयं पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं.
ⲓ̅ⲅ̅ⲕⲁⲧⲁⲧⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲁⲩⲙⲟⲩ ⲛ̅ϭⲓⲛⲁⲓ̈ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲟⲩϫⲓ ⲛ̅ⲛⲉⲣⲏⲧ ⲁⲗⲗⲁ ⲁⲩⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲟⲩⲉ ⲁⲩⲁⲥⲡⲁⲍⲉ. ⲁⲩⲱ ⲁⲩϩⲟⲙⲟⲗⲟⲅⲉⲓ ϫⲉ ⲁⲛϩⲉⲛϣⲙ̅ⲙⲟ. ⲁⲩⲱ ⲁⲛϩⲉⲛⲣⲙ̅ⲛ̅ϭⲟⲓ̈ⲗⲉ ϩⲓϫⲙ̅ⲡⲕⲁϩ.
14 इस प्रकार के भावों को प्रकट करने के द्वारा वे यह साफ़ कर देते हैं कि वे अपने ही देश की खोज में हैं.
ⲓ̅ⲇ̅ⲛⲉⲧϫⲱ ⲅⲁⲣ ⲛ̅ⲛⲁⲓ̈ ⲛ̅ⲧⲉⲉⲓϩⲉ ⲉⲩⲟⲩⲱⲛϩ̅ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϫⲉ ⲉⲩϣⲓⲛⲉ ⲛ̅ⲥⲁⲟⲩⲡⲟⲗⲓⲥ.
15 वस्तुतः यदि वे उस देश को याद कर रहे थे, जिससे वे निकल आए थे, तब उनके सामने वहां लौट जाने का सुअवसर भी होता
ⲓ̅ⲉ̅ⲛ̅ⲛⲉⲩⲣ̅ⲡⲙⲉⲉⲩⲉ ⲇⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲛⲧⲁⲩⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧⲥ̅. ⲛⲉⲁⲩⲣ̅ⲧⲉ ⲡⲉ ⲛ̅ⲕⲟⲧⲟⲩ ⲉⲣⲟⲥ.
16 किंतु सच्चाई यह है कि उन्हें एक बेहतर देश की इच्छा थी, जो स्वर्गीय है. इसलिये उन लोगों द्वारा परमेश्वर कहलाए जाने में परमेश्वर को किसी प्रकार की लज्जा नहीं है क्योंकि परमेश्वर ही ने उनके लिए एक नगर का निर्माण किया है.
ⲓ̅ⲋ̅ⲧⲉⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲉⲩⲟⲩⲉϣⲧⲉⲧⲥⲟⲧⲡ̅ ⲉⲧⲉⲧⲁⲧⲡⲉ ⲧⲉ. ⲉⲧⲃⲉⲡⲁⲓ̈ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ϯϣⲓⲡⲉ ⲛⲁⲩ ⲁⲛ ⲉⲧⲣⲉⲩⲉⲡⲓⲕⲁⲗⲉⲓ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲛ̅ⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉϫⲱⲟⲩ ⲁϥⲥⲟⲃⲧⲉ ⲅⲁⲣ ⲛⲁⲩ ⲛ̅ⲟⲩⲡⲟⲗⲓⲥ·
17 यह विश्वास ही था कि अब्राहाम ने, जब उन्हें परखा गया, यित्सहाक को बलि के लिए भेंट कर दिया. जिन्होंने प्रतिज्ञाओं को प्राप्‍त किया था, वह अपने एकलौते पुत्र को भेंट कर रहे थे,
ⲓ̅ⲍ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲁϥⲧⲁⲗⲉⲓ̈ⲥⲁⲁⲕ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲩⲡⲓⲣⲁⲍⲉ ⲙ̅ⲙⲟϥ. ⲁⲩⲱ ⲁϥⲧⲁⲗⲉⲡⲉϥϣⲏⲣⲉ ⲛ̅ⲟⲩⲱⲧ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲛ̅ϭⲓⲡⲉⲛⲧⲁϥϣⲱⲡ ⲉⲣⲟϥ ⲛ̅ⲛⲉⲣⲏⲧ
18 यह वही थे, जिनसे कहा गया था, “तुम्हारे वंशज यित्सहाक के माध्यम से नामित होंगे.”
