< उत्पत्ति 47 >
1 योसेफ़ ने जाकर फ़रोह को बताया, “मेरे पिता तथा मेरे भाई अपने सब भेड़-बकरी, पशु तथा अपनी पूरी संपत्ति लेकर कनान देश से आ चुके हैं तथा वे गोशेन देश में हैं.”
И пришел Иосиф и известил фараона и сказал: отец мой и братья мои, с мелким и крупным скотом своим и со всем, что у них, пришли из земли Ханаанской; и вот, они в земле Гесем.
2 योसेफ़ ने अपने पांच भाइयों को फ़रोह के सामने प्रस्तुत किया.
И из братьев своих он взял пять человек и представил их фараону.
3 फ़रोह ने उनके भाइयों से पूछा, “आप लोग क्या काम करते हैं?” उन्होंने फ़रोह से कहा, “हम हमारे पूर्वजों की ही तरह पशु पालते हैं.
И сказал фараон братьям его: какое ваше занятие? Они сказали фараону: пастухи овец рабы твои, и мы и отцы наши.
4 अब इस देश में कुछ समय के लिये रहने आए हैं, क्योंकि कनान में भयंकर अकाल होने के कारण आपके दासों के पशुओं के लिए चारा नहीं है. तब कृपा कर हमें गोशेन में रहने की अनुमति दे दीजिए.”
И сказали они фараону: мы пришли пожить в этой земле, потому что нет пажити для скота рабов твоих, ибо в земле Ханаанской сильный голод; итак позволь поселиться рабам твоим в земле Гесем.
5 फ़रोह ने योसेफ़ से कहा, “तुम्हारे पिता एवं तुम्हारे भाई तुम्हारे पास आए हैं,
И сказал фараон Иосифу: отец твой и братья твои пришли к тебе;
6 पूरा मिस्र देश तुम्हारे लिए खुला है; अपने पिता एवं अपने भाइयों को गोशेन के सबसे अच्छे भाग में रहने की सुविधा दे दो. और भाइयों में से कोई समझदार हो तो उसे मेरे पशुओं की देखभाल की पूरी जवाबदारी दे दो.”
земля Египетская пред тобою; на лучшем месте земли посели отца твоего и братьев твоих; пусть живут они в земле Гесем; и если знаешь, что между ними есть способные люди, поставь их смотрителями над моим скотом.
7 फिर योसेफ़ पिता याकोब को भी फ़रोह से मिलाने लाए. याकोब ने फ़रोह को आशीष दी.
И привел Иосиф Иакова, отца своего, и представил его фараону; и благословил Иаков фараона.
8 फ़रोह ने याकोब से पूछा, “आपकी उम्र क्या है?”
Фараон сказал Иакову: сколько лет жизни твоей?
9 याकोब ने फ़रोह को बताया “मेरी तीर्थ यात्रा के वर्ष एक सौ तीस रहे हैं. मेरी आयु बहुत छोटी और कष्टभरी रही है और वह मेरे पूर्वजों सी लंबी नहीं रही है!”
Иаков сказал фараону: дней странствования моего сто тридцать лет; малы и несчастны дни жизни моей и не достигли до лет жизни отцов моих во днях странствования их.
10 याकोब फ़रोह को आशीष देकर वहां से चले गये.
И благословил фараона Иаков и вышел от фараона.
11 योसेफ़ ने अपने पिता एवं भाइयों को फ़रोह की आज्ञा अनुसार मिस्र में सबसे अच्छी जगह रामेसेस में ज़मीन दी.
И поселил Иосиф отца своего и братьев своих, и дал им владение в земле Египетской, в лучшей части земли, в земле Раамсес, как повелел фараон.
12 योसेफ़ ने अपने पिता, अपने भाइयों तथा पिता के पूरे परिवार को उनके बच्चों की गिनती के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया.
И снабжал Иосиф отца своего и братьев своих и весь дом отца своего хлебом, по потребностям каждого семейства.
13 पूरे देश में अकाल के कारण भोजन की कमी थी. मिस्र देश तथा कनान देश अकाल के कारण भूखा पड़ा था.
И не было хлеба по всей земле, потому что голод весьма усилился, и изнурены были от голода земля Египетская и земля Ханаанская.
14 मिस्र देश तथा कनान देश का सारा धन योसेफ़ ने फ़रोह के राजमहल में अनाज के बदले इकट्ठा कर लिया था.
Иосиф собрал все серебро, какое было в земле Египетской и в земле Ханаанской, за хлеб, который покупали, и внес Иосиф серебро в дом фараонов.
15 जब लोगों के पास अनाज खरीदने के लिए रुपया नहीं था तब वह योसेफ़ के पास आकर बिनती करने लगे, “हमें खाने को भोजन दीजिए. हम आपकी आंखों के सामने क्यों मरें? हमारा रुपया सब खत्म हो गया है.”
И серебро истощилось в земле Египетской и в земле Ханаанской. Все Египтяне пришли к Иосифу и говорили: дай нам хлеба; зачем нам умирать пред тобою, потому что серебро вышло у нас?
16 योसेफ़ ने कहा, “यदि तुमारा रुपया खत्म हो गया हैं तो तुम अपने पशु हमें देते जाओ और हम तुम्हें उसके बदले अनाज देंगे.”
Иосиф сказал: пригоняйте скот ваш, и я буду давать вам хлеб за скот ваш, если серебро вышло у вас.
17 इसलिये वे अपने पशु योसेफ़ को देने लगे; और योसेफ़ उन्हें उनके घोड़े, पशुओं, भेड़-बकरी तथा गधों के बदले में अनाज देने लगे. योसेफ़ ने उस वर्ष उनके समस्त पशुओं के बदले में उनकी भोजन की व्यवस्था की.
И пригоняли они к Иосифу скот свой; и давал им Иосиф хлеб за лошадей, и за стада мелкого скота, и за стада крупного скота, и за ослов; и снабжал их хлебом в тот год за весь скот их.
18 जब वह वर्ष खत्म हुआ तब अगले वर्ष वह योसेफ़ के पास आए और उनसे कहा, “स्वामी यह सच्चाई आपसे छुपी नहीं रह सकती कि हमारा सारा रुपया खर्च हो गया हैं और पशु भी आपके हो गये है; अब हमारा शरीर और हमारी ज़मीन ही बच गई है.
И прошел этот год; и пришли к нему на другой год и сказали ему: не скроем от господина нашего, что серебро истощилось и стада скота нашего у господина нашего; ничего не осталось у нас пред господином нашим, кроме тел наших и земель наших;
19 क्या हम और हमारी ज़मीन आपकी आंखों के सामने नाश हो जायेंगी? अब भोजन के बदले आप हमारी ज़मीन को ही खरीद लीजिए, और हम अपनी ज़मीन के साथ फ़रोह के दास बन जाएंगे. हमें सिर्फ बीज दे दीजिये कि हम नहीं मरें परंतु जीवित रहें कि हमारी भूमि निर्जन न हो.”
для чего нам погибать в глазах твоих, и нам и землям нашим? купи нас и земли наши за хлеб, и мы с землями нашими будем рабами фараону, а ты дай нам семян, чтобы нам быть живыми и не умереть, и чтобы не опустела земля.
20 इस प्रकार योसेफ़ ने मिस्र देश की पूरी ज़मीन फ़रोह के लिये खरीद ली. सभी मिस्रवासियों ने अपनी भूमि बेच दी क्योंकि अकाल भयंकर था और ज़मीन फ़रोह की हो गई.
И купил Иосиф всю землю Египетскую для фараона, потому что продали Египтяне каждый свое поле, ибо голод одолевал их. И досталась земля фараону.
21 योसेफ़ ने मिस्र के एक छोर से दूसरे छोर तक लोगों को, दास बना दिया.
И народ сделал он рабами от одного конца Египта до другого.
22 सिर्फ पुरोहितों की भूमि को नहीं खरीदा, क्योंकि उनको फ़रोह की ओर से निर्धारित भोजन मिलता था और वह उनके जीने के लिये पर्याप्त था, इसलिये उन्होंने अपनी ज़मीन नहीं बेची.
Только земли жрецов не купил Иосиф, ибо жрецам от фараона положен был участок, и они питались своим участком, который дал им фараон; посему и не продали земли своей.
23 योसेफ़ ने लोगों से कहा, “मैंने फ़रोह के लिए आपको तथा आपकी भूमि को आज खरीद लिया है, अब आपके लिये यह बीज दिया है कि आप अपनी ज़मीन पर इस बीज को बोना और खेती करना.
И сказал Иосиф народу: вот, я купил теперь для фараона вас и землю вашу; вот вам семена, и засевайте землю;
24 और जब उपज आयेगी उसमें से फ़रोह को पांचवां भाग देना होगा और शेष चार भाग आपके होंगे; ज़मीन में बोने के बीज के लिये और आप, आपके परिवार और आपके बच्चों के भोजन के लिये होंगे.”
когда будет жатва, давайте пятую часть фараону, а четыре части останутся вам на засеяние полей, на пропитание вам и тем, кто в домах ваших, и на пропитание детям вашим.
25 तब लोगों ने कहा, “आपने हमारा जीवन बचा लिया; यदि हमारे स्वामी की दया हम पर बनी रहे और हम फ़रोह के दास बने रहेंगे.”
Они сказали: ты спас нам жизнь; да обретем милость в очах господина нашего и да будем рабами фараону.
26 योसेफ़ ने जो नियम बनाया था कि उपज का पांचवां भाग फ़रोह को देना ज़रूरी है वह आज भी स्थापित है. सिर्फ पुरोहितों की भूमि फ़रोह की नहीं हुई.
И поставил Иосиф в закон земле Египетской, даже до сего дня: пятую часть давать фараону, исключая только землю жрецов, которая не принадлежала фараону.
27 इस्राएल मिस्र देश के गोशेन नामक जगह पर रह रहे थे, वहां वे फलते फूलते धन-संपत्ति अर्जित करते गये और संख्या में कई गुणा बढ़ते गये.
И жил Израиль в земле Египетской, в земле Гесем, и владели они ею, и плодились, и весьма умножились.
28 मिस्र में याकोब को सत्रह साल हो चुके थे, और वे एक सौ सैंतालीस वर्ष तक रहे.
И жил Иаков в земле Египетской семнадцать лет; и было дней Иакова, годов жизни его, сто сорок семь лет.
29 जब इस्राएल मरने पर थे, उन्होंने अपने पुत्र योसेफ़ को पास बुलाया और कहा, “यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो तो मेरी जांघ के नीचे अपना हाथ रखकर शपथ लो, कि तुम मुझसे करुणा और विश्वास का बर्ताव करोगे और मुझे मिस्र में नहीं दफ़नाओगे,
И пришло время Израилю умереть, и призвал он сына своего Иосифа и сказал ему: если я нашел благоволение в очах твоих, положи руку твою под стегно мое и клянись, что ты окажешь мне милость и правду, не похоронишь меня в Египте,
30 जब मैं चिर-निद्रा में अपने पूर्वजों से जा मिलूं, तब मुझे मिस्र देश से ले जाना और पूर्वजों के साथ उन्हीं के पास मुझे दफ़नाना.” योसेफ़ ने कहा, “मैं ऐसा ही करूंगा जैसा आपने कहा है.”
дабы мне лечь с отцами моими; вынесешь меня из Египта и похоронишь меня в их гробнице. Иосиф сказал: сделаю по слову твоему.,
31 याकोब ने कहा, “मुझसे वायदा करो!” योसेफ़ ने उनसे वायदा किया और इस्राएल खाट के सिरहाने की ओर झुक गए.
И сказал: клянись мне. И клялся ему. И поклонился Израиль на возглавие постели.