< उत्पत्ति 31 >
1 याकोब के कानों में यह समाचार पड़ा कि लाबान के पुत्र बड़बड़ा रहे थे, “याकोब ने तो वह सब हड़प लिया है, जो हमारे पिता का था और अब वह हमारे पिता ही की संपत्ति के आधार पर समृद्ध बना बैठा है.”
Յակոբի ականջին հասան Լաբանի որդիների ասածները, թէ՝ «Յակոբը տէր դարձաւ մեր հօր ողջ ունեցուածքին, մեր հօր ունեցուածքի շնորհիւ նա դիզեց մեծ հարստութիւն»:
2 यहां याकोब ने पाया कि लाबान की अभिवृत्ति उनके प्रति अब पहले जैसी नहीं रह गई थी.
Յակոբը նայելով Լաբանի դէմքին՝ հասկացաւ, որ նա իր հետ այնպէս բարեացակամ չէ, ինչպէս առաջներում էր:
3 इस स्थिति के प्रकाश में याहवेह ने याकोब को आदेश दिया, “अपने पिता एवं अपने संबंधियों के देश को लौट जाओ. मैं इसमें तुम्हारे पक्ष में हूं.”
Տէր Աստուած ասաց Յակոբին. «Վերադարձի՛ր քո հօր երկիրը, քո ցեղի մօտ, եւ ես կը լինեմ քեզ հետ»:
4 इसलिये याकोब ने राहेल तथा लियाह को वहीं बुला लिया, जहां वे भेड़-बकरियों के साथ थे.
Յակոբը մարդ ուղարկեց եւ Ռաքէլին ու Լիային կանչեց այն դաշտը, ուր հօտերն էին գտնւում:
5 उन्होंने उनसे कहा, “मैं तुम्हारे पिता की अभिवृत्ति स्पष्ट देख रहा हूं; अब यह मेरे प्रति पहले जैसी सौहार्दपूर्ण नहीं रह गई; किंतु मेरे पिता के परमेश्वर मेरे साथ रहे हैं.
Նա նրանց ասաց. «Նայելով ձեր հօր դէմքին՝ զգում եմ, որ նա ինձ հետ այնպէս բարեացակամ չէ, ինչպէս առաջներում էր: Սակայն իմ հօր Աստուածը ինձ հետ է:
6 तुम दोनों को ही यह उत्तम रीति से ज्ञात है कि मैंने यथाशक्ति तुम्हारे पिता की सेवा की है.
Դուք ինքներդ էլ գիտէք, որ իմ ամբողջ ուժով ես ծառայեցի ձեր հօրը,
7 इतना होने पर भी तुम्हारे पिता ने मेरे साथ छल किया और दस अवसरों पर मेरे पारिश्रमिक में परिवर्तन किए हैं; फिर भी परमेश्वर ने उन्हें मेरी कोई हानि न करने दी.
բայց ձեր հայրը խաբեց ինձ, իմ վարձից տասը գառներ խլեց, սակայն Աստուած թոյլ չտուեց, որ նա ինձ վատութիւն անի:
8 यदि उन्होंने कहा, ‘चित्तीयुक्त पशु तुम्हारे पारिश्रमिक होंगे,’ तो सभी भेड़ चित्तीयुक्त मेमने ही पैदा करने लगे; यदि उन्होंने कहा, ‘अच्छा, धारीयुक्त पशु तुम्हारा पारिश्रमिक होंगे,’ तो भेड़ धारीयुक्त मेमने उत्पन्न करने लगे.
Եթէ նա ասի, թէ՝ «Երանգաւոր մաքիները թող լինեն քո վարձը», ապա բոլոր մաքիները երանգաւոր գառներ կը ծնեն, իսկ եթէ ասի, թէ՝ «Սպիտակները թող լինեն քո վարձը», ապա բոլոր մաքիները սպիտակ գառներ կը ծնեն:
9 यह तो परमेश्वर का ही कृत्य था, जो उन्होंने तुम्हारे पिता के ये पशु मुझे दे दिए हैं.