ⲓ̅ⲏ̅ⲡⲁⲓ̈ ⲉⲛⲧⲁⲩϣⲁϫⲉ ⲛⲙ̅ⲙⲁϥ ϫⲉ ϩⲛ̅ⲓ̈ⲥⲁⲁⲕ ⲉⲩⲛⲁⲙⲟⲩⲧⲉ ⲛⲁⲕ ⲉⲩⲥⲡⲉⲣⲙⲁ.
19 अब्राहाम यह समझ चुके थे कि परमेश्वर में मरे हुओं को जीवित करने का सामर्थ्य है. एक प्रकार से उन्होंने भी यित्सहाक को मरे हुओं में से जीवित प्राप्‍त किया.
ⲓ̅ⲑ̅ⲉⲁϥⲙⲟⲕⲙⲉⲕ ϫⲉ ⲟⲩⲛ̅ϣϭⲟⲙ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲧⲟⲩⲛⲟⲥϥ̅ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲛⲉⲧⲙⲟⲟⲩⲧ ⲉⲧⲃⲉⲡⲁⲓ̈ ⲟⲛ ⲁϥϫⲓⲧϥ̅ ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲁⲣⲁⲃⲟⲗⲏ·
20 यह विश्वास ही था कि यित्सहाक ने याकोब तथा एसाव को उनके आनेवाले जीवन के लिए आशीर्वाद दिया.
ⲕ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲉⲧⲃⲉⲛⲉⲧⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲁⲓ̈ⲥⲁⲁⲕ ⲥⲙⲟⲩ ⲉⲓ̈ⲁⲕⲱⲃ ⲙⲛ̅ⲏ̅ⲥⲁⲩ·
21 यह विश्वास ही था कि याकोब ने अपने मरते समय योसेफ़ के दोनों पुत्रों को अपनी लाठी का सहारा ले आशीर्वाद दिया और आराधना की.
ⲕ̅ⲁ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲓ̈ⲁⲕⲱⲃ ⲉϥⲛⲁⲙⲟⲩ ⲁϥⲥⲙⲟⲩ ⲉⲡⲟⲩⲁ ⲡⲟⲩⲁ ⲛ̅ⲛ̅ϣⲏⲣⲉ ⲛ̅ⲓ̈ⲱⲥⲏⲫ. ⲁⲩⲱ ⲁϥⲟⲩⲱϣⲧ̅ ⲛ̅ϩⲧⲏϥ ⲙ̅ⲡⲉϥϭⲉⲣⲱⲃ·
22 यह विश्वास ही था कि योसेफ़ ने अपनी मृत्यु के समय इस्राएलियों के निर्गमन जाने का वर्णन किया तथा अपनी अस्थियों के विषय में आज्ञा दीं.
ⲕ̅ⲃ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲓ̈ⲱⲥⲏⲫ ⲉϥⲛⲁⲙⲟⲩ ⲁϥⲣ̅ⲡⲙⲉⲉⲩⲉ ⲉⲧⲃⲉⲡⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲛ̅ϣⲏⲣⲉ ⲙ̅ⲡⲓ̅ⲏ̅ⲗ. ⲁⲩⲱ ⲁϥϩⲱⲛ ⲉⲧⲃⲉⲛⲉϥⲕⲉⲉⲥ·
23 यह विश्वास ही था कि जब मोशेह का जन्म हुआ, उनके माता-पिता ने उन्हें तीन माह तक छिपाए रखा. उन्होंने देखा कि शिशु सुंदर है इसलिये वे राज आज्ञा से भयभीत न हुए.
