< उत्पत्ति 24 >
1 अब्राहाम बहुत बूढ़े हो गये थे, और याहवेह ने उन्हें सब प्रकार से आशीषित किया था.
Et Abraham était vieux, avancé en âge; et l’Éternel avait béni Abraham en toute chose.
2 अब्राहाम ने अपने पुराने सेवक से, जो घर की और पूरे संपत्ति की देखभाल करता था, कहा, “तुम अपना हाथ मेरी जांघ के नीचे रखो.
Et Abraham dit à son serviteur, le plus ancien de sa maison, qui avait le gouvernement de tout ce qui était à lui: Mets, je te prie, ta main sous ma cuisse,
3 मैं चाहता हूं कि तुम स्वर्ग एवं पृथ्वी के परमेश्वर याहवेह की शपथ खाओ कि तुम इन कनानियों की पुत्रियों में से, जिनके बीच हम रह रहे हैं, मेरे बेटे की शादी नहीं कराओगे,
et je te ferai jurer par l’Éternel, le Dieu des cieux et le Dieu de la terre, que tu ne prendras pas de femme pour mon fils d’entre les filles des Cananéens, parmi lesquels j’habite;
4 परंतु तुम मेरे देश में मेरे रिश्तेदारों में से मेरे बेटे यित्सहाक के लिए पत्नी लाओगे.”
mais tu iras dans mon pays et vers ma parenté, et tu prendras une femme pour mon fils, pour Isaac.
5 उस सेवक ने अब्राहाम से पूछा, “उस स्थिति में मैं क्या करूं, जब वह स्त्री इस देश में आना ही न चाहे; क्या मैं आपके पुत्र को उस देश में ले जाऊं, जहां से आप आए हैं?”
Et le serviteur lui dit: Peut-être la femme ne voudra-t-elle pas me suivre dans ce pays-ci; me faudra-t-il faire retourner ton fils dans le pays d’où tu es sorti?
6 इस पर अब्राहाम ने कहा, “तुम मेरे पुत्र को वहां कभी नहीं ले जाना.
Et Abraham lui dit: Garde-toi d’y faire retourner mon fils.
7 याहवेह, जो स्वर्ग के परमेश्वर हैं, जो मुझे मेरे पिता के परिवार और मेरी जन्मभूमि से लाये हैं और जिन्होंने शपथ खाकर मुझसे यह वायदा किया, ‘यह देश मैं तुम्हारे वंश को दूंगा’—वे ही स्वर्गदूत को तुम्हारे आगे-आगे भेजेंगे और तुम मेरे पुत्र के लिए वहां से एक पत्नी लेकर आओगे.
L’Éternel, le Dieu des cieux, qui m’a pris de la maison de mon père et du pays de ma parenté, et qui m’a parlé et qui m’a juré, disant: Je donnerai à ta semence ce pays-ci, lui-même enverra son ange devant toi, et tu prendras de là une femme pour mon fils.
8 अगर कन्या तुम्हारे साथ आने के लिए मना करे, तब तुम मेरी इस शपथ से मुक्त हो जाओगे. लेकिन ध्यान रखना कि तुम मेरे पुत्र को वापस वहां न ले जाना.”
Et si la femme ne veut pas te suivre, alors tu seras quitte envers moi de ce serment; seulement, tu ne feras pas retourner là mon fils.
9 इसलिये उस सेवक ने अपने स्वामी अब्राहाम की जांघ के नीचे अपना हाथ रखा और इस बारे में शपथ खाकर अब्राहाम से वायदा किया.
Et le serviteur mit sa main sous la cuisse d’Abraham, son seigneur, et lui jura au sujet de ces choses.
10 तब उस सेवक ने अपने स्वामी के ऊंट के झुंड में से दस ऊंटों को लिया और उन पर अपने स्वामी की ओर से विभिन्न उपहार लादा और नाहोर के गृहनगर उत्तर-पश्चिम मेसोपोतामिया की ओर प्रस्थान किया.
Et le serviteur prit dix chameaux d’entre les chameaux de son maître, et s’en alla; or il avait tout le bien de son maître sous sa main. Et il se leva et s’en alla en Mésopotamie, à la ville de Nakhor.
11 नगर के बाहर पहुंचकर उसने ऊंटों को कुएं के पास बैठा दिया; यह शाम का समय था. इसी समय स्त्रियां पानी भरने बाहर आया करती थीं.