Աստուած ձեր հօր բոլոր մաքիները առաւ ու ինձ տուեց:
10 “तब पशुओं के समागम के अवसर पर मैंने एक स्वप्न देखा कि वे बकरे, जो संभोग कर रहे थे, वे धारीयुक्त, चित्तीयुक्त एवं धब्बे युक्त थे.
Երբ մաքիները բեղմնաւորւում էին, ես երազում, իմ աչքերով տեսնում էի, թէ ինչպէս նոխազներն ու խոյերը ելնում էին պտաւոր, խատուտիկ ու խայտաճամուկ մաքիների ու այծերի վրայ:
11 परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझसे कहा, ‘याकोब,’ मैंने कहा, ‘क्या आज्ञा है, प्रभु?’
Երազի մէջ Աստծու հրեշտակն ինձ ասաց. «Յակո՛բ»: Ես պատասխանեցի. «Ի՞նչ է»:
12 और उसने कहा, ‘याकोब, देखो-देखो, जितने भी बकरे इस समय संभोग कर रहे हैं, वे धारीयुक्त हैं, चित्तीयुक्त हैं तथा धब्बे युक्त हैं; क्योंकि मैंने वह सब देख लिया है, जो लाबान तुम्हारे साथ करता रहा है.
Նա ասաց. «Քո աչքով նայի՛ր ու տե՛ս, որ մաքիների ու էգ այծերի վրայ ելնող խոյերն ու արու այծերը ինչպէ՜ս պտաւոր են, խայտաճամուկ ու խատուտիկ: Չէ՞ որ ես տեսայ, թէ ինչքան անարդար վարուեց քեզ հետ Լաբանը:
13 मैं बेथेल का परमेश्वर हूं, जहां तुमने उस शिलाखण्ड का अभ्यंजन किया था, जहां तुमने मेरे समक्ष संकल्प लिया था; अब उठो. छोड़ दो इस स्थान को और अपने जन्मस्थान को लौट जाओ.’”
Ես այն Աստուածն եմ, որ երեւացի քեզ Աստծու տուն կոչուող վայրում, ուր ինձ համար կոթողը իւղով օծեցիր եւ ուխտ արեցիր: Արդ, դո՛ւրս արի այս երկրից, գնա՛ քո ծննդավայրը, եւ ես կը լինեմ քեզ հետ»:
14 राहेल तथा लियाह ने उनसे कहा, “क्या अब भी हमारे पिता की संपत्ति में हमारा कोई अंश अथवा उत्तराधिकार शेष रह गया है?
Պատասխան տուեցին Ռաքէլն ու Լիան եւ ասացին նրան. «Մի՞թէ սրանից յետոյ մենք մեր հօր ունեցուածքից բաժին եւ ժառանգութիւն կ՚ունենանք.
15 क्या अब हम उनके आंकलन में विदेशी नहीं हो गई हैं? उन्होंने हमें बेच दिया है, तथा हमारे अंश की धनराशि भी हड़प ली है.
չէ՞ որ նա մեզ օտար համարեց, քանի որ վաճառեց մեզ եւ մեր փողը կերաւ:
16 निःसंदेह अब तो, जो संपत्ति परमेश्वर ने हमारे पिता से छीन ली है, हमारी तथा हमारी संतान की हो चुकी है. तो आप वही कीजिए, जिसका निर्देश आपको परमेश्वर दे चुके हैं.”
Այն հարստութիւնն ու փառքը, որ Աստուած առաւ մեր հօր ձեռքից, թող մերը լինի ու մեր որդիներինը: Արդ, ինչ որ ասել է քեզ Աստուած, արա՛»:
17 तब याकोब ने अपने बालकों एवं पत्नियों को ऊंटों पर बैठा दिया,
Յակոբը վեր կացաւ, առաւ իր կանանց ու երեխաներին եւ նրանց նստեցրեց ուղտերի վրայ:
18 याकोब ने अपने समस्त पशुओं को, अपनी समस्त संपत्ति को, जो उनके वहां रहते हुए संकलित होती गई थी तथा वह पशु धन, जो पद्दन-अराम में उनके प्रवासकाल में संकलित होता चला गया था, इन सबको लेकर अपने पिता यित्सहाक के आवास कनान की ओर प्रस्थान किया.