ⲕ̅ⲅ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲟⲩϫⲡⲟ ⲙ̅ⲙⲱⲩ̈ⲥⲏⲥ ⲁⲩϩⲟⲡϥ̅ ⲛ̅ϣⲟⲙⲛ̅ⲧ ⲛ̅ⲉⲃⲟⲧ ϩⲓⲧⲛ̅ⲛⲉϥⲉⲓⲟⲧⲉ. ⲉⲃⲟⲗ ϫⲉ ⲁⲩⲛⲁⲩ ⲉⲡϣⲏⲣⲉ ϣⲏⲙ ⲉⲛⲉⲥⲱϥ ⲙ̅ⲡⲟⲩⲣ̅ϩⲟⲧⲉ ϩⲏⲧϥ̅ ⲙ̅ⲡⲇⲓⲁⲧⲁⲅⲙⲁ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲣⲟ·
24 यह विश्वास ही था कि मोशेह ने बड़े होने पर फ़रोह की पुत्री की संतान कहलाना अस्वीकार कर दिया.
ⲕ̅ⲇ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲉⲙⲱⲩ̈ⲥⲏⲥ ⲣ̅ⲛⲟϭ ⲙ̅ⲡϥ̅ⲟⲩⲱϣ ⲉⲧⲣⲉⲩⲙⲟⲩⲧⲉ ⲉⲣⲟϥ ϫⲉ ⲡϣⲏⲣⲉ ⲛ̅ⲧϣⲉⲉⲣⲉ ⲙ̅ⲫⲁⲣⲁⲱ.
25 और पाप के क्षण-भर के सुखों के आनंद की बजाय परमेश्वर की प्रजा के साथ दुःख सहना सही समझा.
ⲕ̅ⲉ̅ⲉⲁϥⲥⲱⲧⲡ ⲛⲁϥ ⲛ̅ϩⲟⲩⲟ ⲉϣⲡ̅ϩⲓⲥⲉ ⲙⲛ̅ⲡⲗⲁⲟⲥ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉϩⲟⲩⲉϫⲓ ⲛ̅ⲧⲁⲡⲟⲗⲁⲩⲥⲓⲥ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲃⲉ ⲡⲣⲟⲥⲟⲩⲟⲩⲟⲉⲓϣ.
26 उनकी दृष्टि में मसीह के लिए सही गई निंदा मिस्र देश के भंडारों से कहीं अधिक कीमती थी क्योंकि उनकी आंखें उस ईनाम पर स्थिर थी.
ⲕ̅ⲋ̅ⲉⲁϥⲉⲡⲡⲛⲟϭⲛⲉϭ ⲙ̅ⲡⲉⲭ̅ⲥ̅ ϫⲉ ⲟⲩϩⲟⲩⲉⲙⲛ̅ⲧⲣⲙ̅ⲙⲁⲟ ⲡⲉ ⲉϩⲟⲩⲉⲛⲁϩⲱⲱⲣ ⲛ̅ⲕⲏⲙⲉ. ⲛⲉϥϭⲱϣⲧ̅ ⲅⲁⲣ ⲡⲉ ⲉⲡⲧⲟⲩⲉⲓⲟ ⲛⲁϥ ⲙ̅ⲡⲉϥⲃⲉⲕⲉ·
27 यह विश्वास ही था कि मोशेह मिस्र देश को छोड़कर चले गए. उन्हें फ़रोह के क्रोध का कोई भय न था. वह आगे ही बढ़ते चले गए मानो वह उन्हें देख रहे थे, जो अनदेखे हैं.