Et il fit agenouiller les chameaux en dehors de la ville, auprès d’un puits d’eau, au temps du soir, au temps où sortent celles qui vont puiser.
12 तब सेवक ने प्रार्थना की, “याहवेह, मेरे स्वामी अब्राहाम के परमेश्वर, मेरे काम को सफल करें और मेरे स्वामी अब्राहाम पर दया करें.
Et il dit: Éternel, Dieu de mon seigneur Abraham, fais-moi faire, je te prie, une [heureuse] rencontre aujourd’hui, et use de grâce envers mon seigneur Abraham.
13 आप देख रहे हैं कि मैं इस पानी के सोते के निकट खड़ा हूं, और इस नगरवासियों की कन्याएं पानी भरने के लिए निकलकर आ रही हैं.
Voici, je me tiens près de la fontaine d’eau, et les filles des gens de la ville sortent pour puiser de l’eau;
14 आप कुछ ऐसा कीजिए कि जिस कन्या से मैं यह कहूं, ‘अपना घड़ा झुकाकर कृपया मुझे पानी पिला दे,’ और वह कन्या कहे, ‘आप पानी पी लीजिए, और फिर मैं आपके ऊंटों को भी पानी पिला दूंगी’—यह वही कन्या हो जिसे आपने अपने सेवक यित्सहाक के लिए चुना है. इसके द्वारा मुझे यह विश्वास हो जाएगा कि आपने मेरे स्वामी पर अपनी करुणा दिखाई है.”
qu’il arrive donc que la jeune fille à laquelle je dirai: Abaisse ta cruche, je te prie, afin que je boive, et qui dira: Bois, et j’abreuverai aussi tes chameaux, soit celle que tu as destinée à ton serviteur, à Isaac; et à cela je connaîtrai que tu as usé de grâce envers mon seigneur.
15 इसके पूर्व कि उसकी प्रार्थना खत्म होती, रेबेकाह नगर के बाहर अपने कंधे पर घड़ा लेकर पानी भरने आई. वह मिलकाह के पुत्र बेथुएल की पुत्री थी और मिलकाह अब्राहाम के भाई नाहोर की पत्नी थी.
Et il arriva, avant qu’il ait achevé de parler, que voici sortir Rebecca, sa cruche sur son épaule: elle était née à Bethuel, fils de Milca, femme de Nakhor, frère d’Abraham.
16 रेबेकाह बहुत सुंदर थी, कुंवारी थी; अब तक किसी पुरुष से उसका संसर्ग नहीं हुआ था. वह नीचे सोते पर गई, अपना घड़ा पानी से भरा और फिर ऊपर आ गई.
Et la jeune fille était très belle de visage, vierge, et nul ne l’avait connue. Et elle descendit à la fontaine, et remplit sa cruche, et remonta.
17 सेवक दौड़कर उसके निकट आया और उससे कहा, “कृपया अपने घड़े से मुझे थोड़ा पानी पिला दो.”
Et le serviteur courut à sa rencontre et dit: Permets, je te prie, que je boive un peu d’eau de ta cruche.
18 रेबेकाह ने कहा, “हे मेरे प्रभु लीजिए, पीजिये” और उसने तुरंत घड़े को नीचे करके उसे पानी पिलाया.
Et elle dit: Bois, mon seigneur. Et vite elle abaissa sa cruche sur sa main, et lui donna à boire.
19 जब वह सेवक को पानी पिला चुकी, तब रेबेकाह ने उससे कहा, “मैं आपके ऊंटों के लिए भी पानी लेकर आती हूं, जब तक वे पूरे तृप्त न हो जाएं.”
Et, après qu’elle eut achevé de lui donner à boire, elle dit: Je puiserai aussi pour tes chameaux, jusqu’à ce qu’ils aient fini de boire.
20 उसने बिना देर किए घड़े का पानी हौदे में उंडेलकर वापस सोते पर और पानी भरने गई, और उसके सारे ऊंटों के लिये पर्याप्त पानी ले आई.
Et elle se hâta et vida sa cruche dans l’auge, et elle courut encore au puits pour puiser, et puisa pour tous ses chameaux.
21 जब यह सब हो रहा था, बिना एक शब्द कहे, उस सेवक ध्यान से रेबेकाह को देखकर सोच रहा था कि याहवेह ने उसकी यात्रा को सफल किया है या नहीं.
Et l’homme la regardait avec étonnement sans rien dire, pour savoir si l’Éternel aurait fait prospérer son voyage, ou non.
