< उत्पत्ति 31 >

1 याकोब के कानों में यह समाचार पड़ा कि लाबान के पुत्र बड़बड़ा रहे थे, “याकोब ने तो वह सब हड़प लिया है, जो हमारे पिता का था और अब वह हमारे पिता ही की संपत्ति के आधार पर समृद्ध बना बैठा है.”
Potem gdy usłyszał Jakób słowa synów Labanowych mówiących: Pobrał Jakób wszystko, co miał ojciec nasz, i z tego, co było ojca naszego, tej wszystkiej zacności dostał.
2 यहां याकोब ने पाया कि लाबान की अभिवृत्ति उनके प्रति अब पहले जैसी नहीं रह गई थी.
Widział też Jakób twarz Labanową, a oto, nie był takim przeciwko niemu, jako przedtem.
3 इस स्थिति के प्रकाश में याहवेह ने याकोब को आदेश दिया, “अपने पिता एवं अपने संबंधियों के देश को लौट जाओ. मैं इसमें तुम्हारे पक्ष में हूं.”
Tedy rzekł Pan do Jakóba: Wróć się do ziemi ojców twoich, i do rodziny twojej, a będę z tobą.
4 इसलिये याकोब ने राहेल तथा लियाह को वहीं बुला लिया, जहां वे भेड़-बकरियों के साथ थे.
Przetoż posłał Jakób, i wyzwał Rachelę i Liję na pole do trzody swojej.
5 उन्होंने उनसे कहा, “मैं तुम्हारे पिता की अभिवृत्ति स्पष्ट देख रहा हूं; अब यह मेरे प्रति पहले जैसी सौहार्दपूर्ण नहीं रह गई; किंतु मेरे पिता के परमेश्वर मेरे साथ रहे हैं.
I rzekł im: Widzę ja twarz ojca waszego, że nie jest takim przeciwko mnie, jako przedtem, lecz Bóg ojca mego był ze mną.
6 तुम दोनों को ही यह उत्तम रीति से ज्ञात है कि मैंने यथाशक्ति तुम्हारे पिता की सेवा की है.
Wy też same wiecie, żem ze wszystkich sił moich służył ojcu waszemu;
7 इतना होने पर भी तुम्हारे पिता ने मेरे साथ छल किया और दस अवसरों पर मेरे पारिश्रमिक में परिवर्तन किए हैं; फिर भी परमेश्वर ने उन्हें मेरी कोई हानि न करने दी.
Ale ojciec wasz oszukał mię, i odmienił zapłatę moję po dziesięć kroć; jednak nie dopuścił mu Bóg, aby mi szkodził.
8 यदि उन्होंने कहा, ‘चित्तीयुक्त पशु तुम्हारे पारिश्रमिक होंगे,’ तो सभी भेड़ चित्तीयुक्त मेमने ही पैदा करने लगे; यदि उन्होंने कहा, ‘अच्छा, धारीयुक्त पशु तुम्हारा पारिश्रमिक होंगे,’ तो भेड़ धारीयुक्त मेमने उत्पन्‍न करने लगे.
Jeźli kiedy powiedział: Pstre będą zapłatą twoją, tedy rodziły wszystkie owce jagnięta pstre; a gdy zaś mówił: Strokate będą zapłatą twoją, tedy rodziły wszystkie owce jagnięta strokate.
9 यह तो परमेश्वर का ही कृत्य था, जो उन्होंने तुम्हारे पिता के ये पशु मुझे दे दिए हैं.
I odjął Bóg dobytek ojca waszego, a dał go mnie.
10 “तब पशुओं के समागम के अवसर पर मैंने एक स्वप्न देखा कि वे बकरे, जो संभोग कर रहे थे, वे धारीयुक्त, चित्तीयुक्त एवं धब्बे युक्त थे.
Stało się bowiem w ten czas, gdy się owce złączały, żem podniósł oczy swe, i widziałem przez sen, a oto, samcy złączały się z owcami strokatemi, pstremi, i biało nakrapianemi.