ⲕ̅ⲍ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲙⲱⲩ̈ⲥⲏⲥ ⲁϥⲕⲁⲕⲏⲙⲉ ⲛ̅ⲥⲱϥ ⲙ̅ⲡϥ̅ⲣ̅ϩⲟⲧⲉ ϩⲏⲧϥ̅ ⲙ̅ⲡϭⲱⲛⲧ̅ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲣⲟ. ⲡⲉⲧⲉⲙⲉⲩⲛⲁⲩ ⲅⲁⲣ ⲉⲣⲟϥ ⲛⲉϥϭⲉⲉⲧ ⲉⲣⲟϥ ⲡⲉ ϩⲱⲥ ⲉϥⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟϥ·
28 यह विश्वास ही था कि मोशेह ने इस्राएलियों को फ़सह उत्सव मनाने तथा बलि-लहू छिड़कने की आज्ञा दी कि वह, जो पहलौठे पुत्रों का नाश कर रहा था, उनमें से किसी को स्पर्श न करे.
ⲕ̅ⲏ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲁϥⲣ̅ⲡ̅ⲡⲁⲥⲭⲁ ⲙⲛ̅ⲡⲡⲱⲛ ⲉⲃⲟⲗ ⲙ̅ⲡⲉⲥⲛⲟϥ ϫⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲡⲉⲧⲧⲁⲕⲟ ⲛ̅ⲛ̅ϣⲣ̅ⲡⲙ̅ⲙⲓⲥⲉ ϫⲱϩ ⲉⲣⲟⲟⲩ.
29 यह विश्वास ही था कि उन्होंने लाल सागर ऐसे पार कर लिया, मानो वे सूखी भूमि पर चल रहे हों किंतु जब मिस्रवासियों ने वही करना चाहा तो डूब मरे.
ⲕ̅ⲑ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲁⲩϫⲓⲟⲟⲣ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲩⲑⲣⲁ ⲑⲁⲗⲁⲥⲥⲁ ⲛ̅ⲑⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ̅ⲟⲩⲕⲁϩ ⲉϥϣⲟⲩⲱⲟⲩ. ⲧⲁⲓ̈ ⲉⲛⲧⲁⲩϫⲟⲛⲧⲟⲩ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛ̅ϭⲓⲛ̅ⲣⲙ̅ⲛ̅ⲕⲏⲙⲉ ⲁⲩⲱⲙⲥ̅·
30 यह विश्वास ही था जिसके द्वारा येरीख़ो नगर की दीवार उनके सात दिन तक परिक्रमा करने पर गिर पड़ी.
ⲗ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲛ̅ⲥⲟⲃⲧ̅ ⲛ̅ϩⲓⲉⲣⲓⲭⲱ ⲁⲩϩⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲟⲩⲕⲱⲧⲉ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲛ̅ⲥⲁϣϥ̅ ⲛ̅ϩⲟⲟⲩ·
31 यह विश्वास ही था कि नगरवधू राहाब ने गुप्‍तचरों का स्वागत मैत्री भाव में किया तथा आज्ञा न माननेवालों के साथ नाश नहीं हुई.
ⲗ̅ⲁ̅ϩⲛ̅ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ϩⲣⲁⲁⲃ ⲧⲡⲟⲣⲛⲏ ⲙ̅ⲡⲥ̅ϩⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲙⲛ̅ⲛⲉⲛⲧⲁⲩⲣ̅ⲁⲧⲛⲁϩⲧⲉ. ⲉⲁⲥϣⲱⲡ ⲉⲣⲟⲥ ⲛ̅ⲛ̅ϫⲱⲣ ϩⲛ̅ⲟⲩⲉⲓⲣⲏⲛⲏ·
32 मैं और क्या कहूं? समय की कमी मुझे आज्ञा नहीं देती कि मैं गिदौन, बाराक, शिमशोन, यिफ्ताह, दावीद, शमुएल तथा भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं,
ⲗ̅ⲃ̅ⲉⲓ̈ⲛⲁϫⲉⲟⲩ ⲟⲛ. ⲡⲉⲟⲩⲟⲉⲓϣ ⲅⲁⲣ ⲛⲁⲕⲁⲁⲧ ⲉⲉⲓϣⲁϫⲉ. ⲉⲧⲃⲉⲅⲉⲇⲉⲱⲛ. ⲃⲁⲣⲁⲕ. ⲥⲁⲙⲯⲱⲛ. ⲓ̈ⲉⲫⲑⲁⲉ. ⲇⲁⲩⲉⲓⲇ ⲙⲛ̅ⲥⲁⲙⲟⲩⲏⲗ. ⲙⲛ̅ⲡⲕⲉⲥⲉⲉⲡⲉ ⲙ̅ⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ.