22 जब ऊंटों ने पानी पी लिया, तब सेवक ने आधा शेकेल सोने की एक नथ और दस शेकेल सोने के दो कंगन निकाला.
Et il arriva, quand les chameaux eurent fini de boire, que l’homme prit un anneau d’or, du poids d’un demi-sicle, et deux bracelets pour ses mains, du poids de dix [sicles] d’or.
23 और रेबेकाह को देकर उससे पूछा, “तुम किसकी बेटी हो? कृपया मुझे बताओ, क्या तुम्हारे पिता के घर में इस रात ठहरने के लिए जगह है?”
Et il dit: De qui es-tu fille? Fais-le-moi savoir, je te prie. Y a-t-il pour nous, dans la maison de ton père, un lieu pour y loger?
24 रेबेकाह ने उत्तर दिया, “मैं नाहोर तथा मिलकाह के पुत्र बेथुएल की बेटी हूं.”
Et elle lui dit: Je suis fille de Bethuel, fils de Milca, qu’elle a enfanté à Nakhor.
25 और उसने यह भी कहा, “हमारे यहां घास और चारा बहुत है, और रात में ठहरने के लिये जगह भी है.”
Et elle lui dit: Il y a chez nous de la paille, et aussi du fourrage en abondance, et de la place pour loger.
26 तब उस सेवक ने झुककर और यह कहकर याहवेह की आराधना की,
Et l’homme s’inclina, et se prosterna devant l’Éternel,
27 “धन्य हैं याहवेह, मेरे स्वामी अब्राहाम के परमेश्वर, जिन्होंने मेरे स्वामी के प्रति अपने प्रेम और करुणा को नहीं हटाया. याहवेह मुझे सही जगह पर लाये जो मेरे स्वामी के रिश्तेदारों का ही घर है.”
et dit: Béni soit l’Éternel, le Dieu de mon seigneur Abraham, qui ne s’est pas départi de sa grâce et de sa vérité envers mon seigneur. Lorsque j’étais en chemin, l’Éternel m’a conduit à la maison des frères de mon seigneur.
28 वह कन्या दौड़कर अपने घर गई और अपनी माता के घर के लोगों को सब बातें बताई.
Et la jeune fille courut, et rapporta ces choses dans la maison de sa mère;
29 रेबेकाह के भाई लाबान दौड़कर कुएं के पास गए जहां सेवक था.
or Rebecca avait un frère, nommé Laban; et Laban courut vers l’homme, dehors, à la fontaine.
30 जब उसने नथ और अपनी बहन के हाथों में कंगन देखा और जो बात सेवक ने कही थी, उसे सुनी, तब वह उस सेवक के पास गया, और देखा कि वह सेवक सोते के निकट ऊंटों के बाजू में खड़ा है.
Et il arriva que, lorsqu’il vit l’anneau et les bracelets aux mains de sa sœur, et qu’il entendit les paroles de Rebecca, sa sœur, disant: Ainsi m’a parlé l’homme, il vint vers l’homme. Et voici, il se tenait auprès des chameaux, près de la fontaine.
31 लाबान ने सेवक से कहा, “हे याहवेह के आशीषित जन, मेरे साथ चलिए! आप यहां बाहर क्यों खड़े हैं? मैंने घर को, और ऊंटों के ठहरने के लिये भी जगह तैयार की है.”
Et il dit: Entre, béni de l’Éternel; pourquoi te tiens-tu dehors? car j’ai préparé la maison, et de la place pour les chameaux.
32 वह सेवक लाबान के साथ घर आया और ऊंटों पर से सामान उतारा गया. ऊंटों के लिये पैंरा और चारा लाया गया. सेवक तथा उसके साथ के लोगों के लिये पैर धोने हेतु पानी दिया गया.
Et l’homme entra dans la maison, et on débarrassa les chameaux; et on donna de la paille et du fourrage aux chameaux, et [pour lui] de l’eau pour laver ses pieds et les pieds des gens qui étaient avec lui.
33 तब सेवक को खाना दिया गया, पर उसने कहा, “मैं तब तक भोजन न करूंगा, जब तक कि मैं अपने आने का प्रयोजन न बता दूं.” लाबान ने कहा, “ठीक है, बता दें.”
Et on mit devant lui de quoi manger; mais il dit: Je ne mangerai pas avant d’avoir dit ce que j’ai à dire. Et [Laban] dit: Parle.
34 तब उसने कहा, “मैं अब्राहाम का सेवक हूं.