11 परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझसे कहा, ‘याकोब,’ मैंने कहा, ‘क्या आज्ञा है, प्रभु?’
Tedy mi rzekł Anioł Boży we śnie: Jakóbie! A jam odpowiedział: Owom ja.
12 और उसने कहा, ‘याकोब, देखो-देखो, जितने भी बकरे इस समय संभोग कर रहे हैं, वे धारीयुक्त हैं, चित्तीयुक्त हैं तथा धब्बे युक्त हैं; क्योंकि मैंने वह सब देख लिया है, जो लाबान तुम्हारे साथ करता रहा है.
Potem rzekł: Podnieś teraz oczy swe, a obacz wszystkie samce złączające się z owcami strokatemi, pstremi, i biało nakrapianemi; bom widział wszystko, coć Laban uczynił.
13 मैं बेथेल का परमेश्वर हूं, जहां तुमने उस शिलाखण्ड का अभ्यंजन किया था, जहां तुमने मेरे समक्ष संकल्प लिया था; अब उठो. छोड़ दो इस स्थान को और अपने जन्मस्थान को लौट जाओ.’”
Jam Bóg Betel, gdzieś namazał kamień, gdzieś mi poślubił ślub. Teraz tedy wstań, wynijdź z ziemi tej, a wróć się do ziemi rodziny twojej.
14 राहेल तथा लियाह ने उनसे कहा, “क्या अब भी हमारे पिता की संपत्ति में हमारा कोई अंश अथवा उत्तराधिकार शेष रह गया है?
Tedy odpowiedziała Rachel i Lija, i rzekły mu: Izaż jeszcze mamy cząstkę jaką i dziedzictwo w domu ojca naszego?
15 क्या अब हम उनके आंकलन में विदेशी नहीं हो गई हैं? उन्होंने हमें बेच दिया है, तथा हमारे अंश की धनराशि भी हड़प ली है.
Izażeśmy za obce nie były poczytane u niego? Iż nas przedał; i miałże by jeszcze do szczętu zjeść majętność naszę?
16 निःसंदेह अब तो, जो संपत्ति परमेश्वर ने हमारे पिता से छीन ली है, हमारी तथा हमारी संतान की हो चुकी है. तो आप वही कीजिए, जिसका निर्देश आपको परमेश्वर दे चुके हैं.”
Albowiem wszystko bogactwo, które odjął Bóg ojcu naszemu, nasze jest, i synów naszych; przetoż teraz wszystko uczyń, coć Bóg rozkazał.
17 तब याकोब ने अपने बालकों एवं पत्नियों को ऊंटों पर बैठा दिया,
Wstał tedy Jakób, i wsadził syny swe, i żony swe na wielbłądy.
18 याकोब ने अपने समस्त पशुओं को, अपनी समस्त संपत्ति को, जो उनके वहां रहते हुए संकलित होती गई थी तथा वह पशु धन, जो पद्दन-अराम में उनके प्रवासकाल में संकलित होता चला गया था, इन सबको लेकर अपने पिता यित्सहाक के आवास कनान की ओर प्रस्थान किया.
I zabrał wszystkę trzodę swoję, i wszystkę majętność swoję, której był nabył, dobytek nabycia swego, którego był nabył w krainie Syryjskiej, aby się wrócił do Izaaka, ojca swego, do ziemi Chananejskiej.
19 जब लाबान ऊन कतरने के लिए बाहर गया हुआ था, राहेल ने अपने पिता के गृहदेवता—प्रतिमाओं की चोरी कर ली.
A Laban odszedł był strzyc owce swoje: wtem ukradła Rachel bałwany, które miał ojciec jej.
20 तब याकोब ने भी अरामी लाबान के साथ प्रवंचना की; याकोब ने लाबान को सूचित ही नहीं किया कि वे पलायन कर रहे थे.