33 जो विश्वास से राज्यों पर विजयी हुए, जिन्होंने धार्मिकता में राज्य किया, जिन्हें प्रतिज्ञाओं का फल प्राप्‍त हुआ, जिन्होंने सिंहों के मुंह बांध दिए,
ⲗ̅ⲅ̅ⲛⲁⲓ̈ ⲉⲛⲧⲁⲩϫⲣⲟ ⲉⲛⲓⲙⲛ̅ⲧⲉⲣⲱⲟⲩ ϩⲓⲧⲛ̅ⲧⲡⲓⲥⲧⲓⲥ. ⲁⲩⲣ̅ϩⲱⲃ ⲉⲧⲇⲓⲕⲁⲓⲟⲥⲩⲛⲏ. ⲁⲩⲙⲁⲧⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲣⲏⲧ. ⲁⲩⲧⲱⲙ ⲛ̅ⲧⲧⲁⲡⲣⲟ ⲛ̅ⲙ̅ⲙⲟⲩⲓ̈.
34 आग की लपटों को ठंडा कर दिया, तलवार की धार से बच निकले; जिन्हें निर्बल से बलवंत बना दिया गया; युद्ध में वीर साबित हुए; जिन्होंने विदेशी सेनाओं को खदेड़ दिया.
ⲗ̅ⲇ̅ⲁⲩⲱϣⲙ̅ ⲛ̅ⲧϭⲟⲙ ⲛ̅ⲧⲥⲁⲧⲉ. ⲁⲩⲣ̅ⲃⲟⲗ ⲉⲧⲧⲁⲡⲣⲟ ⲛ̅ⲧⲥⲏϥⲉ. ⲁⲩϭⲙ̅ϭⲟⲙ ϩⲛ̅ⲧⲙⲛ̅ⲧϭⲱⲃ ⲁⲩϣⲱⲡⲉ ⲉⲩϫⲟⲟⲣ ϩⲙ̅ⲡⲡⲟⲗⲉⲙⲟⲥ ⲁⲩϭⲱⲧⲡ̅ ⲛ̅ⲙ̅ⲡⲁⲣⲉⲙⲃⲟⲗⲏ ⲛ̅ϩⲉⲛⲕⲟⲟⲩⲉ.
35 दोबारा जी उठने के द्वारा स्त्रियों को उनके मृतक दोबारा जीवित प्राप्‍त हो गए. कुछ अन्य थे, जिन्हें ताड़नाएं दी गईं और उन्होंने छुटकारा अस्वीकार कर दिया कि वे बेहतर पुनरुत्थान प्राप्‍त कर सकें.
ⲗ̅ⲉ̅ⲁϩⲉⲛⲥϩⲓⲙⲉ ϫⲓ ⲛ̅ⲛⲉⲩⲣⲉϥⲙⲟⲟⲩⲧ ⲁⲩⲧⲟⲩⲛⲟⲥⲟⲩ ⲛⲁⲩ. ϩⲉⲛⲕⲟⲟⲩⲉ ⲇⲉ ⲁⲩϩⲁⲧⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲟⲩϣⲱⲡ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲥⲱⲧⲉ ⲙ̅ⲡⲉⲩⲥⲱⲙⲁ. ϫⲉ ⲉⲩⲉϫⲓ ⲛ̅ⲧⲁⲛⲁⲥⲧⲁⲥⲓⲥ ⲉⲧⲥⲟⲧⲡ̅.