Նա իր հետ վերցրեց իր ողջ ունեցուածքն ու հարստութիւնը, որ կուտակել էր Ասորիների Միջագետքում, որպէսզի գնայ Քանանացիների երկիրը՝ իր հայր Իսահակի մօտ:
19 जब लाबान ऊन कतरने के लिए बाहर गया हुआ था, राहेल ने अपने पिता के गृहदेवता—प्रतिमाओं की चोरी कर ली.
Լաբանը գնացել էր իր ոչխարները խուզելու: Ռաքէլը գողացաւ իր հօր կուռքերը,
20 तब याकोब ने भी अरामी लाबान के साथ प्रवंचना की; याकोब ने लाबान को सूचित ही नहीं किया कि वे पलायन कर रहे थे.
իսկ Յակոբը շեղեց իր աներոջ Լաբանի ուշադրութիւնը, որովհետեւ չէր ուզում յայտնել նրան, որ պիտի գնայ:
21 इसलिये याकोब अपनी समस्त संपत्ति को लेकर पलायन कर गए. उन्होंने फरात नदी पार की और पर्वतीय प्रदेश गिलआद की दिशा में आगे बढ़ गए.
Եւ նա գնաց իր ամբողջ ունեցուածքով: Նա անցաւ գետը եւ ուղղուեց դէպի Գաղաադ լեռը:
22 तीसरे दिन जब लाबान को यह सूचना दी गई कि याकोब पलायन कर चुके हैं,
Երրորդ օրը ասորի Լաբանին յայտնեցին, որ Յակոբը գնացել է:
23 तब लाबान ने अपने संबंधियों को साथ लेकर याकोब का पीछा किया. सात दिन पीछा करने के बाद वे गिलआद के पर्वतीय प्रदेश में उनके निकट पहुंच गए.
Նա իր հետ վերցրեց իր եղբայրներին, հետապնդեց նրան՝ անցնելով եօթը օրուայ ճանապարհ եւ նրան հասաւ Գաղաադ լերան մօտ:
24 परमेश्वर ने अरामी लाबान पर रात्रि में स्वप्न में प्रकट होकर उसे चेतावनी दी, “सावधान रहना कि तुम याकोब से कुछ प्रिय-अप्रिय न कह बैठो.”
Գիշերը երազում Աստուած երեւաց ասորի Լաբանին ու ասաց նրան. «Զգո՛յշ եղիր, չլինի թէ Յակոբի հետ չարութեամբ խօսես»: Լաբանը հասաւ Յակոբին:
25 लाबान याकोब तक जा पहुंचा. याकोब के शिविर पर्वतीय क्षेत्र में थे तथा लाबान ने भी अपने शिविर अपने संबंधियों सदृश गिलआद के पर्वतीय क्षेत्र में खड़े किए हुए थे.
Յակոբն իր վրանը խփել էր լերան վրայ, իսկ Լաբանն իր եղբայրներին դադար տուեց Գաղաադ լերան վրայ:
26 लाबान ने याकोब से कहा, “यह क्या कर रहे हो तुम? यह तो मेरे साथ छल है! तुम तो मेरी पुत्रियों को ऐसे लिए जा रहे हो, जैसे युद्धबन्दियों को तलवार के आतंक में ले जाया जाता है.
Լաբանն ասաց Յակոբին. «Ինչո՞ւ արեցիր դու այդ բանը, ինչո՞ւ ինձնից գաղտնի հեռացար, կողոպտեցիր ինձ, իսկ իմ դուստրերին իբրեւ ռազմագերի տարար:
27 क्या आवश्यकता थी ऐसे छिपकर भागने की, मुझसे छल करने की? यदि तुमने मुझे इसकी सूचना दी होती, तो मैं तुम्हें डफ तथा किन्नोर की संगत पर गीतों के साथ सहर्ष विदा करता!