I wykradł się Jakób potajemnie od Labana Syryjczyka, tak że mu nie oznajmił, iż uciekał.
21 इसलिये याकोब अपनी समस्त संपत्ति को लेकर पलायन कर गए. उन्होंने फरात नदी पार की और पर्वतीय प्रदेश गिलआद की दिशा में आगे बढ़ गए.
I uciekł sam ze wszystkiem co miał, a wstawszy przeprawił się przez rzekę, i udał się ku górze Galaad.
22 तीसरे दिन जब लाबान को यह सूचना दी गई कि याकोब पलायन कर चुके हैं,
I dano znać Labanowi dnia trzeciego, że uciekł Jakób.
23 तब लाबान ने अपने संबंधियों को साथ लेकर याकोब का पीछा किया. सात दिन पीछा करने के बाद वे गिलआद के पर्वतीय प्रदेश में उनके निकट पहुंच गए.
Który wziąwszy bracią swoję z sobą, gonił go przez siedem dni, i doścignął go na górze Galaad.
24 परमेश्वर ने अरामी लाबान पर रात्रि में स्वप्न में प्रकट होकर उसे चेतावनी दी, “सावधान रहना कि तुम याकोब से कुछ प्रिय-अप्रिय न कह बैठो.”
Lecz przyszedł Bóg do Labana Syryjczyka we śnie onej nocy, i rzekł mu: Strzeż się, abyś nie mówił z Jakóbem nic przykrego.
25 लाबान याकोब तक जा पहुंचा. याकोब के शिविर पर्वतीय क्षेत्र में थे तथा लाबान ने भी अपने शिविर अपने संबंधियों सदृश गिलआद के पर्वतीय क्षेत्र में खड़े किए हुए थे.
I dogonił Laban Jakóba, a Jakób już był namiot swój rozbił na górze; Laban też rozbił namiot z bracią swą na onejże górze Galaad.
26 लाबान ने याकोब से कहा, “यह क्या कर रहे हो तुम? यह तो मेरे साथ छल है! तुम तो मेरी पुत्रियों को ऐसे लिए जा रहे हो, जैसे युद्धबन्दियों को तलवार के आतंक में ले जाया जाता है.
Tedy Laban rzekł do Jakóba: Cóżeś uczynił, żeś się wykradł potajemnie ode mnie, a uwiodłeś córki moje, jakoby pojmane mieczem?
27 क्या आवश्यकता थी ऐसे छिपकर भागने की, मुझसे छल करने की? यदि तुमने मुझे इसकी सूचना दी होती, तो मैं तुम्हें डफ तथा किन्‍नोर की संगत पर गीतों के साथ सहर्ष विदा करता!
Przeczżeś potajemnie uciekł, a wykradłeś się ode mnie, a nie oznajmiłeś mi, gdyżbym cię był puścił z radością, i z pieśniami, i z bębnem, i z harfą?
28 तुमने तो मुझे सुअवसर ही न दिया कि मैं अपने पुत्र-पुत्रियों को चुंबन के साथ विदा कर सकता. तुम्हारा यह कृत्य मूर्खतापूर्ण है.
I nie dopuściłeś mi, abym pocałował syny moje, i córki moje? Zaiste głupieś sobie począł.
29 मुझे यह अधिकार है कि तुम्हें इसके लिए प्रताड़ित करूं; किंतु तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने कल रात्रि मुझ पर प्रकट होकर मुझे आदेश दिया है कि मैं तुमसे कुछ भी प्रिय-अप्रिय न कहूं.
Jest to w mocy ręki mojej, uczynić wam co złego; ale Bóg ojca waszego przeszłej nocy rzekł do mnie, mówiąc: Strzeż się abyś z Jakóbem nie mówił nic przykrego.
30 ठीक है, तुम्हें अपने पिता के निकट रहने की इच्छा है, मान लिया; किंतु क्या आवश्यकता थी तुम्हें मेरे गृह-देवताओं की चोरी करने की?”
