< उत्पत्ति 47 >

1 योसेफ़ ने जाकर फ़रोह को बताया, “मेरे पिता तथा मेरे भाई अपने सब भेड़-बकरी, पशु तथा अपनी पूरी संपत्ति लेकर कनान देश से आ चुके हैं तथा वे गोशेन देश में हैं.”
ויבא יוסף ויגד לפרעה ויאמר אבי ואחי וצאנם ובקרם וכל אשר להם באו מארץ כנען והנם בארץ גשן׃
2 योसेफ़ ने अपने पांच भाइयों को फ़रोह के सामने प्रस्तुत किया.
ומקצה אחיו לקח חמשה אנשים ויצגם לפני פרעה׃
3 फ़रोह ने उनके भाइयों से पूछा, “आप लोग क्या काम करते हैं?” उन्होंने फ़रोह से कहा, “हम हमारे पूर्वजों की ही तरह पशु पालते हैं.
ויאמר פרעה אל אחיו מה מעשיכם ויאמרו אל פרעה רעה צאן עבדיך גם אנחנו גם אבותינו׃
4 अब इस देश में कुछ समय के लिये रहने आए हैं, क्योंकि कनान में भयंकर अकाल होने के कारण आपके दासों के पशुओं के लिए चारा नहीं है. तब कृपा कर हमें गोशेन में रहने की अनुमति दे दीजिए.”
ויאמרו אל פרעה לגור בארץ באנו כי אין מרעה לצאן אשר לעבדיך כי כבד הרעב בארץ כנען ועתה ישבו נא עבדיך בארץ גשן׃
5 फ़रोह ने योसेफ़ से कहा, “तुम्हारे पिता एवं तुम्हारे भाई तुम्हारे पास आए हैं,
ויאמר פרעה אל יוסף לאמר אביך ואחיך באו אליך׃
6 पूरा मिस्र देश तुम्हारे लिए खुला है; अपने पिता एवं अपने भाइयों को गोशेन के सबसे अच्छे भाग में रहने की सुविधा दे दो. और भाइयों में से कोई समझदार हो तो उसे मेरे पशुओं की देखभाल की पूरी जवाबदारी दे दो.”
ארץ מצרים לפניך הוא במיטב הארץ הושב את אביך ואת אחיך ישבו בארץ גשן ואם ידעת ויש בם אנשי חיל ושמתם שרי מקנה על אשר לי׃
7 फिर योसेफ़ पिता याकोब को भी फ़रोह से मिलाने लाए. याकोब ने फ़रोह को आशीष दी.
ויבא יוסף את יעקב אביו ויעמדהו לפני פרעה ויברך יעקב את פרעה׃
8 फ़रोह ने याकोब से पूछा, “आपकी उम्र क्या है?”
ויאמר פרעה אל יעקב כמה ימי שני חייך׃
9 याकोब ने फ़रोह को बताया “मेरी तीर्थ यात्रा के वर्ष एक सौ तीस रहे हैं. मेरी आयु बहुत छोटी और कष्टभरी रही है और वह मेरे पूर्वजों सी लंबी नहीं रही है!”
ויאמר יעקב אל פרעה ימי שני מגורי שלשים ומאת שנה מעט ורעים היו ימי שני חיי ולא השיגו את ימי שני חיי אבתי בימי מגוריהם׃
10 याकोब फ़रोह को आशीष देकर वहां से चले गये.
ויברך יעקב את פרעה ויצא מלפני פרעה׃
11 योसेफ़ ने अपने पिता एवं भाइयों को फ़रोह की आज्ञा अनुसार मिस्र में सबसे अच्छी जगह रामेसेस में ज़मीन दी.
ויושב יוסף את אביו ואת אחיו ויתן להם אחזה בארץ מצרים במיטב הארץ בארץ רעמסס כאשר צוה פרעה׃
12 योसेफ़ ने अपने पिता, अपने भाइयों तथा पिता के पूरे परिवार को उनके बच्चों की गिनती के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया.