Եթէ տեղեակ պահէիր ինձ, քեզ ճանապարհ կը դնէի ուրախութեամբ, թմբուկների ու քնարների նուագակցութեամբ:
28 तुमने तो मुझे सुअवसर ही न दिया कि मैं अपने पुत्र-पुत्रियों को चुंबन के साथ विदा कर सकता. तुम्हारा यह कृत्य मूर्खतापूर्ण है.
Մի՞թէ ես արժանի չէի, որ համբուրէի իմ որդիներին ու դուստրերին: Արդ, անմիտ բան ես արել:
29 मुझे यह अधिकार है कि तुम्हें इसके लिए प्रताड़ित करूं; किंतु तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने कल रात्रि मुझ पर प्रकट होकर मुझे आदेश दिया है कि मैं तुमसे कुछ भी प्रिय-अप्रिय न कहूं.
Ես հիմա կարող էի քեզ վատութիւն անել, բայց քո հօր Աստուածը երէկ ասաց ինձ. «Զգո՛յշ եղիր, չլինի թէ Յակոբի հետ չարութեամբ խօսես»:
30 ठीक है, तुम्हें अपने पिता के निकट रहने की इच्छा है, मान लिया; किंतु क्या आवश्यकता थी तुम्हें मेरे गृह-देवताओं की चोरी करने की?”
Արդ, գնում ես, որովհետեւ շատ ես ցանկանում գնալ քո հօր տունը: Բայց ինչո՞ւ գողացար իմ աստուածները»:
31 तब याकोब ने लाबान को उत्तर दिया, “मेरे इस प्रकार आने का कारण थी मेरी यह आशंका, कि आप मुझसे अपनी पुत्रियां बलात छीन लेते.
Պատասխան տուեց Յակոբն ու ասաց Լաբանին. «Որովհետեւ վախեցայ: Մտածեցի, թէ գուցէ դու քո դուստրերին, նաեւ իմ ողջ ունեցուածքը կը խլես ինձնից»:
32 किंतु आपको जिस किसी के पास से वे गृहदेवता प्राप्त होंगे, उसे जीवित न छोड़ा जाएगा. आपके ही संबंधियों की उपस्थिति में आप हमारी संपत्ति में से जो कुछ आपका है, ले लीजिए.” याकोब को इस तथ्य का कोई संज्ञान न था कि राहेल ने उन गृह-देवताओं की मूर्तियों को चुराई हैं.
Յակոբն աւելացրեց. «Ում մօտ որ գտնես քո աստուածները, թող նա մեր եղբայրների ներկայութեամբ սպանուի: Արդ, քո ունեցածից ինչ որ գտնես ինձ մօտ, վերցրո՛ւ»: Նա ոչինչ չգտաւ նրա մօտ: Յակոբը, սակայն, չգիտէր, որ Ռաքէլն էր գողացել դրանք:
33 इसलिये लाबान याकोब के शिविर के भीतर गया, उसके बाद लियाह के शिविर में, और उसके बाद परिचारिकाओं के शिविर में. किंतु वह देवता उसे वहां प्राप्त न हुआ. तब वह लियाह के शिविर से निकलकर राहेल के शिविर में गया.
Լաբանը, մտնելով, խուզարկեց Յակոբի կացարանը, Լիայի կացարանն ու երկու հարճերի կացարանը, բայց ոչինչ չգտաւ: Դուրս գալով Լիայի կացարանից՝ Լաբանը մտաւ Ռաքէլի կացարանը:
34 राहेल ने ही वे गृहदेवता छिपाए हुए थे, जिन्हें उसने ऊंट की काठी में रखा हुआ था. वह स्वयं उन पर बैठ गई थी. लाबान ने समस्त शिविर में खोज कर ली थी, किंतु उसे कुछ प्राप्त न हुआ था.