A teraz gdyć się chciało odejść, żeś wielce pragnął do domu ojca twego, czemużeś ukradł bogi moje?
31 तब याकोब ने लाबान को उत्तर दिया, “मेरे इस प्रकार आने का कारण थी मेरी यह आशंका, कि आप मुझसे अपनी पुत्रियां बलात छीन लेते.
I odpowiadając Jakób, rzekł do Labana: Iżem się bał, i myślałem, byś mi snać nie wydarł córek twoich.
32 किंतु आपको जिस किसी के पास से वे गृहदेवता प्राप्‍त होंगे, उसे जीवित न छोड़ा जाएगा. आपके ही संबंधियों की उपस्थिति में आप हमारी संपत्ति में से जो कुछ आपका है, ले लीजिए.” याकोब को इस तथ्य का कोई संज्ञान न था कि राहेल ने उन गृह-देवताओं की मूर्तियों को चुराई हैं.
Lecz ten, u kogo znajdziesz bogi twoje, niech umrze; przed bracią naszą poznajże, co twego u mnie, i weźmij sobie; a nie wiedział Jakób, że je Rachel ukradła.
33 इसलिये लाबान याकोब के शिविर के भीतर गया, उसके बाद लियाह के शिविर में, और उसके बाद परिचारिकाओं के शिविर में. किंतु वह देवता उसे वहां प्राप्‍त न हुआ. तब वह लियाह के शिविर से निकलकर राहेल के शिविर में गया.
Wszedł tedy Laban do namiotu Jakóbowego, i do namiotu Lii, i do namiotu obydwóch służebnic, a nie znalazł; a wyszedłszy z namiotu Lii wszedł do namiotu Racheli.
34 राहेल ने ही वे गृहदेवता छिपाए हुए थे, जिन्हें उसने ऊंट की काठी में रखा हुआ था. वह स्वयं उन पर बैठ गई थी. लाबान ने समस्त शिविर में खोज कर ली थी, किंतु उसे कुछ प्राप्‍त न हुआ था.
A Rachel wziąwszy one bałwany włożyła je pod sidło wielbłądowe, i usiadła na nich; i zmacał Laban wszystek namiot, a nie znalazł.
35 उसने अपने पिता से आग्रह किया, “पिताजी, आप क्रुद्ध न हों. मैं आपके समक्ष खड़ी होने के असमर्थ हूं; क्योंकि इस समय मैं रजस्वला हूं.” तब लाबान के खोजने पर भी उसे वे गृह-देवताओं की मूर्तियां नहीं मिलीं.
Tedy ona rzekła do ojca swego: Niech się nie gniewa pan mój, że nie mogę powstać przed twarzą twoją, bo według zwyczaju niewiast przypadło na mię; i szukał, a nie znalazł bałwanów.
36 तब याकोब का क्रोध उद्दीप्‍त हो उठा. वह लाबान से तर्क-वितर्क करने लगे, “क्या अपराध है मेरा?” क्या पाप किया है मैंने, जो आप इस प्रकार मेरा पीछा करते हुए आ रहे हैं?
Rozgniewał się tedy Jakób, i fukał na Labana; a odpowiadając Jakób, rzekł do Labana: Cóż za przestępstwo moje, co za grzech mój, żeś mię gonił zapaliwszy się?
37 आपने मेरी समस्त वस्तुओं में उन देवताओं की खोज कर ली है, किंतु आपको कोई भी अपनी वस्तु प्राप्‍त हुई है? आपके तथा मेरे संबंधियों के समक्ष यह स्पष्ट हो जाए, कि वे हम दोनों के मध्य अपना निर्णय दे सकें.
Otoś zmacał wszystek sprzęt mój: cóżeś znalazł ze wszystkiego sprzętu domu twego? połóż tu przed bracią moją, i bracią twoją, a niech rozsądzą między nami dwoma.