36 कुछ अन्य थे, जिनकी परख उपहास, कोड़ों, बेड़ियों में जकड़े जाने और बंदीगृह में डाले जाने के द्वारा हुई.
ⲗ̅ⲋ̅ϩⲉⲛⲕⲟⲟⲩⲉ ⲇⲉ ⲁⲩϫⲟⲛⲧⲟⲩ ϩⲛ̅ϩⲉⲛⲥⲱⲃⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ. ⲙⲛ̅ϩⲉⲛⲙⲁⲥⲧⲓⲅⲝ̅. ⲉⲧⲉⲓ ⲇⲉ ϩⲛ̅ϩⲉⲛⲙⲣ̅ⲣⲉ ⲙⲛ̅ⲡⲉϣⲧⲉⲕⲟ.
37 उनका पथराव किया गया, उन्हें चीर डाला गया, लालच दिया गया, तलवार से उनका वध किया गया, भेड़ों व बकरियों की खाल में मढ़ दिया गया, वे अभाव की स्थिति में थे, उन्हें यातनाएं दी गईं तथा उनसे दुर्व्यवहार किया गया.
ⲗ̅ⲍ̅ⲁⲩⲟⲩⲁⲥⲧⲟⲩ. ⲁⲩϩⲓⲱⲛⲉ ⲉⲣⲟⲟⲩ. ⲁⲩⲙⲟⲩ ϩⲛ̅ⲟⲩϩⲱⲧⲃ̅ ⲛ̅ⲥⲏϥⲉ. ⲁⲩⲙⲟⲟϣⲉ ϩⲛ̅ϩⲉⲛⲃⲁⲗⲟⲧ ⲙⲛ̅ϩⲉⲛϣⲁⲁⲣ ⲛ̅ⲃⲁⲁⲙⲡⲉ ⲉⲩⲣ̅ϭⲣⲱϩ. ⲉⲩⲑⲗⲓⲃⲉ. ⲉⲩⲙⲟⲕϩ̅.
38 उनके लिए संसार सही स्थान साबित न हुआ. वे बंजर भूमि में, पर्वतों पर, गुफाओं में तथा भूमि के गड्ढों में भटकते-छिपते रहे.
ⲗ̅ⲏ̅ⲛⲁⲓ̈ ⲉⲧⲉⲙ̅ⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ ⲙ̅ⲡϣⲁ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ ⲁⲛ. ⲉⲩⲥⲟⲣⲙ̅ ϩⲓⲛ̅ϫⲁⲓ̈ⲉ. ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲧⲟⲟⲩ. ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲉⲓⲁ. ⲙⲛ̅ⲛⲉϣⲕⲟⲗ ⲙ̅ⲡⲕⲁϩ.
39 ये सभी गवाहों ने अपने विश्वास के द्वारा परमेश्वर का अनुग्रह प्राप्‍त किया, किंतु इन्होंने वह प्राप्‍त नहीं किया जिसकी इनसे प्रतिज्ञा की गई थी;
ⲗ̅ⲑ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲁⲩⲣ̅ⲙⲛ̅ⲧⲣⲉ ϩⲁⲣⲟⲟⲩ ⲧⲏⲣⲟⲩ ϩⲓⲧⲛ̅ⲧⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲙ̅ⲡⲟⲩϫⲓ ⲛ̅ⲛⲉⲣⲏⲧ.
40 क्योंकि उनके लिए परमेश्वर के द्वारा कुछ बेहतर ही निर्धारित था कि हमारे साथ जुड़े बिना उन्हें सिद्धता प्राप्‍त न हो.
ⲙ̅ⲉⲣⲉⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ϭⲱϣⲧ̅ ⲉⲩϩⲱⲃ ⲉϥⲥⲟⲧⲡ̅ ⲉⲧⲃⲏⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲩϫⲱⲕ ⲉⲃⲟⲗ ⲁϫⲛⲧⲛ̅·

< इब्रानियों 11 >