Ռաքէլն առնելով կուռքերը՝ դրանք դրել էր ուղտի թամբի տակ եւ նստել դրանց վրայ: Լաբանը խուզարկեց ողջ վրանը, բայց ոչինչ չգտաւ:
35 उसने अपने पिता से आग्रह किया, “पिताजी, आप क्रुद्ध न हों. मैं आपके समक्ष खड़ी होने के असमर्थ हूं; क्योंकि इस समय मैं रजस्वला हूं.” तब लाबान के खोजने पर भी उसे वे गृह-देवताओं की मूर्तियां नहीं मिलीं.
Նա ասաց իր հօրը. «Մի՛ բարկացիր, տէ՛ր, որ քո ներկայութեամբ չեմ կարող ոտքի ելնել, որովհետեւ կանանց յատուկ վիճակի մէջ եմ»: Լաբանը խուզարկեց ողջ կացարանը, բայց կուռքերը չգտաւ:
36 तब याकोब का क्रोध उद्दीप्त हो उठा. वह लाबान से तर्क-वितर्क करने लगे, “क्या अपराध है मेरा?” क्या पाप किया है मैंने, जो आप इस प्रकार मेरा पीछा करते हुए आ रहे हैं?
Յակոբը զայրացած վիճում էր Լաբանի հետ: Յակոբը, պատասխան տալով Լաբանին, ասաց. «Ի՞նչ վնաս եմ տուել ես, կամ ո՞րն է իմ յանցանքը, որ հետապնդեցիր ինձ
37 आपने मेरी समस्त वस्तुओं में उन देवताओं की खोज कर ली है, किंतु आपको कोई भी अपनी वस्तु प्राप्त हुई है? आपके तथा मेरे संबंधियों के समक्ष यह स्पष्ट हो जाए, कि वे हम दोनों के मध्य अपना निर्णय दे सकें.
եւ խուզարկեցիր իմ ողջ ունեցուածքը: Իմ տանը քո ունեցուածքից որեւէ բան գտա՞ր. դի՛ր այն իմ եղբայրների ու քո եղբայրների առաջ, եւ նրանք թող դատ անեն մեր երկուսի միջեւ:
38 “इन बीस वर्षों तक मैं आपके साथ रहा हूं. आपकी भेड़ों एवं बकरियों में कभी गर्भपात नहीं हुआ. अपने भोजन के लिए मैंने कभी आपके पशुवृन्द में से मेढ़े नहीं उठाए.
Քսան տարի է, ինչ քեզ հետ էի, քո մաքիներն ու այծերը չստերջացան, եւ քո մաքիների խոյերը ես չկերայ:
39 जब कभी किसी वन्य पशु ने हमारे पशु को फाड़ा, मैंने उसे कभी आपके वृन्द में सम्मिलित नहीं किया; इसे मैंने अपनी ही हानि में सम्मिलित किया था. चाहे कोई पशु दिन में चोरी हुआ अथवा रात्रि में, आपने मुझसे भुगतान की मांग की.
Գազաններից յօշոտուած կենդանիները ես չբերեցի քեզ մօտ, այլ ես ինքս էի հատուցում ցերեկը գողացուածի ու գիշերը գողացուածի վնասը:
40 मेरी स्थिति तो ऐसी रही कि दिन में मुझ पर ऊष्मा का प्रहार होता रहा तथा रात्रि में ठंड का. मेरे नेत्रों से निद्रा दूर ही दूर रही.
Ցերեկը տանջւում էի շոգից, իսկ գիշերը՝ ցրտից: Քունը փախել էր աչքերիցս:
41 इन बीस वर्षों में मैं आपके परिवार में रहा हूं; चौदह वर्ष आपकी पुत्रियों के लिए तथा छः वर्ष आपके भेड़-बकरियों के लिए. इन वर्षों में आपने दस बार मेरा पारिश्रमिक परिवर्तित किया है.