38 “इन बीस वर्षों तक मैं आपके साथ रहा हूं. आपकी भेड़ों एवं बकरियों में कभी गर्भपात नहीं हुआ. अपने भोजन के लिए मैंने कभी आपके पशुवृन्द में से मेढ़े नहीं उठाए.
Już dwadzieścia lat mieszkałem z tobą; owce twoje i kozy twoje nie pomiatały, a baranów stada twego nie jadałem.
39 जब कभी किसी वन्य पशु ने हमारे पशु को फाड़ा, मैंने उसे कभी आपके वृन्द में सम्मिलित नहीं किया; इसे मैंने अपनी ही हानि में सम्मिलित किया था. चाहे कोई पशु दिन में चोरी हुआ अथवा रात्रि में, आपने मुझसे भुगतान की मांग की.
Rozszarpanego od zwierza nie przyniosłem ci, jam szkodę nagradzał; z ręki mojej szukałeś tego, co było ukradzione we dnie, i co było ukradzione w nocy.
40 मेरी स्थिति तो ऐसी रही कि दिन में मुझ पर ऊष्मा का प्रहार होता रहा तथा रात्रि में ठंड का. मेरे नेत्रों से निद्रा दूर ही दूर रही.
Bywało to, że we dnie trapiło mię gorąco, a mróz w nocy, tak, że odchadzał sen mój od oczu moich.
41 इन बीस वर्षों में मैं आपके परिवार में रहा हूं; चौदह वर्ष आपकी पुत्रियों के लिए तथा छः वर्ष आपके भेड़-बकरियों के लिए. इन वर्षों में आपने दस बार मेरा पारिश्रमिक परिवर्तित किया है.
Jużem ci dwadzieścia lat w domu twoim służył; czternaście lat za dwie córki twoje, a sześć lat za bydło twoje; a odmieniałeś zapłatę moję po dziesięć kroć.
42 यदि मेरे पिता के परमेश्वर, अब्राहाम तथा यित्सहाक के परमेश्वर का भय मेरे साथ न होता, तो आपने तो मुझे रिक्त हस्त ही विदा कर दिया होता. परमेश्वर ने मेरे कष्ट एवं मेरे हाथों के परिश्रम को देखा है, और उसका प्रतिफल उन्होंने मुझे कल रात में प्रदान कर दिया है.”
I by był Bóg ojca mego, Bóg Abrahama, i strach Izaaka, nie był przy mnie, pewnie byś mię był teraz próżnego puścił; ale na utrapienie moje, i na pracę rąk moich wejrzał Bóg, i przestrzegał cię nocy przeszłej.
43 यह सब सुनकर लाबान ने याकोब को उत्तर दिया, “ये स्त्रियां मेरी पुत्रियां हैं, ये बालक मेरे बालक हैं, ये भेड़-बकरियां भी मेरी ही हैं, तथा जो कुछ तुम्हें दिखाई दे रहा है, वह मेरा ही है; किंतु अब मैं अपनी पुत्रियों एवं इन बालकों का क्या करूं, जो इनकी सन्तति हैं?
Tedy odpowiedział Laban, i rzekł do Jakóba: Córki te córki są moje, i synowie ci są synowie moi, i dobytek ten dobytek mój, i wszystko co widzisz, moje jest; a tym córkom moim, cóż dziś uczynię, albo synom ich, które zrodziły?
44 इसलिये आओ, हम परस्पर यह वाचा स्थापित कर लें, तुम और मैं, और यही हमारे मध्य साक्ष्य हो जाए.”
Pójdźże tedy, a uczyńmy przymierze, ja i ty, a będzie świadectwo między mną, i między tobą.
45 इसलिये याकोब ने एक शिलाखण्ड को स्तंभ स्वरूप खड़ा किया.
I wziął Jakób kamień, a postawił go na znak.
46 याकोब ने अपने संबंधियों से कहा, “पत्थर एकत्र करो.” इसलिये उन्होंने पत्थर एकत्र कर एक ढेर बना दिया तथा उस ढेर के निकट बैठ उन्होंने भोजन किया.
I rzekł Jakób do braci swej: Nazbierajcie kamieni; którzy nanosili kamieni, i uczynili kupę, i jedli tam na onej kupie.
47 लाबान ने तो इसे नाम दिया येगर-सहदूथा किंतु याकोब ने इसे गलएद कहकर पुकारा.
I nazwał ją Laban Jegar Sahaduta, a Jakób ją nazwał Galed.
48 लाबान ने कहा, “पत्थरों का यह ढेर आज मेरे तथा तुम्हारे मध्य एक साक्ष्य है.” इसलिये इसे गलएद तथा मिज़पाह नाम दिया गया,
Bo mówił Laban: Kupa ta niech będzie świadkiem między mną i między tobą dzisiaj; przetoż Jakób nazwał imię jej Galed,
49 क्योंकि उनका कथन था, “जब हम एक दूसरे की दृष्टि से दूर हों, याहवेह ही तुम्हारे तथा मेरे मध्य चौकसी बनाए रखें.
I Myspa; albowiem rzekł Laban: Niech upatruje Pan między mną i między tobą, gdy się rozejdziemy jeden od drugiego.
50 यदि तुम मेरी पुत्रियों के साथ दुर्व्यवहार करो अथवा मेरी पुत्रियों के अतिरिक्त पत्नियां ले आओ, यद्यपि कोई मनुष्य यह देख न सकेगा, किंतु स्मरण रहे, तुम्हारे तथा मेरे मध्य परमेश्वर साक्ष्य हैं.”
Jeźli będziesz trapił córki moje, i jeźli pojmiesz żony nad córki moje, nie masz tu nikogo między nami; bacz, że Bóg jest świadkiem między mną i między tobą.
51 लाबान ने याकोब से कहा, “इस ढेर को तथा इस स्तंभ को देखो, जो मैंने तुम्हारे तथा मेरे मध्य में स्थापित किया है.
I rzekł nad to Laban do Jakóba: Oto, ta kupa kamieni, i oto, znak ten, którym postanowił między mną i między tobą.
52 यह स्तंभ तथा पत्थरों का ढेर साक्ष्य है, कि मैं इसके निकट से होकर तुम्हारी हानि करने के लक्ष्य से आगे नहीं बढ़ूंगा, वैसे ही तुम भी इस ढेर तथा इस स्तंभ के निकट से होकर मेरी हानि के उद्देश्य से आगे नहीं बढ़ोगे.
Świadkiem ta kupa, i świadkiem ten znak będzie tego, iż ja do ciebie nie pójdę dalej za tę kupę, i ty też nie pójdziesz do mnie za tę kupę, i za ten znak, na złe.
53 इसके लिए अब्राहाम के परमेश्वर, नाहोर के परमेश्वर तथा उनके पिता के परमेश्वर हमारा न्याय करें.” इसलिये याकोब ने अपने पिता यित्सहाक के प्रति भय-भाव में शपथ ली.
Bóg Abrahamów i Bóg Nachorów niechaj rozsądzą między nami, Bóg ojca ich. Przysiągł tedy Jakób przez strach ojca swego Izaaka.
54 फिर याकोब ने उस पर्वत पर ही बलि अर्पित की तथा अपने संबंधियों को भोज के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने भोजन किया तथा पर्वत पर ही रात्रि व्यतीत की.
I nabił Jakób bydła na górze, i wezwał braci swej ku jedzeniu chleba. Tedy jedli chleb, i nocowali na onej górze.
55 बड़े तड़के लाबान उठा, अपने पुत्र-पुत्रियों का चुंबन लिया तथा उन्हें आशीर्वाद दिया. फिर लाबान स्वदेश लौट गया.
Potem Laban wstawszy bardzo rano, pocałował syny swoje i córki swe, i błogosławił im; a odszedłszy, wrócił się Laban na miejsce swoje.

< उत्पत्ति 31 >