Et il dit: Je suis serviteur d’Abraham.
35 याहवेह ने मेरे स्वामी को बहुत आशीष दी हैं, जिससे वे धनवान हो गए हैं. याहवेह ने उन्हें बहुत भेड़-बकरी और पशु, सोना और चांदी, सेवक और सेविकाएं तथा ऊंट और गधे दिये हैं.
Or l’Éternel a béni abondamment mon seigneur, et il est devenu grand; et il lui a donné du menu bétail, et du gros bétail, et de l’argent, et de l’or, et des serviteurs, et des servantes, et des chameaux, et des ânes.
36 मेरे स्वामी की पत्नी साराह को वृद्धावस्था में एक बेटा पैदा हुआ, और अब्राहाम ने उसे अपना सब कुछ दे दिया है.
Et Sara, femme de mon seigneur, a dans sa vieillesse enfanté un fils à mon seigneur; et il lui a donné tout ce qu’il a.
37 और मेरे स्वामी ने मुझे शपथ दिलाकर कहा, ‘तुम मेरे पुत्र की पत्नी बनने के लिए कनानियों की किसी बेटी को, जिनके बीच मैं रहता हूं, न लाना,
Et mon seigneur m’a fait jurer, disant: Tu ne prendras pas de femme pour mon fils d’entre les filles des Cananéens, dans le pays desquels j’habite;
38 पर तुम मेरे पिता के परिवार, मेरे अपने वंश में जाना, और मेरे पुत्र के लिए एक पत्नी लाना.’
mais tu iras à la maison de mon père et vers ma famille, et tu prendras une femme pour mon fils.
39 “तब मैंने अपने स्वामी से पूछा, ‘यदि वह युवती मेरे साथ आना नहीं चाहेगी, तब क्या?’
Et je dis à mon seigneur: Peut-être la femme ne viendra-t-elle pas après moi.
40 “मेरे स्वामी ने कहा, ‘याहवेह, जिनके सामने मैं ईमानदारी से चलता आया हूं, वे अपने स्वर्गदूत को तुम्हारे साथ भेजेंगे और तुम्हारी यात्रा को सफल करेंगे, ताकि तुम मेरे पुत्र के लिए मेरे अपने वंश और मेरे पिता के परिवार से एक पत्नी ला सको.
Et il me dit: L’Éternel, devant qui je marche, enverra son ange avec toi et fera prospérer ton voyage, et tu prendras pour mon fils une femme de ma famille et de la maison de mon père.
41 तुम मेरे इस शपथ से तब ही छूट पाओगे, जब तुम मेरे वंश के लोगों के पास जाओगे, और यदि वे उस कन्या को तुम्हारे साथ भेजने के लिए मना करें—तब तुम मेरे शपथ से छूट जाओगे.’
Quand tu seras arrivé auprès de ma famille, alors tu seras quitte du serment que je te fais faire; et, si on ne te la donne pas, tu seras quitte du serment que je te fais faire.
42 “आज जब मैं कुएं के पास पहुंचा, तो मैंने यह प्रार्थना की, ‘याहवेह, मेरे स्वामी अब्राहाम के परमेश्वर, मैं जिस उद्देश्य से यहां आया हूं, वह काम पूरा हो जाये.
Et je suis venu aujourd’hui à la fontaine, et j’ai dit: Éternel, Dieu de mon seigneur Abraham, si tu veux bien faire prospérer le voyage que je fais,
43 देखिये, मैं इस कुएं के किनारे खड़ा हूं. यदि कोई कन्या निकलकर पानी भरने के लिये आती है और मैं उससे कहता हूं, “कृपा करके मुझे अपने घड़े से थोड़ा पानी पिला दे,”
voici, je me tiens près de la fontaine d’eau: qu’il arrive que la jeune fille qui sortira pour puiser, et à laquelle je dirai: Donne-moi, je te prie, à boire un peu d’eau de ta cruche,
44 और यदि वह मुझसे कहती है, “पीजिये, और मैं आपके ऊंटों के लिये भी पानी लेकर आती हूं,” तो वह वही कन्या हो, जिसे याहवेह ने मेरे मालिक के बेटे के लिये चुना है.’
et qui me dira: Bois toi-même, et je puiserai aussi pour tes chameaux, que celle-là soit la femme que l’Éternel a destinée au fils de mon seigneur.
