< उत्पत्ति 40 >

1 कुछ समय बाद राजा फ़रोह के कटोरा-वाहक और उनके खाना बनानेवाले ने अपने स्वामी फ़रोह के विरुद्ध कुछ गलती की.
Ces choses s’étant ainsi passées, il arriva que deux eunuques, l’échanson du roi d’Égypte et le panetier, offensèrent leur maître.
2 और प्रधान खानसामे और प्रधान पिलाने वाले दोनों पर राजा गुस्सा हुए,
Et Pharaon, irrité contre eux (car l’un commandait aux échansons et l’autre aux panetiers),
3 इसलिये राजा ने उन दोनों को कारावास में डाल दिया, जहां योसेफ़ भी बंदी थे.
Les envoya dans la prison du chef des soldats, où Joseph aussi était détenu.
4 अंगरक्षकों के प्रधान ने योसेफ़ के हाथ उन दोनों को सौंप दिया. योसेफ़ उनका ध्यान रखते थे. और वे दोनों कुछ समय तक कारावास में रहे,
Mais le gardien de la prison leur donna Joseph pour les servir. Quelque temps s’était écoulé, et eux étaient détenus dans la prison.
5 तब एक रात दोनों ने अलग-अलग सपना देखा, और हर एक सपने का अपना अलग-अलग अर्थ था.
Or ils virent tous deux, dans une même nuit, un songe qui, selon son interprétation, se rapportait à eux.
6 जब सुबह योसेफ़ वहां आए और उन दोनों को देखा कि वे उदास थे.
Lorsque Joseph fut entré près d’eux le matin, et qu’il les eut vus tristes,
7 योसेफ़ ने जो उसके साथ उसके स्वामी के घर में कारावास में थे, उनसे पूछा: “आप दोनो ऐसे उदास क्यों हैं?”
Il les interrogea, disant: Pourquoi votre visage est-il plus triste aujourd’hui que de coutume?
8 उन्होंने कहा, “हम दोनों ही ने स्वप्न देखा है, किंतु कोई भी नहीं है, जो उसका मतलब बता सके.” यह सुनकर योसेफ़ ने कहा, “क्या आप नहीं जानते कि स्वप्न की व्याख्या परमेश्वर की ओर से होती है? कृपया आप मुझे अपना स्वप्न बताएं.”
Ceux-ci répondirent: Nous avons vu un songe, et il n’y a personne pour nous l’interpréter. Joseph leur dit: N’est-ce pas à Dieu qu’appartient l’interprétation? Rapportez-moi ce que vous avez vu.
9 तब प्रधान पिलाने वाले ने योसेफ़ से कहा, “अपने स्वप्न में मैंने देखा कि मेरे पास एक दाखलता है,
Le grand échanson raconta le premier son songe: Je voyais devant moi qu’une vigne,
10 जिसमें तीन शाखाएं हैं. जैसे ही इन पर कलियां खिली, उनमें फूल खिलें और अंगूर लगकर पक गए.
Où il y avait trois provins, poussait peu à peu des boutons, et qu’après des fleurs, des raisins mûrissaient,
11 और मैं फ़रोह का प्याला मेरे हाथ में था, और मैंने अंगूर लेकर प्याले में रस निचोड़ा. फिर मैंने प्याला फ़रोह के हाथों में दिया.”
Et que la coupe de Pharaon était dans ma main: je pris donc les raisins et les pressai dans la coupe que je tenais, et je donnai la coupe à Pharaon.
12 स्वप्न सुनकर योसेफ़ ने कहा, “वे तीन शाखाएं तीन दिन हैं.
Joseph répondit: Voici l’interprétation du songe: Les trois provins, ce sont trois jours encore,
13 और तीन दिन में फ़रोह आपको वापस बुला लेंगे और आपका काम दुबारा आपको सौंप देंगे और आप फिर से पिलाने का काम शुरू करेंगे.
Après lesquels Pharaon se souviendra de ton ministère, et te rétablira dans ton ancienne charge; tu lui présenteras la coupe, selon ton office, comme tu avais coutume de le faire auparavant.
14 योसेफ़ ने उनसे कहा जब आप फ़रोह राजा के पास जायेंगे तब मुझे मत भूलना, लेकिन राजा को मेरे बारे में बताना और मुझे कारावास से बाहर निकलवाना.
Seulement souviens-toi de moi, quand bien t’arrivera, et fais-moi miséricorde en suggérant à Pharaon de me tirer de cette prison:
15 मुझे अपने घर इब्रियों के देश से ज़बरदस्ती से लाया गया था और यहां पर भी मैंने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है जिसके लिये मुझे इस काल-कोठरी में डाला गया.”
Car j’ai été enlevé par fraude du pays des Hébreux, et innocent, j’ai été jeté ici dans la fosse.
16 फिर प्रधान खाना बनानेवाले ने देखा कि दूसरे नौकर के स्वप्न की व्याख्या उनके पक्ष में थी, तब उसने योसेफ़ से कहा, “मैंने भी एक स्वप्न देखा है: मैंने देखा कि मेरे सिर पर सफ़ेद रोटी की तीन टोकरियां रखी हैं.
Le grand panetier voyant qu’il avait sagement expliqué le songe, dit: Et moi aussi j’ai vu un songe: J’avais trois corbeilles de farine sur ma tête;
17 सबसे ऊपर की टोकरी में फ़रोह के लिए तैयार किए गए सभी प्रकार के व्यंजन थे, टोकरी सिर पर रखी हुई थी; पक्षी उसमें से खाते जा रहे थे.”
Et dans l’une des corbeilles, qui était la plus élevée, je portais de tous les aliments qui s’apprêtent par l’art du boulanger, et les oiseaux en mangeaient.
18 स्वप्न सुनकर योसेफ़ ने अर्थ बताया: “वे तीन टोकरियां तीन दिन हैं.
Joseph répondit: Voici l’interprétation du songe: Les trois corbeilles, ce sont trois jours encore,
19 इन तीन दिनों में फ़रोह तुम्हारा सिर काट देंगे और शरीर को पेड़ पर लटका देंगे और पक्षी आकर तुम्हारे शरीर को नोचेंगे.”
Après lesquels Pharaon t’enlèvera la tête, et te suspendra à une croix, et les oiseaux déchireront tes chairs.
20 यही हुआ. तीसरे दिन फ़रोह का जन्मदिन था उसने अपने सभी सेवकों को भोज दिया उस दिन प्रधान पिलाने वाले और प्रधान पकाने वाले दोनों को कारावास से बाहर लाया गया.
Le troisième jour d’après était le jour de la naissance de Pharaon, qui, faisant un grand festin à ses serviteurs, se ressouvint, pendant le repas, du grand échanson et du grand panetier.
21 प्रधान पिलाने वाले को फिर से उसकी जवाबदारी दे दी गई; वह फ़रोह के हाथ में फिर से प्याला देने लगे.
Or il rétablit l’un dans sa charge, pour qu’il lui présentât la coupe,
22 लेकिन प्रधान पकाने वाले को फांसी पर लटका दिया; सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा योसेफ़ ने बताया था.
Et il suspendit l’autre à une potence; en sorte que la véracité de l’interprète se trouva justifiée.
23 यह सब देखकर भी प्रधान पिलाने वाले ने योसेफ़ को याद न किया; पर भूल गया.
Cependant, tout lui prospérant, le grand échanson oublia son interprète.

< उत्पत्ति 40 >