Քսան տարի է, որ քո տանն էի: Տասնչորս տարի քո դուստրերի համար աշխատեցի եւ վեց տարի՝ քո հօտերի համար, բայց դու խաբեցիր ինձ եւ իմ բաժնից տասը ոչխար խլեցիր:
42 यदि मेरे पिता के परमेश्वर, अब्राहाम तथा यित्सहाक के परमेश्वर का भय मेरे साथ न होता, तो आपने तो मुझे रिक्त हस्त ही विदा कर दिया होता. परमेश्वर ने मेरे कष्ट एवं मेरे हाथों के परिश्रम को देखा है, और उसका प्रतिफल उन्होंने मुझे कल रात में प्रदान कर दिया है.”
Եթէ ինձ հետ չլինէին իմ հօր Աստուածը, Աբրահամի Աստուածն ու Իսահակի երկիւղը, այժմ գուցէ ինձ ձեռնունայն յետ ուղարկէիր: Աստուած, սակայն, տեսաւ իմ չարչարանքն ու իմ ձեռքի գործը եւ երէկ քեզ յանդիմանեց»:
43 यह सब सुनकर लाबान ने याकोब को उत्तर दिया, “ये स्त्रियां मेरी पुत्रियां हैं, ये बालक मेरे बालक हैं, ये भेड़-बकरियां भी मेरी ही हैं, तथा जो कुछ तुम्हें दिखाई दे रहा है, वह मेरा ही है; किंतु अब मैं अपनी पुत्रियों एवं इन बालकों का क्या करूं, जो इनकी सन्तति हैं?
Պատասխան տուեց Լաբանն ու ասաց Յակոբին. «Դուստրերդ իմ դուստրերն են, որդիներդ իմ որդիներն են, հօտերդ իմ հօտերն են: Այն ամէնը, ինչ տեսնում ես դու, իմն են ու իմ դուստրերինը: Արդ, հիմա ես ինչպէ՞ս կարող եմ վատութիւն անել իմ դուստրերին ու նրանց որդիներին:
44 इसलिये आओ, हम परस्पर यह वाचा स्थापित कर लें, तुम और मैं, और यही हमारे मध्य साक्ष्य हो जाए.”
Արի պայման դնենք ես ու դու: Դա թող վկայութիւն լինի իմ ու քո միջեւ»: Նա իր խօսքը շարունակելով՝ ասաց նրան. «Ահա մեր միջեւ որպէս վկայ Աստծուց բացի ոչ ոք չկայ»:
45 इसलिये याकोब ने एक शिलाखण्ड को स्तंभ स्वरूप खड़ा किया.
Եւ Յակոբը վերցրեց մի քար եւ կանգնեցրեց որպէս կոթող:
46 याकोब ने अपने संबंधियों से कहा, “पत्थर एकत्र करो.” इसलिये उन्होंने पत्थर एकत्र कर एक ढेर बना दिया तथा उस ढेर के निकट बैठ उन्होंने भोजन किया.
Դիմելով իր եղբայրներին՝ նա ասաց. «Քարեր հաւաքեցէ՛ք»: Նրանք քարեր կուտակեցին, քարակոյտ սարքեցին եւ այդ քարակոյտի վրայ կերան ու խմեցին:
47 लाबान ने तो इसे नाम दिया येगर-सहदूथा किंतु याकोब ने इसे गलएद कहकर पुकारा.