45 “इसके पहले कि मैं अपने मन में यह प्रार्थना खत्म करता, रेबेकाह अपने कंधे पर घड़ा लिये निकलकर आई. वह नीचे सोते के पास जाकर पानी भरने लगी, और मैंने उससे कहा, ‘कृपया मुझे थोड़ा पानी पिला दो.’
Avant que j’aie achevé de parler en mon cœur, voici sortir Rebecca, sa cruche sur son épaule; et elle est descendue à la fontaine, et a puisé; et je lui ai dit: Donne-moi à boire, je te prie.
46 “तब उसने तुरंत अपने कंधे में से घड़े को झुकाकर कहा, ‘पी लीजिये, और फिर मैं आपके ऊंटों को भी पानी पिला दूंगी.’ तब मैंने पानी पिया, और उसने ऊंटों को भी पानी पिलाया.
Et elle s’est hâtée et a abaissé sa cruche de dessus son épaule, et a dit: Bois, et j’abreuverai aussi tes chameaux. Et j’ai bu, et elle a aussi abreuvé les chameaux.
47 “तब मैंने उससे पूछा, ‘तुम किसकी बेटी हो?’ “उसने कहा, ‘मैं बेथुएल की बेटी हूं, जो नाहोर तथा मिलकाह के पुत्र है.’ “तब मैंने उसके नाक में नथ तथा उसके हाथों में कंगन पहना दिए,
Et je l’ai interrogée, et j’ai dit: De qui es-tu fille? Et elle a dit: Je suis fille de Bethuel, fils de Nakhor, que Milca lui a enfanté. Et j’ai mis l’anneau à son nez, et les bracelets à ses mains.
48 और मैंने झुककर याहवेह की आराधना की. मैंने याहवेह, अपने मालिक अब्राहाम के परमेश्वर की महिमा की, जिन्होंने मुझे सही मार्ग में अगुवाई की, ताकि मैं अपने मालिक के भाई की नतनिन को अपने मालिक के बेटे के लिये पत्नी के रूप में ले जा सकूं.
Et je me suis incliné et je me suis prosterné devant l’Éternel, et j’ai béni l’Éternel, le Dieu de mon seigneur Abraham, qui m’a conduit par le vrai chemin, pour prendre la fille du frère de mon seigneur pour son fils.
49 इसलिये अब, यदि आप मेरे मालिक के प्रति दया और सच्चाई दिखाना चाहते हैं, तो मुझे बताईये; और यदि नहीं, तो वह भी बताईये, कि किस रास्ते पर मुड़ना है.”
Et maintenant, si vous voulez user de grâce et de vérité envers mon seigneur, déclarez-le-moi; et sinon, déclarez-le-moi, et je me tournerai à droite ou à gauche.
50 यह सब सुनकर लाबान एवं बेथुएल ने कहा, “यह सब याहवेह की ओर से हुआ है; हम तुमसे अच्छा या बुरा कुछ नहीं कह सकते.
Et Laban et Bethuel répondirent et dirent: La chose procède de l’Éternel; nous ne pouvons te dire ni mal, ni bien.
51 रेबेकाह तुम्हारे सामने है; इसे अपने साथ ले जाओ, ताकि वह तुम्हारे स्वामी के पुत्र की पत्नी हो जाए, जैसा कि याहवेह ने निर्देश दिया है.”
Voici Rebecca devant toi; prends-la, et t’en va; et qu’elle soit la femme du fils de ton seigneur, comme l’Éternel l’a dit.
52 उनकी बातों को सुनकर अब्राहाम के सेवक ने भूमि पर झुककर याहवेह को दंडवत किया.
Et il arriva, lorsque le serviteur d’Abraham entendit leurs paroles, qu’il se prosterna en terre devant l’Éternel;
53 तब सेवक ने सोने और चांदी के गहने तथा वस्त्र निकालकर रेबेकाह को दिए; उसने रेबेकाह के भाई और उसकी माता को भी बहुमूल्य वस्तुएं दी.
et le serviteur sortit des objets d’argent et des objets d’or, et des vêtements, et les donna à Rebecca; il fit aussi de riches présents à son frère et à sa mère.
54 फिर उसने तथा उसके साथ के लोगों ने खाया पिया और वहां रात बिताई. अगले दिन सुबह जब वे सोकर उठे तो सेवक ने कहा, “मुझे अपने स्वामी के पास वापस जाने के लिए विदा कीजिये.”
Et ils mangèrent et burent, lui et les hommes qui étaient avec lui, et ils logèrent là; et ils se levèrent le matin, et il dit: Renvoyez-moi à mon seigneur.
55 पर रेबेकाह के भाई और उसकी मां ने कहा, “कन्या को हमारे साथ कुछ दिन अर्थात् कम से कम दस दिन रहने दो; तब उसे ले जाना.”
Et le frère et la mère dirent: Que la jeune fille reste avec nous [quelques] jours, dix au moins; ensuite elle s’en ira.
56 पर सेवक ने उनसे कहा, “मुझे मत रोकिए; क्योंकि याहवेह ने मेरी इस यात्रा को सफल किया है. मुझे अपने स्वामी के पास लौट जाने के लिये विदा कीजिए.”
Et il leur dit: Ne me retardez point, quand l’Éternel a fait prospérer mon voyage; renvoyez-moi, et que je m’en aille vers mon seigneur.
57 तब उन्होंने कहा, “हम रेबेकाह को बुलाकर इसके बारे में उससे पूछते हैं.”
Et ils dirent: Appelons la jeune fille, et entendons-la.
58 तब उन्होंने रेबेकाह को बुलाकर उससे पूछा, “क्या तुम इस व्यक्ति के साथ जाओगी?” उसने कहा, “हां, मैं जाऊंगी.”
Et ils appelèrent Rebecca, et lui dirent: Iras-tu avec cet homme? Et elle dit: J’irai.
59 इसलिये उन्होंने अपनी बहन रेबेकाह को उसकी परिचारिका और अब्राहाम के सेवक और उसके लोगों के साथ विदा किया.
Et ils firent partir Rebecca, leur sœur, et sa nourrice, et le serviteur d’Abraham et ses gens.
60 और उन्होंने रेबेकाह को आशीर्वाद देते हुए कहा, “हे हमारी बहन, तुम्हारा वंश हजारों हजार की संख्या में बढ़े; तुम्हारा वंश अपने शत्रुओं के नगर पर अधिकार करने पाये.”
Et ils bénirent Rebecca, et lui dirent: Toi, notre sœur, deviens des milliers de myriades, et que ta semence possède la porte de ses ennemis!
61 तब रेबेकाह और उसकी परिचारिकाएं तैयार हुईं और ऊंटों पर चढ़कर उस व्यक्ति के साथ गईं और वह सेवक रेबेकाह को लेकर रवाना हो गया.
Et Rebecca se leva, et ses filles; et elles montèrent sur les chameaux, et s’en allèrent après l’homme. Et le serviteur prit Rebecca, et s’en alla.
62 यित्सहाक बएर-लहाई-रोई से आकर अब नेगेव में निवास कर रहे थे.
Et Isaac venait d’arriver du puits de Lakhaï-roï; or il habitait au pays du midi.
63 एक शाम जब वे चिंतन करने मैदान में गये थे, तब उन्होंने ऊंटों को आते हुए देखा.
Et Isaac était sorti dans les champs pour méditer, à l’approche du soir. Et il leva ses yeux, et regarda, et voici des chameaux qui venaient.
64 रेबेकाह ने भी आंख उठाकर यित्सहाक को देखा और वह अपने ऊंट पर से नीचे उतरी
Et Rebecca leva ses yeux, et vit Isaac; et elle descendit de dessus le chameau.
65 और सेवक से पूछा, “मैदान में वह कौन व्यक्ति है, जो हमसे मिलने आ रहे हैं?” सेवक ने उत्तर दिया, “वे मेरे स्वामी हैं.” यह सुनकर रेबेकाह ने अपना घूंघट लिया और अपने आपको ढांप लिया.
Or elle avait dit au serviteur: Qui est cet homme qui marche dans les champs à notre rencontre? Et le serviteur dit: C’est mon seigneur. Et elle prit son voile et se couvrit.
66 तब सेवक ने यित्सहाक को वे सब बातें बताई, जो उसने किया था.
Et le serviteur raconta à Isaac toutes les choses qu’il avait faites.
67 तब यित्सहाक रेबेकाह को अपनी मां साराह के तंबू में ले आया, और उसने रेबेकाह से शादी की. वह उसकी पत्नी हो गई, और उसने उससे प्रेम किया; इस प्रकार यित्सहाक को उसकी माता की मृत्यु के बाद सांत्वना मिली.
Et Isaac la conduisit dans la tente de Sara, sa mère; et il prit Rebecca, et elle fut sa femme, et il l’aima; et Isaac se consola quant à sa mère.