ויכלכל יוסף את אביו ואת אחיו ואת כל בית אביו לחם לפי הטף׃
13 पूरे देश में अकाल के कारण भोजन की कमी थी. मिस्र देश तथा कनान देश अकाल के कारण भूखा पड़ा था.
ולחם אין בכל הארץ כי כבד הרעב מאד ותלה ארץ מצרים וארץ כנען מפני הרעב׃
14 मिस्र देश तथा कनान देश का सारा धन योसेफ़ ने फ़रोह के राजमहल में अनाज के बदले इकट्ठा कर लिया था.
וילקט יוסף את כל הכסף הנמצא בארץ מצרים ובארץ כנען בשבר אשר הם שברים ויבא יוסף את הכסף ביתה פרעה׃
15 जब लोगों के पास अनाज खरीदने के लिए रुपया नहीं था तब वह योसेफ़ के पास आकर बिनती करने लगे, “हमें खाने को भोजन दीजिए. हम आपकी आंखों के सामने क्यों मरें? हमारा रुपया सब खत्म हो गया है.”
ויתם הכסף מארץ מצרים ומארץ כנען ויבאו כל מצרים אל יוסף לאמר הבה לנו לחם ולמה נמות נגדך כי אפס כסף׃
16 योसेफ़ ने कहा, “यदि तुमारा रुपया खत्म हो गया हैं तो तुम अपने पशु हमें देते जाओ और हम तुम्हें उसके बदले अनाज देंगे.”
ויאמר יוסף הבו מקניכם ואתנה לכם במקניכם אם אפס כסף׃
17 इसलिये वे अपने पशु योसेफ़ को देने लगे; और योसेफ़ उन्हें उनके घोड़े, पशुओं, भेड़-बकरी तथा गधों के बदले में अनाज देने लगे. योसेफ़ ने उस वर्ष उनके समस्त पशुओं के बदले में उनकी भोजन की व्यवस्था की.
ויביאו את מקניהם אל יוסף ויתן להם יוסף לחם בסוסים ובמקנה הצאן ובמקנה הבקר ובחמרים וינהלם בלחם בכל מקנהם בשנה ההוא׃
18 जब वह वर्ष खत्म हुआ तब अगले वर्ष वह योसेफ़ के पास आए और उनसे कहा, “स्वामी यह सच्चाई आपसे छुपी नहीं रह सकती कि हमारा सारा रुपया खर्च हो गया हैं और पशु भी आपके हो गये है; अब हमारा शरीर और हमारी ज़मीन ही बच गई है.
ותתם השנה ההוא ויבאו אליו בשנה השנית ויאמרו לו לא נכחד מאדני כי אם תם הכסף ומקנה הבהמה אל אדני לא נשאר לפני אדני בלתי אם גויתנו ואדמתנו׃
19 क्या हम और हमारी ज़मीन आपकी आंखों के सामने नाश हो जायेंगी? अब भोजन के बदले आप हमारी ज़मीन को ही खरीद लीजिए, और हम अपनी ज़मीन के साथ फ़रोह के दास बन जाएंगे. हमें सिर्फ बीज दे दीजिये कि हम नहीं मरें परंतु जीवित रहें कि हमारी भूमि निर्जन न हो.”
למה נמות לעיניך גם אנחנו גם אדמתנו קנה אתנו ואת אדמתנו בלחם ונהיה אנחנו ואדמתנו עבדים לפרעה ותן זרע ונחיה ולא נמות והאדמה לא תשם׃
20 इस प्रकार योसेफ़ ने मिस्र देश की पूरी ज़मीन फ़रोह के लिये खरीद ली. सभी मिस्रवासियों ने अपनी भूमि बेच दी क्योंकि अकाल भयंकर था और ज़मीन फ़रोह की हो गई.
ויקן יוסף את כל אדמת מצרים לפרעה כי מכרו מצרים איש שדהו כי חזק עלהם הרעב ותהי הארץ לפרעה׃
21 योसेफ़ ने मिस्र के एक छोर से दूसरे छोर तक लोगों को, दास बना दिया.
ואת העם העביר אתו לערים מקצה גבול מצרים ועד קצהו׃
22 सिर्फ पुरोहितों की भूमि को नहीं खरीदा, क्योंकि उनको फ़रोह की ओर से निर्धारित भोजन मिलता था और वह उनके जीने के लिये पर्याप्‍त था, इसलिये उन्होंने अपनी ज़मीन नहीं बेची.
רק אדמת הכהנים לא קנה כי חק לכהנים מאת פרעה ואכלו את חקם אשר נתן להם פרעה על כן לא מכרו את אדמתם׃
23 योसेफ़ ने लोगों से कहा, “मैंने फ़रोह के लिए आपको तथा आपकी भूमि को आज खरीद लिया है, अब आपके लिये यह बीज दिया है कि आप अपनी ज़मीन पर इस बीज को बोना और खेती करना.
ויאמר יוסף אל העם הן קניתי אתכם היום ואת אדמתכם לפרעה הא לכם זרע וזרעתם את האדמה׃
24 और जब उपज आयेगी उसमें से फ़रोह को पांचवां भाग देना होगा और शेष चार भाग आपके होंगे; ज़मीन में बोने के बीज के लिये और आप, आपके परिवार और आपके बच्चों के भोजन के लिये होंगे.”
והיה בתבואת ונתתם חמישית לפרעה וארבע הידת יהיה לכם לזרע השדה ולאכלכם ולאשר בבתיכם ולאכל לטפכם׃
25 तब लोगों ने कहा, “आपने हमारा जीवन बचा लिया; यदि हमारे स्वामी की दया हम पर बनी रहे और हम फ़रोह के दास बने रहेंगे.”
ויאמרו החיתנו נמצא חן בעיני אדני והיינו עבדים לפרעה׃
26 योसेफ़ ने जो नियम बनाया था कि उपज का पांचवां भाग फ़रोह को देना ज़रूरी है वह आज भी स्थापित है. सिर्फ पुरोहितों की भूमि फ़रोह की नहीं हुई.
וישם אתה יוסף לחק עד היום הזה על אדמת מצרים לפרעה לחמש רק אדמת הכהנים לבדם לא היתה לפרעה׃
27 इस्राएल मिस्र देश के गोशेन नामक जगह पर रह रहे थे, वहां वे फलते फूलते धन-संपत्ति अर्जित करते गये और संख्या में कई गुणा बढ़ते गये.
וישב ישראל בארץ מצרים בארץ גשן ויאחזו בה ויפרו וירבו מאד׃
28 मिस्र में याकोब को सत्रह साल हो चुके थे, और वे एक सौ सैंतालीस वर्ष तक रहे.
ויחי יעקב בארץ מצרים שבע עשרה שנה ויהי ימי יעקב שני חייו שבע שנים וארבעים ומאת שנה׃
29 जब इस्राएल मरने पर थे, उन्होंने अपने पुत्र योसेफ़ को पास बुलाया और कहा, “यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो तो मेरी जांघ के नीचे अपना हाथ रखकर शपथ लो, कि तुम मुझसे करुणा और विश्वास का बर्ताव करोगे और मुझे मिस्र में नहीं दफ़नाओगे,
ויקרבו ימי ישראל למות ויקרא לבנו ליוסף ויאמר לו אם נא מצאתי חן בעיניך שים נא ידך תחת ירכי ועשית עמדי חסד ואמת אל נא תקברני במצרים׃
30 जब मैं चिर-निद्रा में अपने पूर्वजों से जा मिलूं, तब मुझे मिस्र देश से ले जाना और पूर्वजों के साथ उन्हीं के पास मुझे दफ़नाना.” योसेफ़ ने कहा, “मैं ऐसा ही करूंगा जैसा आपने कहा है.”
ושכבתי עם אבתי ונשאתני ממצרים וקברתני בקברתם ויאמר אנכי אעשה כדברך׃
31 याकोब ने कहा, “मुझसे वायदा करो!” योसेफ़ ने उनसे वायदा किया और इस्राएल खाट के सिरहाने की ओर झुक गए.
ויאמר השבעה לי וישבע לו וישתחו ישראל על ראש המטה׃

< उत्पत्ति 47 >