Լաբանն այն կոչեց Վկայութեան կարկառ, իսկ Յակոբը կոչեց Վկայ կարկառ:
48 लाबान ने कहा, “पत्थरों का यह ढेर आज मेरे तथा तुम्हारे मध्य एक साक्ष्य है.” इसलिये इसे गलएद तथा मिज़पाह नाम दिया गया,
Լաբանն ասաց նրան. «Այս քարակոյտն այսօր վկայ է իմ ու քո միջեւ»: Ահա թէ ինչու Լաբանն այն կոչեց Վկայութեան քարակոյտ, իսկ Յակոբն այն կոչեց Վկայ քարակոյտ: Լաբանն ասաց Յակոբին. «Ահա այս քարակոյտն ու այս կոթողը, որ կանգնեցրի իմ ու քո միջեւ. վկայ է այս քարակոյտը, վկայ է այս կոթողը»: Դրա համար էլ քարակոյտը կոչու»ց Վկայութիւն
49 क्योंकि उनका कथन था, “जब हम एक दूसरे की दृष्टि से दूर हों, याहवेह ही तुम्हारे तथा मेरे मध्य चौकसी बनाए रखें.
եւ Դիտանոց, որի մասին ասաց, թէ՝ «Աստծու աչքը թող ինձ ու քեզ վրայ լինի, որովհետեւ մենք, ահա, բաժանւում ենք միմեանցից:
50 यदि तुम मेरी पुत्रियों के साथ दुर्व्यवहार करो अथवा मेरी पुत्रियों के अतिरिक्त पत्नियां ले आओ, यद्यपि कोई मनुष्य यह देख न सकेगा, किंतु स्मरण रहे, तुम्हारे तथा मेरे मध्य परमेश्वर साक्ष्य हैं.”
Եթէ վշտացնես իմ դուստրերին, եթէ իմ դուստրերի կենդանութեան օրօք կանայք առնես, զգո՛յշ եղիր, քանի որ մարդ չկայ, որ այդ բանը տեսնի, բայց Աստուա՛ծ վկայ կը լինի իմ ու քո միջեւ»:
51 लाबान ने याकोब से कहा, “इस ढेर को तथा इस स्तंभ को देखो, जो मैंने तुम्हारे तथा मेरे मध्य में स्थापित किया है.
Լաբանն ասաց Յակոբին. «Ահա այս քարակոյտն ու այս կոթողը, որ կանգնեցրինք իմ ու քո միջեւ.
52 यह स्तंभ तथा पत्थरों का ढेर साक्ष्य है, कि मैं इसके निकट से होकर तुम्हारी हानि करने के लक्ष्य से आगे नहीं बढ़ूंगा, वैसे ही तुम भी इस ढेर तथा इस स्तंभ के निकट से होकर मेरी हानि के उद्देश्य से आगे नहीं बढ़ोगे.
վկայ թող լինի այս քարակոյտը, վկայ թող լինի այս կոթողը, որ ես չեմ անցնի քարակոյտից այն կողմ, իսկ դու էլ չես անցնի քարակոյտից ու կոթողից այս կողմ չար դիտաւորութեամբ:
53 इसके लिए अब्राहाम के परमेश्वर, नाहोर के परमेश्वर तथा उनके पिता के परमेश्वर हमारा न्याय करें.” इसलिये याकोब ने अपने पिता यित्सहाक के प्रति भय-भाव में शपथ ली.
Մեր դատաւորը Աբրահամի Աստուածը, Նաքորի Աստուածը, նրանց հայրերի Աստուածը թող լինի»:
54 फिर याकोब ने उस पर्वत पर ही बलि अर्पित की तथा अपने संबंधियों को भोज के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने भोजन किया तथा पर्वत पर ही रात्रि व्यतीत की.
Եւ Յակոբը երդուեց իր հայր Իսահակի երկիւղով: Յակոբը զոհ մատուցեց լերան վրայ եւ կանչեց իր եղբայրներին, որ հաց ուտեն: Նրանք կերան, խմեցին ու գիշերեցին լերան վրայ:
55 बड़े तड़के लाबान उठा, अपने पुत्र-पुत्रियों का चुंबन लिया तथा उन्हें आशीर्वाद दिया. फिर लाबान स्वदेश लौट गया.
Լաբանն առաւօտեան վեր կացաւ, համբուրեց իր որդիներին ու դուստրերին, օրհնեց նրանց եւ վերադառնալով՝ գնաց իր բնակատեղին: